इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई? उत्तर: लक्ष्मण के अनुसार वीरों की विशेषताएँ हैं; धैर्य, मृदुभाषी, कर्मवीर और युद्ध के मैदान में चुपचाप अपना काम करने वाले। साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। Show
परशुराम के क्रोि करने पर लक्ष्मर् ने िषु के टूट जाने पर कौन कौन से तकय हदए? इसे सुनेंरोकेंश्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया। इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था। उन्होंने ऐसे अनेक धनुषों को बालपन में यूँ ही तोड़ दिया था। इसलिए यही सोचकर उनसे यह कार्य हो गया। पढ़ना: कोलेरू झील कहाँ है? सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी कौन थे?इसे सुनेंरोकेंआपको ये जान कर शायद हैरानी हो कि सलाहुद्दीन अय्यूबी मिश्र और सीरिया के पहले सुल्तान थे। उन्हें इस्लाम का अघोषित खलीफा भी कहा जाता था। बहुत कम लोग जानते हैं कि सलाहुद्दीन अय्यूबी ने ही बैतुलमुक़द्दस को फतेह किया था। उन्होंने ही 1187 ईस्वी में सलीबियों को शिकस्त दे कर मस्जिदे अक़्सा को आज़ाद करवाया था। परशुराम राम लक्ष्मण को क्या दिखाकर डरा रहे थे? इसे सुनेंरोकें(ख) परशुराम बार-बार तर्जनी उँगली दिखाकर लक्ष्मण को डराने का प्रयास कर रहे थे। यह देख लक्ष्मण ने परशुराम से कहा कि मैं सीताफल की नवजात बतिया (फल) के समान निर्बल नहीं हूँ जो आपकी तर्जनी के इशारे से डर जाऊँगा। लक्ष्मण ने शूरवीरों के क्या गुण बताइए?इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण ने परशुराम को शूरवीर कहकर भी उनके कायर होने का ताना यह कह कर दिया कि शूरवीर तो युद्ध में वीरता का कार्य करके दिखाते हैं। वे केवल अपनी प्रशंसा वचनों से तक सीमित नहीं रहते। अर्थात जो व्यक्ति शूरवीर होता है, वह अपनी वीरता का प्रदर्शन युद्धभूमि में लड़कर करता है, केवल मात्र दिखाने के लिये वीरता भरी बातें नही करता। पढ़ना: हवा का निर्माण कैसे हुआ? लक्ष्मण के अनुसार वीर और कायर के स्वभाव में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण के अनुसार वीर और कायर के स्वभाव में क्या अन्तर है? वीर योद्धा कभी भी धैर्य को नहीं छोड़ता, वह युद्धभूमि में वीरता का प्रदर्शन शत्रु से युद्ध करके करता है, वीर योद्धा रणभूमि में शत्रु का वध करता है, कायरों की भाँति अपने प्रताप का केवल बखान नहीं करता। लक्ष्मण परशुराम संवाद में मुख्यतः कौन सी शैली प्रयुक्त है?इसे सुनेंरोकेंइसमें दोहा, छंद, चौपाई का अच्छा प्रयोग किया है। लक्ष्मण क्रोध दबाकर परशुराम की कड़वी बातें क्यों सहन कर रहे हैं *? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: परशुराम के क्रोध का कारण यह था कि लक्ष्मण साधारण धनुषियों से उनके गुरु शिव के धनुष की तुलना कर रहे थे। सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी का जन्म कब हुआ था?सलाउद्दीन पढ़ना: गेहूं उत्पादन में विश्व में प्रथम देश कौन सा है? सलाहुद्दीन का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकेंसलाहुद्दीन नाम का मतलब ” विश्वास की धर्म ” होता है | सलाहुद्दीन एक बहुत ही अच्छा और खूबसूरत नाम है जिसे काफी लोग पसंद करते हैं। राम लक्ष्मण और परशुराम के वचनों में कैसे मनोभाव है?इसे सुनेंरोकेंAnswer. राम लक्ष्मण और परशुराम के वचनों में व्यंग्य, क्रोध और विनम्रता सब तरह के ननोभाव हैं। जहाँ लक्ष्मण और परशुराम के संवादों में व्यंग और क्रोध हैं। लक्ष्मण परशुराम पर व्यंग करते हैं, परशुराम उन पर क्रोध करते हैं। लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्नलिखित विशेषताए बताई थी – Popular Questions of Class 10 Hindi - KshitijRecently Viewed Questions of Class 10 Hindi - Kshitijप्रश्न 2: परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: इस प्रसंग में लक्ष्मण ने परशुराम का घोर विरोध किया है लेकिन अधिकतर व्यंग्य के अंदाज में। इससे लगता है कि लक्ष्मण बड़े ही उग्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। वहीं दूसरी ओर, राम ने बड़ी शाँत मुद्रा में इस वार्तालाप को होते हुए देखा है। इससे पता चलता है कि राम शाँत स्वभाव के व्यक्ति हैं। जहाँ पर लक्ष्मण क्रोध का जवाब क्रोध से देते हैं, वहीं पर राम क्रोध का जवाब भी मंद मुसकान से देते हैं। प्रश्न 3: लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए। उत्तर: : लक्ष्मण हँसकर और थोड़े प्यार से कहते हैं, “मैं जानता हूँ कि आप एक महान योद्धा हैं। लेकिन मुझे बार बार आप ऐसे कुल्हाड़ी दिखा रहे हैं जैसे कि आप किसी पहाड़ को फूँक मारकर उड़ा देना चाहते हैं। मैं कोई कुम्हड़े की बतिया नहीं हूँ जो तर्जनी अंगुली दिखाने से ही कुम्हला जाती है। मैंने तो कोई भी बात ऐसी नहीं कही जिसमें अभिमान दिखता हो। फिर भी आप बिना बात के ही कुल्हाड़ी की तरह अपनी जुबान चला रहे हैं। आपके जनेऊ को देखकर लगता है कि आप एक ब्राह्मण हैं इसलिए मैंने अपने गुस्से पर काबू किया हुआ है। हमारे कुल की परंपरा है कि हम देवता, पृथ्वी, हरिजन और गाय पर वार नहीं करते हैं। इनके वध करके हम व्यर्थ ही पाप के भागी नहीं बनना चाहते हैं। आपके वचन ही इतने कड़वे हैं कि आपने व्यर्थ ही धनुष बान और कुल्हाड़ी को उठाया हुआ है।“ प्रश्न 4: परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए: उत्तर:मैं बाल ब्रह्मचारी हूँ और सारा संसार मुझे क्षत्रिय कुल के विनाशक के रूप में जानता है। मैंने अपने भुजबल से इस पृथ्वी को कई बार क्षत्रियों से विहीन कर दिया था और मुझे भगवान शिव का वरदान प्राप्त है। मैंने सहस्रबाहु को बुरी तरह से मारा था। मेरे फरसे को गौर से देख लो। तुम तो अपने व्यवहार से उस गति को पहुँच जाओगे जिससे तुम्हारे माता पिता को असहनीय पीड़ा होगी। मेरे फरसे की गर्जना सुनकर ही गर्भवती स्त्रियों का गर्भपात हो जाता है। प्रश्न 5: लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई? उत्तर: लक्ष्मण के अनुसार वीरों की विशेषताएँ हैं; धैर्य, मृदुभाषी, कर्मवीर और युद्ध के मैदान में चुपचाप अपना काम करने वाले। प्रश्न 6: साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए। उत्तर: यह सही कहा गया है कि साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। एक विनम्र व्यक्ति ही संकट के समय में भी अपना आपा नहीं खोता है। जो विनम्र नहीं होते हैं वे मानसिक रूप से शीघ्र विचलित हो जाने के कारण अपना धैर्य खो बैठते हैं और गलतियाँ करने लगते हैं। इससे उनका नुकसान ही होता है। प्रश्न 7: भाव स्पष्ट कीजिए;
प्रश्न 8: पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए। उत्तर: तुलसीदास भक्तिकाल के कवि माने जाते हैं। इस काल के अन्य कवियों की तरह ही तुलसीदास ने भी आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया। यह रचना अवधी में लिखी गई है जो गंगा के मैदान के एक बड़े हिस्से में बोली जाती है। यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि रामचरितमानस के लिखे जाने के बाद ही रामायण समकालीन भारत के अधिकाँश लोगों को सही ढ़ंग से समझ आई होगी। तुलसीदास ने चौपाइयों और दोहों का प्रयोग किया है जिन्हें आसानी से संगीतबद्ध किया जा सकता है। ये चौपाइयाँ आसानी से किसी की भी जुबान पर चढ़ सकती हैं। तुलसीदास ने इस रचना में व्यंग्य का भरपूर प्रयोग किया है। साथ में उन्होंने रौद्ररस और करुणा रस का भी प्रयोग किया है। प्रश्न 9: इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पूरे प्रसंग में लक्ष्मण ठिठोली करने पर ही उतारू हैं। परशुराम से उनकी बातचीत मजाक से ही शुरु होती है जब वे कहते हैं कि परशुराम के ही किसी दास ने धनुष तोड़ा होगा इसलिएक्रोधित होने की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद बार बार लक्ष्मण ने परशुराम को चिढ़ाने का प्रयास किया है। प्रश्न 10: निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार को पहचान कर लिखिए।
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