Samvad Lekhan in Hindi : दोस्तों आज हमने संवाद लेखन की परिभाषा और उदाहरण सहित संवाद लिखे है। हिंदी व्याकरण में दो लोगों के मध्य हो रही बातचीत को संवाद के रूप में लिखना ही संवाद लेखन होता है इसमें भाषा शैली एवं मात्राओं की अशुद्धियों का ध्यान रखना होता है। Show
यह कक्षा 5,6,7,8,9,10,11,12 के विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ाया जाता है इसीलिए हमने सरल शब्दों में संवाद लेखन को उदाहरण के साथ समझाने का प्रयास किया है। विषय-सूची 1
Best Samvad Lekhan in HindiSamvad Lekhan in Hindi for Class 5,6,7,8,9,10,11,12 students संवाद किसे कहते हैं ? दो या दो से अधिक लोगों की आपसी बातचीत को संवाद कहते है। संवाद लेखन किसे कहते हैं ? जब इसी बातचीत( संवाद) को हम लिखते हैं, तब उसे संवाद लेखन कहते है। संवाद लेखन के कुछ नियम –
संवाद लेखन के उदाहरण निम्नलिखित है – प्राचार्य और छात्र के मध्य प्रवेश को लेकर बातचीत का संवाद लेखनछात्र – श्रीमान क्या मैं अंदर आ सकता हूं। प्राचार्य – हां आओ! छात्र – ( प्रवेश करके) मैं आपके विद्यालय में प्रवेश चाहता हूं। प्राचार्य – पहला विद्यालय क्यों छोड़ना चाहते हो। छात्र – पिताजी का यहां तबादला हो गया है और आपका विद्यालय हमारे घर के पास है। प्राचार्य – वहां कौन सी कक्षा में पढ़ रहे थे? छात्र – आठवीं कक्षा में श्रीमान! यह है मेरा प्रगति पत्र और विद्यालय छोड़ने की टी.सी.। प्राचार्य – ( प्रगति पत्र और टी.सी. देखकर) यह लो प्रवेश आवेदन-पत्र. इसे भरकर पिताजी के हस्ताक्षर करवा कर मेरे पास ले आना। छात्र – ( प्रवेश आवेदन-पत्र लेकर) धन्यवाद श्रीमान! दो महिलाओं के बीच बढ़ती हुई कीमतों पर बातचीत का संवाद लेखनअनीता – कैसी हो, बहन?। विनीता – क्या बताऊं, अनीता बहन? आजकल तो मानो हर चीज की कीमत आसमान छू रही है। अनीता – ठीक कहती हो, बहन. महंगाई ने तो मानो सब की कमर ही तोड़ दी है। विनीता – नौकरी करने वालों की तो बनी बनाई तनखा आती है उसमें महीने भर का खर्च चलाना बहुत मुश्किल होता है। अनीता – अरे, गरीब लोगों का तो और भी बुरा हाल है उन लोगों की मजदूरी तो कोई नहीं बढ़ाता वह क्या करें? विनीता – महंगाई तो दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है, ले हम तो नहीं बढ़ते करें तो कोई क्या करें? चिड़िया के घोसले के बारे में भाई बहन की बातचीत का संवाद लेखनराधा – क्यों भैया, अंडे में से निकल कर बच्चे पुर से उड़ जाएंगे? केशव – नहीं पगली, पहले पर निकलेंगे। राधा – बच्चों को चिड़िया क्या खिलाएगी, बेचारी? केशव – क्यों न दीवार पर थोड़ा दाना पानी रख दिया जाए? राधा – फिर तो चिड़िया को दाना पानी के लिए ओढ़कर न जाना पड़ेगा, न? केशव – नहीं, फिर क्यों जाएगी? दो मित्रों के बीच संवाद लेखनराम – आज कल श्याम सर्दी बहुत हो गई है। श्याम – हां! राम सर्दी तो बढ़ती ही जा रही है। राम – आज का तापमान 5 डिग्री है। श्याम – अरे बाप रे इतना ज्यादा मुझे तो यकीन नहीं हो रहा। राम – इस बार सर्दी बहुत हो गई है। श्याम – हम क्या कर सकते है। राम – हम थोड़ा कम फैला सकते हैं हमें प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना चाहिए। श्याम – हां! मैं भी आज से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करूंगा। राम – हमें कूड़ा फैलाना कम करना चाहिए। श्याम – हां! जरूर। राम – इससे ग्लोबल वॉर्मिंग हो सकता है। श्याम – इससे हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। राम – हां! हमें इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। श्याम – हां! सही बात है। अध्यापक और विद्यार्थियों के मध्य वृक्षारोपण पर संवादअध्यापक – हे छात्रों आज विद्यालय में वृक्षारोपण होगा। विद्यार्थी – कब और कहां होगा? अध्यापक – 11:00 बजे खेल मैदान के बाग में वृक्षारोपण होगा। विद्यार्थी – श्रीमान! वृक्षारोपण कैसे होता है? अध्यापक – छात्रों! वर्तमान औद्योगिक युग में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या प्रतिदिन विकराल रूप लेती जा रही है। विद्यार्थी – सर, पर प्रदूषण क्यों होता है। अध्यापक – प्रदूषण के अनेक रूप होते हैं जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण इसके द्वारा संपूर्ण पर्यावरण दूषित होता है। विद्यार्थी – इस स्थिति में पर्यावरण की सुरक्षा हमारा परम कर्तव्य है। अध्यापक – हां बच्चों! वृक्षारोपण ही इस समस्या का एक सरल उपाय है। छात्र के अनुचित व्यवहार से नाराज अध्यापक व शिक्षा के मध्य होने वाला संवादअध्यापक – विजय तुमने ऐसा क्यों किया? शिष्य – माफ करिए श्रीमान। अध्यापक – मैं तुम्हें कितनी बार माफ कर चुका हूं पर तुम सुधरने का नाम ही नहीं लेते हो। शिष्य – अगली बार से ऐसा नहीं करूंगा, श्रीमान ! अध्यापक – तुम हर बार कक्षा में अलग-अलग आवाज निकालकर बच्चों का ध्यान भटकाते हो। शिष्य – गलती हो गई श्रीमान माफ कर दीजिए। अध्यापक – तुम विद्यालय पढ़ने लिखने आते हो या मस्ती करने अब जवाब दो तुम ऐसा क्यों करते हो। शिष्य – मुझे समझ नहीं आता और इसलिए मैं ऐसा करता हूं। अध्यापक – अगर ध्यान से समझोगे तो जरूर समझ में आएगा, लेकिन तुम ध्यान देते ही नहीं। शिष्य – मैं ध्यान देने की कोशिश करता हूं पर मैं समझने के कारण मेरा मन नहीं लगता। अध्यापक – अगर समझ नहीं आता तो मुझे पूछो मैं तुम्हें समझा सकता हूं अब अपनी जगह पर जाओ और कोई शरारत नहीं करना। शिष्य – जी श्रीमान! अब से ध्यान दूंगा। ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर अभिभावक तथा अध्यापक के बीच संवाद तैयार कीजिएअध्यापक – सीमा, अभिभावक – गरिमा सीमा – आइए गरिमा जी! आइए! आज मैंने आपसे बहुत आवश्यक बातचीत करनी है। गरिमा – हां बोलिए! आपको क्या बातचीत करनी है? सीमा – जैसा कि आप जानते है कोरोना महामारी का मुश्किल समय चल रहा है इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। गरिमा – हां यह बीमारी खत्म ही नहीं होती। सीमा – उसी कारण हम विद्यालय नहीं खुलवा सकते हैं तो उसी विषय में आपसे ऑनलाइन कक्षा के बारे में बात करनी थी। गरिमा – ऑनलाइन कक्षा! हां बताइए। सीमा – हम बच्चों को ऑनलाइन कक्षा लगाएंगे और इससे बच्चे अपनी पढ़ाई भी पूरी कर पाएंगे। गरिमा – यह तो बहुत ही अच्छा होगा, बच्चे बीमारी से भी बचे रहेंगे और उनकी पढ़ाई भी हो जाएगी। सीमा – हां बस आपको ऑनलाइन कक्षा के समय का ध्यान रखना है। गरिमा – ठीक है सीमा जी! दो विद्यार्थियों के मध्य दूरदर्शन की उपयोगिता पर संवादराहुल – आजकल जी से भी देखो दूरदर्शन से चिपका रहता है। संजय – यह ठीक है कि दूरदर्शन पर कई उपयोगी एवं मनोरंजक कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे हैं पर कई विदेशी चैनल अश्लील कार्यक्रम भी दिखा रहे है। राहुल – इन कार्यक्रमों को देखकर हमारी युवा पीढ़ी गलत दिशा में जा रही। संजय – इस प्रवृत्ति पर रोक लगानी आवश्यक है। राहुल – पर इस पर रोक कैसे लगाई जा सकती है। संजय – सरकार को दूरदर्शन नियंत्रण बोर्ड बनाना चाहिए इस बोर्ड की स्वीकृति के बाद ही कार्यक्रम प्रसारित किया जाना चाहिए। राहुल – वह तो ठीक है पर समाज को भी तो कुछ करना चाहिए। संजय – हां समाज में चेतना जगानी होगी ऐसा वातावरण तैयार करना होगा कि दूरदर्शन हिंसा और अश्लीलता के कार्यक्रम में दिखाने को विवश हो जाए। राहुल – हमें घरों में ऐसे कार्यक्रम में देखने का वातावरण भी बनाना होगा। यह भी पढ़ें – संधि किसे कहते है Sandhi Kise Kahate Hain संयुक्त व्यंजन की परिभाषा – Sanyukt Vyanjan सरल वाक्य किसे कहते है? परिभाषा, उदाहरण – Saral Vakya Hindi Varnamala | हिंदी वर्णमाला (स्वर व व्यंजन के ज्ञान सहित) संयुक्त वाक्य किसे कहते है? उदाहरण, परिभाषा Sanyukt Vakya हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Samvad Lekhan in Hindi आपको पसंद आये होगे। अगर यह नारे आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। संवाद लेखन में किसका प्रयोग अनिवार्य है?संवाद लेखन लिखने के लिए पॉइंट्स इस प्रकार हैं: संवाद की भाषा सरल तथा सहज होनी चाहिए, संवाद लेखन में सरल तथा छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए, भाषा सुनने वाले के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए, संवाद लेखन में किसी एक पात्र के कथन को बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए, भाव विचारों की पुनरुक्ति से बचना चाहिए आदि।
संवादमे क्या होना अनिवार्य है?रीगन ने तो सफलता के लिए संवाद की भाषा में पांच आसान शब्दों परिवार, काम-धंधा, आस-पड़ोस, स्वतंत्रता और शांति को अनिवार्य बताया था और कहा था कि यदि संवाद में सहजता से इन शब्दों को विस्तार दिया जाए, तो व्यक्ति की सफलता निश्चित है। वैवाहिक जीवन, काम-धंधे और व्यक्तिगत संबंधों की सफलता भी बहुत हद तक संवाद पर निर्भर करती है।
संवादों में क्या होना जरुरी है?1-संवाद छोटे, सरल तथा संक्षिप्त होने चाहिए। 2- संवाद रोचक तथा सरल होने चाहिए। 3- संवादों में स्वाभाविकता तथा चुटीलापन अवश्य होना चाहिए। 4- संवादों की भाषा सरल, भावानुकूल, पात्रानुकूल तथा विषयानुकूल होनी चाहिए।
संवाद की विशेषता क्या है?अच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ –
(1) संवाद में प्रवाह, क्रम और तर्कसम्मत (अर्थपूर्ण) विचार होना चाहिए। (2) संवाद देश, काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए। (3) संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए। (4) संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
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