ठंड में नहाने से क्या होता है? - thand mein nahaane se kya hota hai?

साल 1978 में मशहूर निर्माता, निर्देशक स्व. बीआर चोपड़ा ने एक फिल्म बनाई थी। फिल्म का नाम था ,''पति पत्नी और वो।'' इस फिल्म का एक गाना आज भी बाथरूम सिंगर्स का एंथम माना जाता है। इस गाने के बोल थे,

''ठंडे-ठंंडे पानी से नहाना चाहिए,

गाना आए या न आए गाना चाहिए।''

आज भी बाथरूम में नहाने से पहले ये गाना लोगों को बरबस याद आ ही जाता है।

सर्दियों के मौसम में कई लोग नहाने या मुंह धोने के लिए ठंडे पानी की जगह गर्म-गुनगुने पानी काे इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लेकिन कई स्टडी से पता चलता है कि ठंडे पानी का इस्तेमाल करना शारीरिक और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है।

लेकिन इस पर सबसे नई मुहर लगाई है जर्मनी की येना यूनिवर्सिटी ने। यूनिवर्सिटी ने अपनी नई रिसर्च में इस बात को साबित कर किया है। रिसर्च के अनुसार, ठंडे पानी से चेहरा धोने से सर्दी और जुकाम जैसी समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

इसलिए इस आर्टिकल में मैं ठंडे पानी से नहाने / चेहरा धोने से होने वाले 6 फायदों और सावधानियों के बारे में रिसर्च आधारित जानकारी दूंगा। मुझे पूरा यकीन है कि इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के बाद आप भी ठंडे पानी से चेहरा धोने के फायदे से जुड़ी हर चीज के बारे में जान जाएंगे।

ठंडे पानी से नहाने से होने वाले फायदे (Benefits Of Bathing With Cold Water)

ठंडे पानी से नहाने / चेहरा धोने से होने वाले संभावित फायदे निम्नलिखित हैं।

चेतना बढ़ जाना (Increased Alertness)

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ठंडे पानी से नहाने से होने वाले प्रमुख फायदों में चेतना या अलर्टनेस बढ़ना शामिल है। इसके साथ ही इससे हार्ट रेट बढ़ने और सांस लेने-छोड़ने की गति भी बढ़ जाती है। ठंडे पानी से चेहरा धोने से इंसान ज्यादा अलर्ट महसूस करता है। मुख्य रूप से ये ठंडे पानी के शरीर पर प्रभाव के कारण होता है। 

ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्टस मेडिसिन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, ठंडे पानी से नहाने से शरीर पर कई मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ते हैं।  

इनमें शामिल हैं, 

  • दिल की ग​ति का बढ़ना
  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना
  • सांसों की गति का बढ़ना

आदि।

जर्मनी के येना मेडिकल कॉलेज की रिसर्च के अनुसार, ठंडे पानी से शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ जाता है। असल में, शरीर पर ठंडा पानी डालने से शरीर का तापमान कम होने लगता है। शरीर को गर्म रखने के लिए मेटाबॉलिज्म को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे इंसान को वेट लॉस में भी मदद मिलती है।

हालांकि, ठंडे पानी से नहाने का समय अधिकतम 5 से 10 मिनट के बीच ही बताया गया है। लेकिन रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि किसी भी इंसान को वेट लॉस के लिए मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने की टेक्निक के भरोसे ही नहीं रहना चाहिए।

ऐसे में ये कहा जा सकता है कि, ठंडे पानी से नहाने पर शरीर में चेतना और स्फूर्ति का अहसास पैदा होता है। इसकी वजह से भी इंसान शारीरिक तौर पर ज्यादा एक्टिव हो जाता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत बनाए (Stronger Immune System)

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जर्नल पीलॉस वन में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, ऐसे लोग जो ठंडे पानी से नहाते हैं वह काम या स्कूल पर जाने के लिए 29% तक कम बीमार पड़ते हैं। इस स्टडी में 3018 लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी लोगों ने पहले गर्म पानी से स्नान किया।

इसके बाद 30-90 सेकेंड तक उन्हें ठंडे पानी से नहाने के लिए कहा गया। एक रिसर्च ग्रुप में लोगों को सिर्फ गर्म पानी से नहाने के लिए कहा गया। ग्रुप ने ठंडे पानी का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया।

स्टडी में पाया गया कि जो लोग ठंडे पानी से नहाए, वह कम दिनों तक बीमार पड़े थे। रिसर्च इसी नतीजे पर खत्म हो गई कि ठंडे पानी से नहाने से लोगों में बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा, बीमारी के बावजूद रोज एक्टिविटी करने की क्षमता का विकास होता है।

रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों ने 30, 60 या 90 सेकेंड तक स्नान किया था, उन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का समान विकास हुआ था। इससे ये भी पता चला कि ठंडे पानी से शरीर का इम्यून सिस्टम किसी खास अवधि के लिए नहीं बढ़ता है।

मूड बूस्ट होता है (Boosted Mood)

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कुछ रिसर्चर ने रिसर्च में पाया है कि ठंडे पानी से नहाने से मूड को बूस्ट करने वाले फायदे मिलते हैं। मेडिकल जर्नल हाइपोथिसिस में प्रकाशित पुराने आर्टिकल के अनुसार, ठंडे पानी से सिंपथैटिक नर्व्स सिस्टम या लक्षणात्मक नर्व्स सिस्टम (Sympathetic Nervous System) एक्टिवेट हो जाता है।

इसके अलावा, ठंडे पानी से नहाने से न्यूरोट्रांसमीटर जैसे, नॉर एपिनेफ्रीन (Norepinephrine) और एंडोर्फिन्स (Endorphins) एक्टिवेट हो जाते हैं। ये भी पाया गया है कि ठंडे पानी से नहाने से लोगों में डिप्रेशन के लक्षण भी कम होना पाया गया है। हालांकि ये भी महत्वपूर्ण है कि ठंडे पानी से स्नान करना डिप्रेशन के ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हो सकता है।

वर्कआउट के बाद शरीर को जल्दी ठंडा करता है (Quicker Cooling After Sports Activities)

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कोल्ड वॉटर इमर्शन थेरेपी (Cold Water Immersion Therapy) या ठंडे पानी में डुबकी लगाना बहुत सी अन्य एथलेटिक एक्टिविटीज की ही तरह एक सामान्य प्रक्रिया है।

फिजिकल थेरेपिस्ट जो स्पोर्टस के भी विशेषज्ञ होते हैं, अक्सर इस बात की सलाह देते हैं कि, ठंडे तापमान से शरीर में पैदा होने वाली गर्मी और जलन से तुरंत राहत मिल सकती है।

जर्नल ऑफ एथलेटिक ट्रेनिंग में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि ठंडे पानी में नहाने से गंभीर हाइपरथर्मिया से राहत दे सकता है।

इस उपाय की तुलना बाकी किसी अन्य ट्रीटमेंट से नहीं हो सकती है। हालांकि, रिसर्चर ने नोट किया है कि ठंडा पानी इमर्शन थेरेपी में उतना कारगर नहीं पाया गया था कि शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ने पर कारगर हो सके।

फिजिकल रिकवरी बढ़ाए (Improved Physical Recovery)

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जर्नल ऑफ स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग रिसर्च में प्रकाशित 23 पियर रिव्यूड आर्टिकल के एनालिसिस में पाया गया कि, ठंडे पानी से नहाने और कॉन्ट्रास्ट वाटर थेरेपी (पहले गर्म पानी, फिर ठंडे पानी से) शरीर दर्द की रिकवरी और थकान को दूर करने में मदद मिलती है।

ये रिसर्च एथलीट्स को फिजिकल परफॉरमेंस की वजह से होने वाली थकान को दूर करने में बहुत मददगार साबित हो सकती है। एथलीट्स कोल्ड वाटर टेक्निक की फीलिंग को कम करने में मदद मिल सकती है।

दर्द कम करता है (Reduced Pain)

नॉर्थ अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस में प्रकाशित आर्टिकल के अनुसार, ठंडे पानी से नहाना, दर्द को दूर करने में लोकल एनेस्थेटिक का काम करता है। ठंडे पानी से नहाने से रक्त की नसें सिकुड़ जाती हैं। जिसकी वजह से सूजन (Swelling) और पानी वाली सूजन (Edema) को कम करने में मदद मिलती है। 

ठंडा पानी, चोट लगने के इंपल्स के कारण आने वाले संकेतों की गति को धीमी कर सकता है। इसकी वजह से नर्व्स ट्रांसमिट पेन सिग्नल्स को दिमाग तक पहुंचने का वक्त कम हो जाता है। इसकी वजह से लोगों का दर्द के प्रति न​जरिया कम हो जाता है।

कैसे करें शुरुआत (Tips To Start)

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कोई भी इंसान ठंडे पानी से थोड़ी देर नहाकर भी सकारात्मक नतीजे पा सकता है। ठंडे पानी के फायदों को लेकर की गई कई रिसर्च में कई सलाह दी गई है। जैसे कि, ठंडे पानी से नहाते समय सकारात्मक नतीजों के लिए पानी का तापमान बहुत कम होना जरूरी नहीं है।

कोई भी इंसान गुनगुने पानी से नहाने के बाद कुछ समय के लिए ठंडे पानी से नहाकर भी फायदे ले सकता है। ठंडे पानी से नहाने का समय 30 सेकेंड से लेकर 2 मिनट तक हो सकता है। वहीं कुछ लोग ये भी सलाह देते हैं कि ठंडे पानी से नहाने का समय 5-10 मिनट तक होना चाहिए। ये ठंडे पानी से नहाने की थेरेपी के प्रति कहीं व्यवहारिक और सकारात्मक रूख देता है।

कई स्टडी जैसे जर्नल मेडिकल हाइपोथिसिस में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, नहाते समय पानी का तापमान करीब 20°C (68°F) के आसपास होना चाहिए। हालांकि, ज्यादातर समय, एक व्यक्ति की ठंडे पानी की अपनी धारणा तापमान को प्रभावी बनाने के लिए पर्याप्त होती है।

ध्यान रखने लायक बातें (Things To Be Aware Of)

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किसी भी इंसान को ठंडे पानी से नहाने को किसी मेडिकल थेरेपी का विकल्प नहीं मानना चाहिए। खासतौर पर ऐसे लोगों को जिन्हें डॉक्टर ने डिप्रेशन का इलाज करवाने की सलाह दी हो। हालांकि लोग अन्य ट्रीटमेंट के प्रभाव को बढ़ाने के लिए कोल्ड वॉटर थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

दिल की बीमारियों के मरीजों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए। शरीर के तापमान में अचानक बदलाव आने से दिल की धड़कन बढ़ती है। ऐसी स्थिति में हार्ट फेल होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर कोई इंसान ठंडे पानी से नहाने पर मिलने वाले फायदों के संबंध में आश्वस्त नहीं है तो, वह डॉक्टर से सलाह ले सकता है।

सारांश (Summary)

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सदियों से लोग कोल्ड वॉटर थेरेपी को ट्रीटमेंट या ट्रीटमेंट का प्रभाव बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक स्टडी भी कोल्ड शावर से शरीर और मन को मिलने वाले फायदेमंद प्रभावों को सपोर्ट करती हैं। स्टडी में यहां तक कहा गया है कि ठंडे पानी से थोड़ी देर तक नहाने से सामान्य शावर से भी ज्यादा फायदे होते हैं।

क्या सर्दियों में नहाना चाहिए?

अभिनव राज (MD) के मुताबिक आयुर्वेद में सर्दियों में गुनगुने पानी से नहाना फायदेमंद बताया गया है. गुनगुने पानी से नहाने से शरीर का ब्लड सरकुलेशन अच्छा होता है और सर्दी व जकड़न की समस्या भी दूर हो जाती है. गुनगुने पानी से शरीर की सफाई बेहतर तरीके से होती है और आप एकदम फ्रेश महसूस करते हैं.

ठंडे में नहाने से क्या होता है?

ठंडे पानी से नहाने से क्या होता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अचानक से ठंडे पानी से नहा लेने से दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को भारी पड़ सकता है। ठंडे पानी से शरीर शॉक में आ जाता है, जिससे त्वचा में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, और रक्त प्रवाह धीमा पड़ जाता है।

ठंड में कितने बार नहाना चाहिए?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कितनी बार नहाना सही है, इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन हफ्ते में तीन बार नहा लेना भी काफी है। जब तक आपको पसीना, बदबू या फिर गंदा न महसूस हो, आपका नहाना ज़रूरी नहीं है। तीन से चार मिनट से ज़्यादा नहीं नहाना चाहिए और इस दौरान फोकस बग़ल और कमर पर होना चाहिए

सर्दी में गर्म पानी से नहाने से क्या होता है?

त्वचा के लिए हानिकारक गर्म पानी सर्दियों के मौसम में रूखी त्वचा होना आम बात है। ऐसे में अगर आप लगातार गर्म पानी से नहा रहे हैं तो इससे आपकी त्वचा को काफी नुकसान हो सकता है। दरअसल, गर्म पानी की वजह से त्वचा की नमी कम हो जाती है। साथ ही मुंहासे और खुलजी जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं और स्किन की चमक भी कम होने लगती है।