राजस्थान राज्य का निर्वाचन आयोग, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 325 द्वारा संशोधित भारत के चुनाव आयोग के अन्दर काम करते है । Show निर्वाचन आयोग का मुख्य काम किसी भी चुनाव (राज्य/केंद्र) से पहले वहा की वोटर लिस्ट तैयार करना है इसके साथ साथ Chunav Aayog ये भी सुनिश्चित करते है की चुनाव निष्पक्ष हो और अधिकारी होने वाले चुनाव में अधीक्षण, निदेशन और नियन्त्रण का कार्य भी करते है । चुनाव होने से कुछ समय पहले चुनाव आचार संहिता लगाई जाती है । निर्वाचन आयोग राजस्थानभारत के मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा राज्यों के स्तर पर राज्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की जाती है, rajya chunav aayukt Rajasthan सीधे तौर पर भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को रिपोर्ट करते है ।
Rajasthan Chunav aayog की स्थापना 1994 में भारत के सविधान के आर्टिकल 243 के तहत की गयी थी, जिसमे राज्य का एक राज्य चुनाव आयुक्त होगा । राजस्थान में 1960 से पंचायत के चुनाव हो रहे है, सबसे पहला पंचायत चुनाव 1960 में पंचायती राज विभाग द्वारा करवाया गया था । इसके बाद, चुनाव विभाग द्वारा वर्ष 1965, 1978, 1981 और 1988 में 2, 3, 4 वां और 5 वां चुनाव किया गया । 6 वें, 7 वें, 8 वें और 9 वें आम चुनाव 1995, 2000, 2005 और 2010 में SEC (राज्य निर्वाचन आयोग राजस्थान) द्वारा आयोजित किए गए थे। 10 वें आम चुनाव जनवरी और फरवरी, 2015 में SEC (स्टेट इलेक्शन कमीशन) द्वारा आयोजित किए गए, अब 11 वे आम चुनाव 2020 में भी राज्य चुनाव आयोग द्वारा करवाया गया । राजस्थान चुनाव प्रक्रिया:राजस्थान में 33 जिला परिषदों (जिला स्तर), 352 पंचायत समितियों (ब्लॉक स्तर) और 11316 पंचायतों (ग्राम स्तर, जिसमें एक गाँव या गांवों का समूह शामिल है) के साथ पंचायती राज की त्रिस्तरीय व्यवस्था है। प्रत्येक जिला परिषद में क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र हैं। Rajasthan Election Official Website 4 लाख तक की आबादी वाले जिला परिषद में 17 निर्वाचन क्षेत्र हैं और यदि जनसंख्या 4 लाख से अधिक है, तो प्रत्येक एक लाख या 4 लाख से अधिक के हिस्से के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या दो से बढ़ जाएगी। वर्तमान में 33 जिला परिषदों में 1014 निर्वाचन क्षेत्र हैं। जिला परिषदराजस्थान में अभी 2021 में 33 जिला परिषद है (नवीनतम प्रतापगढ़) जिला परिषद का राजनीतिक प्रमुख जिला प्रमुख होता है जिसका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से जिला परिषद सदस्य चुनते है, जिला प्रमुख को शपथ जिला कलेक्टर द्वारा दिलाई जाती है और यह अपना त्यागपत्र संभागीय आयुक्त को सौंपते है | जिला परिषद का प्रशासनिक अधिकारी Chief Executive Officer (मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है ) पंचायत समिति:पंचायत समिति की राजनीतिक प्रमुख प्रधान होता है जिसका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से पंचायत समिति सदस्य करते है, प्रधान को शपथ उपखण्ड अधिकारी दिलाते है और यह अपना त्यागपत्र जिला प्रमुख को सौंपते है पंचायत समिति का प्रशासनिक अधिकारी Block Division Officer (खण्ड विकास अधिकारी होता है ) ग्राम पंचायत:ग्राम पंचायत का राजनीतिक प्रमुख सरपंच होता है जिसका चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता करती है, सरपंच को शपथ रिटर्निंग ऑफिसर दिलाते है और यह अपना त्यागपत्र खण्ड विकास अधिकारी को सौंपते है राजस्थान में नगरीय चुनाव:राजस्थान में वर्तमान में 10 नगर निगम, 34 नगर परिषद् और 168 नगरपालिका है जिनके प्रमुख क्रमशः महापौर, सभापति और चेयरमैन होते है | राजस्थान में अभी10 नगर निगम के नाम: 2 जयपुर(ग्रेटर और हेरिटेज), 2 जोधपुर(उत्तर और दक्षिण), 2 कोटा(उत्तर और दक्षिण), उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर और अजमेर है | नगरपालिका: 1 लाख तक जनसंख्या नगर परिषद्: 5 लाख तक जनसंख्या नगर निगम: 5 लाख से ऊपर जनसंख्या राजस्थान में नसीराबाद 1818 और अजमेर 1962 दो छावनी परिषदें है | और पढ़े: राजस्थान मानवाधिकार आयोग जयपुर हिंदी में राजस्थान हाई कोर्ट (जोधपुर + जयपुर) हिंदी में राजस्थान सरपंच चुनाव 2020 वर्तमान मे भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त का नाम क्या है?श्री अरुण गोयल ने 21 नवंबर, 2022 को भारत के निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
राज्य निर्वाचन आयोग कितने सदस्यीय आयोग है?2 जनवरी, 1990 से 30 सितम्बर, 1993 तक यह एक एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर 1 अक्टूबर, 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया।
राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना कब हुई थी?निर्वाचन आयोग
वर्ष 1950 में अपने आरंभ से अक्तूबर 1989 तक आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित एक एकल सदस्य के रूप में कार्य किया। दिनांक 16 अक्तूबर 1989 को राष्ट्रपति ने नवम्बर-दिसम्बर 1989 में होने वाले लोक सभा चुनाव के पूर्व दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की।
भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त का नाम क्या था?मुख्य चुनाव आयुक्त. |