1. भारत में संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है. इसलिए राष्ट्रपति नामपत्र की कार्यपालिका है तथा प्रधानमंत्री तथा उसका मंत्रिमंडल वास्तविक कार्यपालिका है. Show राष्ट्रपति 2. राष्ट्रपति पद की योग्यता: संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार कोई व्यक्ति राष्ट्रपति होने योग्य तब होगा, जब वह: नोट: यदि व्यक्ति राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के पद पर हो या संघ अथवा किसी राज्य की मंत्रिपरिषद का सदस्य हो, तो वह लाभ का पद नहीं माना जाएगा. 3. राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचक मंडल: इसमें राज्य सभा, लोकसभा और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य रहते हैं. नवीनतम व्यवस्था के अनुसार पांडिचेरी विधानसभा तथा दिल्ली की विधानसभा के निर्वाचित सदस्य को भी सम्मिलित किया गया है. 4. राष्ट्रपति-पद के उम्मीदवार के लिए निर्वाचक-मंडल के 50 सदस्य प्रस्तावक तथा 50 सदस्य अनुमोदक होते हैं. 5. एक ही व्यक्ति जितनी बार भी चाहे राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित हो सकता है. 6. राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है. 7. राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विवादों का निपटारा उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाता है. निर्वाचन अवैध घोषित होने पर उसके द्वारा किए गए कार्य अवैध नहीं होते हैं. 8. राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा. अपने पद की समाप्ति के बाद भी वह पद पर तब तक बना रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता है. 9. पद-धारण करने से पूर्व राष्ट्रपति को एक निर्धारित प्रपत्र पर भारत के मुख्य न्यायाधीश अथवा उनकी गैरमौजूदगी में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश के सम्मुख शपथ लेनी पड़ती है. 10. राष्ट्रपति निम्न दशाओं में पांच वर्ष से पहले भी पद त्याग सकता है: 11. राष्ट्रपति पर महाभियोग: राष्ट्रपति द्वारा संविधान के प्रावधानों के उल्लंघन पर संसद किसी सदन द्वारा उस पर महाभियोग लगाया जा सकता है, परन्तु इसके लिए आवश्यक है कि राष्ट्रपति को 14 दिन पहले ही लिखित सूचना दी जाए, जिस पर उस सदन के एक चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर हों. संसद के उस सदन, जिसमें महाभियोग का प्रस्ताव पेश है, के दो-तिहाई सदस्यों द्वारा पारित कर देने पर प्रस्ताव दूसरे सदन में जाएगा, तब दूसरा सदन राष्ट्रपति पर लगाए गए आरोपों की जांच करेगा या कराएगा और ऐसी जांच में राष्ट्रपति पर लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने वाला प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पारित हो जाता है, तब राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया पूरी समझी जाएगी और उसी तिथि से राष्ट्रपति को पदत्याग करना होगा. राष्ट्रपति के अधिकार एवं कर्तव्य [2] विधाई शक्तियां: [3] संसद सदस्यों के मनोनयन का अधिकार: [4] अध्यादेश जारी करने की शक्ति: [5] सैनिक शक्ति: सैन्य बालों की सर्वोच्च शक्ति राष्ट्रपति में सन्निहित है, किन्तु इसका प्रयोग विधि द्वारा नियमित होता है. [6]राजनैतिक शक्ति: दूसरे देशों के साथ कोई भी समझौता या संधि राष्ट्रपति के नाम से की जाती है. राष्ट्रपति विदेशों के लिए भारतीय राजदूतों की नियुक्ति करता है एवं भारत में विदेशों के राजदूतों की नियुक्ति का अनुमोदन करता है. [7] क्षमादान की शक्ति: संविधान के अनुच्छेद 72 के अंतर्गत राष्ट्रपति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा करने, उसका प्रविलम्बन, परिहार और लघुकरण की शक्ति प्राप्त है. भारत में कौन से कार्यपालिका है?संघीय कार्यपालिका में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राष्ट्रपति को सहायता करने एवं सलाह देने के लिए अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिपरिषद शामिल हैं।
भारत में कितने प्रकार की कार्यपालिका है?संसदीय तथा अध्यक्षात्मक कार्यपालिका
कार्यपालिका तथा विधायिका के पारस्परिक सम्बन्धों के आधार पर दो तरह की कार्यपालिका होती है - संसदीय और अध्यक्षात्मक।
कार्यपालिका के कितने अंग होते हैं?संघीय (केन्द्रीय) सरकार के तीन अंग हैं- विधायिका (संसद) कार्यपालिका ( राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद) और न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय)।
कार्यपालिका का प्रमुख कौन होता है?Abhishek Mishra. भारत में संघीय कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है। केंद्र की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति में ही निहित होती है, जिनका प्रयोग वह स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करता है। राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होता है, कार्यपालिका संबंधी कार्य उसी के नाम से संचालित किए जाते हैं।
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