भारत में पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष कौन है? - bhaarat mein pichhada varg aayog ka adhyaksh kaun hai?

सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

भारत में पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष कौन है? - bhaarat mein pichhada varg aayog ka adhyaksh kaun hai?

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग

Posted On: 02 DEC 2022 5:34PM by PIB Delhi

श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। वह महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले के निवासी हैं और पेशे से एक किसान हैं।

श्री हंसराज गंगाराम अहीर महाराष्ट्र के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चंद्रपुर से चार बार संसद सदस्य रह चुके हैं और वे महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं। वह संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं और कोयला और इस्पात पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। वह 16वीं लोकसभा में भारत सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।

भारत में पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष कौन है? - bhaarat mein pichhada varg aayog ka adhyaksh kaun hai?
 
भारत में पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष कौन है? - bhaarat mein pichhada varg aayog ka adhyaksh kaun hai?

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पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर को राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है. गंगाराम महाराष्ट्र के चंद्रपुर से 4 बार बीजेपी से सांसद रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली है. 

गंगाराम अहीर ने मनोनयन पर ट्वीट कर आभार जताया है. उन्होंने कहा- राष्ट्रीय ओबीसी आयोग के अध्यक्ष का पद देने के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद. नवीन दायित्व के जरिए पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए भरसक प्रयास कर पद के साथ न्याय करेंगे.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी देवेंद्र फडणवीस ने भी गंगाराम अहीर को बधाई दी है. फडणवीस ने ट्वीट किया- पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर जी को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के लिए हार्दिक बधाई. आपके सफल कार्यकाल की कामना करते हैं.

Heartfelt thanks to Mahamahim President of India #DraupadiMurmu Ji, Hon'ble @@PMOIndia Shri @narendramodi Ji for giving the post of National OBC Commission Chairman...! Will do justice to the post by trying hard for the upliftment of backward classes through new responsibility.

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— Hansraj Ahir (@ahir_hansraj) November 25, 2022

जानिए हंसराज गंगाराम अहीर के बारे में...

महाराष्ट्र की राजनीति में हंसराज गंगाराम अहीर एक बड़ा नाम हैं. वे अपने प्रशंसकों के बीच हंसराज भैया के नाम से जाने जाते हैं. वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे और वे 2016 से 2019 तक इस पद पर बने रहे. उन्हें देश के चर्चित कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला को सामने लाने के लिए जाना जाता है. इस घोटाले को कोलगेट भी कहा जाता है. उनके इस खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में चार को छोड़कर सभी कोल ब्लॉक्स के आवंटन रद्द कर दिए थे.

अहीर 2004 से 2006 तक यूपीए शासनकाल के दौरान हुए कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लगातार उठाते रहे. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री, चीफ विजिलेंस कमिश्नर (सीवीसी) और कंट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) को लगातार चिट्ठियां लिखते रहे. बाद में उनकी ही कोशिशों का नतीजा रहा कि यह घोटाला सामने आ सका. कहा जाता है कि आवंटन में गड़बड़ियों को लेकर हंसराज अहीर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करीब 12 से 13 पत्र लिखे. अहीर जब कोयला, स्टील और खानों पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य के रूप में काम कर रहे थे तभी उन्हें इस घोटाले की भनक लगी और इस संबंध में 2006 में पहला पत्र लिखा था और यह मामला सामने आया.

3 बार मिला संसद रत्न अवॉर्ड 

1996 के बाद 2004 में वह दूसरी बार चंद्रपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए. इस कार्यकाल में 2004 के बाद से वह कोयला, स्‍टील और कृषि समिति के सदस्‍य रहे. 2009 लोकसभा चुनाव में वह तीसरी बार विजयी हुए. इसके बाद वह 2014 में भी चुने गए. वह 2011, 2012, 2013 और 2014 संसद रत्न अवार्ड से भी नवाजे गए. 14वीं लोकसभा के दौरान स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने अहीर को सभी सांसदों के लिए रोल मॉडल बताया. अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान वह कई संसदीय समिति के सदस्य रहे हैं.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?

By Ritesh|Updated : December 9th, 2022

काका कालेलकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पहले अध्यक्ष थे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना 29 जनवरी, 1953 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत श्री काका कालेलकर (ये काका कालेलकर आयोग के रूप में जाना जाता है) की अध्यक्षता में राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की गई थी। भारत का राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। 14 अगस्त 1993 को इसका गठन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।

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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रथम अध्यक्ष

आयोग नौकरी में आरक्षण के उद्देश्य से पिछड़े के रूप में अधिसूचित समुदायों की सूची में शामिल करने और बाहर करने पर विचार करता है और एनसीबीसी अधिनियम, 1993 की धारा 9(1) के अनुसार केंद्र सरकार को आवश्यक सलाह देता है। इसी तरह, राज्यों ने भी बीसी के लिए आयोगों का गठन किया। 24 जुलाई 2014 तक दो हजार से अधिक समूहों को ओबीसी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रमुख बिंदु:

  • राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की में संरचना 1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष और 3 सदस्य होते है।
  • आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है जिसे राष्ट्रपति संसद में प्रस्तुत करते है।
  • आयोग को सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती है। 
  • भारत के किसी भी भाग से किसी व्यक्ति को समन करना किसी दस्तावेज को पेश करने की अपेक्षा करना भी इस आयोग का एक कार्य है। 
  • राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग किसी न्यायालय या कार्यालय से किसी लोक अभिलेख या उसकी प्रति की अपेक्षा करते है। 

NCBC अधिनियम, 1993 की धारा 9(1) के अनुसार, आयोग यह मूल्यांकन करता है कि समुदायों को नौकरी में आरक्षण की आवश्यकता वाले नामित लोगों की सूची में जोड़ा या हटाया जाना चाहिए या नहीं। आयोग तब केंद्र सरकार को आवश्यक सलाह प्रदान करता है। इसी तरह, बीसी के लिए राज्यों द्वारा आयोगों की स्थापना की गई है। 24 जुलाई, 2014 तक 2000 से अधिक समूहों को ओबीसी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग और अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय आयोग को दीवानी अदालत के समान अधिकार दिए गए हैं।

Summary:

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रारंभिक अध्यक्ष काका कालेलकर थे। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340 के अनुसार, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना 29 जनवरी, 1953 को की गई थी। श्री काका कालेलकर ने इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य किया (काका कालेलकर आयोग के रूप में जाना जाता है)।

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पिछड़े वर्ग आयोग के अध्यक्ष कौन हैं?

श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।

भारत के प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष कौन थे?

अध्याय 1- प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग:- इस अध्याय में काका कालेलकर की अध्यक्षता में गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की सूक्ष्म विवेचना की गई हैं। अनुच्छेद 340 में “सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों को ही विशेष सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था है।

भारत में द्वितीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष का नाम क्या है?

बीपी मंडल द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थे। वह बिहार के सातवें मुख्यमंत्री भी थे। 1967 से 1970 और 1977 से 1979 तक वे बिहार राज्य के मधेपुरा के सांसद रहे।

पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कब किया गया?

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना 14 अगस्त 1993 को हुई थी। यह एक संवैधानिक निकाय है (इसे संवैधानिक निकाय बनाने के लिए संविधान में 102 वां संशोधन)।