भाषा में लिखित रूप का क्या महत्व है? - bhaasha mein likhit roop ka kya mahatv hai?

भाषा के लिखित रूप का महत्व बताइए?...


ज्ञान गंगा

भाषा में लिखित रूप का क्या महत्व है? - bhaasha mein likhit roop ka kya mahatv hai?

saurabh kumar

Teacher

0:22

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तो कुछ आगे पटना की भाषा के लिखित रूप का महत्व बताइए तुम्हें बता दूं कि भाषा के लिखित रूप में गर्म बात करें तो बेसिकली भारत सके जो तीन मुख्य रूप होते हैं जिसमें लिखित मौखिक और संकेतिक भाषा होता है तो इसमें लिखित रूप कहीं सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है और अभी मैं जो क्वेश्चन पढ़कर आपका उत्तर दे रहा हो तो लिखित स्वरूप और मौखिक रूप दोनों का इस्तेमाल हो रहा है इसमें

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भाषा में लिखित रूप का क्या महत्व है? - bhaasha mein likhit roop ka kya mahatv hai?

1 जवाब

भाषा में लिखित रूप का क्या महत्व है? - bhaasha mein likhit roop ka kya mahatv hai?

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लिखित भाषा का महत्व क्या है?

(1) यह भाषा का स्थायी रूप है। (2) इस रूप में हम अपने भावों और विचारों को अनंत काल के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। (3) यह रूप यह अपेक्षा नहीं करता कि वक्ता और श्रोता आमने-सामने हों। (4) इस रूप की आधारभूत इकाई 'वर्ण' हैं जो उच्चरित ध्वनियों को अभिव्यक्त (represent) करते हैं।

मौखिक और लिखित भाषा का क्या महत्व है?

मौखिक भाषा द्वारा बोलकर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात दूसरों को बताई जा सकती है। इसके प्रयोग के बिना हम किसी मूक और बधिर व्यक्ति के ही समान हैं, जो बोल-सुन नहीं सकता। मौखिक भाषा की महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हर बात लिखकर नहीं बताई जा सकती।

लिखित भाषा से आप क्या समझते हैं इसके महत्व एवं उद्देश्यों का वर्णन करें?

लिखित भाषा की परिभाषा – जब मनुष्य अपने मन के भावों को मुँह से न बोलकर लिखकर व्यक्त करता है तो उसके द्वारा लिखे गए उन सब विचारों को 'लिखित भाषा कहा जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो जब हम अपने विचारो को बोलने की जगह लिखकर दूसरों के समक्ष व्यक्त करते है तो उसे लिखित भाषा कहा जाता है।

भाषा के लिखित रूप को क्या कहते हैं?

भाषा बातचीत करने का माध्यम है। भाषा का क्षेत्रीय रूप बोली कहलाता है। भाषा को लिखने का ढंग लिपि कहलाता है।