कई महत्वपूर्ण कारकों ने कृषि क्रांति को जन्म दिया Show आठवीं शताब्दी और अठारहवीं के बीच, खेती के उपकरण मूल रूप से वही रहे और प्रौद्योगिकी में कुछ प्रगति की गई। इसका मतलब था कि जॉर्ज वाशिंगटन के दिनों के किसानों के पास जूलियस सीज़र के दिनों के किसानों की तुलना में कोई बेहतर उपकरण नहीं था। असल में, अठारह सदियों बाद अमेरिका में सामान्य उपयोग में शुरुआती रोमन हलो उनसे बेहतर थे। 18 वीं शताब्दी में कृषि क्रांति के साथ जो कुछ बदल गया, कृषि विकास की अवधि जिसमें कृषि उत्पादकता में भारी वृद्धि और तेजी से वृद्धि हुई और कृषि प्रौद्योगिकी में बड़े सुधार हुए। नीचे सूचीबद्ध कई आविष्कार हैं जो कृषि क्रांति के दौरान बनाए गए या काफी सुधार किए गए थे।
इसे सुनेंरोकेंइससे समय की बचत होती थी तथा फसल अच्छी होती थी। खेतों की चकबंदी और बाड़बंदी की जाने लगी। बाड़बंदी का अग्रदूत सर आर्थर यंग था जिसे नई कृषि का प्रवर्तक कहा जाता है। उसने अपने लेखों तथा भाषणों द्वारा कृषि में नए सिद्धान्त प्रसारित किए। कृषि क्रांति के तात्कालिक कारण क्या था? इसे सुनेंरोकेंनव पाषाण युग वह युग है जिसमें कृषि का
आविष्कार किया गया। इस युग में ही मनुष्य अग्नि से भी परिचित हुआ। इस प्रकार कृषि ईश्वरीय वरदान न होकर मानवीय वरदान है। ब्रिटिश कृषि क्रान्ति (1750–19वीं शताब्दी) – इससे औद्योगिक क्रान्ति का जन्म हुआ। इसे सुनेंरोकेंखेतों की चकबंदी और बाड़बंदी की जाने लगी। बाड़बंदी का अग्रदूत सर आर्थर यंग था जिसे नई कृषि का प्रवर्तक कहा जाता है। औद्योगिक क्रांति से आप क्या समझते हो? इसे सुनेंरोकेंऔद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) का अर्थ : उत्पादन प्रणाली में हुए उन आधारभूत परिवर्तनों से है, जिनके फलस्वरूप जनसाधारण को अपनी परंपरागत कृषि, व्यवसाय एवं घरेलू उद्योग-धंधों को छोड़कर नए प्रकार के उद्योगों में काम करने तथा यातायात के नवीन साधनों के प्रयोग का अवसर मिला। औद्योगिक क्रांति क्या है Class 11?इसे सुनेंरोकें❇️ औद्योगिक क्रांति :- 🔹 ब्रिटेन में 1780 के दशक और 1850 के दशक के बीच उद्योग और अर्थव्यवस्था का जो रूपांतरण हुआ उसे प्रथम औद्योगिक क्रान्ति कहा जाता है । 🔹 दूसरी औद्योगिक क्रान्ति 1850 के दशक के बाद आई और उसमें रसायन और बिजली जैसे नये औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार । ब्रिटेन की क्रांति कब हुई? इसे सुनेंरोकें1688 – 1689 इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय द्वारा संसदीय संप्रभुता को चुनौती देने के फलस्वरुप ही इंग्लैंड राज्य में 1688 ईस्वी में क्रांति हुई थी। राजा जेम्स द्वितीय को अपनी पत्नी ऐनी समेत अपने निरकुंश शासन संसद की अवहेलना करने तथा प्रोटेस्टैंट धर्म विरोधी नीति के कारण गद्दी छोड़नी पड़ी थी। कृषि क्रांति कब आई? इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति उस क्रांति को कहते हैं जिसका संबंध कृषि के उस तिव्र वृद्धि से है जिसमे रासानिक उर्वरक तथा बीज के अत्यादिक उत्पादन से है उस हरित क्रांति कहते हैंहिंदुस्तान में हरित क्रांन्ति की शुरुआत सन् (1966-1967) हुई थी। औधोगिक क्रांति सबसे पहले कौन से देश में हुई?इसे सुनेंरोकें(1) औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंग्लैंड में हुई. (2) इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सूती कपड़ा उद्योग से हुआ. औद्योगिक क्रांति केवल इंग्लैंड में ही क्यों हुई? इसे सुनेंरोकेंअनुकूल राजनीतिक वातावरण एवं व्यापार नीतियों से संबंधित कारण अन्य देशों में भी उपलब्ध थे परंतु इंग्लैंड में ही औद्योगिक क्रांति होने का मुख्य कारण वहाँ पर तकनीकों व नवीन व्यापार प्रणालियों को मध्यम वर्ग द्वारा आत्मसात् करना था जिसमें सरकार की भूमिका भी सहायक रही, वहीं प्राँस जैसे देशों में सरकारी नियंत्रण ने औद्योगिक … ग्रेट ब्रिटेन में कृषि क्रांति की अवधि क्या है?इसके अनुसार कृषि क्रांति में सबसे प्रमुख तीन फसल पद्धति के स्थान पर चार फसल पद्धति अपनाना था। इसने क्रमशः गेहूँ, शलजम, जौ एवं अंत में लौंग बोने की परंपरा प्रारंभ की। इससे कम समय एवं कम स्थान में अत्यधिक उत्पादन प्राप्त हुआ।
कृषि क्रांति कब शुरू हुई थी?भारत मे कृषि क्रांति की शुरुआत 60 के दशक मे हुई थी। देश मे सबसे पहली क्रांति हरित क्रांति थी,इसके बाद देश मे श्वेत क्रांति, पीली क्रांति, नीली क्रांति, गोल क्रांति जैसी अनेक क्रांतियों की शुरुआत हुई। आइये जानते है भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियां।
ग्रेट ब्रिटेन में कृषि क्रांति के क्या कारण है?अतः युद्ध के समय भी ब्रिटेन का व्यापार जारी रहा। कोयला एवं लोहा खनिज औद्योगिक विकास के लिये आधारभूत तत्व माने जाते हैं जो इंग्लैंड में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध था। अतः इसने औद्योगिक क्रांति को गति प्रदान की। कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकी कृषि यंत्र एवं विधियों से कृषि उत्पादन क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया।
ग्रेट ब्रिटेन में कृषि क्रांति की विशेषता क्या है?कृषि क्रांति से छोटे कृषक स्वतंत्र मजदूर में परिवर्तित हो गए जिससे सस्ता श्रम उपलब्ध हुआ। तकनीकी व वैज्ञानिक क्षेत्र में व्यापक विकास एवं नए-नए आविष्कार, जैसे- वाष्प इंजन, फ्लाइंग शटल, स्पिनिंग जेनी आदि ने औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया। लोहा, कोयला व अन्य प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता।
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