अगर आप बार-बार बीमार पड़ जाते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम वीक हो सकता है. शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाने के लिए हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है. कोरोना का कहर भी दुनिया भर में फैला हुआ है, ऐसे में अपने इम्यून को स्ट्रांग रखना बेहद जरूरी है. हालांकि इम्यून स्ट्रांग रखने के लिए आपको किसी दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि इसका समाधान आपके किचन में है. जी हां हम बात कर रहे हैं काली मिर्च की. Show
काफी पौष्टिक है काली मिर्च ऐसे करें काली मिर्च का सेवन काली मिर्च खाने से इन परेशानियों से मिलेगा निजात बढ़ता वजन- ये मिश्रण वजन घटाने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है. ये अच्छे पाचन के लिए मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, और इससे ज्यादा मात्रा में कैलोरी भी बर्न होती है. कब्ज- जो लोग पुरानी कब्ज की बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें इस मिश्रण का सेवन जरूर करना चाहिए. ये आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर पेट और आंतों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है. सलाद, शिकंजी या सैंडविच कुछ भी बनाओ, बस ऊपर से थोड़ी काली मिर्च छिड़क दो, तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है। हालांकि, काली मिर्च सिर्फ इन्हीं चीजों का जायका नहीं बढ़ाती, बल्कि यह किसी भी खाने का स्वाद बढ़ाने का काम कर सकती है। साथ ही यह सेहत पर कई तरह के लाभकारी असर भी डाल सकती है, जिस बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है। स्टाइलक्रेज का यह लेख खास काली मिर्च के विषय पर है। इस लेख में हम काली मिर्च के फायदे, काली मिर्च के उपयोग व काली मिर्च के औषधीय गुण आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। ये गुण स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं और किसी शारीरिक समस्या से उबरने में भी मदद कर सकते हैं। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। नीचे है पूरी जानकारी इस लेख में सबसे पहले जानेंगे कि काली मिर्च कहा किसे जाता है। विषय सूची
काली मिर्च क्या है? – What is Black Pepperजगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है। वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है। चलिए, अब काली मिर्च के औषधीय गुण के बारे में जानते हैं। काली मिर्च के औषधीय गुणकाली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई रोगों को दूर रखा जा सकता है। साथ ही कई रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है। इसमें मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। ये सभी गुण विभिन्न समस्याओं के इलाज में मदद कर सकते हैं (1)। इसके अलावा भी काली मिर्च के कई औषधीय गुण व फायदे हैं, जिनके बारे में आप नीचे विस्तार से जानेंगे। पढ़ते रहें आर्टिकल अब हम लेख के अगले भाग में काली मिर्च के फायदे के बारे में जानकारी देंगे। काली मिर्च के फायदे – Benefits of Black Pepper in Hindiकाली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान के संबंध में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। उन्हीं शोध के आधार पर पहले काली मिर्च के फायदे और उसके बाद काली मिर्च के साइड इफेक्ट्स की जानकारी देंगे। 1. पाचन के लिएआहार में काली मिर्च का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिल सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन अग्न्याशय यानी पेट के पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर पाचन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है (2)। वहीं, अन्य शोध से पता चलता है कि काली मिर्च से पैंक्रियाटिक लाइपेज, काइमोट्रिप्सिन और एमिलेज की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। इन सभी को डाइजेस्टिव एंजाइम के रूप में जाना जाता है। इनसे पूरी पाचन प्रक्रिया बेहतर तरीके से काम कर सकती है (3) । 2. सर्दी-खांसी से राहतकाली मिर्च के औषधि गुण का असर सर्दी-खांसी पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है। इसके इस्तेमाल से समस्या का निदान हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, काली मिर्च सर्दी-खांसी के लिए फोक मेडिसीन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें पाइपरिन (Piperine) नामक कंपाउंड होता है, जो सर्दी-खांसी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही यह गले में खराश की समस्या का भी समाधान करने का काम कर सकता है (4)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि काली मिर्च खाने के फायदे सर्दी-खांसी से राहत के लिए हो सकते हैं। 3. कैंसर से बचावकैंसर जैसी घातक समस्या से बचने में काली मिर्च मदद कर सकती है। इस बात को लेकर कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि काली मिर्च में एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती है। इस गुण के कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकती है (5)। इसके अलावा, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन की वजह से यह कीमोथेरेपी दवाई की तरह ही काम कर सकता है। पाइपरिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम कर सकता है (6)। लिहाजा, माना जा सकता है कि काली मिर्ची के फायदे कैंसर से बचने के लिए हो सकते हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि अगर किसी को कैंसर है, तो उसे सिर्फ डॉक्टरी इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। काली मिर्च सिर्फ कैंसर से बचाने में मदद कर सकती है। इसे कैंसर का इलाज न समझें। 4. मौखिक स्वास्थ्य के लिएकाली मिर्च का सेवन करने से इसका असर मुंह के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक शोध से यह पता चलता है कि इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है और मुंह के हाइजिन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मसूड़े की सूजन को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही काली मिर्च में पाए जाने वाले पाइपरिन में दांतों की समस्या का कारण बनने वाले ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF-α) को कम करने का प्रभाव होता है (7)। इसके अलावा, अगर किसी के दांतों में दर्द है, तो लौंग के तेल में काली मिर्च पाउडर मिलाकर दांतों की मालिश करने से राहत मिल सकती है। फिलहाल, इस संबंध में कोई शोध उपलब्ध नहीं है। 5. वजन कम करने में सहायककाली मिर्च खाने के फायदे वजन कम करने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के दौरान कुछ हफ्तों तक काली मिर्च युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया गया। इससे भूख में किसी तरह का बदलाव हुए बिना शरीर में फैट और लिपिड का स्तर कम मापा गया। इससे शरीर का वजन कुछ कम हो सकता है। यह सब काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन और एंटीओबेसिटी प्रभाव की वजह से ही संभव हो पाता है (8)। इसलिए, कहा जा सकता है कि काली मिर्च के औषधीय गुण के कारण वजन कम हो सकता है। 6. आंत स्वास्थ्य के लिएपेट व आंतों से जुड़ी समस्याओं के लिए भी काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। इससे संबंधित एक वैज्ञानिक शोध में आंत में मौजूद फेकल बैक्टीरिया के खिलाफ कई जड़ी-बूटियों के प्रीबायोटिक प्रभाव पाए गए। इससे पेट व आंतों में समस्या उत्पन्न करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। इन जड़ी-बूटियों में काली मिर्च भी शामिल है। इसके अलावा, यह पाचन और गैस्ट्रिक की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती है, जिनका गलत असर आंत पर पड़ता है (9)। इसलिए, आंत की समस्या से छुटकारा दिलाने में काली मिर्च के गुण सहायक हो सकते हैं। 7. भूख बढ़ाने के लिएजिन लोगों को भूख न लगने की समस्या है, उनके लिए काली मिर्च पाउडर फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, काली मिर्च में एल्कलॉइड, ओलेरोसिन और ऑयल जैसे कुछ कंपाउंड पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जाता है (10)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है। 8. कोलेस्ट्रॉल के लिएशरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर कई समस्याओं के पनपने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो काली मिर्च में पाइपरिन होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। यह तत्व कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्टर प्रोटिंस को भी दबाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रह सकता है। यह जानकरी एनसीबीआई वेबसाइट पर भी उपलब्ध है (11)। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने के लिए काली मिर्ची के फायदे हो सकते हैं। 9. डायबिटीज और ब्लड शुगर के लिएकाली मिर्च खाने के फायदे मधुमेह और ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के इलाज में मदद मिल सकती है (12)। एक अन्य शोध के अनुसार, सीमित मात्रा में पाइपरिन लेने से शरीर में एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव नजर आ सकता है। वहीं, अधिक मात्रा में लेने पर मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय से जुड़ी समस्या हो सकती है (13)। 10. जोड़ों के दर्द और गठिया के लिएकाली मिर्च के गुण जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। कई बार जोड़ों में दर्द और गठिया का मुख्य कारण सूजन हो सकती है, जिसे छुटकारा दिलाने में काली मिर्च मदद कर सकती है। दरअसल, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस प्रभाव पाया जाता है, जो सूजन की समस्या को कम कर गठिया की स्थिति में राहत पहुंचा सकता है (14)। 11. इंफेक्शन से बचने के लिएशरीर या त्वचा में इंफेक्शन फैलने का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। ऐसे में इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बैक्टीरिया से छुटकारा पाना जरूरी है। इसके लिए, काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो ई. कोलाई और स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे कई बैक्टीरिया को दूर रखने का काम कर सकता है (15)। Subscribe 12. एंटीऑक्सीडेंटशरीर में फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) का निर्माण मेम्ब्रेन द्वारा लिपिड के ऑक्सीकरण के कारण होता है। इन फ्री रेडिकल्स के कारण कई बीमारियां हो सकती है। ऐसे में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि मदद कर सकती है। इससे फ्री रेडिकल्स की समस्या को दूर रखा जा सकता है और गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है (16) (17)। 13. मस्तिष्क के लिएकाली मिर्च के फायदे मस्तिष्क के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च में मेथनॉलिक अर्क और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो अल्जाइमर जैसे मानसिक रोग से राहत पहुंचा कर याददाश्त को बढाने का काम कर सकते हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या से निजात दिला सकते हैं, जो मस्तिष्क के लिए अच्छा हो सकते हैं (18)। 14. धूम्रपान छोड़ने में मदद करेजो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए काली मिर्च का उपयोग मददगार साबित हो सकता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि काली मिर्च पाउडर की भाप लेने से धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है (19)। इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। 15. त्वचा के लिएकाली मिर्च के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च के उपयोग से बने तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं (20)। इसके अलावा, यह एंटी-एजिंग की तरह काम कर सकता है, मुंहासे कम कर सकता है और विटिलिगो, झुर्रियों व काले धब्बे को कम करने का काम कर सकता है (21) (22)। बने रहें हमारे साथ इस लेख के अगले भाग में हम काली मिर्च के पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं। काली मिर्च के पौष्टिक तत्व – Black Pepper Nutritional Value in Hindiइसमें कोई दो राय नहीं है कि काली मिर्च गुणों का खजाना है। यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि इसके पौष्टिक मूल्य क्या हैं। नीचे हम 100 ग्राम काली मिर्च के पौष्टिक मूल्य बता रहे हैं (23)। पोषक तत्वपोषक मूल्य प्रति 100 gपानी12.46 gऊर्जा251 kcalप्रोटीन10.39 gटोटल लिपिड (फैट)3.26 gकार्बोहाइड्रेट63.95 gफाइबर, टोटल डाइटरी25.3 gशुगर0.64 gकैल्शियम, Ca443 mgआयरन, Fe9.71 mgमैग्नीशियम, Mg171 mgफास्फोरस, P158 mgपोटैशियम, K1329 mgसोडियम, Na20 mgजिंक, Zn1.19 mgकॉपर, Cu1.33 mgमैंगनीज, Mn12.753 mgसेलेनियम, Se4.9 µgथायमिन0.108 mgराइबोफ्लेविन0.18 mgनियासिन1.143 mgविटामिन-बी60.291 mgफोलेट17 µgविटामिन-ए, RAE27 µgविटामिन-ई (अल्फा टोकोफेरोल)1.04 mgविटामिन-के167.7 µgफैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड1.392 gफैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.739 gफैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड0.998 gआगे है और जानकारी ऊपर काली मिर्च के गुण जाने अब आगे काली मिर्च का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है। इसके बारे में बताएंगे। काली मिर्च का उपयोग – How to Use Black Pepper in Hindiकाली मिर्च का सेवन कई तरह से कर सकते हैं, जो इस प्रकार है:
नीचे स्क्रॉल करें अब हम अगले भाग में काली मिर्च की चाय बनाने की विधि बताएंगे। काली मिर्च की चाय बनाने की विधिकाली मिर्च की चाय के फायदे कई हो सकते हैं। अगर किसी को काली मिर्च की चाय बनानी नहीं आती है, तो वे हमारे इस लेख के मदद से काली मिर्च की चाय बनाना सीख सकता है। सामग्री :
बनाने की विधि:
चलिए, अब जानते हैं कि काली मिर्च का सुरक्षित कैसे रखना चाहिए। काली मिर्च का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीकाचयन : बाजार में काली मिर्च साबुत और पिसी हुई दोनों ही रूप में मिल जाएगी। ऐसे में कोशिश करें कि साबुत काली मिर्च खरीदें, क्योंकि यह मिलावट रहित होती है। जब भी काली मिर्च खरीदें, तो ध्यान दें कि यह छोटी, भारी और साफ-सुथरी हो। स्टोरेज : काली मिर्च को शीशे के जार में अच्छी तरह बंद करके रखें, ताकि उसमें हवा न जाए। इसके अलावा, काली मिर्च को फ्रीज करके भी लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। पढ़ते रहें यह आर्टिकल आप काली मिर्च खाने के फायदे तो ऊपर जान ही लिए, अब काली मिर्च के नुकसान के बारे में जानेंगे। काली मिर्च के नुकसान – Side Effects of Black Pepper in Hindiकाली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। नीचे हम इन्हीं काली मिर्च के नुकसान के बारे में बता रहे हैं (21) :
इस लेख में हमने काली मिर्च के फायदे को वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर बताने की कोशिश है। यह मिर्च इतनी गुणकारी है कि काली मिर्च के औषधीय गुण आयुर्वेद में भी काफी प्रचलित हैं। इसलिए, सदियों से कई समस्याओं के इलाज में यह सहायक रही है। फिर भी इसे किसी समस्या का सटीक इलाज न समझें। अगर कोई किसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, तो समय गंवाए बिना डॉक्टरी इलाज का सहारा लें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई प्रत्येक जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इस लेख के अंतिम भाग में हम काली मिर्च के संबंध में पाठकों के कुछ सवाल-जवाब लेकर आए हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या काली मिर्च और शहद साथ में ले सकते हैं? जी हां, काली मिर्च और शहद को साथ में लिया जा सकता है। काली मिर्च और शहद खाने के फायदे शरीर को हो सकते हैं। क्या दूध के साथ काली मिर्च ले सकते हैं? जी हां, हल्दी वाले दूध में चुटकी भर काली मिर्च डालकर सेवन किया जा सकता है। काली मिर्च की तासीर कैसी होती है? काली मिर्च को गर्म मसालों में गिना जाता है, इस आधार पर कहा जा सकता है कि इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए, गर्मियों में इसकी अधिक मात्रा में सेवन करने से काली मिर्च के साइड इफेक्ट्स होने के जोखिम बने रहते हैं। क्या काली मिर्च और गुड़ साथ में ले सकते हैं? जी हां, काली मिर्च और गुड़ को मिलाकर सेवन किया जा सकता है। क्या काली मिर्च और अदरक साथ में ले सकते हैं? जी हां, काली मिर्च और अदरक को साथ में लिया जा सकता है। इसके लिए पिसे हुए अदरक और काली मिर्च को पानी में मिलाकर उबालकर पी सकते हैं। इससे अदरक और काली मिर्च के फायदे हो सकते हैं। क्या काली मिर्च और लौंग साथ में ले सकते हैं? जी हां, काली मिर्च और लौंग को साथ में लिया जा सकता है। सुबह खाली पेट काली मिर्च का सेवन करने से क्या फायदा हो सकता है? सुबह खाली पेट काली मिर्च के सेवन करने से पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है और वजन को कम करने में भी मदद कर सकता है। बेहतर होगा कि सुबह खाली पेट काली मिर्च की चाय का सेवन किया जाए। इससे काली मिर्च की चाय के फायदे स्वास्थ्य पर हो सकते हैं। कुछ लोगों को खाली पेट काली मिर्च लेने से नुकसान हो सकता है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह पर ही सेवन करें। प्रेगनेंसी में काली मिर्च खानी चाहिए या नहीं? गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में काली मिर्च युक्त आहार के सेवन करने से बचें। यह गर्भावस्था के दौरान नुकसानदायक हो सकती है (24)। अगर फिर भी कोई गर्भावस्था के दौरान काली मिर्च का सेवन करना चाहता है, तो इसे लेने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर बात करें। क्या काली मिर्च का पानी पीना फायदेमंद है? जी हां, काली मिर्च का पानी पीना फायदेमंद हो सकता है। यह पानी पेट को साफ करने का काम कर सकता है। इस बारे में हमने ऊपर पाचन वाले पॉइंट में विस्तार से बताया है। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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सुबह खाली पेट चूसकर या चबाकर एक काली मिर्च खाएं, यह आपके हॉरमोन बैलेंस करेगी, पीरियड्स रेग्युलर करेगी और डायबीटीज में भी फायदेमंद होगी। अगर आपको सांस से जुड़ी समस्याएं हैं या इम्यूनिटी कमजोर है तो एक चम्मच हल्दी में शहद मिलाकर काली मिर्च खा सकते हैं।
1 दिन में काली मिर्च कितनी खानी चाहिए?रोजाना 1 चम्मच से ज्यादा काली मिर्च न खाएं। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं। रोजाना सुबह नाश्ते से पहले खाली पेट काली मिर्च को खाना अच्छा होता है।
सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने से क्या फायदे होते हैं?खाली पेट काली मिर्च खाने के फायदे - Eating black pepper empty stomach health benefits. पेट दर्द जंक फूड्स और मसालों से भरा खाना खाने की वजह से अक्सर लोगों को पेट दर्द, कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। ... . दांतों को बनाएं मजबूत ... . पिंपल्स और मुंहासे ... . पेट के कीड़े खत्म करता है काली मिर्च ... . काली मिर्च का उपयोग कब करना चाहिए?इसका इस्तेमाल चाय और काढ़ा बनाने में किया जाता है. देखा जाए तो हेल्थ के लिए काली मिर्च काफी अच्छी मानी जाती है. एंटी-माइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी के गुणों से भरपूर काली मिर्च लिवर, आंत और किडनी का भी ख्याल रखती है. इसमें कैंसर विरोधी गुण भी होते हैं.
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