आयुर्वेद डॉक्टर रेखा राधामणि हर किसी के द्वारा घी का सेवन करने पर बताती हैं कि आजकल लोग हेल्दी शब्द सुनकर चीजों को दुकानों से आते हैं। व्यक्ति को यह समझना होगा कि
उसके अपने शरीर के तासीर और संतुलन के लिए क्या उपयुक्त है। तब इसके अनुसार खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए। आगे वह कहती हैं कि एक आदमी की दवा दूसरे आदमी का जहर हो सकती है। घी के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। घी की तासीर गर्म होती है। इसलिए घर के बड़े-बुजुर्ग ठंड के दिनों में खाने में घी को डालकर खाने की सलाह देते हैं। ताकि सर्दियों में शरीर अंदर से गर्म रहे और मौसमी बीमारी से भी बचा रहे। हर किसी के लिए सेहतमंद नहीं है घीआयुर्वेद डॉक्टर रेखा बताती
हैं कि घी सभी के लिए सेहतमंद नहीं होता है। जिस तरह से एक आदमी की दवा दूसरे आदमी का जहर हो सकती है। ऐसा ही घी के साथ भी होता है। घी पचाने में भारी होता है। सबकी पाचन शक्ति अलग-अलग होती है। ऐसे में इसका सेवन शरीर की पाचन शक्ति के अनुसार करना चाहिए। अपच में न खाएं घीआयुर्वेद डॉक्टर बताती हैं कि यदि आपको क्रॉनिक इंडाइजेशन या पेट की समस्या रहती हैं तो घी का सेवन बिल्कुल न करें। अपच अक्सर एक अंतर्निहित समस्या का संकेत होता है, जैसे कि गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), अल्सर, या पित्ताशय की थैली की बीमारी। इसके अलावा अपच ऊपरी पेट में लगातार या आवर्तक दर्द या बेचैनी के रूप में भी आपको हो सकता है। लीवर सिरोसिस में घी है जहरलीवर सिरोसिस धीरे-धीरे बढ़ने वाला यकृत रोग है जिसमें स्वस्थ यकृत ऊतक क्षतिग्रस्त ऊतकों से बदल जाते हैं। नतीजतन यकृत स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को घी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा प्लीहा बढ़ने पर भी घी नहीं खाना चाहिए। मौसमी बुखार में न करें घी का सेवन सर्दीआयुर्वेद डॉक्टर बताती हैं कि घी कफ को बढ़ाने का काम करता है। इसलिए बुखार से पीड़ित व्यक्ति को इसके सेवन से बचना चाहिए। यदि आप मौसमी बुखार से ग्रसित हैं तब इस बात की सावधानी रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता हैं। हेपेटाइटिस में घी बढ़ा सकता है परेशानीहेपेटाइटिस से पीड़ित होने पर घी का सेवन आपकी स्थिति को खराब कर सकता है। इसमें यकृत में सूजन आ जाने से आपका लीवर भारी पचाने की स्थिति में नहीं होता है। प्रेगनेंसी और कोलेस्ट्रॉल में घी से करें परहेजगर्भवती महिला को शुरुआती महिनों में घी नहीं खाना चाहिए। साथ ही यदि आपका वजह इन दिनों ज्यादा है तो भी घी को लेकर सतर्कता बरतने की जरुरत होती है। इसके अलावा घी के ज्यादा सेवन से शरीर में उच्च स्तर के सैचुरेटेट फैटी एसिड और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है, इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत वाले व्यक्ति को घी का सेवन नहीं करना चाहिए। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
देसी घी प्रोटीन, हेल्दी फैट, विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन के का बेहतरीन स्त्रोत है। देसी घी आपकी त्वचा, बालों, पाचन और दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। जबकि पीले घी की तुलना में सफेद घी में फैट की मात्रा बहुत कम होती है। फैट की पर्याप्त मात्रा होने के कारण आप इसे लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं। जबकि गाय के घी को बहुत ज्यादा दिनों तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता। सफेद घी हड्डियों को मजबूत बनाने, वजन बढ़ाने और दिल की मांसपेशियों की गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करता है। बता दें कि सफेद यानी भैंस के दूध से बने घी में मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे जरूरी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। सर्दी-खांसी दूर करता है सफेद घीभैंस के घी में गाय के घी की तुलना में ज्यादा फैट और कैलोरी पाई जाती है।
यह सर्दी, खांसी और कफ और जोड़ों को बनाए रखने में मदद करता है। भैंस का घी एंटीएजिंग की तरह भी काम करता है। इसके सेवन से चेहरे पर बहुत जल्दी उम्र बढऩे के निशान दिखाई नहीं देते। गाय के घी में होता है A2 प्रोटीनगाय का घी यानी पीला घी वजन घटाने के लिए बहुत फायदेमंद है। यह वयस्कों से लेकर बच्चों तक में मोटापा कम करने के काम आता है। सबसे अच्छी बात है कि इसे पचाना आसान है। गाय के दूध में ए2 प्रोटीन होता है, जो भैंस के दूध में नहीं होता। A2 प्रोटीन सिर्फ गाय के घी में ही मिलता है। गाय के घी यानी पीले घी में बहुत अच्छी मात्रा में प्रोटीन,
मिनरल, कैल्शियम और विटामिन होने के कारण दिल के रोगियों को गाय का घी खाने की सलाह दी जाती है। खासतौर से इसमें मौजूद विटामिन K2 धमनियों में कैल्शियम की मात्रा को कम करता है। यह खतरनाक ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके और पर्याप्त ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करके हृदय को स्वस्थ बनाता है। आपका घी असली है या नकली, इन तरीकों से कर सकते हैं घर पर पहचान डायबिटीज वालों के लिए वरदान है गाय का घीगाय का घी पीले रंग का , बनावट में हल्का, स्वाद में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। गाय के घी को अमृत माना गया है। जिसमें कई प्रकार के गुण होते हैं। गाय का घी एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है। कैलोरी भी इसमें बहुत ज्यादा होती है। जबकि भैंस के घी में ऐसे सभी गुणों का अभाव होता है। पीले रंग का घी डायबिटीज वालों के लिए बहुत असरदार है। चावल या रोटी के साथ इस घी का सेवन किया जाए, तो यह ग्लासेमिक इंडेक्स लेवल को कम कर देता है। तो पीला घी या सफेद घी कौन सा मानें बेहतरदेखा जाए, तो दोनों ही तरह के घी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। फैट की मात्रा में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता। बावजूद इसके भैंस के घी की तुलना में गाय के घी को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, गाय का घी ज्यादा बेहतर होता
है, क्योंकि इसमें कैरोटीन विटामिन ए होता है, जो आंख और मास्तिष्क के लिए बहुत अच्छा है। इसे पचाना बेहद आसान है। तो आपने महसूस किया होगा कि दोनों में से किसी एक घी के अपने फायदे हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से इनमें से कोई भी ले सकते हैं। सभी को यह समझना चाहिए कि रोजाना भोजन में घी का सेवन आपकी फिटनेस और शरीर में सुधार के लिए बेहद उपयोगी है। अंग्रेजी में इस स्टोरी को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें घी में कौन सा प्रोटीन होता है?गाय के घी में होता है A2 प्रोटीन
गाय के दूध में ए2 प्रोटीन होता है, जो भैंस के दूध में नहीं होता। A2 प्रोटीन सिर्फ गाय के घी में ही मिलता है। गाय के घी यानी पीले घी में बहुत अच्छी मात्रा में प्रोटीन, मिनरल, कैल्शियम और विटामिन होने के कारण दिल के रोगियों को गाय का घी खाने की सलाह दी जाती है।
1 दिन में कितने ग्राम घी खाना चाहिए?इसके अलावा घी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड बॉडी फैट कम करने में मदद करता है। घी का कितना इस्तेमाल करना चाहिए? एक सामान्य आदमी रोजाना 6 से 8 छोटे चम्मच घी खा सकता है।
घी में कौन कौन से विटामिन होते हैं?घी के स्वाद और गंध ग्राह्य होते हैं। यह जल्द पचता भी है। घी में विटामिन "ए', विटामिन "डी' और विटामिन "ई' रहते हैं।
100 ग्राम Ghee में कितना प्रोटीन होता है?A: देसी घी में विटामिन A, विटामिन K2, विटामिन डी, विटामिन E जैसे पोषक तत्व होते हैं। A: 100 ग्राम देसी घी में 0.2 ग्राम प्रोटीन होता है।
|