विषयसूची गया कौन था हीरा और मोती को वह अपने घर क्यों ले गया?इसे सुनेंरोकेंहीरा मोती झूरी के घर आराम से रह रहे थे। वह पूरी मेहनत से झूरी के सारे काम किया करते थे तथा जो मिलता था खा लेते थे। उन्होंने झूरी को कभी शिकायत का मौका नहीं दिया था। झूरी का साल आ गया ले जाने लगा तो उन्हें लगा कि उसे झूरी ने गया के हाथों बेच दिया है। हीरा मोती कौन है? इसे सुनेंरोकेंकहानी का नाम है-दो बैलों की कथा. यह कहानी थी हीरा और मोती नाम के दो बैलों की. इन बैलों में ही इनके मालिक झूरी की जान बसती थी. ये बैल भी अपने स्वामी को उतना ही अधिक प्यार करते थे. हीरा मोती खेत में कौन सी फसल करने लगे?इसे सुनेंरोकेंहीरा-मोती को उस पर दया आ गई। उन्होंने उसे छोड़ दिया। जीत की खुशी में मोती फिर मटर के खेत में मटर खाने लगा। हीरा और मोती ने सांड को कैसे हराया? इसे सुनेंरोकेंहीरा और मोती ने सांड का मुकाबला मिलकर किया। उन्होंने सांड को दो ओर से घेर लिया। सांड जिस भी बैल को मारने जाता, दूसरा साथी बैल पीछे से उस पर वार करता। इस प्रकार दोनों ने उसे बहुत देर तक छकाया। गया बैलों को अपने साथ क्यों ले गया?इसे सुनेंरोकेंदोनों बैलों (हीरा-मोती) का अपमान गया ने किया था। अपने घर ले जाकर गया ने उन्हें मोटी रस्सियों से बाँध दिया औऱ नांद में सूखा भूसा डाल दिया। अपने बैलों को उसने खली चुनी सब दिया । ऐसा उसने हीरा मोती को सबक़ सिखाने के उद्देश्य से किया था। गया ने दोनों बार हीरा मोती को रुखा भूसा खाने को क्यों दिया है? इसे सुनेंरोकेंSolution. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि – वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था। हीरा और मोती में ज्यादा सहनशील कौन था?इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer:हीरा मोती की अपेक्षा अधिक सहनशील था । क्योंकि मोती को बहुत जल्द ही गुस्सा आ जाता था । जब गया दोनों बैलों को गाड़ी से जोत कर ले जा रहा था तब मोती ने गया को गड्ढे में गिराना चाहा लेकिन हीरा ने संभाल लिया इस प्रकार हीरा मोती की अपेक्षा अधिक सहनशील था। हीरा और मोती को कौन ले गया था *? इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती, दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं। सीप की खेती कैसे करे?इसे सुनेंरोकेंमोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है. इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है. तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है. डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की मोती को हम अपनी इच्छा के अनुसार आकार, रंग और रूप दे सकते हैं. हीरा मोती दोनों अपने से ज्यादा शक्तिशाली सांड से लड़ाई में कैसे जीत गए? इसे सुनेंरोकेंहल में जोते जाते समय दोनों की यही कोशिश रहती थी कि ज्यादा से ज्यादा भार वे अपनी ओर करें. गया द्वारा हीरा की पिटाई से दुखी मोती हल लेकर भागा जिससे हल, जोत, जुआ सब टूट गए. सांड से लड़ते समय दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से लड़ाई की और अंत में विजयी हुए. कथाकार मुंशी प्रेमचंद देश ही नहीं, दुनियाभर में विख्यात हुए और 'कथा सम्राट' कहलाए. प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को बड़े ही उत्साह से मनाई जा रही है. इस खास मौके पर उनकी कहानी 'दो बैलों की कथा' पढ़कर अपनी यादें ताजा कर लीजिए... कहानी: दो बैलों की कथा हीरा और मोती को रास्ते में कौन मिला था?मित्र हीरा और मोती को रास्ते में साँड मिला। साँड सेे दोनों की भिड़ंत हुई। दोनों ने मिलकर उसे हरा दिया।
हीरा और मोती दोनों कौन थे?झूरी क पास दो बैल थे- हीरा और मोती. देखने में सुंदर, काम में चौकस, डील में ऊंचे. बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाईचारा हो गया था. दोनों आमने-सामने या आस-पास बैठे हुए एक-दूसरे से मूक भाषा में विचार-विनिमय किया करते थे.
हीरा मोती को कहाँ बंद कर दिया गया *?मटर खाते समय मोती के पकड़े जाने पर हीरा भी वापस आ गया और दोनों ही कांजीहौस में बंदी बनाए गए। कांजीहौस की दीवार गिराते समय हीरा को मोटी रस्सियों में बाँध दिया गया।
गया के घर हीरा और मोती ने स्वयं को अपमानित महसूस ककया क्यों?हीरा और मोती ने गया के घर स्वयं को इसलिए अपमानित महसूस किया क्योंकि गया ने अपने बैलों के चारे में चूनी-चोकर, खली आदि मिलाया परंतु हीरा मोती के सामने सूखा भूसा डाल दिया। इन बैलों के साथ झूरी ने ऐसा कभी नहीं किया था।
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