तुमने स्कूल की बुक्स में अक्सर इंद्रधनुष पर ढेरों कविताएं पढ़ी और सुनी होंगी। बहुत से बच्चों ने इंद्रधनुष देखा भी होगा। बारिश के बाद आसमान में सात रंगों की बनी खूबसूरत आकृति को इंद्रधनुष कहते हैं। तो आओ मृदुला भारद्वाज से जानते हैं कि क्या कहते हैं इंद्रधनुष के सात रंग.. Show बरसात के मौसम में जब कभी आसमान में काले-काले बादल छाए होते हैं तो मन खुशी से खिल उठता है और तभी अगर हल्की-फुल्की बारिश की फुहारें पड़ने लगें तो सभी झूम उठते हैं। बारिश के बंद होने के बाद जब सूर्य की किरणें बादलों से टकराती हैं तो आकाश में रंग-बिरंगी आकृति दिखाई देती है। यही आकृति इंद्रधनुष कहलाती है। इंद्रधनुष के निकलते ही मोर नाचने लगते हैं। चारों तरफ मानो खुशी का माहौल बन जाता है। 1.बैंगनी 2.जामुनी
3.नीला 4.हरा 5.पीला 6.नारंगी 7.लाल कैसे बनता है इंद्रधनुष’ बरसात के मौसम में जब पानी की बूंदें सूर्य की किरणों पर पड़ती हैं, तब सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बनता है। आसमान में शाम के समय पूर्व दिशा में और सुबह पश्चिम दिशा में, बारिश के बाद लाल, नीला, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी रंगों का वृत्ताकार चक्र जैसा कभी-कभी दिखाई देता है। ये ही सप्तरंगी इंद्रधनुष है। सोचो अगर हमारे जीवन में रंग न होते तो हमारी जिंदगी कितनी बदरंग होती। सब चीजें काली या सफेद ही होतीं। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है। रंगों की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूर्य ही है। सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं। प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है। ये रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। एक कहावत है कि दुनिया में जितने भी रंग हैं, वे सारे किसी न किसी रूप में इंसान के शरीर में मौजूद हैं। रंग प्रकृति से साक्षात्कार कराते हैं। इन्हें जीवन से अलग नहीं किया जा सकता। अध्यात्म में माना जाता है कि हर रंग ऊर्जावान है। इंद्रधनुष के सातों रंग शरीर के भीतर मौजूद सात च एक कहावत है कि दुनिया में जितने भी रंग हैं, वे सारे किसी न किसी रूप में इंसान के शरीर में मौजूद हैं। रंग प्रकृति से साक्षात्कार कराते हैं। इन्हें जीवन से अलग नहीं किया जा सकता। अध्यात्म में माना जाता है कि हर रंग ऊर्जावान है। इंद्रधनुष के सातों रंग शरीर के भीतर मौजूद सात चक्रों से जुड़े हैं। रंगों का संतुलन हमारे स्वास्थ्य और सोच को सही दिशा देता है। इनका सही अनुपात जीवन के मधुर संगीत के लिए जरूरी है। रंग हमें जीवन-दर्शन समझाते हैं और बताते हैं कि जीवन इंद्रधनुषी है। हर रंग में रंगना ही तो जिंदगी है। लाल रंग पहला चक्र मूलाधार लाल रंग को दर्शाता है। यह काम ऊर्जा सहित सफलता, उत्साह, शक्ति, सौभाग्य एवं ताकत को दर्शाता है। नारंगी रंग दूसरा चक्र स्वाधिष्ठान खुशी, आशीर्वाद, सफलता और शालीनता को दर्शाता है। ये समस्त गुण नारंगी रंग से संतुलित होते हैं। पीला रंग यह रंग तीसरे महत्वपूर्ण चक्र मनिपुर पर आधारित है। यह इंसान की रचनात्मक क्षमता, ज्ञान, बुद्धिमता, विद्या, आत्मविश्वास, डर, निराशा जैसे गुण-दोषों को नियंत्रित करता है। हरा रंग चौथा और अत्यंत महत्वपूर्ण चक्र अनाहत शांति, विश्वास, दया, अकेलेपन और ईष्र्या को दर्शाता है। हरा रंग इन मनोभावों में संतुलन स्थापित करता है। यह रंग स्फूर्ति व समृद्धि का प्रतीक है। यह प्रकृति और अध्यात्म का रंग है। नीला रंग पांचवां चक्र विशुद्ध संवाद की शक्ति, समझदारी, न्याय के अलावा धैर्य, सम्मान, इच्छाशक्ति और नम्रता को दर्शाता है। इस चक्र को नीला रंग संतुलित करता है। मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग बल, पौरुष व धीरता का प्रतीक है। यह दृढ़ता, साहस, शौर्य के साथ ही गंभीरता को भी दर्शाता है। जामुनी रंग छठा चक्र आज्ञा अंतज्र्ञान के अलावा निडरता और वफादारी को दर्शाता है, जो जामुनी रंग की कमी या अधिकता पर निर्भर है। बैगनी रंग सातवां चक्र सहस्नार आध्यात्मिकता, ध्यान, विवेक, आत्मत्याग और मनुष्यता को दर्शाता है। ये गुण बैंगनी रंग के संतुलन से आते हैं। रंग स्वास्थ्य से भी गहरे ढंग से जुड़े हैं। ये विभिन्न तरंग आयामों का प्रकाश हैं और हर रंग की अपनी तरंगें और ठहराव है, जो हमारे शरीर के विभिन्न ऊर्जा केंद्रों के साथ मिलकर एक अनुगूंज पैदा करते हैं। रंग न सिर्फ आंखों को भाते हैं, बल्कि कलर थेरैपी के दौरान ये शरीर में मैग्नेटिक फील्ड से भी समाहित होते हैं। कलर थेरैपी एक संपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है। सात चक्रों व सात रंगों का संतुलन और इससे जुड़ी ऊर्जा खुशहाल जीवन जीने में हमारी मदद करती है। जरूरत है कि हम जागरूक बनें, रंगों में छिपी ऊर्जा को पहचानें। इंद्रधनुष के रंगों का क्रम क्या है?आसमान में शाम के समय पूर्व दिशा में और सुबह पश्चिम दिशा में, बारिश के बाद लाल, नीला, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी रंगों का वृत्ताकार चक्र जैसा कभी-कभी दिखाई देता है। ये ही सप्तरंगी इंद्रधनुष है।
इंद्रधनुष में प्रथम रंग कौन सा होता है?एक प्राथमिक इंद्रधनुष, रंग लाल, नारंगी, पीले, हरे, नीले, नील और वायलेट के क्रम में होंगे।
Rainbow में सबसे ऊपर कौन सा रंग होता है?7 रंगो में बैंगनी जिसे इंग्लिश मे वॉयलेट भी कहते है उस रंग का विक्षेपण सर्वाधिक होता है. इन्द्रधनुष में लाल रंग का विक्षेपण अधिकतम तथा बैंगनी रंग का न्यूनतम होता है।
इन्द्रधनुष में सबसे नीचे कौन सा रंग होता है?इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं।. बै - बैंगनी. जा- जामुनी. नी- नीला. ह- हरा. पी- पीला. ना- नारंगी. ला- लाल. |