हेल्थ डेस्क। हेल्थ से जुड़े कई संकेत हमें जीभ के जरिए मिल सकते हैं। जब हम डॉक्टर्स के पास जाते हैं तो वे जीभ देखकर बता देते हैं कि हम हेल्दी हैं या नहीं। जबलपुर मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नम्रता दुबे बता रही हैं हेल्दी जीभ की पहचान। साथ ही यह भी कि इसके रंग और इस पर चढ़ी परत के जरिए कौन-सी बीमारियों के संकेत मिलते हैं। जीभ साफ करना जरूरी क्यों?... Show
मुंह में मौजूद लगभग 50 प्रतिशत बैक्टीरिया जीभ पर होते हैं इसलिए सांसों की बदबू और बैक्टीरिया से बचने के लिए जीभ को साफ करना काफी जरूरी होता है। ऐसा न करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। जीभ बॉडी की सबसे मजबूत मसल्स जीभ हमारी बॉडी में सबसे मजबूत मसल्स है। साथ ही यह बहुत फ्लैक्सीबल भी है। यह अकेली ऐसी मांसपेशी है, जिसमें टेस्ट सेंसर मौजूद है। इसके जरिए यह लगभग दस हजार स्वाद पहचान सकती है। जीभ का ज्यादातर हिस्सा स्केलटल मसल्स टिश्यु से बना होता है। इसलिए डैमेज होने पर जीभ बॉडी के अन्य हिस्सों की तुलना में ज्यादा तेजी से घाव को भर देती है। आगे की 8 स्लाइड्स पर जानिए जीभ से अपनी हेल्थ को कैसे पहचानें... विषयसूची जीभ के कितने भाग होते हैं?इसे सुनेंरोकेंजीभ हमारे मुंह के अन्दर स्थित एक इन्द्री है जो हमें मुख्य रूप से चार प्रकार के स्वाद बताती है. यह पीछे की ओर चौड़ी और आगे की ओर पतली होती है. लाल रंग की यह जीभ मांसपेशियों की बनी होती है. इसकी ऊपरी सतह पर कुछ दानेदार उभार होते हैं, जिन्हें स्वाद कलिकाएं कहते हैं. जीभ में कितने स्वाद होते हैं?इसे सुनेंरोकेंजानते हैं स्वाद और उसके पीछे के विज्ञान के बारे में- जीभ लगभग 2 से 5 हजार टेस्ट बड्स से ढकी रहती है। हर टेस्ट बड में 50 से 100टेस्ट रिसेप्टर कोशिकाएं होती हैं जो स्वाद की अनुभूति को मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं। इसके अलावा मुंह की ऊपरी सतह, ठोढ़ी व गले में टेस्ट बड्स होते हैं। पांचवां स्वाद बेस्वाद या उमामी होता है। जीभ की लंबाई कितनी होती है? इसे सुनेंरोकेंकितनी होती है जीभ का लंबाई? अगर आम आदमी की जीभ की लंबाई की बात करें तो हर व्यक्ति के 7.9 सेंटीमीटर से 8.5 सेंटीमीटर लंबी जीभ होती है यानी 3.1 इंच से लेकर 3.3 इंच तक. जीभ को हिंदी में क्या कहते है?इसे सुनेंरोकेंजीभ संज्ञा स्त्री० [सं० जिह्वा, प्रा० जिब्भ] १. मुँह के भीतर रहनेवाले लंबे चिपटे मासपिंड के आकार की वह इंद्रिय जिससे कटु, अम्ल, तिक्त इत्यादि रसों का अनुभव और शब्दों का उच्चारण होता है । जबान । जिह्वा । जीभ पर दिखने वाले छोटे छोटे दाने क्या कहलाते हैं?इसे सुनेंरोकेंआमतौर पर जीभ में छोटे-छोटे दाने निकलते रहते हैं और अपने आप खत्म भी हो जाते हैं, लेकिन अगर ये खत्म न हों तो यह हर्प इंफेक्शन (एक प्रकार का चर्म रोग) हो सकता है। इसी तरह अगर जीभ स्ट्रॉबेरी की तरह लाल दिखने लगे तो यह बैक्टीरिया का इंफेक्शन है। जीभ में स्वाद पहचान के लिए क्या होती है? इसे सुनेंरोकेंस्वाद का पता कैसे चलता है (How does Tongue Taste) किसी वस्तु के स्वाद का पता तब लगता है जब हम किसी वस्तु को दांतों से चबाते हैं तो वस्तु का कुछ अंश लार में घुल जाता है और स्वाद-कलिकाओं को सक्रिय कर देता है. खाद्य वस्तु द्वारा भी एक रासायनिक क्रिया होती है, जिससे तंत्रिका आवेग पैदा हो जाते हैं. जीभ में कितने प्रकार के अंकुर पाए जाते हैं?मानव जीभ
जीभ के अग्रभाग को क्या कहते हैं?इसे सुनेंरोकेंजीभ अग्र को टिप कहते हैं। जीभ का पर्यायवाची शब्द क्या है? इसे सुनेंरोकेंजीभ के सभी पर्यायवाची शब्द रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान। जीभ को इंग्लिश में क्या कहते हैं जीव?इसे सुनेंरोकेंजीभ MEANING IN ENGLISH – EXACT MATCHES Usage : Clean your tongue well. जीभ पर दाने होने का क्या कारण है?इसे सुनेंरोकेंआमतौर पर जीभ में छोटे-छोटे दाने निकलते रहते हैं और अपने आप खत्म भी हो जाते हैं, लेकिन अगर ये खत्म न हों तो यह हर्प इंफेक्शन (एक प्रकार का चर्म रोग) हो सकता है। इसी तरह अगर जीभ स्ट्रॉबेरी की तरह लाल दिखने लगे तो यह बैक्टीरिया का इंफेक्शन है। इससे कुछ दिनों के बाद जीभ को स्वाद की पहचान में दिक्कत होने लगती है। जीभ में कौन कौन सी बीमारी होती है?ग्लोसिटिस और भौगोलिक जीभ के साथ दर्द हो सकता है जीभ में दर्द निम्न के कारण भी हो सकता है:. मधुमेही न्यूरोपैथी. मुंह के छालें. मौखिक कैंसर. जीभ पर कितनी कालिकाएं होती है?मानव जीभ में 10000 स्वाद कलिकाएँ होती हैं । स्वाद कलिकाएं में स्वाद ग्राही कोशिकाएं होती हैं, जो रासायनिक संवेदी के रूप में कार्य करती हैं। जीभ का अग्र भाग मीठे स्वाद के प्रति संवेदनशील होता है , पिछला भाग कड़वा स्वाद के लिए और पक्षीय भाग नमकीन और खट्टे स्वाद के प्रति संवेदनशील होता है।
जीभ में कितने टेस्ट बर्ड होते हैं?एक प्रौढ़ व्यक्ति की जीभ पर लगभग 9000 स्वाद कलिकाएं होती है.
जीभ के कितने प्रकार के होते हैं?मनुष्य की जीभ में चार प्रकार की स्वाद कलिकाएँ पाई जाती हैं और जीभ के विभिन्न भाग विभिन्न स्वादों का अनुभव करते हैं- मीठे और नमकीन के स्वाद का अनुभव जीभ के स्वतंत्र सिरे पर, खट्टे स्वाद को अनुभव जीभ के पार्श्वों में तथा कड़वे व कसैले स्वाद का अनुभव जीभ के पश्च भाग में होता है।
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