जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वाहन में क्या अंतर है - jailam tatha phloem mein padaarthon ke vaahan mein kya antar hai

Answer in Brief

जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?

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Solution

जाइलम द्वारा पदार्थों का वहन: 

  1. इसमें जल एवं खनिज लवण केवल उपरिमुखी दिशा में संवाहित होते है।
  2. इसमें जल तथा लवण का संवहन दाब तथा वाष्पोत्सर्जन कर्षण द्वारा होता है।

फ्लोएम द्वारा पदार्थों का वहन:

  1. इसमें भोजन, अमीनो अम्ल का संवहन दोनों दिशाओं में उपरिमुखी तथा अधोमुखी होता है।
  2. इसमें ATP ऊर्जा का प्रयोग होता है।

Concept: वहन - पादपों में वहन

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Chapter 6: जैव प्रक्रम - अभ्यास [Page 125]

Q 12.Q 11.Q 13.

APPEARS IN

NCERT Science Class 10 [विज्ञान कक्षा १० वीं]

Chapter 6 जैव प्रक्रम
अभ्यास | Q 12. | Page 125

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जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?

जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?

जाइलम एवं फ्लोएम में अंतर जाइलम और फ्लोएम में अंतर बताइए जाइलम और फ्लोएम में अंतर स्पष्ट करें पौधों में फ्लोएम का कार्य क्या है जाइलम और फ्लोएम के कार्य बताइए

1 Answers

जाइलम निर्जीव ऊतक हैं। ये जड़ों से जल और घुले हुए लवणों को पत्तियों में पहुँचाते हैं।
फ्लोएम सजीव ऊतक हैं। ये पत्तियों में तैयार शर्करा को पौधे के सभी भागों तक पहुँचाते हैं। जाइलम ऊपर की तरह गति करने में सहायक होते हैं और फ्लोएम नीचे की तरफ गति कराते हैं।

जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वाहन का अंतर है?


जाइलम- जाइलम निर्जीव ऊतक हैं। ये जड़ों से जल और घुले हुए लवणों को पत्तियों में पहुँचाते हैं। ये ऊपर की और गति कराते हैं।
फ्लोएम- फ्लोएम सजीव ऊतक हैं। ये पत्तियों में तैयार शर्करा को पौधे के सभी भागों तक पहुँचाते हैं। यर नीचे की तरफ गति कराते हैं।

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हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?


बहुकोशी जीवों में उनकी केवल बहरी त्वचा की कोशिकाएँ और रंध्र ही आस-पास के वातावरण से सीधे संबंधित होते हैं। बहुकोशीय जिव जैसे मनुष्य में शरीर का आकार बहुत बड़ा होता है तथा शरीर की संरचना जटिल होती है। बहुकोशीय जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे ही पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती। अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त है।

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जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे?


जीवन के अनुरक्षण के लिए जो प्रक्रम आवश्यक मने जाने चाहिए, वे हैं-
(i) पोषण, (ii) श्वसन, (iii) परिवहन, (iv) उत्सर्जन, (v) वृद्धि तथा विकास, (vi) जनन, (vii) गति, (viii) अनुकूलन, (xi) उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया।

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किसी जिव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है?


बाहर से जीवों को कच्ची सामग्री की आवश्यकता निम्नलिखित उदेश्यों की पूर्ति के लिए होती है-
(i) भोजन- ऊर्जा प्राप्ति के के लिए उचित पोषण।
(ii) ऑक्सीजन- श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन।
(iii) जल- शरीर को भोजन को पचने और शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
(iv) टीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण के लिए।
(v) कोशिकाओं, ऊतकों के बनने व रख-रखाव के लिए।

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श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जिव की अपेक्षा स्थलीय जिव किस प्रकार लाभप्रद हैं?


जलीय जिव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है मछलियाँ अपने मुहँ के द्वारा जल लेती हैं और बल-पूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचती हैं। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है।
दूसरी ओर स्थलीय जिव ऑक्सीजन (O2) के लिए वायु पर निर्भर करते हैं। वायु में O2 की मात्रा 12% होती है। उन जीवों में साँस लेने के लिए फुफ्फुस (फेफड़े) होते हैं, जिनकी क्षमता क्लोम की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। इसलिए स्थलीय जीवों को ऑक्सीजन की पर्याप्त मिलती रहती है।

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कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?


सभी जीवित वस्तुएँ सजीव कहलाती हैं। वे रूप-रंग, आकार आदि में समान भी होते हैं तथा भिन्न भी। अत: कोई वस्तु सजीव है, इसके निर्धारण के लिए निम्नलिखित मापदंड हैं:
(i) सजीवों की संरचना सुसंगठित होती है।
(ii) उनमें कोशिकाएँ और ऊतक होते हैं।
(iii) सजीवों में वृद्धि तथा विकास होता है।
(iv) साँस लेना तथा श्वसन।
(v) सजीवों की निश्चित रूप से मृत्यु होती है।
(vi) पौधों की कोपल तथा हरे नए पत्तों की वृद्धि आदि।
(vii) उनके शरीर में रासायनिक क्रियाओं की श्रृंखला चलती है। उनमें उपचय-अपचय अभिक्रियाएँ होती हैं।

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जाइलम एवं फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?

ये जड़ों से जल और घुले हुए खनिज लवणों को पत्तियों तक पहुँचाते है। फ्लोएम सजीव ऊतक है। ये पत्तियों में तैयार शर्करा को पौधे के सभी भागो तक पहुँचाते है। जाइलम जल एवं खनिज लवणों को ऊपर की दिशा में गति कराते है जबकि फ्लोएम शर्करा को निचे की दिशा में गति कराते है।

जाइलम और फ्लोएम का क्या कार्य है?

Solution : (i) फ्लोएम के कार्य-यह पादप ऊतक पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के विभिन्न भागों में . स्थानान्तरित करते हैं। <br> (ii) जाइलम के कार्य-यह पादप ऊतक जल एवं उसमें घुले हुए खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधों के ऊपरी भागों तक पहुँचाता है। यह ऊतक पौधों को यांत्रिक सहायता भी प्रदान करते हैं।

जाइलम तथा फ्लोएम में किसकी कोशिकाएं मृत होती है?

Solution : जाइलम की।

जाइलम और फ्लोएम को जटिल उत्तर क्यों कहा जाता है?

Solution : जाइलम तथा फ्लोएम को जटिल ऊतक इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते है है और सभी कोशिकाएँ मिलकर एक इकाई के रूप में विभाजित होकर कार्य करती है ।