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Show संसाधनसंसाधन: हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर उस वस्तु को संसाधन कहते हैं, जिसका इस्तेमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कर सकते हैं, जिसे बनाने के लिये हमारे पास प्रौद्योगिकी है और जिसका इस्तेमाल सांस्कृतिक रूप से मान्य है। संसाधन के प्रकार:संसाधन को विभिन्न आधारों पर विभिन्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है; जो निम्नलिखित हैं:
उत्पत्ति के आधार पर संसाधन के प्रकार
समाप्यता के आधार पर संसाधन के प्रकार:
स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के प्रकार:
विकास के स्तर के आधार पर संसाधन के प्रकार:
संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल
सतत पोषणीय विकास: ऐसे विकास को सतत पोषणीय विकास कहते हैं, जब विकास होने के क्रम में पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे और भविष्य की जरूरतों की अनदेखी न हो। संसाधनों के सही इस्तेमाल और सतत पोषणीय विकास के मुद्दे पर 1992 में रियो डे जेनेरो में अर्थ समिट का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में एक सौ राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए थे, जो एजेंडा 21 पर सहमत हुए थे। सतत पोषणीय विकास और संसाधन का सही इस्तेमाल इस एजेंडा का मुख्य मुद्दा था। इस एजेंडा मे समान हितों, पारस्परिक जरूरतों और सम्मिलित जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए विश्व सहयोग की बात की गई है ताकि पर्यावरण की क्षति, गरीबी और रोगों से लड़ा जा सके।
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जैविक संसाधन में निम्न में से कौन शामिल है?जैविक संसाधनों में वन, कृषि, फसल, वन्य जीवन और जानवर सम्मिलित हैं।
जैविक संसाधन कितने प्रकार के होते हैं?उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों के दो प्रकार हैं- जैविक और अजैविक । जैविक संसाधनों के अंतर्गत वन, समस्त वनोत्पाद, फसलें, पछी, पशु, मछली व अन्य सागरीय जैव रूप आते हैं। अजैविक संसाधनों के अंतर्गत भूमि, जल और खनिज जैसे- लोहा, ताँबा, सोना, चाँदी आदि आते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा एक जैविक संसाधन नहीं है?पेट्रोलियम, कोयला और मछली जैविक संसाधन कहे जाते हैं क्योंकि ये किसी जीव या जैविक पदार्थ से प्राप्त किए जाते है जबकि शुद्ध जल जैविक संसाधन नहीं होता है।
जैव संसाधन कैसे होते हैं?जैव संसाधन- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमे जीवन व्याप्त होता है, उदाहरण- मनुष्य, वनस्पतिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ।
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