राजस्थान का कोयला मंत्री कौन है? - raajasthaan ka koyala mantree kaun hai?

दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपनी 20 बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानों को फिर से शुरू करने और राजस्व शेयरिंग मॉडल पर उत्पादन का काम करने की पेशकश निजी क्षेत्र को करेगी। इस पेशकश के बारे में निजी क्षेत्र को बताने के लिए आज मुंबई में निवेशकों की एक बैठक का आयोजन किया गया।

राजस्थान का कोयला मंत्री कौन है? - raajasthaan ka koyala mantree kaun hai?

इस कार्यक्रम में निवेशकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि कोयला मंत्रालय का लक्ष्य थर्मल कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है। श्री जोशी ने सत्र में मौजूद निवेशकों को अवसर दिखाते हुए कहा कि, 'अभी कुछ समय पहले लोग कहा करते थे कि कोयले की आवश्यकता कम होने वाली है, लेकिन वर्तमान में हम कोयले की आवश्यकताओं में वृद्धि देख रहे हैं।' उन्होंने कहा कि, 'बंद पड़े कोयला खदानों में निकालने योग्य भंडार लगभग 380 मिलियन टन है, जिनमें से 30-40 मिलियन टन कोयला आसानी से निकाला जा सकता है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'खनन गतिविधियों को जारी रखने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए टीपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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कोयला एवं खनन मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति देख रहा है। उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिए सरकार की कोशिशें, परिवहन में ईंधन के विकल्प बदलने, और आधुनिक जीवन शैली के कारण देश में बिजली की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि, 'जहां हम ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को विकसित करने पर जोर दे रहे हैं, वहीं कोयला भी ऊर्जा उत्पादन में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक होने जा रहा है।' श्री जोशी ने आगे कहा कि कोयला मंत्रालय उन सभी सुझावों का स्वागत करती है जो सरकार के साथ-साथ उद्योग के लिए भी जीत के अवसर सामने लाने का भरोसा जगाएंगे।

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केंद्रीय कोयला, खनन और रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारत के पास दुनिया में कोयले का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है। उन्होंने कहा कि, ‘सरकार का लक्ष्य घरेलू कोयला उत्पादन को वित्त वर्ष 23-24 तक 1.2 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि, ‘ईंधन के रूप में, ऊर्जा मिश्रण में कोयले का सबसे बड़ा योगदान है’। उन्होंने आगे कहा कि ‘यह पहल नवीनतम खनन प्रौद्योगिकी, मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त करेगी’।

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केंद्रीय कोयला सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन ने कहा कि निवेशकों के लिए यह सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि, 'इन बंद खदानों का संचालन किया गया है जिसका मतलब है कि बुनियादी ढांचा तैयार है और काम शुरू करने की बाधाएं और वित्तीय बाधाएं कम से कम हैं'।

निवेशकों की इस बैठक में भेल, हिंडाल्को, अदानी, जेएसपीएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड, अल्ट्रा टेक सीमेंट, वेदांता और इस क्षेत्र की अन्य प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।

कोल इंडिया के इस कदम का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में ईंधन की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करना है। बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानें सीआईएल की पांच सहायक कंपनियों, ईसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल, एसईसीएल और डब्ल्यूसीएल में फैली हुई हैं।

कोल इंडिया का यह कदम निजी भागीदारी की मदद से इन खानों में सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और सामाजिक, पर्यावरणीय और परिचालन स्थिरता बनाए रखेगा। यह स्थानीय आबादी के लिए आजीविका के अवसर भी खोलेगा और कोयले पर निर्भर उद्योगों की मदद करेगा। राज्यों को भी रॉयल्टी के रूप में प्राप्त होने वाले बढ़े हुए राजस्व से लाभ होगा।

केंद्रीय मंत्री श्री जोशी और श्री दानवे ने कोयला मंत्रालय द्वारा तैयार "कोयला क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी योजना" का भी अनावरण किया। इस प्रौद्योगिकी योजना से नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और उन्हें लागू करने और सुरक्षा एवं उत्पादकता, पर्यावरण संरक्षण, उत्पादकता में वृद्धि, कोयले का उत्पादन बढ़ाने और इसमें लागत को कम करने सहित कामकाज का वातावरण बेहतर करने और खनन कार्यों में बढ़ोतरी होगी। प्रौद्योगिकी रोडमैप को कोयला कंपनियों के लिए नई तकनीकों को अपनाने और खानों के लिए मौजूदा और भावी मदद जुटाने में डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए बेंचमार्क दस्तावेज़ के रूप में लिया जाएगा।

राजस्थान का कोयला मंत्री कौन है? - raajasthaan ka koyala mantree kaun hai?

इस अवसर पर कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल और अपर सचिव (कोयला) श्री एम. नागराजू भी उपस्थित थे।

 यही वजह है कि हमें अब कोयले को इंपोर्ट करना होगा 10 फीसदी महंगी दरों पर हमें बाहर से कोयला खरीदना पड़ेगा फिलहाल राजस्थान में स्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा मानसून की बरसात से हमें काफी मदद मिली है, लेकिन राजस्थान में बिजली व्यवस्था को सुचारु रखने में हमें कोयले की खरीद बाहर से करनी होगी.

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जयपुर। राजस्थान में कोयला और बिजली संकट दूर करने के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी व अधिकारियों का मंगलवार को दिनभर दिल्ली में बैठकों का दौर चला। पहले केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी और फिर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बीच तय किया गया कि कोल मंत्रालय प्रतिदिन 12 हजार टन अतिरिक्त कोयला (तीन रैक) उपलब्ध कराएगा। इससे 750-800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा।

राजस्थान में कोयला मंत्री कौन है?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी की प्रशंसा को बगावत का संकेत बताया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ट्वीट कर लिखा- गहलोत विद्रोह के रास्ते पर है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी की प्रशंसा को बगावत का संकेत बताया है।

कोयला मंत्री कौन है 2022 में?

कोयला मंत्री पीयूष गोयल की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi - NDTV India.

वर्तमान कोयला मंत्रालय कौन है?

श्री पीयूष गोयल – Mcommerce.

कोयला और पेट्रोलियम मंत्री कौन है?

श्री हरदीप एस पुरी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, आवास और शहरी मामलों के मंत्री