अगर आप अपने पार्टनर के साथ कोर्ट मैरिज करने की सोच रहें हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए भी भारत में कई सारे नियम और कानून हैं। कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म या जाति के बालिग हो चुके लड़का और लड़की के बीच हो सकती है। Show
आपको इस लेख में हम बताएंगे कि कोर्ट मैरिज क्या होती है और इसके लिए भारत में कौन से नियम हैं। क्या होती है कोर्ट मैरिज?
कोर्ट मैरिज की पूरे देश में एक ही प्रक्रिया – The same process of Court Marriage across the countryआपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा कि क्या शादी में किसी धर्म विशेष को तरजीह दी जाती है? तो आपको बता दें कि कोर्ट मैरिज के तहत न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन और बौद्धों के विवाह शामिल होते हैं। कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म, संप्रदाय, या जाति के युवक -युवती के बीच हो सकती है। बस शर्त यह है कि दोनों को बालिग होना चाहिए। दोस्तों, किसी विदेशी और भारतीय की भी कोर्ट मैरिज हो सकती है। और सबसे खास बात यह है कि Court Marriage करने के लिए पूरे देश मेंं एक ही प्रक्रिया है।
कोर्ट मैरिज आनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं है – Court Marriage does not have online registration facilityइस वक्त और सभी सुविधाएं भले ही आनलाइन हों, लेकिन मित्रों कोर्ट मैरिज के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जा सकता। इसमें युवक-युवती के साथ ही गवाहों की मौजूदगी अनिवार्य है। और अब तो ऐसा भी है कि कई जोड़े परंपरागत रूप से शादी करने के बाद सर्टिफिकेट के लिए शादी को कोर्ट में भी रजिस्टर कराते हैं। कोर्ट मैरिज के लिए शर्तें क्या हैं? What are the conditions for Court Marriage?दोस्तों आपको बता दें कि Court Marriage के लिए दोनों पक्षों को मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन करना होता है। शादी रजिस्ट्रार के समक्ष तीन गवाहों की मौजूदगी में संपन्न होती है। मूल रूप से कोर्ट मैरिज की शर्तें इस प्रकार से हैं-
कोर्ट मैरिज फीस कितनी है? What is the Court Marriage fee?विशेष विवाह अधिनियम –यदि आप विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत अर्थात आप अपने धर्म के अनुसार नहीं बल्कि रजिस्ट्रार ऑफिस से शादी करना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं। इसके लिए दोनों लोगों को संबंधित जिला के विवाह अधिकारी के पास अपने विवाह संबंधी निर्णय की लिखित सूचना देनी होती है। यह नोटिस सभी के लिए खुला रहता है। यदि कोई चाहे तो इस बीच 30 दिनों के अंदर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। यदि 30 दिनों के अंदर कोई आपत्ति नहीं आती है। जो आप विवाह पंजीकरण का शुल्क देकर अपना विवाह संपन्न कर सकते हैं।
विवाह सम्पन्न करने के लिए आपको तीन गवाहों की आवश्यकता होती। विवाह पंजीकरण की यह प्रक्रिया काफी लंबी और इस प्रक्रिया के लिए अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया जाते हैं। हालांकि इस तरीके से विवाह करने की न्यूनतम फीस ₹1000 है। लेकिन अन्य औपचारिकता, कागजी कार्रवाई एंव वकील आदि की व्यवस्था करने में 10000 से ₹20000 तक का खर्चा आ जाता है। एक विवाहित विवाह पंजीकरणविवाह संपन्न करने की यह सरल और लोकप्रिय प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में दोनों पक्ष वर-वधू एक ही धर्म के होते हैं अथवा किसी एक धर्म में परिवर्तित होने के इच्छुक होते हैं। वह अपने धर्म के संस्कारों और समारोह जैसे हिंदू विवाह अथवा निकाह आदि के तरीके के साथ विवाह करना होता है। जैसे – आर्य समाज मंदिर या फिर काजी द्वारा संपन्न करा सकते हैं। और तुरंत प्राण पत्र जारी कर सकते हैं। इस तरह के विवाह संपन्न करने में कम से कम ₹2000 तक का खर्चा आ सकता है। शादी होने के पश्चात जिला विवाह अधिकारी के पास जाकर ₹1000 की फीस जमा करके कानूनी तौर पर अपना विवाह पंजीकरण किया जा सकता है।
कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया क्या है? What is the process of Court Marriage?मित्रों, कोर्ट मैरिज करने के लिए आवश्यक शर्त जानने के बाद अब हम आपको बताएंगे कि Court Marriage की क्या प्रक्रिया है-
नोट – इस दौरान एक और बात यहां ध्यान में रखने वाली है और वो ये कि यदि शादी के नोटिस के प्रकाशन के तीन माह के भीतर किसी भी वजह से विवाह नहीं होता तो बाद में शादी करने के लिए दोबारा नोटिस देना पड़ता है।
कोर्ट मैरिज के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी – Documents required for Court Marriageऐसा नहीं है कि केवल कोर्ट में आवेदन करने मात्र से ही Court Marriage हो जाए। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कोर्ट मैरिज करने के लिए भी किसी भी अन्य प्रक्रिया की ही तरह आवेदन के समय कुछ दस्तावेज जरूरी किए गए हैं। अब हम आपको इन दस्तावेजों की जानकारी देंगे। यह इस प्रकार से हैं-
कोर्ट मैरिज ज्यादातर विपरीत धर्म वाले करते हैं –मित्रों, एक अनुमान के अनुसार ज्यादातर विपरीत धर्म वाले कोर्ट मैरिज का रास्ता अपनाते हैं। अभी तक देखा यही गया है कि ऐसे मामलों मेंं परिजन उन्हें विवाह की इजाजत नहीं देते। कई मामलों में प्रेमी जोड़ों को घरवालोंं की इजाजत नहीं मिलती तो वह भी शादी के लिए कोर्ट की शरण लेते हैं। कुछ लोग इसलिए भी Court Marriage को तरजीह देते हैं, क्योंकि वे परंपरागत रूप से किए जाने वाले विवाह में होने वाले अनावश्यक खर्च से बचना चाहते हैं। और इसके अलावा उनके पास शादी का प्रमाण भी होता है। आपको यह भी बता दें कि ज्यादातर पढ़े लिखे लोगों में कोर्ट मैरिज का चलन बढ़ता हुआ देखने को मिल रहा है।
यह अलग बात है कि समाज वाले अभी भी कोर्ट मैरिज को लेकर अच्छी राय नहींं रखते। उनकी नजर मेंं शादी वही अच्छी होती है, जिसमेंं परिजनों के साथ ही समाज भी शामिल होता है और पूरे रीति रिवाजों का पालन भी किया जाता है। और ज्यादातर जगह होता यह है कि इसके लिए वह समय-समय पर बच्चों की मेंटल कंडीशनिंग भी करने से नहींं चूकते। फिल्मोंं से भी बढ़ा Court Marriage का चलन –दोस्तों, बेशक आप न मानें, लेकिन ये एक फैक्ट है कि फिल्मोंं का भी समाज पर बड़ा असर पड़ता है। बालीवुड मे प्रेमकथाओंं पर आधारित अधिकांश फिल्मों मेंं अक्सर दिखाया जाता है कि जब परिवार नायक – नायिका के विवाह के लिए तैयार नहीं होते तो वह कोर्ट में अर्जी देते हैं। उनके दोस्त उनकी शादीके गवाह बनकर हस्ताक्षर करते हैं। इस तरह की फिल्में युवाओं को बेहद पसंद भी आई हैं, जो निर्माता को इस तरह की फिल्म बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।
हालांकि कुछ समय से समाज मेंं खुलापन आने की वजह से लोग इस चलन को स्वीकार भी कर रहे हैं। वह अपने बच्चों को उनकी पसंद के जीवनसाथी से विवाह करने में अधिक अड़ंगे नहीं लगा रहे। ऐसा शिक्षा के प्रसार की वजह से भी हुआ माना जा सकता है। इसके अलावा देश में एक जगह से दूरी जगह बसने पर भी युवा ध्धर्म और भाषा की दीवार तोड़ एक दूसरे को कोर्ट मैरिज के जरिये अपना रहे हैं। वह जीवन भर एक-दूसरे का साथ्थ भी बखूबी निभाते हैं। ऐसे ढेरों केस हैं। ज्यादातर Court Marriage जल्द टूटती है –साथियों, अक्सर देखा गया है कि कोर्ट मैरिज के बाद प्रेमी – प्रेमिका कुछ समय तो हंसी-खुशी साथ् गुजारते हैं, लेकिन जल्द ही उनमें किसी न किसी मसले पर विवाद होने लगता है, जो अक्सर उन्हें एक बार फिर तलाक की दहलीज पर ला खड़ा करता है और वह इसके लिए एक बार फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने लगते हैं। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि परंपरागत रूप से किए गए विवाह अधिक सफल होते हैं, क्योंकि उनमेंं पारिवारिक दबाव काम करता है। साथ ही समझौते की भी पूरी पूरी गुंजाइश रहती है।
किसी भी तरह का विवाद सामने आने पर परिवार के बड़े अक्सर बैठकर मामले को सुलझवा देते है। समझौता करा देते हैं। इसके ठीक उलट कोर्ट मैरिज के बाद अकेले रह रहे लोगों के पास समझौते कराने के लिए कोई नहीं होता। ऐसे में दोनों पक्षों का अहं टकराता है और अलगाव की नौबत आ जाती है। लेकिन Court Marriage के तुरंत बाद तलाक की अर्जी नहीं दी जा सकती। जानिए क्यों- कोर्ट मैरिज को कैंसिल कैसे करे? कोर्ट मैरिज के तुरंत बाद तलाक की अर्जी क्यों नहीं दी जा सकती? Why can’t a divorce petition be filed immediately after a Court Marriage?कोर्ट मैरिज के तुरंत बाद तलाक की अर्जी नहीं दी जा सकती इसके निम्न लिखित कारन हैं –
कोर्ट मैरिज से संबंधित सवाल जवाबकोर्ट मैरिज क्या है?कोर्ट मैरिज एक ऐसा शादी समारोह होता है जिसमे लड़का लड़की अपने आयु पूर्ण होने पर बिना किसी परंपरागत समारोह के सरकारी कागज़ातों के अनुसार शादी करते है। क्या कोर्ट मैरिज करने पर सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि मिलती है?जी हां, जब कोई दंपत्ति अंतरजातीय विवाह करते है, मतलब की लड़की और लड़का अलग – अलग जाति के है और वह कोर्ट मैरिज करते हैं। तो सरकार की तरफ से उन्हें प्रोत्साहन के रूप में ₹250000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। कोर्ट मैरिज करने में कितना ख़र्चा होगा?कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फीस हर राज्य में अलग – अलग है। बैसे बेसिकली सरकार के द्वारा लगभग कोर्ट मैरिज करने पर 1000 रुपये का ख़र्च होता है। लेकिन अगर आप कोर्ट मैरिज करने में किसी विशेष वक़ील की मदद लेते हैं तो यह ख़र्चा अधिक भी हो सकता है। क्या कोर्ट मैरिज के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते है?जी नही, कोर्ट मैरिज करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने की सुविधा नही है। इसके लिए युवती – युवक को जिला कचहरी में 3 गवाह के साथ उपस्थित होना पड़ता है। कोर्ट मैरिज करने के लिए युवक और युवती की आयु कितनी होनी चाहिए?जो युवती – युवक कोर्ट मैरिज करना चाहते है तो इस स्थिति में युवती की आयु 18 वर्ष और युवक की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। कोर्ट मैरिज शादी किस अधिनियम के अंतर्गत की जाती है?कोर्ट मैरिज शादी अधिनियम 1954 के अंतर्गत संपन्न की जाती है क्या कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म संप्रदाय में हो सकती है?जी हां, अधिनियम 1954 के तहत कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म, संप्रदाय जाति के युवक – युवती के बीच हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योजना लिस्ट 2023नियम कानूनयोगी योजना लिस्ट 2023 दोस्तोंं, तो यह थी कोर्ट मैरिज से जुड़ी जानकारी। उम्मीद है कि आपको Court Marriage से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब मिल गया होगा। यदि आप कोर्ट मैरिज क्या है? कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज फीस से जुड़े किसी अन्य बिंदु के बारे मेंं जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए आपको नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करना होगा। किसी अन्य विषय पर भी अगर जाप जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए संबंधित विषय हमसे साझा कर सकते हैं। तरीका वही है आपको कमेंट बाक्स में कमेंट करना होगा। आपके किसी भी सुझाव का हम स्वागत करते हैं। इसके साथ ही आपकी प्रतिक्रियाओं का भी हमें इंतजार रहेगा। धन्यवाद। 1 दिन में शादी कैसे करें?अगर आप केवल एक दिन में शादी करना चाहते हैं, तो भारत के पर्सनल लॉ आपकी मदद कर सकते है। आप पहले आर्य समाज में शादी करके, फिर उसी शादी का कोर्ट से हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकते है। यह एक्ट हिन्दू, बौद्ध, सिख या जैन लोगों पर ही लागू होता है।
भारत में कोर्ट मैरिज कैसे की जाती है?कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म संप्रदाय अथवा जाति के बालिग युवक-युवती के बीच हो सकती है। किसी विदेशी व भारतीय की भी कोर्ट मैरिज हो सकती है। कोर्ट मैरिज में किसी तरह का कोई भारतीय तरीका नहीं अपनाया जाता है। बस इसके लिए दोनों पक्षों को सीधे ही मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन करना होता है।
यूपी में कोर्ट मैरिज कैसे करें?कोर्ट मैरिज में क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए 2022. दो गवाह और उनकी फोटो. निवास प्रमाण पत्र (आधार कार्ड/वोटर आईडी कार्ड/पैन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/राशन कार्ड) इनमें से कोई एक दस्तावेज. लड़की का आयु प्रमाण पत्र (हाई स्कूल मार्कशीट/जन्म प्रमाण पत्र) इनमें से एक. भाग कर शादी कैसे की जाती है?सबसे पहले क्या आप दोनों बालिग हैं।. क्या आप दोनों अपना खर्चा स्वयं उठाने में सक्षम हैं।. क्या लड़की आपका साथ देगी, क्या हर हाल और हर परिस्थिति में वह साथ निभाएगी।. क्या आप दोनों अपनी सुरक्षा करने में सक्षम है।. क्या आप दोनों हर तरह से संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।. क्या अपने आपको कुछ दिनों के लिए छुपा कर रखने की क्षमता है।. |