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आईपीओ के जरिए कोई भी कंपनी 5 या फिर 7 शेयर नहीं देती. इसमें लॉट ऑफर किए जाते हैं. कंपनी की ओर से ऑफर किए गए लॉट में 1 से लेकर कितने भी शेयर हो सकते हैंपहले से ही लिस्टिड शेयर को दो गुना करने में काफी मेहनत लगती है आज के समय में कई लोग शेयर बाजार में पैसा इंन्वेस्ट करते हैं ताकि उन्हें उसका अच्छा रिटर्न मिल सके. और लोगों को अच्छा रिटर्न मिलता भी है. वहीं आईपीओ यानि की इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering)एक ऐसी ही प्रक्रिया है जिसमें कंपनियां शर्त के साथ ही मार्केट से पैसा जुटाती है. दरअसल आईपीओ से पहले कंपनी सीमित शेयर धारकों के साथ निजी तौर पर कारोबार भी करती है. वहीं आईपीओ के बाद शेयरों का नंबर बढ़ जाता है. आईपीओ खरीदना एक तरह से किसी कंपनी के शेयर खरीदना ही है. इसमें कई न्यू इन्वेसटर मिल जाते हैं. इतने दिनों के लिए खुलता है IPOआईपीओ के जरिए कोई भी कंपनी 5 या फिर 7 शेयर नहीं देती. इसमें लॉट ऑफर किए जाते हैं. कंपनी की ओर से ऑफर किए गए लॉट में 1 से लेकर कितने भी शेयर हो सकते हैं. लेकिन इस दौरान कंपनी द्वारा बताया जाता है कि, प्रति व्यक्ति कितने लॉट बुक कर सकता है. साथ ही इसकी एक तय कीमत भी होती है. आईपीओ लाने की जानकारी कंपनी को ही लोगों को देनी पड़ती है. इसके तहत कंपनी बताती है कि किस दिन से शेयर खरीदने के लिए बुकिंग होगी. दरअसल आईपीओ 3 से 5 या फिर 7 दिनों के लिए खुलता है. और इसके बाद बुकिंग बंद कर दी जाती है. यानि की आप इसके बाद किसी भी कंपनी के शेयर बुक नहीं कर सकते हैं. शेयर खरीदने के लिए पहले होती है बुकिंगशेयर बाजार में तेजी के माहौल के बीच और लिक्विडिटी भरपूर होने की वजह से IPO को शानदार रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद है. दरअसल IPO के जरिए कभी भी शेयर सीधे खरीदे नहीं जा सकते हैं. सबसे पहले आपको बुकिंग करनी होती है. इसमें न केवल कम कीमत पर शेयर मिल जाते है जब्कि इसके तहत रिटर्न भी अच्छा मिल जाता है. दरअसल ज्यादातर कंपनियां IPO के जरिए जुटाए गए अमाउंट का कई तरीके से करती है. अमूमन इसे बिजनेस बढ़ाने के लिए या फिर नए प्रोडक्ट को लॉन्च करने के लिए भी किया जाता है. जितना फायदा, उतना रिस्क भीआईपीओ कंपनी के मालिकों और शुरुआती निवेशकों को बिक्री के प्रस्ताव के जरिए बाहर निकलने का ऑप्शन भी देती है. साथ ही उन्हें नए व्यवसाय में शुरुआती जोखिम लेने के लिए कंपनसेट भी किया जाता है. दरअसल जो कंपनियां शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती है. वह आईपीओ के जरिए ही आती है. ऐसे में जब भी आईपीओ लिस्ट होता है तो इस बात की संभावनाएं भी बढ़ जाती है कि, शेयर वैल्यू डबल हो जाएगी. जबकि पहले से ही लिस्टिड शेयर को दो गुना करने में काफी मेहनत लगती है. लेकिन जितना यहां फायदा है उतना रिस्क भी है. क्योंकि जरूरी नहीं है हर बार IPO डबल हो. कई बार इसके कम रहने की उम्मीद भी होती है. ये भी पढ़ें- 7th Pay Commission: सरकार ने इन कर्मचारियों की बढ़ाई सैलरी, पहले से 2030 रुपये ज्यादा आएगी तनख्वाह
आईपीओ (Initial Public Offerings) कंपनियों के लिए आम जनता को अपनी शेयर पूंजी खोलने का एक तरीका है लेकिन एक रिटेल इन्वेस्टर के लिए क्या आईपीओ में इन्वेस्ट करना सही है। चलिए इस प्रश्न केउत्तर के लिए आईपीओ के फायदे जानते है जिससे आप एक सही निर्णय ले सके। आईपीओ खरीदने के फायदेएक रिटेल इन्वेस्टर सिर्फ उन्ही कंपनी के शेयर्स में निवेश कर सकता है जो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टड है। अब लिस्ट होने के लिए हर एक कंपनी को एक पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसमे ड्राफ्ट बनाना, सेबी में आईपीओ को फाइल करने के सही उद्देश्य बताना आदि। अब हर एक कंपनी को सेबी की तरफ से हरी झंडी भी नहीं दिखती और जिन कम्पनीज को अपने शेयर लिस्ट करने की अनुमति प्राप्त होती है वह कंपनी आईपीओ एप्लीकेशन लेकर आती है। ये सारी प्रक्रिया प्राइमरी मार्केट में होती है। तो यहाँ से एक बात तो साफ़ है कि ज़्यादातर आईपीओ लाने वाली कम्पनीज को सेबी द्वारा चेक किया जाता है जिससे एक निवेशक के रिस्क कुछ हद तक कम हो सकते है। लेकिन इसके बाद भी एक प्रश्न एक निवेशक के मन में आता है कि क्या आईपीओ सुरक्षित है? अगर आप भी ऐसा सोच रहे है तो उसके लिए ज़रूरी है कि आप कंपनी की पूर्ण जानकारी लेकर ही उसमे निवेश करें। अगर आप सही दिशा और तरीके का इस्तेमाल कर आईपीओ में निवेश करेंगे तो आप निम्नलिखित आईपीओ के फायदे के भागीदार बन सकते ह। 1. लिस्टिंग गेनअब जब भी कोई कंपनी आईपीओ लेकर आती है तो वह प्राइमरी मार्केट में एक निर्धारित इशू प्राइस पर शेयर उपलब्ध करवाती है। अब अगर कंपनी का पुराना रिकॉर्ड अच्छा है यानी की पीछे कुछ सालो में कंपनी ने एक अच्छा-ख़ासा प्रॉफिट रिकॉर्ड किया हो और साथ ही आने वाले सालो में ग्रोथ की और योजनाए हो तो उस स्थिति में ज़्यादा से ज़्यादा निवेशक उस आईपीओ में आवेदन करते है। मार्केट का एक रूल ज़्यादा डिमांड तो शेयर का प्राइस बढ़ने के उम्मीद। अब अगर आईपीओ में ज़्यादा निवेशक आवेदन करने में रुचि रखते है तो इससे उस कंपनी का एक्सचेंज में ज़्यादा प्राइस में लिस्ट होने के चांस होते है। इसके साथ आईपीओ के फायदे की सूची में पहले फायदे के बारे में बात करते है जिसमे जिन निवेशकों को आईपीओ शेयर आवंटित किये जाते है वह लिस्टिंग वाले दिन उसे मार्केट में बेच कर मुनाफा कमा सकते है। उदाहरण के लिए, मान लीजिये कि किसी कंपनी के शेयर का इशू प्राइस 100 रुपये है और ज़्यादा डिमांड यानी की सब्सक्रिप्शन के कारण वह कंपनी 140 रुपये में लिस्ट हुई तो यहाँ पर जिन निवेशकों को वह आईपीओ प्राप्त हुआ है वह चाहे तो आवंटित हुए शेयर को बेच 40 रुपये का मुनाफा कमा सकते है। 2. स्टॉक मार्केट में निवेश करने का मौकाअब काफी बार एक शुरूआती निवेशक सही कंपनी का चयन नहीं कर पाता और शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने में पीछे रह जाता है। ऐसे में आईपीओ उनके लिए एक बहुत बड़ा अवसर लेकर आता है जिससे वह शुरुआत में ही एक सही कंपनी को चुन उसमे निवेश कर अपने मुनाफे या रिटर्न को बढ़ा सकते है। लेकिन यहाँ पर एक सही निवेश के लिए ज़रूरी है कि निवेशक मार्केट और उस आईपीओ से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बातो को पहले से समझे और सही विश्लेषण कर ही उसमे इन्वेस्ट करें। 3. कम पैसो के साथ निवेशअब बहुत से शुरूआती निवेशक सोचते है कि कितनी राशि के साथ निवेश करना उनके लिए फायदेमंद होगा। अब यहाँ पर आईपीओ उनकी इस दुविधा को थोड़ा कम करने में मदद करता है। सेबी के निर्देशों के अनुसार कोई भी रिटेल इन्वेस्टर ₹15000-₹2,00,000 तक की राशि से किसी कंपनी के आईपीओ शेयर के लिए आवेदन कर सकता है। और अगर आईपीओ शेयर एक अच्छे प्राइस पर लिस्ट हुए तो अपनी लगयी राशि पर कम समय में ही मुनाफा कमाने की उम्मीद रख सकते है। 4. पारदर्शिताअब जैसे की लेख की शुरुआत में इसका उल्लेख किया गया है कि जब भी कोई कंपनी मार्केट में आईपीओ लेकर आती है तो उसे सेबी की चेकलिस्ट से गुजरना पड़ता है। अब यहाँ पर सेबी इन सब बातो का बहुत ध्यान रखता है की उन्हें कम्पनीज को आईपीओ लाने की अनुमति दी जाए जो निवेशकों के हित में हो। इसके साथ जो भी कंपनी आईपीओ लेकर आती है वह उस कंपनी की पूरी जानकारी एक डॉक्यूमेंट जिसे DRHP कहा जाता है निवेशकों तक पहुँचती है। इस डॉक्यूमेंट में निवेशक कंपनी के बिज़नेस, आज तक के हुए ग्रोथ और आने वाले समय में कंपनी के जो भी प्लान है उसकी जानकारी प्राप्त कर सकती है। ये डॉक्यूमेंट आप SEBI की वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते है। 5. इक्विटी ओनरशिप और डिविडेंडअब जब भी को निवेशक किसी कंपनी के शेयर में लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करता है तो उसे कंपनी की इक्विटी में ओनरशिप प्राप्त होती है, यानी की कंपनी में ग्रोथ के लिए जो भी बड़े फैसले किये जाते है उसमे एक निवेशक को वोटिंग राइट दिया जाता है, जिसका उपयोग कर वह अपनी विचार कंपनी के आगे रख सकता है। साथ ही कुछ कम्पनीज अपने निवेशकों को अपने मुनाफे का हिस्सेदार बनाती है जिसे वह डिविडेंड या बोनस शेयर के रूप में अपने शेयरधारको को उपलब्ध करवाती है। आईपीओ के फायदे में एक फायदा ये भी है की आप शेयरधारक को मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ के भागीदार बन सकते है। निष्कर्षस्टॉक मार्केट में कई तरह के निवेश करने के विकल्प मौजूद है और हर एक इन्वेस्टमेंट में किसी न किसी तरह का जोखिम भी होता है। यहाँ पर एक सही निवेशक वही है जो सभी तरह के रिस्क और रिटर्न की जानकारी प्राप्त कर ही उसमे निवेश करें। आईपीओ के फायदे बहुत है लेकिन अगर आप पूरी समझदारी और जानकारी के साथ उसमे निवेश करें। अगर आप इसमें और बेहतर निर्णय लेना चाहते है तो आईपीओ टिप्स से इसमें एक सुरक्षित निवेश कर सकते है यदि आप आगामी आई.पी.ओ में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए डीमैट खाता चाहिए। बस नीचे कुछ बुनियादी विवरण भरें और आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी: आईपीओ के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे टेबल पर जाएं। Summary Review Date Reviewed Item आई.पी.ओ के फायदे Author Rating 5
क्या IPO खरीदने से फायदा होता है?आईपीओ से निवेशकों का फायदा
इसमें लॉट ऑफर किए जाते हैं. कंपनी की ओर से ऑफर किए गए लॉट में 1 से लेकर कितने भी शेयर हो सकते हैं. ऐसे में जो भी इनवेस्टर आईपीओ में इन्वेस्ट करते हैं उन्हें कम कीमत में कंपनी में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है. इससे कंपनी को फायदा होगा तो आपके शेयरहोल्डिंग के फायदे में भी इजाफा होगा.
आईपीओ से पैसा कैसे कमाया जाता है?IPO से पैसे कैसे कमाए
जब भी कोई कंपनी आईपीओ में List होती है, तो उससे पहले वह Invesment Bank के साथ अपने शेयर का Pirice निर्धारित करती है। इसके बाद कंपनी के शेयर Stok Market में जाते है। जहाँ पर यह और ज्यादा कीमत पर बिकते है। आईपीओ से पैसे कमाने के लिए आपको अच्छे Stok खरीदना जरुरी होता है।
सबसे अच्छा आईपीओ कौन सा है?1. Aadhaar Housing Finance IPO: अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ने पिछले साल जनवरी में सेबी के पास अपना ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था। सेबी के नवीनतम मसौदे अपडेट के अनुसार, आधार हाउसिंग का आईपीओ ₹ 7,300 करोड़ तक का है। इसमें ₹ 1,500 करोड़ का एक फ्रेश इश्यू और ₹ 5,800 करोड़ मूल्य का एक ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।
IPO कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?आईपीओ के लिए आवेदन करने का सबसे प्रमुख तरीका ऑनलाइन तरीका है। इसे ASBA या एप्लीकेशन सप्पोर्ट ब्लॉक्ड अकाउंट भी कहा जाता है। आईपीओ में ASBA के माध्यम से अप्लाई करने की सबसे अच्छी बात यह है कि आपको तब तक कोई राशि नहीं देनी है जब तक आपको आपके द्वारा आवंटित शेयर नहीं मिल जाते।
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