वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

समान द्रव्यमान के दो पिण्डों (m1 = 4 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 4 kg, u2 = 0 m/s) के प्रत्यास्थ संघट्ट ; संघट्ट के पूर्व सम्पूर्ण संवेग प्रथम पिण्ड में है, संघट्ट के बाद वह सारा संवेग दूसरे पिण्ड में चला जाता है।

वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

दो अत्यधिक असमान द्रव्यमान वाले पिण्डों (m1 = 1000 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 0,1 kg, u2 = 0 m/s) का प्रत्यास्थ संघट्ट ; इस संघट्ट में संवेग का बहुत कम अन्तरण (ट्रान्सफर) होता है क्योंकि हल्का पिण्ड थोड़ा सा संवेग पाकर ही तेज गति से निकल जाता है। बड़े द्रव्यमान वाले पिण्ड का संवेग बहुत कम परिवर्तित होता है।

वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

समान द्रव्यमान वाले दो पिण्डों का अप्रत्यास्थ संघट्ट

पूल (क्यू खेल) में, रेखीय संवेग संरक्षण संरक्षित रहता है; जैसे कि, जब संघट के बाद जब एक गेंद रुकती है, दूसरी गेंद समान संवेग के साथ दूर चली जाती है। यदि गतिशील गेंद गति करे या सामान्य से थोडी मुड़ जाती है तो दोनों गेंदे संघट्ट के बाद अपने आंशिक संवेग के साथ गतिशील रहेंगी।

किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग (momentum) कहते हैं:

संवेग एक सदिश राशि है क्योंकि इसका एक परिमाण होता है और एक दिशा भी होती है। एक संबंधित राशि कोणीय संवेग है।

संवेग एक संरक्षित राशि है। अर्थात किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है।

रेखीय संवेग का संरक्षण[संपादित करें]

रेखीय संवेग का संरक्षण का नियम (law of conservation of linear momentum) प्रकृति का मूलभूत सिद्धान्त है। इसके अनुसार,

पिण्डों के किसी बन्द निकाय (सिस्टम) पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय तो उस निकाय का कुल संवेग नियत बना रहता है। इस नियम का एक परिणाम यह है कि वस्तुओं के किसी भी निकाय का द्रव्यमान केन्द्र (center of mass) एक नियत वेग से चलता रहेगा जब तक उस पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय।

संवेग की एक विशेष बात यह है कि यह सभी स्थितियों में संरक्षित रहता है - यहाँ तक कि संघट्टों (collisions) में, तथा विस्फोटक बलों के कारण होने वाली गति की दशा में भी। जबकि गतिज ऊर्जा संघट्ट की दशा में संरक्षित नहीं होती है यदि संघट्ट अप्रत्यास्थ (inelastic) होंगे। चूंकि संवेग संरक्षित रहता है, इस तथ्य का उपयोग संघट्ट के उपरान्त वस्तुओं के वेग ज्ञात करने के लिये किया।


क्रिया प्रतिक्रिया नियम के एग्जांपल:- (1) नाव की गति (2) तैरना (3) चोट लगना (4) चलना (5) बंदूक की गोली चलाने पर हाथ में पीछे की और झटका लगना (6) रॉकेट की गति (7) हाई जंप लोंग जंप

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • कोणीय संवेग
  • गतिज ऊर्जा
  • आवेग (इम्पल्स)

सन्दर्भ[संपादित करें]

वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

किसी ग्रह के चारो ओर उसके किसी उपग्रह की गति; इसमें ग्रह के ताक्षणिक वेग और त्वरण की दिशा पर ध्यान दीजिये।

वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

स्प्रिंग द्वारा लटका द्रव्यमान सरल आवर्त गति कर रहा है

वेग और समय के गुणनफल को क्या कहते हैं? - veg aur samay ke gunanaphal ko kya kahate hain?

यदि कोई वस्तु अन्य वस्तुओं की तुलना में समय के सापेक्ष में स्थान परिवर्तन करती है, तो वस्तु की इस अवस्था को गति (motion/मोशन) कहा जाता है।

सामान्य शब्दों में गति का अर्थ - वस्तु की स्थिति में परिवर्तन गति कहलाती है।

गति (Motion)= यदि कोई वस्तु अपनी स्थिति अपने चारों ओर कि वस्तुओं की अपेक्षा बदलती रहती है तो वस्तु की इस स्थिति को गति कहते है। जैसे- नदी में चलती हुई नाव, वायु में उडता हुआ वायुयान आदि।

परिभाषाएँ[संपादित करें]

दूरी (distance): किसी दिए गए समयान्तराल में वस्तु द्वारा तय किए गए मार्ग की लंबाई को दूरी कहते हैं। यह एक अदिश राशि है। यह सदैव धनात्मक (+ve) होती हैं।

विस्थापन (displacement): एक निश्चित दिशा में दो बिन्दुओं के बीच की लंबवत दूरी को विस्थापन कहते है। यह सदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक मीटर है। विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य कुछ भी हो सकता है।

चाल (speed): किसी वस्तु के दूरी की दर को चाल कहते हैं। अथार्त चाल = दूरी / समय यह एक अदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक मीटर/सेकंड है।

वेग (velocity ): किसी वस्तु के विस्थापन की दर को या एक निश्चित दिशा में प्रति सेकंड वस्तु द्वारा तय की विस्थापन को वेग कहते हैं। यह एक सदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक मीटर/सेकंड है। संवेग(momentum): किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग का गुणनफल उस वस्तु का संवेग कहलाता है।

संवेग = वेग × द्रव्यमानSI मात्रक- किग्रा × मी/से

त्वरण (acceleration): किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। इसका S.I. मात्रक मी/से2 है। यदि समय के साथ वस्तु का वेग घटता है तो त्वरण ऋणात्मक होता है, जिसे मंदन (retardation ) कहते हैं।

गति के प्रकार

(१) रैखिक गति- जब कोई वस्तु किसी सरल या वर्क रेखा पर गति करती है, तो इस प्रकार की गति को रैखिक गति कहते है!

(२) वृतीय गति- जब कोई वस्तु किसी वृताकार पथ पर गतिमान हो तो, इस प्रकार की गति को वृतीय गति कहते है!

(३) दोलनी गति- जब कोई वस्तु किसी निश्चित बिंदु के आगे-पीछे या ऊपर-नीचे गति करती है, तो इस प्रकार की गति को दोलनी गति कहते हैं!

(४) आवर्त गति- वैसी गति जिसमे कोई कण किसी निश्चित समय अंतराल के बाद दुहरावे, तो इस प्रकार की गति को आवर्त गति कहते है!

(५) अनियमित गति- जब कोई वस्तु अपनी गति की दिशा अनियमत रूप से परिवर्तित करती रहती है, तो इस प्रकार की गति को अनियमित गति कहते हैं!

(६) घूर्णन गति- वैसी गति जिसमे कोई कण किसी बिंदु के चारो ओर बिना स्थान परिवर्तन के घूमता हो, तो उस प्रकार की गति को घूर्णन गति कहते हैं!

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • गति विज्ञान
  • गति के समीकरण
  • गति के नियम
  • गतिकीय तन्त्र

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • गति और गति के प्रकार

वेग और समय का गुणनफल क्या कहलाता है?

Detailed Solution सही उत्तर विस्थापन है। वेग और समय का उत्पाद विस्थापन देता है।

वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को क्या कहते है?

संवेग(momentum): किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग का गुणनफल उस वस्तु का संवेग कहलाता है। त्वरण (acceleration): किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। इसका S.I. मात्रक मी/से2 है।

बल और विस्थापन के गुणनफल को क्या कहते हैं?

बल और विस्थापन के गुणनफल को कार्य कहा जाता है ।

बल का गुणनफल क्या होता है?

Detailed Solution सही उत्तर द्रव्यमान और त्वरण है। बल एक सदिश राशि है जिसका अर्थ है कि इसमें परिमाण के साथ-साथ दिशा भी होती है। न्यूटन के दूसरे नियम के अनुसार, बल को "किसी पिंड के द्रव्यमान और उसके त्वरण के गुणनफल" के रूप में वर्णित किया गया है। बल का SI मात्रक न्यूटन (N) है।