सीने में जलन के लक्षण अदरक ओटमील जलन इसलिए होती है,
क्योंकि पेट की सामग्री वापस इसोफेगस में आ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि सोने के एक घंटे के पहले खाना खा लिया जाए। सीने में जलन होने पर मसालेदार खाने से दूरी बनाएं। -डॉ. अभय वर्मा, गेस्ट्रो मेडिसिन, पीजीआई Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें एसिडिटी है, हो जाती है, परेशान क्या होना! किसी चूर्ण या फिर एंटासिड दवा से तुंरंत राहत मिल जाएगी। एसिडिटी पर अधिकतर लोगों की यही प्रतिक्रिया होती है। पर ध्यान रखें बार-बार ऐसा करना सेहत के साथ खिलवाड़ है और कई बड़ी समस्यों को निमंत्रण भी। यह गैस्ट्रोइसोफैगल रिफ्लक्स डिसीज (जीईआरडी) की शुरूआत हो सकती है, जिसे सामान्य बोलचाल में एसिडिटी कह देते हैं। इससे जुड़े मिथक भी कम नहीं हैं। एसिडिटी के हमले से खुद को कैसे बचाएं बता रही हैं शमीम खान जब भोजन मुंह में प्रवेश करता है, तब लार भोजन में उपस्थित स्टार्च को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने लगती है। इसके बाद भोजन इसोफैगस (भोजन नली)से होता हुआ पेट में जाता है, जहां पेट की अंदरूनी परत भोजन को पचाने के लिए पाचक उत्पाद बनाती है। इसमें से एक स्टमक एसिड है। कईं लोगों में लोवर इसोफैगियल स्फिंक्टर (एलईएस) ठीक से बंद नहीं होता और अक्सर खुला रह जाता है। जिससे पेट का एसिड वापस बहकर इसोफैगस में चला जाता है। इससे छाती में दर्द और तेज जलन होती है। इसे ही जीईआरडी या एसिड रिफ्लक्स कहते हैं। कभी न कभी हर किसी को इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है। अधिकतर लोगों को यह समझ में नहीं आता कि हार्ट बर्न और एसिड रिफ्लक्स में क्या अंतर है। एसिड का इसोफैगस में पहुंचना एसिड रिफ्लक्स है, इसमें दर्द नहीं होता। जबकि हार्ट बर्न में छाती के बीच में दर्द, जकड़न और बेचैनी होती है। यह तब होता है जब इसोफैगस की अंदरूनी परत नष्ट हो जाती है। एसिड रिफ्लक्स बिना हार्ट बर्न के हो सकता है, पर हार्ट बर्न बिना एसिड रिफ्लक्स के नहीं हो सकता। एसिड रिफ्लक्स कारण है और हार्ट बर्न उसका प्रभाव है। सामान्य से अधिक मात्र में एसिड स्राव होने को जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम कहते हैं। यहां यह समझना जरूरी है कि एसिड हमारे लिए बहुत उपयोगी है। जैसे पेप्सिन एंजाइम, प्रोटीन के पाचन के लिए आवश्यक है। पेट की अंदरूनी परत से स्रावित हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी कईं भोज्य पदार्थों के पाचन के लिए जरूरी है। ये एसिड अग्नाश्य को ठीक रखने के लिए जरूरी होते हैं। एसिडिटी के कारण लक्षण छाती में दर्द: छाती में दर्द तब होता है जब पेट का एसिड इसोफैगस में पहुंच जाता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना बेहतर होगा। गले में खराश: पाचन तंत्र की समस्याओं के कारण भी गले की खराश हो सकती है। बिना सर्दी-जुकाम अगर खाने के बाद गले में दर्द होता है तो इसका कारण एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। चक्कर आना: कई बार एसिडिटी के लक्षण चक्कर आने के रूप में भी दिखायी देते हैं। कई बीमारियों का कारण है एसिडिटी अस्थमा एनीमिया हड्डियों का कमजोर हो जाना इसोफैगियल कैंसर और निमोनिया सही करवट सोएं युवाओं में बढ़ी सीने में जलन की समस्या आप अगर सही समय पर नहीं खाएंगे, ज्यादा मसालेदार और तलाभुना खाएंगे, शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहेंगे तो आसानी से इसके शिकार हो जाएंगे। यही कारण है कि आज युवा भी इसके तेजी से शिकार हो रहे हैं। उनके लिए जरूरी है कि वे नियत समय पर पोषक भोजन करें, जंक फूड या अधिक तले से दूर रहें। खाना खाते समय टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर से दूर रहें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। तनाव न पालें। अगर यह सब करने के बाद भी एसिडिटी की समस्या रहे तो एंडोस्कोपी करवाएं। एसिडिटी से जुड़े मिथक (रॉकलैंड हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएनटोलजी एंड इंटरनल मेडिसिन के प्रमुख डॉ. एम पी शर्मा से बातचीत पर आधारित) आहार नली में जलन क्यों होती है?ये हो सकते हैं कारण
धूम्रपान करना, ज्यादा वजन या मोटापा होना, कैफीन युक्त पेय पीना, चॉकलेट खाना, मिंट या पेपरमिंट्स, खट्टे फल, टमाटर से बने उत्पाद (सॉस आदि), वसा युक्त खाद्य पदार्थ, शराब पीना, मसालेदार भोजन खाना, खाने के तुरंत बाद लेटना।
गले और सीने में जलन हो तो क्या करना चाहिए?अदरक को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। सीने में जलन की समस्या में भी यह काफी कारगर नुस्खा है। जब भी खाना खाने के बाद आपके सीने में जलन हो, तो अदरक को चबाकर खाएं या उसकी चाय बनाकर भी पी सकते हैं। इससे काफी राहत मिलेगी।
खाने की नली की जांच कैसे होती है?इसका पता लगाने के लिए आहार नली की एंडोस्कोपी से जांच की जाती है, जिसके बाद वहां से एक छोटा सा नमूना लेकर उस टुकडे की बायोप्सी की जाती है। जिससे पता चलता है कि आपको कैंसर है या नहीं। जिसके बाद कैंसर आहार नली से बाहर और जगहों पर तो नहीं फैल गया है, यह देखने के लिए सीटी स्कैन किया जाता है।
खाना खाने के बाद गले में जलन क्यों होती है?जो भोजन हम खाते हैं वह ठीक से पचाने की ज़रूरत होती है. पचाने की प्रक्रिया है, प्रकेरा के दौरान हमारे पेट में एसिड बनता है. लेकिन अधिकांश समय इस एसिड की मात्रा का उत्पादन होता है इसके मुकाबले यह आवश्यक है. इससे खट्टे मतदाता पैदा हो सकता है, जिससे गले और छाती, गैस और थकान में जलन हो सकती है.
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