महिलाओं में बवासीर कैसे होता है? - mahilaon mein bavaaseer kaise hota hai?

महिलाओं में बवासीर कैसे होता है? - mahilaon mein bavaaseer kaise hota hai?

Piles Symptoms in Women: बवासीर आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है। अधिकतर लोग अपने जीवन में कभी न कभी बवासीर का सामना जरूर करते हैं। कब्ज, खराब जीवनशैली, गलत खान-पान बवासीर के मुख्य कारण होते हैं। शरीर में फाइबर की कमी बवासीर का मुख्य कारण माना जाता है। बवासीर की स्थिति दर्दनाक होती है, इस दौरान मल त्याग में मुश्किल आती है। इसके अलावा मल द्वार में जलन, खुजली और चुभन भी महसूस होती है। वैसे तो बवासीर किसी को भी हो सकता है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक परेशान हो सकती हैं। क्योंकि वे घर, ऑफिस की दोहरी जिम्मेदारियों के बीच खुद पर अधिक ध्यान नहीं दे पाती हैं। इसका असर उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है, जिससे उन्हें कब्ज और बवासीर का सामना करना पड़ सकता है। आज के इस लेख में जानेंगे महिलाओं में बवासीर के कौन-कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं।

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महिलाओं में बवासीर के लक्षण (Piles Symptoms in Women)

महिलाओं में बवासीर कैसे होता है? - mahilaon mein bavaaseer kaise hota hai?

1. गुदा के पास गांठ या सूजन

गुदा के पास गांठ या सूजन बवासीर का एक मुख्य लक्षण होता है। बवासीर होने पर गुदा के पास दर्दनाक सूजन, गांठ महसूस हो सकती है। यह गांठ दर्दनाक हो सकती है। साथ ही इस गांठ की वजह से बैठने में भी परेशानी होती है। इतना ही नहीं इसकी वजह से मल त्याग के बाद गुदा को साफ करने में भी दिक्कत आती है। अगर ये लक्षण नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

2. गुदा में तेज खुजली

बवासीर मलाशय के अंदर या बाहर हो सकता है। आंतरिक बवासीर मलाशय के अंदर होता है, जबकि बाहरी बवासीर गुदा के आस-पास की त्वचा में महसूस होता है। बवासीर की वजह से गुदा में तेज खुलजी होने लगती है। यह एरिया काफी सेंसिटिव हो जाता है, जो जलन और खुजली पैदा करता है।

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3. गुदा से बलगम निकलना

कभी-कभी बवासीर के कारण गुदा से बलगम जैसा तरल पदार्थ भी बाहर निकल सकता है। गुदा से बलगम का रिसाव बवासीर का एक लक्षण हो सकता है। यह संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसलिए बवासीर के दौरान रोगी को अपने गुदा क्षेत्र की अच्छे से सफाई करनी चाहिए। अगर बलगम का स्त्राव होता है, मल त्याग के दौरान दर्द होता है, तो इस स्थिति को नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

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4. गुदा के पास का क्षेत्र लाल होना

अगर आपको गुदा के पास का क्षेत्र लाल नजर आता है, या उस पर दर्द अधिक होता है तो यह बवासीर का एक लक्षण हो सकता है। बवासीर के रोगियों को गुदा में दर्द की समस्या का सामना अकसर ही करना पड़ता है।  

5. मल त्याग के दौरान कठिनाई

बवासीर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मल त्याग के दौरान रोगी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसमें रोगी को तेज दर्द, चुभन महसूस होती है। मल त्याग भी आसानी से नहीं हो पाता है। 

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6. पेट में तेज दर्द

बवासीर के दौरान रोगी को पेट दर्द का भी सामना करना पड़ता है। क्योंकि इस दौरान कब्ज बन जाती है, इसकी वजह से पेट में दर्द, मरोड़े आना आम है। अगर बार-बार यह समस्या होती है तो एक्सपर्ट से जरूर मिलें।

7. बार-बार मल त्याग की इच्छा होना

दरअसल, बवासीर होने पर रोगी को मल त्याग में परेशानी होती है। इस दौरान उसका पेट सही से साफ नहीं हो पाता है। ऐसे में उसे बार-बार मल त्याग की इच्छा होती है।

अगर आपको भी बवासीर के लक्षण नजर आते हैं, तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि धीरे-धीरे यह समस्या अधिक दर्दनाक या पीड़ादायक बन सकती है। शुरुआत में इसे दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन जब समस्या गंभीर हो जाती है तो डॉक्टर इसके लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। 

बवासीर एक बहुत ही मुसीबत भरी बिमारी है। जिसमें व्यक्ति का उठना - बैठना तक मुश्किल हो जाता है। यह बहुत से लोगों को हो जाती है। बवासीर गुदा में अंदर की तरफ या बाहर मस्सों को पैदा कर देती है। जिसमें बहुत दर्द भी होता है और कभी तो खून भी आता है। लेकिन बवासीर का समय पर उपचार कर इससे राहत पायी जा सकती है।

बवासीर क्या होता है - What Is Bawaseer in Hindi?

बवासीर को पाइल्स भी कहते है। यह एक तकलीफ से भरी बीमारी है। इसमें गुदा के अंदर की तरफ और बाहर की तरफ सूजन भी आ जाती है। बवासीर गुदा नहर में एक तरह की रक्त वाहिकाएं होती हैं। यह फैल भी जाती हैं।

बवासीर में गुदा के अन्दर और बाहर मस्से हो जाते हैं।  बवासीर दो तरह की होती है। आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। ६० % लोगों में यह जीवन में कभी ना कभी होती ही है।

बाहरी बवासीर गुदा बाहर होती है जो त्वचा से ढकी होती हैं। बाहरी बवासीर को देखा जा सकता है।

आंतरिक बवासीर गुदा नहर के अंदर होती है। जिसे देख नहीं सकते हैं आंतरिक बवासीर से खून बहने की संभावना अधिक होती है। स्थिति गंभीर होने पर यह बढ़ भी जाती है।

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हर व्यक्ति में बवासीर के लक्षण अलग - अलग होते है जिनमें से कुछ आम लक्षण आगे बताये गए है। जानिए महिलाओं में बवासीर के लक्षण क्या है।

1) गुदा क्षेत्र में खुजली होती है और तेज जलन भी होती है। इसके साथ ही लालीपन भी आ जाता है।  

2) मरीजों को शौचालय जाने के बाद भी ऐसा लगता है जैसे फिर से मल त्याग करने की आवश्यकता हो।

3) शौच करने के दौरान जलन तो होती ही है इसके साथ लाल चमकदार खून भी आता है।

4) गुदा के आसपास दर्द भी होता है। कभी - कभी यह दर्द असहनीय हो जाता है।

5) गुदा के आसपास सूजन आ जाती है और सख्त गांठ बन जाती है।

6) अंडरवियर में या टॉयलेट पेपर पर गुदा को पोंछने के बाद घिनौना बलगम का जमा होना।

7) शौच करने में अत्यधिक पीड़ा महसूस होती है। बवासीर से पीड़ित मरीज को शौच करने में बहुत परेशानी आती है।

बवासीर का क्या कारण है? - What Causes Hemorrhoids?

बवासीर होने के बहुत से कारण है। तो जानते है उन कारणों को जिसकी वजह से बवासीर होता है।

1) फाइबर युक्त भोजन ना खाना -

भोजन का हमारे शरीर पर बहुत प्रभाव पड़ता है अगर फाइबर युक्त भोजन नहीं किया जाये तो बवासीर की समस्या हो सकती है इसलिए अपने खाने में फाइबर से युक्त भोजन शामिल करें।

2) गर्भावस्था -

गर्भावस्था के समय प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि हो जाती है। यह नसों को आराम देने का काम करता है। जिससे नसों में सूजन आ जाती है। इससे प्रेग्नेंट महिला को कब्ज की समस्या हो जाती है और कब्ज की वजह से पाइल्स हो जाता है।

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3) गुदा

जो लोग गुदा मैथुन करते है उनमें भी पाइल्स की बिमारी देखी जाती है।

4) प्रसव के बाद -

डिलीवरी में गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ने की वजह से महिलाओं को बवासीर होने का खतरा हो जाता है। इसलिए कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद बवासीर हो जाता है।

5) धूम्रपान और शराब -

अत्यधिक धूम्रपान और शराब शरीर के लिए हानिकारक होती है इसका ज्यादा सेवन करना बवासीर का कारण बनता है। यह शरीर में और भी बिमारियों को पैदा करने का कारण बनती है।

6) कब्ज -

बवासीर की सबसे बड़ी वजह है कब्ज। कब्ज में मल कठोर हो जाता है। जिसकी वजह से मलत्याग करने में जोर लगाना पड़ता है और मस्से बाहर आ जाते है।

7) मोटापा -

अधिकतर मोटी महिलाओं में भी पाइल्स होने का जोखिम रहता है। मोटापा भी इसका एक प्रमुख कारण है। मोटापे को कम करने के लिए रोज एक्सरसाइज करे।

8) देर तक खड़े रहना -

महिला बवासीर का एक कारण यह भी होता है की जिन महिलाओं का काम लम्बे समय तक खड़े रहने का है उनमें भी यह समस्या पायी जाती है।

9) भारी वजन उठाना -

अक्सर भारी वजन उठाने की वजह से भी बवासीर की समस्या हो जाती है। तो अगर आप भी भारी वजन उठाने का काम करती है तो सावधानी बरते।

10) शारीरिक गतिविधि में कमी -

जो महिलाएं लगातार बैठी रहती है आलस करती है उनमें भी बवासीर से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा रहती है।

11) मिर्च-मसाले युक्त भोजन -

अधिक तला एवं मसाले युक्त भोजन करने से भी बवासीर हो जाता है।

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12) अवसाद से पीड़ित -

जो महिलाएं अवसाद से ग्रसित होती है वह भी बवासीर का शिकार हो जाती है। इसलिए ज्यादा तनाव ना लें और अवसाद को दूर करने के लिए योग का अभ्यास करें।

बवासीर कैसा दिखता है और कैसा लगता है? - What Do Hemorrhoids Look and Feel Like?

बाहरी बवासीर गुदा के बाहर के पास गांठों की तरह होता है। जिसमें खुजली, सूजन और दर्द होता है। यह गुदा पर और उसके आसपास एक या अधिक धक्कों के रूप में होता है, यह देखे जा सकते है।

अंदर के बवासीर देखे नहीं जा सकते। यह गुदा में गहरे होते है जो दिखाई नहीं दे सकते। इनमें कभी-कभी दर्द होता है और मलाशय से रक्तस्राव भी होता है। इसके अतिरिक्त, मल त्याग करने में कठिनाई, खराश, खुजली, दर्द होता है।

बवासीर का इलाज कैसे करें - How to Treat Hemorrhoids

बवासीर का इलाज आप घर पर भी कर सकते है और डॉक्टर से ट्रीटमेंट भी करवा सकते है।

1) फाइबर का सेवन -

कब्ज से परेशान लोगों को मल को नरम करने के लिए ओटीसी फाइबर पूरक का उपयोग किया जा सकता है। साइलियम और मिथाइलसेलुलोज दो सामान्य फाइबर पूरक है या फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें।

2) घरेलू उपचार -

इसमें घरेलू उपचार भी आपकी मदद करेंगे।

  • रोज स्नान के दौरान गुदा स्थान को गर्म पानी से साफ करें। सिर्फ पानी से साफ़ करें साबुन का उपयोग ना करें। साबुन से बवासीर बढ़ सकता है।
  • गुदा पर ठंडे सेक का भी उपयोग करें। इससे बवासीर की सूजन कम हो जाएगी। दर्द से मुक्ति पाने के लिए इबुप्रोफेन, एस्पिरिन खा सकते है।
  • अधिक पानी पीना - पानी खूब पिएं रोज १० से १२ ग्लास पानी जरूर पिएं। पानी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर कर देता है जिससे बीमारियां कम होती है।
  • योग और व्यायाम - विशेष रूप से योग और व्यायाम करें एक जगह पर ज्यादा देर तक ना बैठे रहे।

३. दर्द में आराम -

अगर दर्द ज्यादा हो रहा है तो प्रतिदिन १० मिनट के लिए गर्म पानी के टब में बैठे। बाहरी बवासीर से राहत पाने के लिए गर्म पानी की बोतल पर बैठना भी लाभदायक होता है। यदि दर्द ज्यादा ही हो रहा है जो की असहनीय है तो ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) सपोसिटरी का उपयोग करें। यह ऑनलाइन या फिर दुकानों में मिल जाएंगे।

४. चिकित्सा प्रक्रिया -

घरेलू उपचार करने पर भी आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर से इलाज करवाएं। डॉक्टर रबर बैंड बंधाव से इसका इलाज करते है। इसके अलावा इंजेक्शन थेरेपी या स्क्लेरोथेरेपी से भी इलाज किया जाता है। डॉक्टर एक रसायन को सीधे रक्त वाहिका में इंजेक्ट करता है। जिससे की बवासीर का आकार छोटा हो जाता है।

निष्कर्ष :

अधिकतर बवासीर अपने आप खत्म हो जाते है। यदि आपको भी इसके लक्षण महसूस हो रहे है तो डॉक्टर को दिखाने में संकोच ना करें, नहीं तो यह किसी बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। इसके साथ ही पानी खूब पिएं और कब्ज ना बनने दे क्योंकि कब्ज इसका मुख्य कारण है।

महिला को बवासीर होने का क्या कारण है?

ठीक से शौच न होना और फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना भी बवासीर का कारण हो सकता है. महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ने से भी बवासीर का खतरा रहता है. शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण भी बवासीर हो सकता है. धूम्रपान और शराब के सेवन के चलते भी बवासीर हो सकता है.

महिला बवासीर के लक्षण क्या है?

बवासीर होने के लक्षण (Piles or Hemorrhoids Symptoms) शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना। शौच के वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून का आना। शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना। गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।

महिलाओं को बवासीर कैसे होता है?

बवासीर बीमारी होने के कई कारण होते हैं- (Causes of hemorrhoids) जैसे:.
पेट में लम्बे समय तक कब्ज बनी रहना।.
नियमित रूप से शौच न जाना।.
एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठे रहना।.
लंबे समय तक खड़े रहना।.
पेट ठीक तरीके से साफ न होना।.
शौच करते समय अत्यधिक जोर लगाना।.
टॉयलेट पर काफी समय तक बैठे रहना।.

बवासीर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?

चिह्न व लक्षण.
गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होती है। ... .
शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।.
शौच के वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून का आना।.
शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।.
गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।.
शौच के वक्त म्यूकस का आना।.
बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।.