मसालों में बेहद आसानी से और अत्यधिक मिलावट होती है, जो आसानी से पकड़ में नहीं आती। सामान्यत: लोग इन्हें परखने की जहमत नहीं उठाते, जिसके कारण वे मसालों के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी मोल ले लेते हैं। चूंकि यह सभी चीजें हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग है, इसलिए इसके प्रति और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। Show
खाद्य पदार्थों में मिलावट की परिभाषा
किसी भी खाद्य पदार्थ में अखाद्य पदार्थ के मिश्रण किये जाने को मिलावट कहते हैं। दूसरे शब्दों में मिलावट का तात्पर्य खाद्य पदार्थों में निम्न श्रेणी के भोज्य पदार्थ को मिलाना होता है। इससे विक्रेता के लाभ का प्रतिशत बढ़ जाता है परन्तु उसे ग्रहण करने से उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान के साथ ही उसके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
मिलावट मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है :
खाद्य पदार्थों में मिलावट के उद्देश्य
खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रकार
खाद्य पदार्थ निषेध अधिनियम (Prevention of Food Adulteration, P.F.A.) 1954 के तहत खाद्य पदार्थों में मिलावट दो प्रकार की हो सकती है।
अनजाने में हुई मिलावट (Incidental Adulteration)अनजाने में हुई मिलावट मानवीय भूल अथवा खाद्य पदार्थों में अकारण अखाद्य पदार्थों का मिश्रण से होती है। उदाहरणः
इरादे से की गई मिलावट (Intentional Adulteration )
इरादे से की गई मिलावट खाद्य पदार्थों में जानबूझ कर की जाती है। जिसका मुख्य उद्देश्य अधिक मुनाफा कमाना होता है।
खाद्य पदार्थों में मिलावट का परीक्षणदैनिक आवश्यकता की वस्तुओं में की जाने वाली मिलावट का परीक्षण घरेलू स्तर में आसानी से किया जा सकता है। सूझ-बूझ एवं घरेलू प्रयोगों के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जाँच कर उनका शुद्धीकरण किया जा सकता है।
खाद्य पदार्थ में मिलावट का परीक्षण
खाद्य पदार्थों में मिलावट से बचने के उपाय
मिलावटी खाद्य पदार्थों को पहचान कर आम जनता के संज्ञान में लाना कठिन होता है । परन्तु जागरुकता व थोड़ी समझदारी से इस समस्या का निदान किया जाना मुश्किल नहीं है। इससे बचने के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं:
पैक बन्द खाद्य पदार्थों का उपयोग:पैक बन्द सामान की अपेक्षा खुले सामान में मिलावट की सम्भावनायें अधिक होती है। अतः हमेशा पैक बन्द खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देनी चाहिए व खाद्य सामग्री प्रमाणित मानक चिह्न वाली खरीदनी चाहिए। पिसे हुए मसाले खरीदते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें एगमार्क का लेबल लगा हो तथा परिरक्षित खाद्य पदार्थ जैसे सॉस, जूस आदि खरीदते समय फ्रूड प्रोडक्टस आर्डर (FPO) का निशान आवश्य देखना चाहिए। पैक्ड खाद्य पदार्थ खरीदते समय शाकाहारी (हरी बिन्दी) अथवा माँसाहारी वस्तुओं (लाल बिन्दी) का प्रयोग देखना भी आवश्यक होता है।
विश्वसनीय दुकानों से खरीददारी:हमेशा एक दुकानदार से सामान खरीदना चाहिए, जो आपका परिचित भी हो। इससे मिलावटी सामान मिलने को जोखिम कम होता है।
सहकारी दुकानों से खरीद- सहकारी दुकानों की पद्धति लगभग सभी राज्यों में होती है। इनके माध्यम से खाद्य पदार्थ थोक मात्रा में खरीदा जाता है। इसे साफ़ करके पैक कराया जाता है जिसको शहरों में स्थापित सहकारी उपभोक्ता केन्द्रों के माध्यम से वितरित किया जाता है। इस माध्यम से पदार्थों में मिलावट होने की सम्भावनायें कम हो जाती हैं।
सरकार द्वारा निर्धारित खाद्य मानक- खाद्य मानक चिह्न वाली वस्तुओं में गुणवत्ता सुनिश्चि होती है। ये मानक सरकारी प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता की जाँच के उपरान्त ही दिये जाते हैं। जैसे- एग्मार्क
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