मानसिक बीमारी में क्या खाना चाहिए - maanasik beemaaree mein kya khaana chaahie

जैम और टोस्ट : कार्बोहाइड्रेट का सेवन अवसाद के मरीजों के लिए लाभकारी होता है। इसलिए ब्रेड में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट पर जैम लगाकर खाने से अच्छा महसूस करते हैं। ब्रेड की जगह आप मफिंस, ओट मिल्क भी ले सकते हैं।


अंडे : संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे इस विज्ञापन में कही गई बात सौ फीसदी सही है। अंडे में पाए जाने वाला डीएचए 50 फीसदी अवसाद को ठीक कर सकता है। साथ ही शरीर को निरोगी रखता है।

पालक : पालक में विटामीन-बी के साथ आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसलिए लो फील करने पर कम से कम दो कप पालक का सूप पीने से इससे आप उबर सकते हैं।

आयरन युक्त भोजन करें
: आयरन युक्त भोजन से शरीर में उर्जा की प्रप्ति होती है। आयरन की सबसे अधिक कमी लड़कियों में होती है इसलिए अकसर वे अवसाद की शिकार हो जाती हैं। इससे बचने के लिए आयरनयुक्त भोजन करना चाहिए, जो आपके आयरन लेवल को ठीक रखने के साथ आपके मूड को भी ठीक करता है।

अगर आप किसी कारणवश एंग्जाइटी या डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको कुछ फूड्स का सेवन करना तुरंत बंद कर देना चाहिए।

यह तो हम सभी जानते हैं कि खाने का सिर्फ सेहत से कनेक्शन नहीं होता है, बल्कि यह हमारे मूड से भी जुड़ा है। आपने अक्सर यह नोटिस किया होगा कि जब भी आप लो फील करते हैं या फिर खुद को तनावग्रस्त महसूस करते हैं, तो खास तरह के फूड्स को खाने की क्रेविंग्स काफी हद तक बढ़ जाती है।

Dt Ritu puri

ठीक इसी तरह, आप जो भी खाते हैं, उसका सीधा असर हमारे मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। इसलिए, अपने खाने की च्वॉइस को लेकर हमें अधिक सतर्क रहना पड़ता है। खासतौर से, अगर आप किसी खास तरह की समस्या जैसे एंग्जाइटी या डिप्रेशन आदि से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में आपका भोजन आपके मानसिक अवसाद को कम या अधिक कर सकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रही हैं, जिसका सेवन एंग्जाइटी या अवसाद से जूझ रहे व्यक्ति को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए-

अल्कोहल

alcohol

अगर आप डिप्रेशन या एंग्जाइटी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको अल्कोहल का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। दरअसल, ऐसे व्यक्तियों के लिए यह बेहद आवश्यक होता है कि उनका सेंट्रल नर्वस सिस्टम सही तरह से काम करें, लेकिन जब आप अल्कोहल का सेवन करते हैं, तो इससे आपका नर्वस सिस्टम भ्रमित होता है। जिससे उसे सही तरह से काम करने में समस्या होती है। यह भी देखा जाता है कि डिप्रेशन में व्यक्ति अल्कोहल का बहुत अधिक सेवन करते हैं, जिससे उन्हें समस्या होती है।

यहां आपको यह भी जानना चाहिए कि सेंट्रल नर्वस सिस्टम आपके इमोशन्स को रेग्युलेट करने में भी मददगार होता है। लेकिन अल्कोहल के सेवन से जब आपका सेंट्रल नर्वस सिस्टम सही काम नहीं करता है, तो इससे आपकी डिप्रेशन की समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है।

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कैफीन

coffe to avoid in depression

चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक या फिर एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन पाया जाता है। डिप्रेशन के रोगियों को इसका सेवन कम से कम करने की सलाह दी जाती है। खासतौर से, सोने से कम से कम तीन घंटे पहले तक आपको कैफीन का सेवन ना करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो इससे आपकी नींद डिस्टर्ब होती है। एंग्जाइटी व डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को अच्छी नींद लेना बेहद आवश्यक होता है, ताकि वह रिलैक्स कर सकें और उनका नर्वस सिस्टम अच्छी तरह काम कर पाए।

रिफाइंड शुगर से करें तौबा

डिप्रेशन के रोगियो को रिफाइंड प्रोडक्ट्स जैसे मैदा, व्हाइट ब्रेड, बर्गर, पिज्जा, चाऊमीन व शुगरी फूड जैसे चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स आदि को भी कम से कम खाना चाहिए। यह ऐसे प्रोडक्ट्स होते हैं, जो आपको एकदम से एनर्जी प्रदान करते हैं और फिर उसे एकदम से एनर्जी को ड्रॉप कर देते हैं।

यह प्रक्रिया डिप्रेशन रोगियों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती। एंग्जाइटी व डिप्रेशन के मरीजों के लिए जरूरी है कि उनका माइंड शांत रहे और इस तरह एनर्जी का उतार-चढ़ाव उन्हें परेशान कर सकता है। वहीं, इससे उनके वजन बढ़ने की समस्या भी काफी बढ़ जाती है।

हाई सोडियम फूड

Food aviod in depression

चिप्स, केक, पेस्ट्री, बेक्ड आइटम व पैक्ड फूड आदि का अधिक सेवन आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है। सोडियम की अधिकता हार्ट रिस्क को बढ़ाता है। साथ ही, यह आपके साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन व एंग्जाइटी के रोगी कुछ दवाईयों का सेवन करते हैं, जो वजन बढ़ाती हैं।

ऐसे में अगर वह हाई सोडियम फूड का सेवन करते हैं, तो इससे बॉडी में वाटर रिटेंशन काफी बढ़ जाता है। जिससे आप और भी अधिक मोटे नजर आने लगते हैं। ऐसे में आपकी एंग्जाइटी व डिप्रेशन की समस्या और भी अधिक बढ़ने की संभावना हो जाती है।

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Image Credit- freepik

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मानसिक रोग में क्या नहीं खाना चाहिए?

जंक फूड और अनहेल्दी चीजें खाने से डिप्रेशन की समस्या ज्यादा बढ़ सकती है. अत्यधिक कैफीन, प्रोसेस्ड फूड और रिफाइंड शुगर जैसे खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल मेंटल हेल्थ के लिए समस्या पैदा कर सकता है. डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को जानकार हमेशा हेल्दी डाइट लेने की सलाह देते हैं.

डिप्रेशन को जड़ से खत्म कैसे करें?

मेडिटेशन और इसके विभिन्न आयामों की मदद से डिप्रेशन का बिना किसी दवा के इलाज संभव हो पाया है और अभी भी इसपर काफी शोध चल रहा है । आपको क्या खाना पंसद है, कौन सा खेल पसंद है, क्या घुमना अच्छा लगता है या तैराकी करना या फिर कुछ और जिसे करने को आपका मन बैचेन रहता है । डिप्रेशन से बाहर आने का यह भी एक सफलतम इलाज देखा गया है ।

मानसिक रोगी को क्या खिलाना चाहिए?

आसान शब्दों में कहें तो दिमाग को सुचारू रूप से काम करने में ओमेगा-3 फैटी एसिड मदद करता है। इसके लिए डाइट में अलसी के बीज, सोयाबीन तेल, नट्स, फैटी फिश, पत्तेदार हरी सब्जियां जरूर शामिल करें। अपनी डाइट में एंटीऑक्सिडेंट्स और गुड कार्ब्स युक्त चीज़ों को जरूर जोड़ें। विटामिन-ए, सी और इ में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं।

कौन सा पदार्थ डिप्रेशन दूर करने में सहायक है?

अखरोट : ओमेगा 3 मस्तिष्क के न्यूरॉन सेल के लिए बहुत जरूरी है। इसका सबसे अच्छा स्रोत मछली है। शाकाहारी लोगों को ड्राई फ्रूट, सरसों के बीज, सोयाबीन, फल और हरी सब्जियों को आहार में शामिल करना चाहिए। अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है।