प्रथम पुरुष उत्तम पुरुष मध्यम पुरुष क्या है? - pratham purush uttam purush madhyam purush kya hai?

(A) दो पुरुष
(B) तीन पुरुष
(C) चार पुरुष
(D) पांच पुरुष

Explanation : संस्कृत में पुरुष तीन प्रकार के होते हैं। पहला, प्रथमपुरुष या अन्य पुरुष–उत्तम पुरुष के अहं, आवां, वयम् और मध्यम पुरुष के त्वम्, युवां, यूयम् इन छह शब्दों को छोड़कर संस्कृत वाड्मय के सभी कर्तृपद प्र​थम पुरुष के अंतर्गत गिने जाते हैं।
यथा– भवान्, भवती, बालक:, बालिका, स:, सा, नर:, वानर:, पिता, पुत्र: इत्यादि।
और इन सभी कर्तृ पदों के साथ प्रथम पुरुष की क्रिया 'पठति, पठत:, पठन्ति' आदि क्रियाओं का ही प्रयोग होता है।
दूसरा, मध्यम पुरुष–जिससे बात कही जाय, वह मध्यम पुरुष है। इसमें 'त्वम्, युवाम्, यूयम्' कर्तृपद आते हैं। इनके साथ मध्यमपुरुष की क्रिया क्रमश: त्वम् के साथ पठसि युवां के साथ पठथ: तथा यूयं के साथ पठथ का प्रयोग होगा।
तीसरा, उत्तम पुरुष–जो बात को कहता है, वह उत्तम पुरुष है। इसके अंतर्गत 'अहं, आवाम्, वयम्' कर्तृपद आते हैं। इनके साथ उत्तम पुरुष की क्रिया क्रमश: अहं के साथ 'पठामि' आवां के साथ पठाव: वयं के साथ 'पठाम:' का प्रयोग होता है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : संस्कृत

Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams

Web Title : Sanskrit Me Purush Kitne Hote Hain

परिभाषा – बोलने वाला उत्तम पुरुष कहलाता है। वक्ता अपने नाम का स्थान पर जिस सर्वनाम का प्रयोग करता है, उत्तम पुरुष कहलाता है।

or

यह वक्ता खुद होता है।

उत्तम पुरुष वह होता है जो बोलता है अथवा बात करता है। इसे वक्ता भी कहते हैं। वक्ता मतलब बोलने वाला।

इसे हम अंग्रेजी में ‘first person’ कहते हैं।

जैसे – मैं, मेरा, मुझे, मेरी, मुझसे, मेरे, हम, हमारा, हमारी, हमें, हमसे।

वक्ता मैं, मुझे, मुझको, मेरा, मेरी आदि शब्दों का खुद के बारे में बताने के लिए करता है।

उत्तम पुरुष के कुछ उदाहरण:-
  • मैं खाना खाना चाहता हूँ।
  • मेरा नाम विकास है।
  • मैं दिल्ली में रहता हूँ।
  • मैं जयपुर जा रहा हूँ।
  • मैं दिन में तीन बार खाना खाता हूँ।
  • मेरे बहुत सारे दोस्त हैं।
  • मुझे स्कूल जाना पसंद है।
  • मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।
  • मेरा घर मुंबई में है।
  • मेरे पापा बहुत अच्छे हैं।
  • मुझको बरसात पसंद है।
  • मुझको बारिश में भीगना पसंद नहीं है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में वक्ता ‘मैं’,’मेरे’,’मुझे’, ‘मुझको’ आदि शब्दों का प्रयोग करके खुद के बारे में बता रहा है। अतः ये शब्द उत्तम पुरुष की श्रेणी में आयेंगे।

2. मध्यम पुरुष

परिभाषा – सुनने वाला मध्यम पुरुष कहलाता है। श्रोता के नाम के स्थान पर वक्ता द्वारा प्रयुक्त सर्वनाम मध्यम पुरुष होता है।

or

मध्यम पुरुष श्रोता होता है जिससे वक्ता बात करता है।

जैसे – तू, तुम, आप, तुम्हारा, तुम्हें, तेरा, तुझे।

वक्ता श्रोता के लिए आप, तुम, तुमको, तुझे, तू आदि शब्दों का प्रयोग करता है।

मध्यम पुरुष के कुछ उदाहरण: 
  • मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूँ।
  • तुम मुझे पसंद हो।
  • तुमको किसी दूसरी जगह जाना चाहिए।
  • जो मैंने तुझे कहा था वही करना है।
  • तू बोलता है तो ठीक ही होगा।
  • आप आज ठीक नहीं लग रहे।
  • आजकल आप कहाँ रहते हैं ?
  • तुम क्या कर रहे हो?
  • तुम जब तक आये तब तक वह चला गया।
  • आप बाज़ार से सामान लेकर आओ।

ऊपर दिए वाक्यों में वक्ता ने ‘आपको’, ‘तुम’, ‘तुमको’, ‘तुझे’, ‘तू’, ‘आप’ आदि शब्द श्रोता के लिए किये हैं। अतः ये शब्द मध्यम पुरुष की श्रेणी में आते हैं।

3. अन्य पुरुष

परिभाषा – जिसके विषय में वार्ता की जा रही है वह अन्य पुरुष कहलाता है।

or

अन्य पुरुष वह होता है जिस तीसरे आदमी के बारे में श्रोता और वक्ता बात करते है।

जैसे – यह, वह, इन्हें, उन्हें, इसे, उसे, ये, वे, इसने, उसने, इसका, उसका, आपका।

यह, वह, ये, वे, आदि शब्द तेस्सरे व्यक्ति के बारे में बताने के लिए किये जाते हैं।

अन्य पुरुष के उदाहरण:
  • वह फुटबॉल बहुत अच्छा खेलता है। :
  • मैंने आपको बताया था वह पढाई में नहुत तेज़ है।
  •  वह अमेरिका जाने के सपने देख रहा है।
  • उसका सपना एक दिन पूरा होगा।
  • इनकी तुममे कोई रूचि नहीं है।
  • इन्हें बाहर का रास्ता दिखादो।

ऊपर दिए गए वाक्यों में वक्ता ‘वह’, ‘उसका’, ‘इन्हें’ आदि शब्द प्रयोग करके किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में श्रोता को बता रहा है। अतः ये शब्द्द अन्य पुरुष की श्रेणी में आयेंगे।

 

वक्ता एवं श्रोता से भिन्न व्यक्ति, प्राणी या वस्तु के लिए संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त सर्वनाम अन्य पुरुष कहलाता हैं।

“वह” सबसे अधिक प्रयुक्त होने वाला अन्य पुरुष सर्वनाम है। सभी संज्ञाएँ भी अन्य पुरुष के अंतर्गत मानी जाती है।

संस्कृत भाषा में पुरुष इस शब्द के अनेक अर्थ हैं। इस लेख में हम संस्कृत व्याकरण के संदर्भ में पुरुष की जानकारी लेंगे। संस्कृत व्याकरण में तीन पुरुष हैं – १. प्रथम पुरुष, २. मध्यम पुरुष और ३. उत्तम पुरुष।

संस्कृत पुरुष का वीडिओ

Purush in Sanskrit Grammar

संस्कृत व्याकरण के संदर्भ में पुरुष इस विषय पर इस वीडिओ में संक्षेप में जानकारी दी गई है। यदि आप संस्कृत पुरुष इस विषय को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ना जारी रखिए।

पुरुष किसे कहते हैं?

संस्कृत भाषा में तीनों पुरुषों के लिए अलग अलग शब्द बताएं हैं। इन पुरुषों से हमें यह समझता है कि – वाक्य किस के बारे में बोला जा रहा है। यदि बोलनेवाला वक्ता स्वयं के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य उत्तम पुरुष का वाक्य होता है। यदि वक्ता सुननेवाले श्रोता के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य मध्यम पुरुष का वाक्य होता है। और यदि वक्ता किसी अन्य व्यक्ति / वस्तु के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य प्रथम पुरुष का होता है।

प्रथम पुरुष उत्तम पुरुष मध्यम पुरुष क्या है? - pratham purush uttam purush madhyam purush kya hai?
प्रथम पुरुष उत्तम पुरुष मध्यम पुरुष क्या है? - pratham purush uttam purush madhyam purush kya hai?
संस्कृत व्याकरण में पुरुषज्ञान

उत्तम पुरुष

उत्तम पुरुष की व्याख्या इस सूत्र में है –

अस्मद्युत्तमः १।४।१०७॥

अष्टाध्यायी

इस सूत्र के अनुसार अस्मद् इस शब्द को उत्तम पुरुष कहा गया है। अर्थात् अस्मद् शब्द के सभी रूपों को उत्तम पुरुष कहते हैं। हम ने कक्षा कौमुदी पर अस्मद् शब्द के सभी रूप लिख हैं। उन को आप इस सूत्र पर देख सकते हैं –

https://kakshakaumudi.in/शब्दरूप/सर्वनाम/अस्मद्-शब्द-के-रूप/

यहाँ हम केवल प्रथमारूपों का विचार करेंगे।

उत्तम पुरुष के शब्द

एक॰द्वि॰बहु॰उत्तमः पुरुषःअहम्आवाम्वयम्हिन्द्यर्थःमैंहम दोनोंहम सबआङ्ग्लार्थःIWe bothWe allउत्तम पुरुष

मध्यम पुरुष

मध्यम पुरुष की व्याख्या इस सूत्र में है –

युष्मद्युपपदे समानाधिकरणे स्थानिन्यपि मध्यमः १।४।१०५॥

अष्टाध्यायी

इस सूत्र के अनुसार युष्मद् इस शब्द को उत्तम पुरुष कहा गया है। अर्थात् युष्मद् शब्द के सभी रूपों को उत्तम पुरुष कहते हैं। हम ने कक्षा कौमुदी पर युष्मद् शब्द के भी सभी रूप लिख हैं। उन को आप इस सूत्र पर देख सकते हैं –

https://kakshakaumudi.in/शब्दरूप/सर्वनाम/युष्मद्-शब्द-रूप-you-in-sanskrit/

यहाँ हम केवल प्रथमारूपों का विचार करेंगे।

मध्यम पुरुष के शब्द

एक॰द्वि॰बहु॰मध्यमः पुरुषःत्वम्युवाम्यूयम्हिन्द्यर्थःतूतुम दोनोंतुम सबआङ्ग्लार्थःYouYou bothYou allमध्यम पुरुष

प्रथम पुरुष

प्रथम पुरुष को पहचानना बहुत ही आसान है। संस्कृत व्याकरणकार कहते हैं कि जो शब्द उत्तम और मध्यम पुरुष का नहीं है वह प्रथम पुरुष है। इस बात को इस सूत्र में बताया गया है –

शेषे प्रथमः १।४।१०८॥

अष्टाध्यायी
शेषे प्रथमः इस सूत्र के अनुसार उत्तम पुरुष में तीन शब्द हैं - अहम्। आवाम्। वयम्।, मध्यम पुरुष में तीन शब्द हैं - त्वम्। युवाम्। यूयम्।, कुल मिलाकर इन दोनों पुरुषों के छः शब्द हुए। इन के अलावा बचे हुए जितने भी शब्द हैं वे सब प्रथम पुरुष कहलाते हैं।

अर्थात् बाकी बचे यद्, तद्, एतद्, इदम्, अदस् इत्यादि सर्वनाम और राम, श्याम, सीता, गीता, ललिता आदि बाकी बचे सभी नाम प्रथम पुरुष होते हैं।

लकार में पुरुष

संस्कृत में दस लकार हैं। और लकार प्रत्ययों के भी पुरुष होते हैं। जैसे कि लट् लकार में ति। तः। न्ति। ये पहले तीन प्रथमपुरुषी हैं, तथा सि। थः। थ। ये दूसरे तीन प्रत्यय मध्यमपुरुषी हैं और मि। वः। मः। ये अन्तिम तीन प्रत्यय उत्तमपुरुषी हैं। ठीक ऐसे ही बाकी अन्य लकारों में भी होता हैं।

ध्यान रखिए कि वाक्य का कर्ता जिस पुरुष और वचन का होगा, धातु को लकार प्रत्यय भी उस ही पुरुष और वचन का होता है।

ज्ञातव्य

पुरुष के विषय जाननेयोग्य विशेष बातें।

भवत् शब्द का पुरुष

भवत् शब्द का प्रयोग तुम (you) इस अर्थ में होता है। तथापि भवत् शब्द प्रथमपुरुषी है। अतः भवत् शब्द के रूपों के साथ क्रियापदों के प्रथमपुरुषी प्रत्यय ही होगे। जैसे कि –

  • भवान् पठति। भवन्तौ पठतः। भवन्तः पठन्ति।

यहाँ भवान् पठसि। भवन्तौ पठथः। भवन्तः पठथः॥ ऐसे वाक्य गलत हैं।

एक ही वाक्य में तीनों पुरुषों के कर्ता का होना

कुछ ऐसे भी वाक्य होते हैं, जिन में दो अथवा तीनों पुरुषों के कर्ता उपस्थित होते हैं। इस स्थिति में धातु से कौन से पुरुष का लकारप्रत्यय लगाएं?

प्रथम पुरुष मध्यम पुरुष उत्तम पुरुष क्या होते हैं?

यदि बोलनेवाला वक्ता स्वयं के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य उत्तम पुरुष का वाक्य होता है। यदि वक्ता सुननेवाले श्रोता के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य मध्यम पुरुष का वाक्य होता है। और यदि वक्ता किसी अन्य व्यक्ति / वस्तु के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य प्रथम पुरुष का होता है।

मध्यम पुरुष कौन होता है?

2. मध्यम पुरुष मध्यम पुरुष श्रोता होता है जिससे वक्ता बात करता है। वक्ता श्रोता के लिए आप, तुम, तुमको, तुझे, तू आदि शब्दों का प्रयोग करता है।

प्रथम पुरुष की परिभाषा क्या है?

प्रथम पुरुष होता है कोई तीसरा आदमी । वह प्रथम पुरुष ही आदि पुरुष भी है .

प्रथम पुरुष का दूसरा नाम क्या है?

Answer. अन्यपुरुष है प्रथमपुरुष का दूसरा नाम