रक्त का थक्का बनने का कारण क्या है? - rakt ka thakka banane ka kaaran kya hai?

हेलो फ्रेंड्स प्रश्न दिया गया है रक्त का थक्का किस कारण बनता है दोस्तों हम यहां पर बताना ही कि रक्त का थक्का किस कारण से बनता है तो दोस्तों जब क्या होता है कि हमारे शरीर में किस भाग में चोट लग जाती है तो वहां पर क्या होता है और वहां पर क्या हो जाता है रक्त का थक्का बन जाता है ठीक है रक्त का थक्का बनने के कारण वहां पर रक्त का बहाव जो है बंद हो जाता है और यह रक्त का थक्का किस के कारण बनता है दोस्तों रक्त का थक्का रक्त में पाई जाने वाली जो क्या होती है बीमारी होती है या दिनेश होम वो साइड भी कहते हैं या प्लेटलेट्स कहा जाता है ठीक है क्या कहा जाता है प्लेटलेट्स कहा जाता है यह रक्त का थक्का बनाती है कि के विमान क्या करती है रक्त स्कंदन कारकों का हिसाब करती हैं

जो कि रक्त का थक्का बनाने का कार्य करती हैं ठीक है तो बात करें अगर विकल्पों की तो पहला दिया गया है फाइब्रिनस कणिकाएं तो दोस्तों 5 रेंज होता है यह क्या होती हैं 5 रिंग है यह एक प्रकार का चाहे रेशेदार प्रोटीन है फायरिंग है यह रेशेदार प्रोटीन होता है वह प्रोटीन का क्या होता है रक्त के थक्के के दौरान जाल बनता है और इस जाल में जो कणिकाएं होती है कौन सी कनिका रक्त कणिकाएं ठीक है वह फस जाती हैं और वहां पर रक्त का बहाव बंद हो जाता है जिस प्रकार रक्त का थक्का बनता है तो यह हमारे प्रश्न का उत्तर सही हो सकता है दूसरा हियरिंग प्लस होता है यह रक्त

का छक्का बनने से रोकता है तीसरा हे प्लाज्मा प्लस लाल रुधिर तो रक्त का जो तरल भाग होता है यह प्लाज्मा कहलाता है और लाल रुधिर होते हैं यह ऑक्सीजन का संवहन करते हैं यह रक्त का थक्का बनाने में सहायता नहीं करते हैं या विकल्प गलत हो जाएगा और चौथा और आखिरी है प्लाज्मा प्लस कोंबो साइट तो दोस्तों जो प्लाज्मा होती है यह किसी प्रकार के रक्त का थक्का बनाने में सहायता नहीं करता है परंतु थ्रोंबोसाइटोपेनिया करते हैं परंतु प्लाज्मा की उपस्थिति कारण तक जाएगा यहां पर हमारे प्रश्न का सही उत्तर है पहला विकल्प

Blood Thinner: जब रक्त का थक्का बनता है, तो रक्त तरल से जेल में बदलना शुरू हो जाता है, जो एक थक्का जैसा दिखता है। इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं।

Health Care: शरीर में खून के थक्के जमना बेहद गंभीर हो सकता है। इसे हम ब्लड क्लॉटिंग भी कहते हैं। खून के थक्के कई तरह के होते हैं। ज्यादातर खून के थक्के पैर के नीचे की तरफ दिखाई देते हैं। रक्त के थक्के आपके हृदय, फेफड़े, मस्तिष्क और पेट के क्षेत्रों में भी बन सकते हैं।

खून का थक्का जमना कोरोना के दुष्प्रभावों में से एक है। एक पोस्ट-कोरोनावायरस स्टडी में पाया गया कि जो रोगी वायरस से संक्रमित थे, उनमें लगभग एक साल बाद खून के थक्के विकसित हुए। इस वजह से मरीजों में दूसरी बीमारियों का भी खतरा देखा गया। खून के थक्कों की अवधि के दौरान, आपका शरीर कई लक्षण दिखाता है। इसलिए अगर आप इन लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं तो यह खतरा बढ़ने की संभावना है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने से आपको सही इलाज मिलने में मदद मिलेगी।

चोट लगने या कट जाने पर खून का थक्का बनना जरूरी होता है क्योंकि यह शरीर से अत्यधिक ब्लीडिंग को रोकता है, लेकिन जब यह शरीर के अंदर की नसों में थक्का जमा होने लगता है तो यह खतरनाक हो जाता है। नसों में खून का थक्का बनना खतरनाक होता है। इसके कारण हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक हो सकता है।

खून के थक्के बनने के मुख्य लक्षण

  1. त्वचा के रंग में बदलाव: खून के थक्के हाथों और पैरों की नसों को ब्लॉक कर देते हैं और आपकी त्वचा का रंग बदलने लगता है।
  2. सूजन: एक रक्त का थक्का आपके ब्लड सर्कुसलेशन को रोकता है। इससे ब्लड के इकट्ठा होने और कोशिकाओं में सूजन आने की संभावना रहती है। आपके हाथ या पेट में खून का थक्का बन सकता है । ऐसे में हर 3 में से एक व्यक्ति को शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन की शिकायत होती है
  3. छाती में दर्द: अगर आपको दर्द हो रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में बना खून का थक्का टूट गया है। ऐसे समय में हार्ट अटैक भी आ सकता है।
  4. सांस लेने में दिक्क्त: अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो यह फेफड़ों या दिल में रक्त के थक्के का संकेत हो सकता है। यह आपकी हृदय गति को बढ़ा सकता है। आप बेहोश भी हो सकते हैं। यह लक्षण बहुत ही गंभीर होता है।
  5. लगातार खांसी आना: लगातार खांसी आना भी शरीर में खून के थक्के जमने का संकेत है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपको सीने में चोट लगी है या खांसी में खून आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

हर साल हजारों लोग अपनी नस में खून का थक्का जमने की समस्या का सामना करते हैं। इस स्थिति को वीनस थ्रोम्बोएम्बोलिस्म (VTE) (venous thromboembolism) के नाम से जानते हैं, यह एक गंभीर और संभवतः जानलेवा स्वास्थ्य संबंधी स्थिति है।

यहां VTE का मतलब इन सभी स्थितियों से है:

  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस (deep vein thrombosis) (DVT) एक प्रकार का खून का थक्का जो शरीर की एक गहरी नस, आमतौर पर पैर की नस में बनता है।
  • पल्मनरी एम्बोलिज्म (pulmonary embolism): इस स्थिति में हृदय से फेफड़ों तक खून ले जाने वाली किसी एक धमनी में खून का थक्का जम जाता है।

किसी गंभीर स्थिति के अलावा अधिकतर खून के थक्कों को नजरअंदाज किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप सचेत रहें और सामान्य रोकथाम के कदम उठाएं।

यह लेख नसों में बनने वाले खून के थक्के (blood clot) के बारे में है। अगर आप धमनियों में बनने वाले खून के थक्के के बारे में जानकारी चाहते हैं जो हृदयाघात और स्ट्रोक का सामान्य कारण है। तो अर्ट्रीयल थ्रोम्बोसिस (arterial thrombosis) के बारे में पढ़ें।

खून का थक्का जमने की समस्या किसे होती है?

खून का थक्का जमने की समस्या किसी को भी हो सकती है लेकिन अगर आप ज़्यादा हिलते डुलते नहीं हैं या बीमार रहते हैं, तो आपको ज़्यादा खतरा हो सकता है।

आपने सम्भवतः सुना होगा कि खून के थक्के की समस्या लम्बी हवाई यात्रा या गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pill) से सम्बंधित मामलों में होती है। लेकिन ज़्यादातर खून के थक्के अस्पताल में रहने के दौरान बन जाते हैं।

आपके खतरे बढ़ सकते हैं अगर आप,

  • 60 साल से ज़्यादा उम्र के हैं
  • ज़्यादा वज़न के या मोटे हैं
  • आपको पहले भी खून का थक्का बना है।
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (hormone replacement therapy) लेते हैं ।
  • गर्भवती हैं या हाल ही में जन्म दिया है।
  • डिहाइड्रेटेड (dehydrated) हैं
  • कैंसर है या कैंसर का उपचार चल रहा है।
  • ऐसी कोई अवस्था है जिसके कारण आपके खून में आसानी से थक्का बन रहा है। जैसे कि ऐंटिफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम (antiphospholipid syndrome)

इस विषय का बाकी हिस्सा अस्पताल में भर्ती होने के साथ बनने वाले खून के थक्के से सम्बंधित है।

अस्पताल में बनने वाले खून के थक्के (blood clot)

आप में खून के थक्के जमने के जोखिम का आंकलन (Assessing your risk of blood clots)

जब आप अस्पताल पहुँचते हैं तो आपमें खून के थक्के बनने के खतरे की जांच हो सकती है। अस्पताल का स्टाफ आपकी उम्र और वज़न रिकॉर्ड करता है और आपके सामान्य स्वास्थ्य के बारे में पूछता है। आंकलन आपके अस्पताल में रहने के कारण को भी ध्यान में रखकर किया जाता है।

अगर आपका कोई बड़ा ऑपरेशन हो रहा है, या किसी चिकित्सीय वजह से आप लंबे समय के लिए बिस्तर पर जा रहे हैं या आपको ऊपर बताये गए कारणों में से कुछ है, आपमें खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।

अगर आंकलन में पता चलता है कि आपमें खून का थक्का बनने का खतरा है तो आपको निवारक इलाज की पेशकश की जाएगी। इसके इलाज में खून को पतला करने वाली दवाई एंटीकोग्युलेन्ट (anticoagulants) और दबाव वाले स्टॉकिंग या फुट पम्प जो आपके खून के प्रवाह और किसी भी खून के थक्के को बनने से रोक सकते है, ये सभी विकल्प शामिल होंगे।

अस्पताल के कर्मचारियों को खून के थक्के रोकने की दवा देने से पहले यह जांचना चाहिए कि कहीं इससे खून बहने की समस्या होने की संभावना तो नहीं।

अगर आप अस्पताल में भर्ती हुए हैं और आप में खून का थक्का बनने के जोखिम की जांच नहीं हुई है तो अपने डॉक्टर या नर्स से इस विषय में जरूर बात करें। इसी तरह यदि आपको खून का थक्का बनने का जोखिम है तो आपको दवाई, स्टॉकिंग और अन्य यंत्र दिए जा सकते हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें अच्छी तरह इस्तेमाल करना सीखना भी जरूरी है।

अपने अस्पताल के कर्मचारियों से खून का थक्का बनने के खतरे को कम करने के बारे में पूछते हुए घबराए नहीं। यह आपकी जान बचा सकता है।

खून के थक्के के बारे में आप स्वास्थ्य विशेषज्ञ से ये प्रश्न पूछ सकते हैं

  • क्या मुझमें खून का थक्का बनने का खतरा है।
  • मुझे रक्तस्राव की समस्या होने की कितनी संभावना है?
  • यदि मुझे थक्के को रोकने में मदद करने वाली किसी दवाई या इलाज से समस्या हो रही है तो ऐसी स्थिति में क्या किया जाएगा?

आपमें खून के थक्के बनने के जोखिम को कम करना

आप अस्पताल में भर्ती होने के पहले, भर्ती रहने के दौरान और छुट्टी मिलने के बाद खून का थक्का बनने के खतरे को कम करने के लिए अपने चिकित्सीय प्रशिक्षक की देखरेख में कई अन्य सावधानियाँ भी बरत सकते हैं।

अस्पताल आने से पहले (Before coming into hospital)

आप अस्पताल आने से पहले ये कदम उठा सकते हैं:

  • किसी भी बढ़े वज़न को कम करने की कोशिश करें
  • जितना हो सके उतना गतिशील रहें
  • अगर आप HRT या गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। आपको उन्हें ऑपरेशन से कुछ हफ्ते पहले रोकने के ज़रूरत पड़ सकती है।

अस्पताल में भर्ती होने पर (While in hospital)

अस्पताल में रहने के दौरान आपमें खून का थक्का बनने के मौके कम हो सकते हैं।

खुद को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त द्रव्य का सेवन करें।

अपने दबाव वाले स्टॉकिंग को धुलने के समय छोड़कर दिन और रात पहने।

अगर आपको कोई और कम्प्रेशन डिवाइस (compression device) मिला है तो उसका भी नियमित इस्तेमाल करें।

आपको कोई खून पतला करने वाली दवाई बताई गई है तो उसका सेवन करें।

सलाह के बाद जितनी जल्दी हो सके हिलना डुलना शुरू कर दें।

अस्पताल छोड़ने के बाद (After leaving hospital)

आपमें अस्पताल छोड़ने के कुछ दिन या हफ़्तों बाद भी खून का थक्का बनने का खतरा रहेगा। तो आपको कुछ समय के लिए रोकथाम संबंधी उपायों को जारी रखने की सलाह दी जा सकती है। आपकी केयर टीम आपके अस्पताल से जाने से पहले इस बारे में आपसे बात करेगी।

आपको तब तक के लिए कम्प्रेशन स्टॉकिंग पहनने को दिया जा सकता है जब तक आप गतिशील नहीं हो जाते हैं। आपको कई हफ़्तों तक एंटीकोग्युलेन्ट (anticoagulant) लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। आपको जितना हो सके उतना गतिशील और हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होगी।

यदि आप में खून का थक्का जमा है तो इसका पता कैसे लगाएं?

अस्पताल छोड़ने से पहले आपको खून का थक्का जमने से संबंधित सभी बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

खून के थक्के के लक्षणों में ये शामिल हैं:

  • ऐंठन का दर्द (cramping pain), लालपन, गर्मी या आपके एक पैर में सूजन है तो ये DVT के लक्षण हो सकते हैं।
  • सांस फूलना (breathlessness), सीने में दर्द (chest pain), बेहोशी या खून की खांसी (coughing up blood) है तो ये पल्मनरी एम्बोलिज्म (pulmonary embolism) के लक्षण हैं।

अगर आपमें खून का थक्का बनने के लक्षण विकसित होते हैं तो डॉक्टर से परामर्श करें या जितनी जल्दी हो सके अपने करीबी आपातकालीन विभाग पर जाएं।

यदि खून के थक्कों की जानकारी सही समय पर हो जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। खून के थक्कों (blood clot) के इलाज के बारे में और पढ़ें।