राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए हमें क्या करना चाहिए? - raashtreey ekata kee raksha ke lie hamen kya karana chaahie?

राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर निबंध Essay on National Unity and Integrity in Hindi: भारत एक संघ राज्य है. अनेक राज्यों या प्रदेशो में निवास करने वाले, भिन्न भिन्न रूप रंग, आचार विचार, भाषा और धर्म के लोग यहाँ निवास करते है. इन सभी की स्थानीय संस्कृतियाँ है. इन सबसे मिलकर एक भारतीय संस्कृति का विकास हुआ है. हम सभी भारतीय है, यही भावना भारत को राष्ट्र का रूप देती है. अनेकता में एकता की यह भावना ही हमारे राष्ट्र का आधार है. किसी ने ठीक ही कहा है.

राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए हमें क्या करना चाहिए? - raashtreey ekata kee raksha ke lie hamen kya karana chaahie?

हिन्द देश के निवासी, सब जन एक है
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक है.

राष्ट्रीय एकता और अखंडता का अर्थ

राष्ट्रीय एकता का अर्थ है भारतीय के रूप में हमारी पहचान. सभी धर्मों परम्पराओं, आचार, विचारों, भाषाओँ और उप्संस्क्रतियों का आदर करना, भारत भूमि और भारत के सभी निवासियों के प्रति प्रेमभाव रखना यही राष्ट्रीय एकता का स्वरूप है. राष्ट्रीय अखंडता का अर्थ है, राष्ट्र की भूमि के हर भाग की सुरक्षा करना.

देश को बाटने वाली विदेशी आक्रमण या षड्यंत्र को विफल बनाना और आंतरिक एकजुटता बनाए रखना, यही राष्ट्रीय अखंडता की भावना है. भारतवासियों को हर कीमत पर राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहिए.

एकता और अखंडता पर संकट

आज हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता संकट में है. इस स्थति के लिये सर्वाधिक दोषी हमारे राजनेता है. विदेशी लोगों ने फूट डालों और राज करो’ की निति अपनाकर सैकड़ो वर्षों तक हमे गुलामी भोगने के लिए मजबूर किया था.

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हमारे देशी शासक भी सता की लोलुपता से अंधे होकर यही निति अपना रहे है. इन्होने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए जनता को जाति, धर्म, आरक्षित, अनारक्षित, अगड़े, पिछड़े, अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक और प्रादेशिक कहरता के आधार पर बाट दिया है, इनको न देश की एकता की चिंता है न अखंडता की.

इनको केवल अपना वोट बैंक बनाए रखने की चिंता है. ये लोग बड़बोले, कायर और देशद्रोही है, जनता को इनके असली रूप को अपनी शक्ति को पहचान लेना चाहिए और इनको सही रस्ते पर आने के लिए मजबूर कर देना चाहिए.

राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए उपाय

राष्ट्र की अखंडता की रक्षा के लिए सेना है. बाहरी आक्रमण अथवा राष्ट्रीय संकट की घड़ी में सेना ही आगे आती है. लेकिन राष्ट्रीय एकता और अखंडता की रक्षा में देश के हर नाग्रिक्क की भी भूमिका होती है. अपने प्रतिनिधि चुनते समय हमे उनके पूर्व इतिहास और चरित्र पर ध्यान देना चाहिए. लोभ लालच या स्वार्थवंश ऐसा कोई कार्य नही करना चाहिए, जिससे हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर संकट आए.

National Unity and Integrity Essay in Hindi In 500 Words

प्रस्तावना

भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता की साधना हैं. भारत विविध क्यारियों से सजा एक विशाल उद्यान हैं. नाना प्रकार के रत्नों से गुंथा मानवता के कंठ का हार हैं. किन्तु जब उपवन की क्यारियाँ द्रोह पर उतारू हो जाए, माला के फूल चूल बनकर चुभने लगे तो उस भारती कल्पना का क्या अंत होगा?

रत्नहार के टूटने पर हीरा हो गया पन्ना, नीलम हो या पुखराज, सब धरती पर बिखर जाते हैं. संस्कृति की सुरभि, इतिहास का गौरव और संगठन की शक्ति का लाभ तभी तक मिलेगा, जब तक राष्ट्रीय एकता सुरक्षित रहेगी. देश की अखंडता यदि संकट में पड़ी तो गुलामी के द्वार फिर से खुल जाएगे.

राष्ट्रीय एकता और अखंडता का अर्थ

राष्ट्र के तीन अनिवार्य अंग हैं- भूमि, निवासी और संस्कृति. एक राष्ट्र के दीर्घ जीवन और सुरक्षा के लिए इन तीनों का सही सम्बन्ध बना रहना परमआवश्यक होता हैं. यदि किसी राष्ट्र की भूमि से वहां के राष्ट्रवासी उदासीन हो जाएगे तो राष्ट्र के विखंडन का भय बना रहेगा.

1962 में चीन का आक्रमण और भारत की हजारों किलोमीटर भूमि पर अधिकार इसका ज्वलंत उदाहरण हैं. राष्ट्र की भूमि माता के तुल्य हैं. माता भूमि पुत्रोः पृथ्व्या यह भावना राष्ट्र की अखंडता के लिए परम आवश्यक हैं. राष्ट्र जनों को एक सूत्र में बाँधने वाली राष्ट्रीय संस्कृति होती हैं.

केवल एक स्थान पर निवास करने वाला जनसमूह राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकता, जब तक कि वह परस्पर सांस्कृतिक सूत्र से न बंधा हो. धार्मिक सद्भाव सहयोग, पर्व, उत्सव कला और साहित्य संस्कृति के अंग हैं. स्पष्ट हैं कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता एक राष्ट्र के जीवन और समृद्धि के लिए अनिवार्य शर्ते हैं.

राष्ट्रीय एकता और अखंडता की आवश्यकता

आज भारत के अस्तित्व और सुरक्षा को गम्भीर चुनौतियाँ भीतर और बाहर दोनों से हैं. भीतर से प्रादेशिक संकीर्णता, धार्मिक असहिष्णुता, नक्सलवाद, आतंकवाद, जातीय संकोच आदि स्वार्थपूर्ण राजनीति देश को विखंडन की ओर ले जा रही हैं

और पड़ोसी देशों के षड्यंत्र हमकों तोड़ने के लिए कटिबद्ध हैं.कुछवर्षों पूर्व संसद पर हुआ हमला तथा समय समय पर मंदिरों पर हुए आक्रमण देश की एकता को विखंडित करने की साजिश के स्पष्ट प्रमाण हैं.

इतिहास गवाह है कि भारत भूमि पर विदेशी आँखे निरंतर ललचाती रही हैं. जब जब हम एक रहे, विजयी रहे, आक्रमण की बाढ़ हमारी एकता की चट्टान से टकराकर चूर चूर हो गई और जब हम बिखरे,

हमने मुहं की खाई, हम परतंत्र हुए, हजारों वर्षों की अपमानजनक गुलामी हमें यही सिखाती हैं कि एक होकर रहो और एक राष्ट्र बने रहो.

विविध धर्मों, आचारों, भाषाओं और प्रदेशों वाले देश को तो एकता की अत्यंत आवश्यकता होती हैं. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने आपसी भेदभाव को मिटाकर एक होने का संदेश दिया हैं.

क्या साम्प्रदायिक भेद से है एक्य मिट सकता अहो
बनती नहीं क्या एक माला, विविध सुमनों की कहो

देशवासियों का कर्तव्य

हर नागरिक का यह परम धर्म है कि राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य से परिचित रहे और उसका पालन करे. छात्रवर्ग को अपनी राष्ट्रीय संस्कृति और इतिहास का आदर करना चाहिए और अपने जीवन में उसे झलकाना चाहिए.

समाज के अन्य वर्गों का उत्तरदायित्व भी इतना ही महत्वपूर्ण हैं जितना वैज्ञानिक, व्यापारी, श्रमिक या श्रीमान के लिए हैं. सबकों राष्ट्र का हित ध्यान में रखकर चलना चाहिए. राष्ट्र जिएगा तो सब जिएगे. यदि राष्ट्र टूटा तो सबको धराशायी और धूल धूसरित होना पड़ेगा.

उपसंहार

अंत में यही कहना पड़ता हैं कि अनेकता में एकता और भारत की अखंडता में भारतीयों के लिए जीवन मरण का प्रश्न हैं. हमें आंतरिक मन से एकता का आचरण करना ही होगा.

रखे परस्पर मेल मन से छोड़कर अविवेकता
मन का मिलन ही मिलन है, होती उसी से एकता

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आशा करता हूँ दोस्तों राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर निबंध Essay on National Unity and Integrity in Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों यह निबंध पसंद आया  हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे.

राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए?

(11) राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि एक सही भाषा नीति बनाई जाय, सभी भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाये। (12) न्याय व्यवस्था में निष्पक्षता और ईमानदारी स्थापित की जाये। (13) सबके लिए समान कानूनों की व्यवस्था की जाये। जाति व धर्म के नाम पर अलग-अलग कानूनों को समाप्त किया जाये।

राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए आपस में चर्चा करो और लिखो?

इसलिए राष्ट्रीय एकता की भावना को जाग्रत करने के लिए पहले देश से निरक्षरता को हठाना चाहिए। सभी धर्म-वर्ण-सम्प्रदायों के लोगों को शामिल कर एक राष्ट्रीय एकता परिषद बनाना चाहिए। 7. भाषा अलग सुर एक हैं हमारे देश में अनेक भाषाएँ एवं बोलियाँ प्रचलित है।

राष्ट्रीय एकता क्या आवश्यक है?

देश को गुलामी, साम्प्रदायिक झगड़ों, दंगों से बचाने के लिए देश में राष्ट्र एकता का होना अतिआवश्यक है। 200 साल से भी अधिक की गुलामी के पश्चात प्राप्त स्वतंत्रता का हमें सम्मान करना चाहिए तथा किसी भी कारणवश राष्ट्र एकता पर उंगली उठ सके, ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए।

हम अपने देश में राष्ट्रीय एकता कैसे स्थापित कर सकते हैं?

अब तो राष्ट्रीय एकता व अखण्डता को खतरा बनता जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य भी है कि वह राष्ट्र की अखण्डता को बनाये रखने में पूर्ण सहयोग करे और राष्ट्र को शक्तिशाली बनाये रखे । राष्ट्र को शक्तिशाली व पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रीयता की भावना अति आवश्यक है।