सबसे छोटा परमाणु कौन सा होता है? - sabase chhota paramaanu kaun sa hota hai?

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं।[1] हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 1 एगेस्ट्रोम (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं।[2] हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं।

परमाणुओं इतने छोटे है कि शास्त्रीय भौतिकी इसका काफ़ी गलत परिणाम देते हैं।

हर परमाणु नाभिक से बना है और नाभिक एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन्स से सीमित है। नाभिक आम तौर पर एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की एक समान संख्या से बना है। प्रोटान और न्यूट्रान न्यूक्लिऑन कहलाता है। परमाणु के द्रव्यमान का 99.94% से अधिक भाग नाभिक में होता है। प्रोटॉन पर सकारात्मक विद्युत आवेश होता है, इलेक्ट्रॉन्स पर नकारात्मक विद्युत आवेश होता है और न्यूट्रान पर कोई भी विद्युत आवेश नहीं होता है।

एक परमाणु के इलेक्ट्रॉन्स इस विद्युत चुम्बकीय बल द्वारा एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की ओर आकर्षित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक अलग बल, यानि परमाणु बल के द्वारा एक दूसरे को आकर्षित करते है, जोकि विद्युत चुम्बकीय बल जिसमे सकारात्मक आवेशित प्रोटॉन एक दूसरे से पीछे हट रहे हैं, की तुलना में आम तौर पर शक्तिशाली है।

परमाणु के केन्द्र में नाभिक (न्यूक्लिअस) होता है जिसका घनत्व बहुत अधिक होता है। नाभिक का व्यास फर्मी में मापते हे । (एक फर्मि बराबर 10 की घात-15 ) नाभिक के चारो ओर ऋणात्मक आवेश वाले एलेक्ट्रान चक्कर लगाते रहते हैं जिसको एलेक्ट्रान घन (एलेक्ट्रान क्लाउड) कहते हैं। नाभिक, धनात्मक आवेश वाले प्रोटानों एवं अनावेशित (न्यूट्रल) न्यूट्रानों से बना होता है। जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है; अन्यथा परमाणु धनावेशित या ऋणावेशित ऑयन के रूप में होता है।

आधुनिक रसायनशास्त्र में शताधिक मूल भूत माने गए हैं, जिनमें से कुछ तो धातुएँ हैं जैसे ताँबा, सोना, लोहा, सीसा, चाँदी, राँगा, जस्ता; कुछ और खनिज हैं, जैसे, गंधक, फासफरस, पोटासियम, अंजन, पारा तथा कुछ गैस हैं, जैसे, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि। इन्हीं मूल भूतों के अनुसार परमाणु आधुनिक रसायन में माने जाते हैं। पहले समझा जाता था कि ये अविभाज्य हैं। अब इनके भी टुकड़े कर दिए गए हैं।

नाभिक में प्रोटॉन की संख्या किसी रासायनिक तत्व को परिभाषित करता है: जैसे सभी तांबा के परमाणु में 29 प्रोटॉन होते हैं। न्यूट्रॉन की संख्या तत्व के समस्थानिक को परिभाषित करता है।अर्थात परमाणु के नाभिक मे उपस्थिति प्रोटॉन की संख्या उस तत्व का परमाणु क्रमांक कहलाता है [3] इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक परमाणु के चुंबकीय गुण को प्रभावित करता है। परमाणु अणु के रूप में रासायनिक यौगिक बनाने के लिए रासायनिक आबंध द्वारा एक या अधिक अन्य परमाणुओं को संलग्न कर सकते हैं। परमाणु की संघटित और असंघटित करने की क्षमता प्रकृति में हुए बहुत से भौतिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है, और रसायन शास्त्र के अनुशासन का विषय है। रसायन विज्ञान के दादाजी चंदन को कहा गया है

लगभग 500 ईसा पूर्व ग्रीक दार्शनिक डेमोक्रिट्स एवं ल्यूसीपश्ल्यूसीपश् ने सूक्ष्मतम अविभाज्य कणो को ATOMS कहा। यह यूनानी भाषा के atomio से लिया गया है जिसका अर्थ है न काटा जाने वाला या अविभाज्य। परंतु सिद्धांत डाल्टन ने दिया है।

महर्षि कन्नड़ का प्रस्ताव है कि परमानु (परमाणु) पदार्थ का अविनाशी कण है। परमाणु अविभाज्य है क्योंकि यह एक ऐसी अवस्था है जिस पर कोई मापन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने परमाणुओं के गुणों को निर्धारित करने के लिए अपरिवर्तनीय तर्कों का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि अनु की दो अवस्थाएँ हो सकती हैं - पूर्ण विश्राम और गति की अवस्था। आचार्य कन्नड़, जिन्हें कश्यप के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय प्राकृतिक वैज्ञानिक और दार्शनिक थे, जिन्होंने जॉन डाल्टन की खोज से २५०० वर्ष पहले परमाणुओं का सिद्धांत तैयार किया था। उन्होंने भारतीय दर्शन के वैशेषिक स्कूल की स्थापना की जो कि प्रारंभिक भारतीय भौतिकी का प्रतीक था।

'परमाणु' शब्द का मूल अर्थ है, 'वह कण जिसे छोटे कणों में न विभाजित किया जा सके', लेकिन आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगों से पता चलता है कि परमाणु विभिन्न अपरमाणविक कणों से बना है। इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक परमाणु के संघटक कण है; सभी तीन फर्मिऑन हैं। हालांकि, हाइड्रोजन-1 के परमाणुओं में कोई न्यूट्रॉन नहीं है।

इलेक्ट्रॉन पर एक ऋणात्मक विद्युत आवेश होता है। इसका आकार बहुत छोटा होता है और द्रव्यमान 9.11 × 10−31 कि. ग्रा. है। इन कणों में इलेक्ट्रॉन सबसे हल्का है।[4] इलेक्ट्रान की खोज 19वीं सदी से अंत में हुई, जिसका अधिकतर श्रेय जे. जे. थॉमसन को जाता हैं।

प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है। इसका द्रव्यमान 1.6726 × 10−24 ग्रा॰/1.6726 (yg/योक्टोग्राम) है जो इलेक्ट्रान के द्रव्यमान के 1,836 गुना है। एक परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या परमाणु संख्या कहलाता है। प्रोटॉन की खोज अर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा 1919 में किया गया था।

न्यूट्रॉन पर कोई विद्युत आवेश नहीं होता है। इसका द्रव्यमान 1.6929 × 10−27 कि.ग्रा. है जो इलेक्ट्रान के द्रव्यमान के 1,839 गुना है।[5] न्यूट्रॉन और प्रोटॉन का द्रव्यमान लगभग एक सामान होता है। न्यूट्रॉन की खोज अंग्रेज भौतिकविज्ञानी जेम्स चैडविक ने 1932 में की थी।

एक परमाणु में सभी प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर एक छोटा परमाणु नाभिक बनाते है, और सामूहिक रूप से न्यूक्लिऑन कहलाते है। नाभिक की त्रिज्या लगभग, 1.07 3√A फेम्तोमीटर (en:Femtometre) के बराबर है, जहां A न्युक्लियोन की कुल संख्या है।[6] यह परमाणु की त्रिज्या की तुलना में काफी छोटा है, जो 105 फेम्तोमीटर/१०० पीकोमीटर के कोटि (ऑर्डर) की होती है।

सबसे छोटा परमाणु कौन सा है?

किस तत्व का परमाणु सबसे छोटा होता है? व्याख्या-हीलियम परमाणु की त्रिज्या (Radius) 31 पीकोमीटर है तथा यह सबसे छोटा परमाणु है।

परमाणु और अणु में सबसे छोटा कौन है?

परमाणु पदार्थ का सबसे छोटा कण है, इस प्रकार परमाणुओं के संयोजन को अणु कहा जाता है। अणु मुक्त अवस्था में मौजूद हो सकते हैं। इसके अलावा, अणु एक पदार्थ का सबसे छोटा कण होता है, जिसमें उस पदार्थ के गुण होते हैं और मुक्त अवस्था में मौजूद हो सकते हैं।

सबसे बड़ा परमाणु कौन सा है?

Detailed Solution लिथियम (Li) तत्व में सबसे बड़ा परमाणु है। सबसे बड़े परमाणु को उसके परमाणु त्रिज्या द्वारा परिभाषित किया जाता है यानी इसकी सबसे बाहरी कक्षा/रासायनिक संयोजन शेल से नाभिक के बीच की दूरी।

सबसे छोटा तत्व कौन सा है?

सबसे छोटा तत्व हाइड्रोजन है. इसका परमाणु संख्या एक है. इसके नाभिक में एक हि प्रोटोन और एक ही इलेक्ट्रान है.