कोरोनरी आर्टरी डिजीज हार्ट अटैक हार्ट अटैक के दौरान आमतौर पर लक्षण आधे घंटे तक या इससे ज्यादा समय तक रहते हैं और आराम करने या दवा खाने से आराम नहीं मिलता। लक्षणों की शुरुआत मामूली दर्द से होकर गंभीर दर्द तक पहुंच सकती है। कुछ लोगों में हार्ट अटैक का कोई लक्षण सामने नहीं आता, जिसे हम साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रै क्शन यानी
एमआई कहते हैं। ऐसा आमतौर पर उन मरीजों में होता है जो डायबीटीज से पीडि़त होते हैं। जिन लोगों को हार्ट अटैक की आशंका है, वे बिल्कुल देर न करें। फौरन आपातकालीन मदद लें, क्योंकि हार्ट अटैक में फौरन इलाज बेहद जरूरी है। इलाज जितनी जल्दी होगा, मरीज के पूरी तरह ठीक होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। एरिदमिया हार्ट वाल्व संबंधी बीमारी के लक्षण हार्ट फेलियर दिल संबंधी जन्मजात दोष जांच के तरीके कॉलेस्ट्रॉल आपकी जांच रिपोर्ट कॉलेस्ट्रॉल को मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (एमजी/डीएल) में दिखाएगी। डॉक्टर आपके कॉलेस्ट्रॉल स्तर को दूसरे रिस्क फैक्टर जैसे पारिवारिक इतिहास, स्मोकिंग और हाई बीपी आदि को भी ध्यान में रखते हुए आंकेंगे। अगर आपका कुल कॉलेस्ट्रॉल 200 एमजी/डीएल या इससे ज्यादा है या एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल 40 एमजी/डीएल से कम है, तो आपके इलाज की लाइन तय करने के लिए आपके एलडीएल यानी बैड कॉलेस्ट्रॉल की जांच भी जरूरी होगी। ऐसे में अगर आपने पहला टेस्ट फास्टिंग में नहीं कराया है तो डॉक्टर आपको दोबारा कॉलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। हर साल जांच ईकेजी चेस्ट एक्सरे स्ट्रेस
टेस्ट एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट : एक्सरसाइज इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, टे्रडमिल टेस्ट, ग्रेडेड एक्सरसाइज टेस्ट या स्ट्रेस ईसीजी यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि मरीज का दिल मेहनत करने पर कैसी प्रतिक्रिया देता है। इसके लिए ट्रेडमिल पर चलने या साइकल पर पेडल चलाने के लिए कहा जाता है, जिसका कठिनाई स्तर धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है और इस दौरान इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर की निगरानी की जाती है। कार्डिएक स्ट्रेस टेस्ट के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। इनमें पल्पिटेशन, सांस का जल्दी-जल्दी आना और छाती में दर्द आदि शामिल हैं। कुछ बिरले मामलों में कार्डिएक स्टे्रस टेस्ट में दी जाने वाली दवाओं से मामूली रूप से ब्लड प्रेशर बढऩे जैसे साइड इफेक्ट देखे जाते हैं। ईकोकार्डियोग्राम कार्डिएक कैथेटराइजेशन इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट सीटी हार्ट स्कैन मायोकार्डियल बायॉप्सी हार्ट एमआरआई पेरीकार्डियोसेंटेसिस जांच और उन पर आने वाला खर्च और ज्यादा जानकारी ऐप Coronary Heart Disease Instant Heart Rate वेबसाइट यूट्यूब
विडियो 10 बातें जो दिल को रखेंगी स्वस्थ 1. सेहतमंद डाइट 2. वजन काबू में 3. योग और
एक्सरसाइज 4. सक्रिय रहें 5. तनाव को बाय 6. स्मोकिंग और अल्कोहल छोड़ें 7. अच्छी नींद लें 8. खुलकर हंसें, मस्त रहें 9. फैमिली हिस्ट्री का ध्यान 10. डॉक्टर के पास जाएं Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें सीने में धक धक क्यों होता है?दरअसल, ऐसा पेट में किसी समस्या की वजह से होता है. यह एसिडिटी या हाइपरएसिडिटी की वजह से होता है. ये तो आप जानते होंगे कि खाने को पचाने के लिए शरीर में कुछ एसिड निकलते हैं और जब यह एसिड ज्यादा निकलता है तो पेट की मांसपेशियों में दिक्कत होती है और उससे सीने में दर्द होता है. '
दिल कमजोर होने के क्या लक्षण होते हैं?– सीने में दर्द. – बेहोशी या बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना. – दिल की धड़कन बढ़ जाना या अनियमित होना. – अचानक सांस लेने में तकलीफ होना.
हार्ट की बीमारी का पता कैसे चलता है?अगर आपको छाती के बीच में या आपकी बाहों, कमर के ऊपरी हिस्से में, जबड़े, गर्दन या पेट के ऊपरी हिस्से में नये तरह का दर्द हो जो 5 मिनट से भी ज्यादा हो, साथ ही सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना, जी घबराना, थकान या चक्कर आना जैसे लक्षण हो तो यह लक्षण हार्ट अटैक के सूचक हो सकते है।
छाती में गैस के लक्षण क्या है?गैस के दर्द में चेस्ट में दर्द और जलन अधिक होती है.
चेस्ट पेन, सांस लेने में परेशानी, पसीना आना और अफरापन महसूस होना कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो गैस की वजह से भी हो सकते हैं. गैस के दर्द और हार्ट अटैक के लक्षणों में काफी अंतर होता है. लोग अक्सर इसे पहचानने में गलती कर देते हैं.
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