सूरज का रंग पीला क्यों होता है? - sooraj ka rang peela kyon hota hai?

सूर्य अथवा सूरज हमारे सौर मण्डल का सबसे बड़ा तारा है |  ये सौर मण्डल के केन्द्र में स्तिथ है ।  ये हमारे पृथ्वी से औसतन 109 गुना बड़ा और 3,30,000 पृथ्वीओ के समान भरी है । ये ह्यग्रोगन (hydrogen) और हीलियम (Helium) गैस से बना होता है जिसमे 3/4 हाइड्रोजन (hydrogen) और 1/4 हीलियम (Helium) गैस होता है । सूर्य का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस  है ।

 सूर्य कि किरणे को हमारी पृथ्वी तक पहुचने मे  8 मिनट लगते है । सूर्य  से पृथ्वी की दुरी औसतन 150 मिलियन किलोमीटर है । सूर्य  की किरणों कि रफ़्तार 300 ,000  किलोमीटर प्रति सेकंड है । ये गति इतनी तेज़ है की  150 मिलियन किलोमीटर की दुरी को पार करने में बस 8 मिनट ही लगते है ।सूरज की किरणे 

पर सूरज का रंग क्या होता है ।(Please  सूरज को अपनी आखों से सीधे ना देखें , इससे आँखे खराब हो सकती है ) जाहिर है पीला (Yellow ), पर सूरज का रंग क्या सच में पीला है ? सूरज सुर्येोदये और सूर्यअस्त के समय पीला या नारंगी (orange ) नजर आता है ।  पर आपको शायद विशवास ना हो पर सूरज का रंग असल में सफेद है । सूरज की इसी सफेद रंग की वजह से हमे बारिश के समय कभी कभी इंद्रध्नुष (Rainbow) भी नज़र आ जाता है ।  आपने देखा होगे की इंद्रध्नुष (Rainbow) 7 रंगो से मिल कर बना है। ये रंग है लाल, नारंगी (Orange ), पीला, हरा, नीला, इंडिगो (Indigo ) और बैंगनी (Violet )। अगर आप इन रंगो को मिला ले तो आपको सफेद (white ) रंग मिलेगा नकी पीला । इंद्रध्नुष 

अब आप सोच रहे  होंगे की सूरज हमें पीला क्यों  नज़र आता है ?  सूरज हमें पीला हमारे हमारे वातावरण की वजह से नज़र आता है । दरअसल रौशनी की सबसे छोटे कण को photon कहते है । रोशनी मे ऐसे अरबो photons होते है । Photons  जो की नीला, इंडिगो (Indigo ) और बैंगनी (Violet ) रंग के होते हे वो हमारे वातावरण में  प्रवेश करते ही विखर जाते है परन्तु लाल, नारंगी (Orange ), पीला रंग बहुत कम बिखरते है । 

क्योंकि दिन में पीला रंग सबसे कम विखरता है, इसलिए हमे दिन में सुरज पीला नज़र आता है। पर अगर आप कभी space की यात्रा करेंगे तो आपको सूरज केवल सफेद ही नजर आएगा । Solution : सूर्य के प्रकाश में सान्द्र `HNO_3` आशिक रूप से विघटित होकर `NO_2` देता है। यह `NO_2, HNO_3` में घुल जाता है और पीला रंग देता है।`4HNO_3 underset(सूर्य की प्रकाश)overset(Delta)(to) 4NO_2 + 2H_2O + O_2` लेकिन सूर्य का असली रंग वास्तव में सफेद है। पृथ्‍वी के वायुमंडल के कारण हमें सूर्य पीला दिखाई देता है। लेकिन जब एक बार आप पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकल जाते हैं, तो सूर्य किसी एक रंग के बजाए सफेद दिखाई देता है। दरअसल, सूर्य की रोशनी सभी रंगों को आपस में मिलाती है, जो हमारी आंखों को सफेद दिखाई देती है, लेकिन यह अंतरिक्ष से ली गई तस्वीरों में ही आसानी से देखा जा सकता है।हम सूर्य के सिंगुलर कलर को नहीं देख सकते हैं क्योंकि सूर्य के प्रकाश का हमारी आंखों में फोटोरिसेप्टर कोशिकाओं पर असर होता है। इससे सभी रंग एक साथ मिल जाते हैं। जब लाइट के सभी रंग आपस में मिल जाते हैं, तो वह सफेद रंग पर खत्‍म होते हैं। इसी वजह से सूर्य पृथ्वी पर पीला, लाल या सफेद और अंतरिक्ष में सफेद दिखाई देता है।पृथ्वी का वायुमंडल, सूर्य के रंग में एक भूमिका निभाता है। यह हमारे दिमाग को नीले-पीले रंग को एक्‍सपीरियंस करने की इजाजत देता है। हालांकि इसका हमारी आंखों पर कोई असर नहीं होता। सूर्य की रोशनी में जो भी एक्‍स-रे और गामा-रे रेडिएशन होता है, वह जमीन के करीब आने से पहले फ‍िल्‍टर हो जाता है।बताया गया है कि जब सूर्य की रोशनी बहुत सारे वायुमंडल से गुजरती है, जैसा कि सूर्योदय और सूर्यास्त के मामले में होता है तो ब्‍लू लाइट और ज्‍यादा बिखरी होती है। इस दौरान सबसे लंबी तरंग दैर्ध्य (लाल) प्रकाश का बहुत अधिक हिस्‍सा हमारी आंखों तक पहुंचता है और सूर्योदय व सूर्यास्‍त के समय सूर्य हमें लाल रंग का दिखाई देता है। लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); चीन की दीवार दुनिया में सबसे लंबी है, यह तो आपको पता होगा। लेकिन क्या यह अंतरिक्ष से भी नजर आती है। बिल्कुल नहीं...जहां कहीं भी आपने यह पढ़ा है, पूरी तरह से गलत है। चीन की दीवार ही क्या अंतरिक्ष से पृथ्वी में स्िथत कुछ भी नहीं दिखता।2. सूरज का रंग पीला है :पृथ्वी पर वातावरण है। सूर्य प्रकाश वातावरण की परतों से गुजरता हुआ प्रकिर्णन के प्रभाव से लाल, केसरिया और पीला दिखायी देता है। अंतरिक्ष मे वातावरण नही है इसलिये सूर्य सफेद दिखायी देता है।3. एक दिन में पृथ्वी का चक्कर पूरा कर लेता है चंद्रमा : (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); चंद्रमा काफी तेज चाल में चलता है यह तो आपको पता है लेकिन यह एक दिन में पृथ्वी का चक्कर लगा लेता है यह पूरी तरह से झूठ है। चंद्रमा को यह चक्कर पूरा करने में कुल 27 दिन लगते हैं। इसी वजह से आपको रोज चंद्रमा की आकृति में बदलाव दिखता है।4. बुध ग्रह सबसे ज्यादा गर्म है :बुध ग्रह सबसे गर्म है, इस पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है। क्योंकि यह सूर्य के सबसे नजदीक है। लेकिन ऐसा नहीं है। किसी ग्रह के दूर या पास होने से उसके तापमान पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहों के वातावरण में मौजूद गैसों के चलते ग्रह ठंडा या गर्म होता है। बुध से ज्यादा गर्म तो शुक्र है क्योंकि वहां कार्बन डाई ऑक्साइड की भरमार है।5. स्पेस में कुछ भी लड़ने पर आवाज आती है :फिल्मों में आपने अक्सर देखा होगा कि स्पेस में कोई दो जहाज लड़ते हैं, तो बहुत तेज आवाज आती है। ऐसा संभव ही नहीं है। आवाज को तैरने के लिए किसी माध्यम यानी हवा की अवाश्यकता होती है। जबकि स्पेस में किसी तरह की कोई गैस या हवा नहीं है। ऐसे में यहां कोई दो वस्तुओं के बीच भिड़त में आवाज नहीं आएगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 6. बिना सूट पहने अंतरिक्षयात्रियों में हो जाता है विस्फोट :बिना किसी इक्वीपमेंट के कोई भी एस्ट्रोनॉट स्पेस में सरवाइव नहीं कर सकता। अगर कोई हादसा होता है तो बात अलग है। लेकिन एस्ट्रोनॉट के शरीर में विस्फोट कभी नहीं होता। हां इतना जरूर है कि बिना सूट पहने बाहर निकलते ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन रुक जाएगा और शरीर गुब्बारे की तरह फूल जाएगा।7. उल्कापिंड बहुत तेजी से जलते हैं :स्पेस में कोई भी उल्कापिंड हमेशा जमा रहता है। यानी कि वह अंतरिक्ष में इधर-उधर बर्फ की तरह जमा रहकर तैरता रहता है। जैसे ही यह वातावरण में प्रवेश करता है, इसमें आग लग जाती है और यह तेजी से नीचे गिरने लगता है। इसकी स्पीड इतनी होती है कि इसे ज्यादा गर्म होने का समय ही नहीं मिलता। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 8. चंद्रमा का आधा हिस्सा रहता है काला :पृथ्वी के चक्कर लगाने के साथ-साथ चंद्रमा अपनी धुरी पर भी घूमता है। ऐसे में कभी-कभी हम इसका 59 परसेंट हिस्सा ही देख पाते हैं क्योंकि बाकि हिस्से को सूर्य ने ढक लिया होता है।9. अंतरिक्ष में नहीं होता है गुरुत्वाकर्षण :अंतरिक्ष में हवा और पानी नहीं है यह तो 100 परसेंट सच है। लेकिन वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं है, यह एक मिथ है। दरअसल स्पेस में हर जगह थोड़ी बहुत ग्रेविटी होती है। इसी ग्रेविटी की वजह से चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। यदि गुरुत्वाकर्षण नहीं होता तो चंद्रमा पृथ्वी की कक्षा से आजाद हो चुका होता।10. सूर्य एक आग का गोला है :ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है। दरअसल सूर्य से गामा किरणें निकलती हैं जो प्रकाश में परिवर्तित हो जाती हैं। सूर्य का असली रंग क्या है?

पृथ्‍वी पर रहते हुए हमें सूर्य पीले रंग का दिखाई देता है, इसकी वजह लाइट यानी प्रकाश की फ‍िजिक्‍स है। इसी वजह से सूर्य हमें पीला दिखाई देता है। लेकिन सूर्य का असली रंग वास्तव में सफेद है। पृथ्‍वी के वायुमंडल के कारण हमें सूर्य पीला दिखाई देता है।
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सूर्य का प्रकाश पीला क्यों दिखाई देता है?

सूर्य हमारे लिए पीला दिखने का कारण यह है कि पृथ्वी का वायुमंडल उच्च तरंगदैर्ध्य रंगों को लाल, नारंगी और पीले रंग की आसानी से कम करता है। इसलिए, ये तरंगदैर्ध्य हम देखते हैं, यही कारण है कि सूर्य पीला दिखाई देता है।

सूरज में कितने रंग है?

सूर्य का प्रकाश सात रंगों में विभाजित होता है, अर्थात् बैंगनी, इंडिगो, नीला, हरा, नारंगी और लाल। हम आमतौर पर इसे विबग्योर कहते हैं। जब हम इन सभी रंगों को मिलाते हैं तो हमें केवल एक प्रकाश मिलता है जो कि सफेद प्रकाश है

सूरज नीला क्यों होता है?

सूरज आसमान में बहुत ऊँचाई पर होता है. इसकी रोशनी वायुमंडल से होकर बिना टूटे ही गुज़रती है. ये वायुमंडल में आते ही अवशोषित हो जाती है और प्रमुखता से दिखाई देने वाला रंग नीला होता है.