सुंदरवन डेल्टा का निर्माण कैसे हुआ - sundaravan delta ka nirmaan kaise hua

आज के आर्टिकल में हम नदियों द्वारा निर्मित डेल्टा (Delta kise kahate Hain) के बारे में विस्तार से पढेंगे , इसके साथ हम डेल्टा के प्रकारों को भी जानेंगे।

डेल्टा – Delta Kya Hota Hai

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण कैसे हुआ - sundaravan delta ka nirmaan kaise hua

डेल्टा किसे कहते है (Delta kise kahate Hain) ?

जब नदी अपने उद्गम से निकलकर सागर या झील में गिरती है तो उसके ढाल में कमी के कारण नदी द्वारा किए गए अपरदन द्वारा उत्पन्न अवसादों को अपने मुहाने पर इकट्ठा करती है, जिससे एक त्रिभुजाकार आकृति का निर्माण होता है इसे डेल्टा कहते हैं।

डेल्टा क्या है (Delta kya hota hai) ?

जब नदी के अन्तिम भाग पर ढलान कम हो जाती है और अवसादों की अधिकता हो जाती है। तो नदी की परिवहन शक्ति धीमी हो जाती है और जिस वजह से वहाँ पर अवसादों का निक्षेपण होने लगता है तथा इस निक्षेपण से ही एक विशेष प्रकार के स्थल रूप का निर्माण होने लगता है जिससे डेल्टा का निर्माण होता है।

डेल्टा की परिभाषा – Meaning of Delta in Hindi

नदी के मुहाने पर का वह स्थान, जहाँ नदी के साथ बहकर आयी हुई मिट्टी और रेत के कारण छोटे-छोटे तिकोने भू खंड बन जाते हैं। उसे डेल्टा कहते हैं। भूमि का वह क्षेत्र जो एक त्रिभुज के समान होता है, जहाँ एक नदी झील या समुद्र में मिलने से पहले कई उपनदियों में बँट जाती है।

डेल्टा शब्द को ग्रीक भाषा के अक्षर A (Delta) से लिया गया है।

  • डेल्टा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया ?

डेल्टा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम हेरोडोटस ने नील नदी के लिए किया था।

ऐसा स्थान जहाँ नदी का जल सागर में मिलता है। नदी के द्वारा बङी मात्रा में अवसादों को जमा किया जाता है। नदी का वेग धीमा पङ जाता है। उसे डेल्टा कहते हैं। यह एक प्रकार को ईकोटोन होता है, जहाँ लवणीय और स्वच्छ जल का मिश्रण होता है। डेल्टा नदी के अन्तिम भाग का वह समतल मैदान होता है जिसका ढलान सागर की ओर हो जाता है।

नदी जहाँ पर सागर समुद्र से मिलती है वहाँ पर नदी द्वारा बहा कर लाई गई मिट्टी के कारण मुख्य नदी कई अलग-अलग धाराओं में बंट जाती है और एक त्रिभुजाकार क्षेत्र बनाती है उसे डेल्टा कहा जाता है। डेल्टा के द्वारा मुख्यतः उपजाऊ मिट्टी का निर्माण होता है।

डेल्टा के निर्माण में आवश्यक दशाएँ –

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण कैसे हुआ - sundaravan delta ka nirmaan kaise hua

डेल्टा का विस्तार समुद्र की ओर से होता है, जैसे-जैसे नदी अवसादों का निक्षेप करती जाती है, परन्तु प्रत्येक नदी डेल्टा नहीं बनाती। नदियों द्वारा कुछ आवश्यक दशाओं में ही डेल्टा बनाया जाता है।

  • नदी में अत्यधिक अवसाद होना चाहिए।
  • डेल्टा के निर्माण के लिए समुद्र का जल शान्त होना चाहिए। क्योंकि समुद्र की तेज लहरें व हवायें अवसादों को समुद्र मंे बहा ले जाती है इसी वजह से डेल्टा का निर्माण नहीं हो पाता।
  • डेल्टा बनाने के लिए उचित स्थान होना चाहिए।
  • नदी का तट स्थिर होना चाहिए। भूगर्भिक हलचलों के कारण उत्थान एवं अवतलन नहीं होना चाहिये।
  • धरातल समतल होना चाहिए और नदी का वेग मुहाने पर धीमा होना चाहिए ताकि नदी का पानी कई शाखाओं में बंट जाये और डेल्टा का निर्माण में सहायक है।

⇒ डेल्टा बनाने वाली नदियाँ

  • गंगा
  • कृष्णा
  • कावेरी
  • नील
  • डेन्यूब
  • मेकाग
  • राईन
  • वोल्गा
  • नाइजर
  • सिन्धु
  • ह्वांगहो।

डेल्टा के प्रकार- Delta ke Prakar

(1) चापाकार डेल्टा – Arcuate Delta

इस डेल्टा का आकार धनुष के समान होता है इसका विस्तार मध्य में सर्वाधिक होता है। नदियों द्वारा लाये गये अवसादों के निक्षेप से यह धीरे-धीरे समुद्र की तरफ फैलता जाता है।

जैसे – नील नदी, गंगा का डेल्टा, राइन, नाइजर, ह्वांगहो, इरावदी, वोल्गा, सिंधु, मिकांग, पो, रोन, लीना डेल्टा आदि चापाकार डेल्टा के उदाहरण है।

(2) पंजाकार डेल्टा – Bird foot Delta

इसका आकार पक्षी के पैर के समान होता है इसलिए इसे ’पक्षी पाद’ डेल्टा भी कहते हैं।

जैसे – मिसीसिपी नदी का डेल्टा

(3) ज्वारनदमुखी डेल्टा – Estuarine Delta

जब कभी-कभी नदी घाटी सागरीय तलों के निमज्जन क्रिया के कारण धंस जाती है तो ऐसी स्थिति में नदी पहले धंसी हुई घाटी में भराव करती है और फिर कई शाखाओं में विभाजित हो जाती है। नदी समुद्र में एक एक प्रमुख धारा के रूप में गिरती है। इसको ज्वारनद मुखी डेल्टा कहते है। इसमें मुहाने पर जमा किया गया अवसादी पदार्थ ज्वार के समय बहाकर दूर ले जाया जाता है तब उसका डेल्टा ज्वारनदमुखी डेल्टा कहलाता है। सागर तट के पठारी व पहाङी क्षेत्रों से निकलने वाली नदियाँ एस्चुरी का निर्माण करती है।

जैसे – नर्मदा, ताप्ती, मैकेंजी, एल्ब, सीन, ओब, हडसन, साइन, लोअर आदि का डेल्टा।

(4) रुण्डित डेल्टा

ब किसी नदी की मुख्य धारा व उसकी वितरिकाएँ द्वारा निश्चित अवसाद सागरीय लहरों व ज्वार-भाटा द्वारा बहा लिया जाता है तब नदी के मुहाने पर बनने वाली कटी-फटी आकृति के डेल्टा को ’रुण्डित डेल्टा’ कहते हैं।
जैसे – वियतनाम की होंग तथा अमेेरिका की रियोग्रैंडी नदी का डेल्टा।

(5) पालियुक्त डेल्टा

जब नदी की मुख्यधारा की अपेक्षा उस के मुहाने पर किसी वितरिका द्वारा अलग डेल्टा का निर्माण किया जाता है, तब मुख्य डेल्टा को पालियुक्त युक्त डेल्टा कहते हैं। इसमें मुख्य डेल्टा का विकास अवरुद्ध हो जाता है।

(6) प्रगतिशील डेल्टा

जब किसी नदी द्वारा सागर की ओर निरंतर अपने डेल्टा का विकास किया जाता है, तब उसे प्रगतिशील डेल्टा कहते हैं। जैसे – गंगा तथा मिसीसिपी नदियों का डेल्टा।

(7) अवरोधित डेल्टा

जब किसी नदी का डेल्टा सागरी लहरों अथवा धाराओं द्वारा अवरुद्ध कर दिया जाता है, तब उसे अवरोधित डेल्टा कहते हैं।

(8) परित्यक्त डेल्टा – Abandaned Delta

जब किसी नदी द्वारा पहले से निर्मित डेल्टा को छोङकर अन्यत्र डेल्टा का निर्माण कर लिया जाता है, तब पहले वाला डेल्टा परित्यक्त डेल्टा कहलाता है।

जैसे – चीन की ह्वांगहो नदी का पुरान डेल्टा सारंग प्रायद्वीप के दक्षिणी में था, जो अब उत्तर में है।

(9) अग्रवर्धी डेल्टा

जिन स्थानों पर नदी तट पर लहरों का प्रभाव अधिक होता है। लहरों के प्रभाव के कारण वहाँ निक्षेपित पदार्थ नदी तट पर दूर-दूर तक फैला जायेंगे। डेल्टा के किनारे के अवसाद तट के सहारे फैला दिए जाते हैं और मध्य का भाग नोंकदार होकर आगे निकल जाता है, वहाँ जो डेल्टा बनता है, उसे अग्रवर्धी डेल्टा कहते है।

(10) नौकाकार डेल्टा

जब किसी नदी द्वारा निक्षेपित अवसादी पदार्थ धाराओं तथा लहरों द्वारा समीपवर्ती क्षेत्रों में फैला दिया जाता है, तब उनके आगे वाले भाग में नौका का डेल्टा बन जाता है।

जैसे – टाइबर नदी का डेल्टा नवका का डेल्टा है।

(11) एश्चुअरी

जब किसी नदी का मुहाना जलमग्न होता है एवं वहां सागर की लहरों एवं धाराओं द्वारा नदी के निक्षेपित पदार्थ को बहा लिया जाता है, तब डेल्टा का विकास नहीं हो पाता एवं नदी सीधे समुद्र में मिल जाती है। इस प्रकार की स्थलाकृति एश्चुअरी कहलाती है।

जैसे – नर्मदा एवं ताप्ती।

(12) भानाकार डेल्टा

कई बार सागर की लहरें या धारायें नदी द्वारा निक्षेपिक पदार्थों को काट-छाँट कर बहा ले जाती हैं जिससे डेल्टा का स्वरूप बिगङ जाता है। इस तरह से बने डेल्टा को भग्नाकार डेल्टा कहा जाता है।

(13) पेनीप्लेन

नदी की अन्तिम अवस्था में जब समतल मैदान का निर्माण होता है। सारी असमानतायें समाप्त हो जाती है। मैदान का ढाल भी बहुत धीमी हो जाता है। कहीं-कहीं पर कुछ कठोर चट्टानें भी खङी दिखाई पङती हैं उन्हें मोनाॅडनाॅकस कहा जाता है। नदी घाटी भी लगभग समतल हो जाती है। इस समय अपरदन चक्र भी समाप्त हो जाता है। लेकिन जल्द ही पुनर्युवन आ जाने से नदी पुनः अपना कार्य आरम्भ कर देती है।

विश्व का सबसे बङा डेल्टा कौनसा है ?

विश्व का सबसे बङा डेल्टा ’सुन्दरवन डेल्टा’ है।

सुन्दरवन डेल्टा

सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन में डेल्टा क्षेत्र सिथत है। भारत और बांगलादेश में स्थित सुन्दरवन डेल्टा विश्व का सबसे बङा नदी डेल्टा है। यहाँ के नरभक्षी बाघ ’बंगाल टाइगर’ के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध है। सुन्दरवन न केवल भारत बल्कि विदेशों से आये लोगों के लिए भी आकर्षक का बङा केन्द्र है। क्योंकि सुन्दरवन एक इतना बङा प्राकृतिक क्षेत्र है जहाँ अनेक वनस्पति एवं वन्यजीव बहुतायत में पाये जाते है।

सुन्दरवन नाम यहाँ बहुतायत में पाये जाने वाले ’सुन्दरी वृक्षों’ से लिया गया है। सुन्दरवन 10,110 किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से 6000 वर्ग किमी. बांग्लादेश में आता है और भारत में 4110 किमी. आता है। सुंदरवन एक खूबसूरत स्थान है।

लेकिन यहाँ हर पल खतरा भी रहता है, जिसके चलते यहाँ पर आदमखोर बाघ, मगरमच्छ और जहरीले सांप है। 1757 में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने सुन्दरवन के सारे अधिकारों को मुगल सम्राट आलमगीर द्वितीय से ले लिये। इसके बाद 1860 के बाद बंगाल में ’फाॅरेस डिपामेंट’ बनने के बाद अंग्रेजों ने सुन्दरवन का संरक्षण किया।

सुन्दरवन में स्तनधारियों की 50 से अधिक प्रजातियाँ निवास करती है, जिसमें राॅयल बंगाल टाइगर, लगभग 60 रेंगने वाले जीवों की प्रजातियाँ, 300 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ और 300 से अधिक वनस्पतियों की प्रजातियाँ है। सुन्दरवन विश्व का सबसे बङा मैंगोव वनस्पति वाला जंगल है। यह जंगल हमेशा दलदल से घिरा रहता है। सुंदरवन को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। जिसकी वजह से इसका संरक्षण काफी बङे स्तर पर हो रहा है।

सुंदरवन ’राॅयल बंगाल टाइगर’ का घर भी है जहाँ पूरे विश्व में सबसे ज्यादा टाइगर निवास करते है। सुंदरवन में यातायत का एक मात्र माध्यम ’नाव’ है, क्योंकि यहाँ इंसान जंगल के रास्ते बाहर नहीं आ सकता, बल्कि पानी के रास्ते से आसानी से बाहर निकलता है।

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण

जब गंगा पश्चिम बंगाल में बहती है, तो यह दो भागों में विभाजित हो जाती है – भागीरथी और हुगली, जो डेल्टा के मैदानों से होकर बंगाल की खाङी में दक्षिण की ओर बहती है। मुख्य धारा दक्षिण की ओर बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र भी इसमें शामिल होकर एक डेल्टा बनाती है, जिसे सुन्दरवन डेल्टा कहते है।

सुंदरवन डेल्टा बंगाल बेसिन से जुङा विश्व का सबसे चौड़ा, गहरा तथा सबसे सक्रिय डेल्टा है। जिसकी वजह से यहाँ की वनस्पति एवं वन्यजीवों में विविधता है। भारत में गंगा और बांग्लादेश में पद्मा नदी सुंदरवन डेल्टा का निर्माण करती है। सुंदरवन विश्व का सबसे बङा डेल्टा है तथा गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के पानी से बने इस डेल्टा क्षेत्र को ’बंगाल डेल्टा’ या ’ग्रीन डेल्टा’ कहा जाता है।

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण कैसे हुआ - sundaravan delta ka nirmaan kaise hua

इस वन से होकर बंगाल की खाङी में गिरने वाली प्रमुख नदियाँ गंगा, ब्रह्मपुत्र, पद्मा और मेघना नदी है। सुंदरवन दक्षिण एशिया के सबसे गरीब और सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। जिसमें अनुमानित 8 मिलियन लोग रहते है। सुन्दरवन के लोगों का मुख्य व्यवसाय मत्स्यपालन, शहद संग्रहण और कृषि होता है। सुंदरवन के विशाल डेल्टा क्षेत्र 54 छोटे द्वीप का समूह है। सुंदरवन विकास बोर्ड 50 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य परियोजना चलाता है।

सुंदरवन डेल्टा का आकार

सुंदरवन डेल्टा में भूमि का ढाल अत्यन्त कम होता है, इसलिए गंगा अत्यन्त धीमी गति से बहती है और अपने साथ लाई गयी मिट्टी को मुहाने पर जमा कर देती है जिससे डेल्टा का आकार बढ़ता जाता है और नदी की कई धाराएँ एवं उपधाराएँ बन जाती हैं। इस प्रकार बनने वाली गंगा की प्रमुख शाखा नदियाँ भैरव नदी, विद्याधरी नदी जालंगी नदी, भैरव नदी और कालिन्दी नदी है। जब नदी वक्र गति में बहती है तो दक्षिणी भाग में कई धनुषाकार झीलें बन जाती हैं। इसकी ढाल उत्तर से दक्षिण है, इसलिए अधिकांश नदियाँ उत्तर से दक्षिण की ओर ही बहती है।

जब समुद्र में ज्वार आता है तो इन नदियों में ज्वार का पानी भर जाता है जिस कारण इन्हें ज्वारीय नदियाँ कहते हैं। डेल्टा के सुदूर दक्षिणी भाग में समुद्र का खारा पानी जाता है इसलिए यह भाग नीचा, नमकीन एवं दलदली है। यहाँ बहुतायत में मैंग्रोव जाति के वन पाये जाते है। यह डेल्टा चावल की कृषि के लिए विख्यात है। सुन्दरवन डेल्टा में विश्व में सबसे अधिक कच्चे जूट का उत्पादन होता है। यहाँ पर ’कटका अभयारण्य’ है। यहाँ पर बहुतायत में सुंदरी वृक्ष मिलते है जिनके नाम पर ही इन वनों का नाम सुंदरवन पङा है। सुंदरवन में तर्मजा, देवा, केवङा, गोरान और आमलोपी वृक्षों की प्रजातियाँ है। यहाँ पर मीठे और खारे पानी के मिश्रण में रहने वाले पेङ ही पनपते है।

FAQ

1. भारत में कौन-कौन सी नदियाँ डेल्टा बनाती है ?

उत्तर – गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी।


2. डेल्टा किसे कहते है ?

उत्तर – जब नदी अपने उद्गम से निकलकर सागर या झील में गिरती है तो उसके ढाल में कमी के कारण नदी द्वारा किए गए अपरदन द्वारा उत्पन्न अवसादों को अपने मुहाने पर इकट्ठा करती है, जिससे एक त्रिभुजाकार आकृति का निर्माण होता है इसे डेल्टा कहते हैं।


3. डेल्टा की आकृति कैसी होती है ?

उत्तर – त्रिभुजाकार


4. डेल्टा शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था ?

उत्तर – डेल्टा शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग हेरोडोटस ने नील नदी के लिए किया था।


5. सुंदरवन डेल्टा कहाँ पाया जाता है ?

उत्तर – सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिण भाग में गंगा नदी के सुंदरबन में डेल्टा क्षेत्र स्थित है।

सुंदरबन डेल्टा कैसे बनता है?

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण कैसे हुआ ? जब गंगा पश्चिम बंगाल में बहती है, तो यह दो भागों में विभाजित हो जाती है-भागीरथी और हुगली (एक वितरिका), जो डेल्टा के मैदानों से होकर बंगाल की खाड़ी में दक्षिण की ओर बहती है। मुख्य धारा दक्षिण की ओर बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र भी इसमें शामिल होकर एक डेल्टा बनाती है।

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण कौन सी नदी करती है?

सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षित क्षेत्र एवं बायोस्फ़ीयर रिज़र्व क्षेत्र है।

सुंदरवन का दूसरा नाम क्या है?

भारतीय क्षेत्र में स्थित सुंदरबन यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। यह 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला है जिसमें में 104 द्वीप हैं। यहाँ जीव-जंतुओं की लगभग 2,487 प्रजातियाँ हैं। ... सुन्दरवन.

सुंदरवन डेल्टा का नाम क्यों पड़ा?

सुंदरबन 38,500 वर्ग किमी इलाके में फैला है जिसका करीब एक– तिहाई हिस्सा पानी/ दलदल से भरा है। वन में सुंदरी पेड़ों की संख्या बहुत अधिक है और कहा जाता है कि इस वन का नाम इन्हीं पेड़ों के नाम पर रखा गया है। यह डेल्टा बंगाल टाइगर के लिए सबसे बड़े रिजर्व में से एक है।