श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द का क्या अर्थ है? - shrutisamabhinnaarthak shabd ka kya arth hai?

NCERT Solutions for Class 5 Hindi Grammar Chapter 15 श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द (Shrutisambhinnarthak Shabd) updated for academic session 2022-2023 free to use online or download PDF. Shrutisam Bhinnarthak Shabd are those words which sounds similar but they have different meaning. Examples related to each word are given below for practice.

Class 5 Hindi Grammar Chapter 15 Shrutisambhinnarthak Shabd

कक्षा: 5हिंदी व्याकरणअध्याय: 15श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द

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श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द क्या हैं?

ऐसे शब्द जो सुनाने में एक जैसे लगते हैं लेकिन उनके अर्थ अलग- अलग होते हैं श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे:
उतर: (उतरना) वह सीढ़ियों से उतर रहा है।
उत्तर: (जवाब) तुम्हारे पाँच उत्तर सही हैं।

दिए गए वाक्यों में रंगीन शब्दों को ध्यान से पढ़िए:
• मोहिता और अंशु स्कूल की ओर जा रही हैं।
• उन स्त्रियों ने ऊन खरीदी।
बच्चों हिंदी में कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं, जो सुनने में एक-जैसे लगते हैं। जैसे- ऊपर के वाक्यों में और व ओर तथा उन व ऊन ऐसे ही शब्द हैं। इन शब्दों का अर्थ एक-सा नहीं होता। ऐसे शब्द सुनने में भले ही एक जैसे लगें, परंतु उनमें एकाध मात्रा या अक्षर का अंतर अवश्य रहता है।
उदाहरण:

    • उतर – (उतरना): वह सीढ़ियों से उतर रहा है।
      उत्तर – (जवाब, एक दिशा का नाम): (क) तुम्हारे पाँच उत्तर सही हैं। (ख) हिमालय भारत के उत्तर में है।
    • गाड़ी – (एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले यातायात के साधन) जैसे- रेल, ट्रक, आदि): हम रेलगाड़ी द्वारा मुंबई जा रहे हैं।
      गाढ़ी – (घनी): आज खीर कुछ गाढ़ी हो गई।

शब्दअर्थवाक्य में प्रयोगपताकिसी का स्थान या ठिकानापारुल के पत्र पर पता ठीक नहीं लिखा था।पत्ताकिसी पेड़-पौधे का पत्तापेड़ के पत्ते हरे हैं।मेलाकिसी विशेष त्योहार पर लगा हुआ बाज़ारदशहरे के दिन मेला लगता है।मैलागंदाउसका कुरता मैला है।पीटपीटनाभीड चोर को पीट रही थी।पीठकमरपढ़ते समय पीठ सीधी रखो।पिलापिलाना क्रियाथोड़ा पानी पिला दो।पीलाएक रंगसूरजमुखी का फूल पीला है।

शब्दअर्थवाक्य में प्रयोगसमानबराबरकानून की नज़र में सब समान हैं।सामानसामग्री या पदार्थयह सामान मेरा है।शोकदुखनिपुण के निधन पर घर में शोक छा गया।शौकचावमुझे चित्र बनाने का शौक है।बागउपवनबाग में फूल खिले हुए हैं।बाघएक पशुबाघ जंगल में रहता है।पूछपूछनाराहुल का पता साहिल से पूछ लो।पूँछकिसी पशु की दुमकुत्ता पूँछ हिलाता है।

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श्रुतिसम/समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द (Homonyms Words) की परिभाषा

ऐसे शब्द जो पढ़ने और सुनने में लगभग एक-से लगते हैं, परंतु अर्थ की दृष्टि से भिन्न्न होते हैं, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों में- कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें स्वर, मात्रा अथवा व्यंजन में थोड़ा-सा अन्तर होता है। वे बोलचाल में लगभग एक जैसे लगते हैं, परन्तु उनके अर्थ में भिन्नता होती है। ऐसे शब्द 'श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द' कहलाते हैं।

जैसे- घन और धन दोनों के उच्चारण में कोई खास अन्तर महसूस नहीं होता परन्तु अर्थ में भिन्नता है।
घन= बादल
धन= सम्पत्ति

हिंदी भाषा में ऐसे बहुत से शब्द हैं, जिनमें से कुछ की सूची नीचे दी जा रही है :

( अ )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) अचार
आचारखट्टा खाद्य पदार्थ
व्यवहार(2)अधम
अधर्मनीच
पाप(3) अवधि
अवधीसमय
भाषा(4) अन्न
अन्यअनाज
दूसरा(5) अंस
अंशकन्धा
हिस्सा(6) अविराम
अभिरामलगातार
सुन्दर(7)अध्ययन
अध्यापनपढ़ना
पढ़ाना(8)अभिसार
अभीसारप्रेमी से छिपकर मिलना
आक्रमण(9)अंबर
अंबारवस्त्र, आकाश
ढेर(10)अगम
आगमदुर्गम
शास्त्र(11)अन्यान्य
अन्यायदूसरे
न्याय के विरुद्ध(12)अरि
अरीशत्रु
संबोधन(13)अवसान
आसानसमाप्ति
सरल(14)आयात
आयातबाहर से आना
लंबा, विस्तृत, विशाल(15) आदि
आदीप्रारम्भ
आदत(16) अँगना
अंगनाआँगन
स्त्री(17) अवलम्ब
अविलम्बसहारा
शीघ्र(18) अन्त
अंत्यसमाप्ति
नीच(19) अम्बुज
अंबुधिकमल
सागर(20) अनिल
अनलहवा
आग(21) अपेक्षा
उपेक्षाइच्छा
निरादर(22) अतुल
अतलजिसकी तुलना न हो
तलहीन(23) अचर
अनुचरन चलनेवाला
दास/नौकर(24) अतुल
अतलजिसकी तुलना न हो
तलहीन(25) अब्ज
अब्दकमल
बादल/वर्ष(26) अभिज्ञ
अनभिज्ञजाननेवाला
अनजान(27) अघ
अगपाप
सूर्य/स्थावर(28) अर्घ्य
अर्घपूजनीय
मूल्य(29) अनिष्ट
अनिष्ठबुराई
श्रद्धाहीन(30) अब
अवइस समय
एक उपसर्ग(31) अमित
अमीतअत्यधिक
शत्रु(32) अवंद्य
अवध्यनिंदनीय
बध न करने योग्य(33)अस्र
अस्त्रआँसू
हथियार(34) आगमी
आगामीज्योतिषी
आनेवाला(35)आसक्ति
आसत्तिअनुरक्ति निकटता(36) आगमी
आगामीज्योतिषी
आनेवाला(37)आहुत
आहूतयज्ञ
बुलाया/आमंत्रित(38) अपत्य
अपथ्यसन्तान
अहितकर(39)अलक
अलकाबाल
एक नगरी(40) आवास
आभासवास-स्थान
झलक(41)आस्तिक
आस्तीकईश्वरवादी
एक मुनि(42)अरथी
अर्थीटिकठी/झाँजी
चाहने वाला(43) अकर
आकरन करने योग्य
खान/खदान(44) अरबी
अरवीअरब की भाषा
कन्द या घुइयाँ(45) अर्जन
अर्चनसंग्रह
पूजा(46) अलिक
अलीकललाट
झूठा(47) अवलि
आविलपंक्ति
गन्दा(48) आँटी
आँठीसूत का लच्छा
गुठली

( इ )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) इति
ईतिसमाप्त
भय(2)इंदिरा
इंद्रालक्ष्मी
इंद्राणी(3) इस्तरी
स्त्रीवह उपकरण जिससे कपड़ों को 'प्रेस' किया जाता है।
महिला(4) ईश
ईषस्वामी/मालिक
शिव का एक अनुचर(5) ईसा
ईशाहरिष/बल
ऐश्वर्य/दुर्गा/ईसा मसीह(6) इत्र
इतरसुगन्ध
दूसरा/चरस

( उ )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) उपकार
अपकारभलाई
बुराई(2) उपल
उपलापत्थर
कण्डा(3) उबरना
उभारनाबचाना
उकसाना/ऊँचा करना(4) उपयुक्त
उपर्युक्तउचित
ऊपर कहा गया(5) उद्धार
उधारकष्ट से मुक्ति
कर्ज(6) उद्धत
उद्यतअक्खड़/उद्दंड
तैयार(7) उपस्थिति
उपस्थितउपलब्धता
हाजिर(8) उत्कच
उत्कटगंजा
तीव्र/प्रबल

( क, ख )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1)कंजर
कुंजरखानाबदोश या घुमक्कड़ लोग
हाथी(2)कड़ाई
कढ़ाईसख्ती
कशीदा, चिकन, जरदोजी(3) कोश
कोषम्यान
खजाना(4)कंगाल
कंकालगरीब
हड्डी का ढाँचा(5)काठ
काटलकड़ी
काटना(6)कृपण
कृपाणकंजूस
कटार(7) कृति
कृतीरचना
पुण्यात्मा(8) कुल
कूलवंश
किनारा(9) क्रम
कर्मसिलसिला
कार्य(10) करण
कर्णसाधन
कान(11) कथा
कत्थाकहानी
खैर का सत(12) कड़ी
कढ़ीसख्त
दही और बेसन का सालन(13) कटिबन्ध
कटिबद्धनाड़ा
तैयार(14) कटौती
कठौतीकमी
काठ का बर्तन(15) कँटीला
कटीलाकाँटेदार
काटने वाला(16) किला
कीलागढ़
खूँटी/कील(17) कुच
कूचस्तन
प्रस्थान(18) कुट
कूटकिला/घर
पहाड़ की चोटी/व्यंग्य(19) कुमार
कुम्हारबिना ब्याहा
कुम्हार बर्तन बनाने वाला(20) केश
केसबाल
मुकदमा(21) केशर
केसरसिंह की गर्दन के बाल
जाफरान/कुमकुम(22) कोशल
कौशलअवध प्रदेश
नैपुण्य(23) कोड़ी
कौड़ीबीस या बीसका समूह
कपर्दिका(24) कोर
कौरकिनारा
ग्रास(25) कपिश
कपीशमटमैला
हनुमान/सुग्रीव(26) कर्ता
करताएक प्रकार का कारक
करना(27) खान
खानखदान
पठान गुर उपाय(28) खोलना
खौलनाबन्धनमुक्त करना
उबलना(29) खर्राच
खरोंचअमितव्ययी
छिल जाने या रगड़ का चिह्न

( ग, च )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) ग्रह
गृहसूर्य/चन्द्र आदि नक्षत्र
घर(2) गिरा
गिरावाणी
पतित(3) गेय
ज्ञेयगाने वाला
जो जाना जा सके(4) गूँधना
गूथनासानना
पिरोना(5) गाड़ी
गाढ़ीयान
गहरी(6) गिरि
गिरीपर्वत
बीज(7) गुर
गुरुउपाय
भारी, शिक्षक(8) चित्त
चितमन
पड़ा हुआ(9) चपत
चम्पतथप्पड़
गायब(10) चरस
चरसागाँजा/अतर
चमड़े का थैला(11) चक्रवाक
चक्रवातचकवा पक्षी
बवन्डर(12) चिता
चिन्तामुर्दा जलाने वाली
सोचनीय भाव(13)चरम
चर्मअंतिम
खाल(14) चर्म
चरमचमड़ा
अत्यधिक(15) चिर
चीरदेर
वस्त्र(16) चरित
चरित्रजीवनी
आचरण(17) छात्र
छत्रविद्यार्थी
छत

( ज, ड, ढ )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) जवान
जबानयुवा
बोली(2) जरा
जराथोड़ा/अल्प
बुढ़ापा(3) जन्ता
जनताचक्की
लोग(4) जरठ
जठरबूढ़ा
पेट(5) जुड़ा
जूड़ासंलग्न
केशों का बन्धन(6) जुआ
जूआबैलों के कन्धे की लकड़ी
द्यूत क्रीड़ा(7) जूठा
झूठाउच्छिष्ट भोजन
असत्यवादी(8) जगत्
जगतसंसार
कुएँ का चबूतरा(9) छर
झरछर्रों के वेग से निकलने का शब्द
पानी गिरने का स्थान(10) डोल
डौललोहे का बर्तन
ढाँचा(11) डोंगी
ढोंगीछोटी नाव
पाखण्डी(12) डीठ
ढीठनजर
धृष्ट(13) डाल
ढालवृक्ष की शाखा
रक्षक(14) ढलाई
ढिलाईढालने की क्रिया
शिथिलता

( त, थ, द, ध )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) तरणि
तरणीसूर्य
नाव(2) ताक
ताखघूरकर देखना
दीवार का आला(3) तनु
तनूदुबला-पतला शरीर
पुत्र, गाय(4)तोष
तोशसन्तुष्टि
हिंसा(5) तरंग
तुरंगलहर
घोड़ा(6)थति
तिथिधरोहर
दिनांक(7) दिन
दीनदिवस
गरीब(8) दशा
दिशाहालत
तरफ(9) देव
दैवदेवता
भाग्य(10) द्रव
द्रव्यतरल पदार्थ
धन(11) दारू
दारुशराब
लकड़ी(12) दशन
दंशनकाटना
दाँत(13) दिया
दीयादेना
दीपक(14) दीप
द्वीपदीपक
टापू(15) दारा
द्वारास्त्री
मार्फत(16) धन
धनासम्पत्ति
प्रीतम(17) धान
धन्यअन्न विशेष
सराहना

( न )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1)निर्वाण
निर्माणमृत्यु
बनाना(2) नियत
नीयतनिश्चित
इरादा(3) नन्दी
नान्दीशिवजी का बैल
मंगलाचरण(4) नाइ
नाईतरह/समान
बाल काटने वाला(5) नाड़ी
नारीशिरा या नब्ज
स्त्री(6) नित
नीतप्रतिदिन नत झुका हुआ
लाया हुआ नीति सदाचार पद्धति(7) नावक
नाविकवाण
मल्लाह(8) निमित्त
नमितहेतु
झुका हुआ(9) नाहर
नहरसिंह
पानी की कुल्या(10) निर्
निराबिना
विशुद्ध(11) नीर
नीरापानी
ताड़ का रस(12) निसान
निशानझण्डा
चिह्न(13) निहित
निहतछिपा हुआ/मौजूद
मारा हुआ(14) नीरद
नीरजबादल
कमल

( प, फ )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) पास
पाशनिकट
बन्धन(2) पृष्ट
पृष्ठपूछा हुआ
पन्ना(3) प्रसाद
प्रासादकृपा
भवन(4) परुष
पुरुषकठोर
नर/मर्द(5) पका
पक्कापका हुआ
मजबूत(6) पथ
पथ्यरास्ता
रोगी का आहार(7) पानी
पाणिजल
हाथ(8) पुर
पूरनगर
बाढ़(9) पवन
पवनवायु
पवित्र(10) प्रणय
परिणयप्रेम
विवाह(11) पट
पट्टवस्त्र
तख्ती(12) परिणाम
परिमाणफल
मात्रा(13) प्रदीप
प्रतीपदीपक
उल्टा(14) प्रणाम
प्रमाणअभिवादन शब्द
सबूत(15) पता
पत्ताठिकाना
पर्ण(16) पतन
पत्तनगिरना
बन्दरगाह(17) पड़ना
पढ़नागिरना
अध्ययन(18) प्रवाह
परवाहबहाव
फिक्र/ध्यान(19) प्रदेश
परदेशप्रान्त
विदेश(20) प्रचारक
परिचारकप्रचार करने वाला
सेवक(21) प्रकृत
पाकृतयथार्थ
मध्य(22) परिहार
प्रहारत्याग
चोट(23) परिमित
परमितिमान/मर्यादा
चरम सीमा(24) परिणति
परिणतसमाप्ति
रूपान्तरित(25) पीड़ा
पीढ़ादर्द
चौकी(26) पुरी
पूरीनगरी
पूड़ी/सम्पूर्ण(27) पूछ
पूँछपूछने की क्रिया
दुम(28) प्रेषित
प्रोषितभेजा हुआ
प्रवासी(29) फल
फालखाने वाला फल
हल की नोंक/साड़ी आदि में लगाने वाला कपड़ा(30) फन
फन कसर्प का फन
कला/गुण

( ब, भ )

शब्दअर्थशब्दअर्थ(1) बाग
बाघबगीचा, उद्यान
व्याघ्र (एक जानवर)(2) बुरा
बूराखराब
शक्कर(3) बली
बलिशक्तिशाली
बलिदान(4) बार
वारपुनः
दिन(5) बहु
बहूअत्यधिक
पुत्रवधू(6) बहार
बाहरशोभा
आंगन में(7) बहन
वहनसहोदर
ढोना(8) बान
बाणआदत
तीर(9) बास
वासगंध
निवास(10) बात
वातवार्ता
वायु(11) बुरा
बूराखराब
शक़्कर(12) बाड़
बाढ़फसल की रक्षा के लिए बनाया गया घेरा
प्राकृतिक आपदा(13) भीत
भित्तिडरा हुआ
दीवार(14) भवन
भुवनघर
संसार

श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द का अर्थ क्या होता है?

ऐसे शब्द, जो सुनने में समान लगते हैं परंतु जिनके अर्थ भिन्न होते हैं, श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।

श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कौन से हैं?

सुनने में समान लगने वाले किन्तु भिन्न अर्थ वाले दो शब्द अर्थात वे शब्द जो सुनने और उच्चारण करने में समान प्रतीत हों, किन्तु उनके अर्थ भिन्न -भिन्न हों , वे श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं .

श्रुतिसमभिन्नार्थक से आप क्या समझते हैं कोई एक उदाहरण लिखिए?

ऐसे शब्द जो सुनने में एक जैसे प्रतीत होते हैं परन्तु उनका अर्थ भिन्न भिन्न होता है, श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैंउदाहरण : अंक - गिनती, अंक - गोद सारंग - मोर, सारंग - सर्प

श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द की क्या विशेषता होती है?

ऐसे शब्द जो पढ़ने और सुनने में लगभग एक-से लगते हैं, परंतु अर्थ की दृष्टि से भिन्न्न होते हैं, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में- कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें स्वर, मात्रा अथवा व्यंजन में थोड़ा-सा अन्तर होता है। वे बोलचाल में लगभग एक जैसे लगते हैं, परन्तु उनके अर्थ में भिन्नता होती है