The Fact India : एक सफल गृहस्थ जीवन के लिए पति-पत्नी के बीच गुणों का मिलना बहुत जरुरी होता है, ये गुण कुंडली के द्वारा मिलाए जाते हैं। किसी भी मनुष्य की कुंडली (Kundali Milan) उसकी जन्म तारीख, समय और स्थान के आधार पर बनाई जाती है। जन्म के समय गृह नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए ये कुंडली बनती है। फिर शादी के समय लड़का लड़की का कुंडली मिलान होता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैवाहिक दृष्टि से कुंडली मिलान इन पांच महत्वपूर्ण आधार पर किया जाता है – कुंडली अध्ययन,भाव मिलान, अष्टकूट मिलान, मंगल दोष विचार, दशा विचार। उत्तर भारत में गुण मिलान के लिए अष्टकूट मिलान प्रचलित है जबकि दक्षिण भारत में दसकूट मिलान की विधि अपनाई जाती है। उपरोक्त पांच महत्वपूर्ण पहलुओं में से विचारणीय पहलू अष्टकूट मिलान के महत्वपूर्ण आठ कूटो का विचार होता है। अष्टकूट मिलान अर्थात आठ प्रकार से वर एवं कन्या का परस्पर मिलान को गुण मिलान के रूप में जाना जाता है। Show
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जब भी शादी की बात आती है तो सबसे पहले कुंडली मिलान के बारे में सोच विचार किया जाता है। इसके लिए लड़के और लड़की दोनों के ही वर्ण मिलाए जाते हैं। इससे यह पता चलता है कि दोनों एक दूसरे के लिए बने है या नहीं। शादी विवाह के मामले में कुंडली मिलान को बेहद की खास माना जाता है। कई लोगों का मानना है कि अगर किसी के 36 में से 36 गुण मिलते हैं तो ऐसा होना बहुत ही शुभ रहता है। लेकिन, ऐसा नहीं है। कुंडली मिलान से लोग सिर्फ गुण मिलना ही समझते हैं लेकिन, शादी के लिए और भी कई चीजों को देखा जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है कुंडली मिलान से जुड़ी कुछ खास बांतें। कितने प्रकार के गुण Astrology : 47 साल बाद फिर अशुभ ग्रह-योग गुण मिलने पर उत्तम रहता है विवाह 36 गुण मिलना सफल शादी की निशानी ? मंगल दोष की जांच बेहद जरुरी कितने गुण मिलने पर होती है शादी तब न करें विवाह 706 Views Abhishek Mudgal किसी भी जोड़े की शादी के लिए लड़का और लड़की के 36 में से कम से कम 18 गुणों का मिलना बहुत आवश्यक होता है. जिन लोगों के 18 गुण भी नहीं मिल पाते, उनकी शादी में काफी अड़चनें आती हैं.हिंदू धर्म में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों में कई तरह के रीति-रिवाज फॉलो किए जाते हैं. इन्हीं रीति-रिवाजों के तहत किसी भी व्यक्ति की शादी से पहले उनकी कुंडली मिलाई जाती है. जिसमें लड़का और लड़की के गुण मिलाए जाते हैं. हिंदू रिवाजों के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में कुल 36 गुण होते हैं. ये 36 गुण लड़का-लड़की के गण, तारा, भकूट, वैश्य, नाड़ी, योनी आदि से संबंधित होते हैं. मान्यताओं के मुताबिक किसी भी शादी के लिए लड़का और लड़की के जितने ज्यादा गुण मिलते हैं, वह शादी उतनी ही उत्तम और श्रेष्ठ मानी जाती है. आज हम यहां आपको एक उत्तम शादीशुदा जीवन के लिए आवश्यक गुणों की संख्या के बारे में अहम जानकारी देने जा रहे हैं. शादी के लिए कम से कम 18 गुण मिलना बहुत जरूरी है. शादी के लिए 18 से 25 गुण मिलना अच्छा बताया जाता है. वहीं दूसरी ओर 25 से 32 गुण काफी अच्छा माना जाता है. जिन लोगों की कुंडली में 25 से 32 गुण मिल जाते हैं, उन लोगों का वैवाहिक जीवन काफी अच्छा बीतता है और उन्हें अपने दाम्पत्य जीवन में ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसे लोगों का जीवन काफी खुशहाल रहता है. इसके अलावा 32 से 36 गुण को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में 32 से 36 गुण मिल जाते हैं, उनका वैवाहिक जीवन बहुत शानदार, सुखद और खुशहाल होता है. हालांकि, शादी के लिए बहुत कम लोगों के ही 32-36 गुण मिल पाते हैं. 36 गुण मिलने से क्या होता है?दैवज्ञमनोहर के मुताबिक, विवाह के समय कुंडली मिलान में अष्टकूट गुण देखे जाते हैं. इसमें नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण का मिलान होता है. इस प्रकार से कुल 36 गुण होता हैं.
शादी के लिए कम से कम कितने गुण मिलने चाहिए?अगर किसी व्यक्ति के 18 से कम गुण मिलते हैं तो ऐसा विवाह के सफल होने की संभावना बहुत कम होती है।. वहीं, अगर किसी व्यक्ति के 18 से 25 गुण मिलते हैं तो ऐसा होने विवाह के लिए अच्छा माना जाता है।. वहीं, अगर 25 से 32 गुण मिलते हैं तो यह विवाह के लिए उत्तम माने जाते हैं। कहा जाता है कि ऐसा विवाह सफल होते हैं। वन. नाम से शादी के गुण कैसे मिलाए?क्या नाम से गुण मिलान मुमकिन है? नाम के अनुसार कुंडली मिलान का अर्थ होता है कि लड़का और लड़की दोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुण मिलान करना। इसमें दोनों के नाम से पता लगाया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं और इनकी शादी कैसी निभेगी। गणना के अनुसार 36 गुण मिलने पर विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है।
28 गुण क्या है?28 गुण तभी मिल सकते हैं जब वर, कन्या की राशि व नक्षत्र एक ही हों । उस स्थिति में दोनों के मनोभाव एक ही होंगे क्योंकि चन्द्रमा मन व संवेदना का ग्रह माना जाता है । ऐसी स्थिति में दोनों का मन मिलेगा , इमोशनल मैचिंग बहुत अच्छी होगी ।
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