टस से मस न होना इस मुहावरे का अर्थ क्या है? - tas se mas na hona is muhaavare ka arth kya hai?

टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ tas se mas na hona muhaavare ka arth  – हठ करना या किसी की भी परवा न करना ।

दोस्तो मान लो की अगर किसी को किसी से काम करना है और वह उससे वह काम करने के लिए बार बार कह रहा है उसके सामने विनती कर रहा है पर सामने वाला अपनी बात पर अडे रहता है वह उस काम ‌‌‌को नही कर रहा है चाहे उस ‌‌‌समय किसी की जान भी क्यो न चली जाए पर सामने वाला उस काम को नही कर रहा है उसे उसकी परवाह नही है तो ऐसे लोगो के लिए कहा जाता है की इसे कितना भी समझाओ यह तो टस से मस नही होगा । जिसका अर्थ होता है की वह अपनी बात पर ढटे रहता है ।

टस से मस न होना इस मुहावरे का अर्थ क्या है? - tas se mas na hona is muhaavare ka arth kya hai?

टससेमसनहोनामुहावरेकावाक्यमेप्रयोग

  • ‌‌‌अपने दोस्त की पडी देखकर भी राहुल टस से मस नही हुआ ।
  • राजेश को जब पता चला की उसके मालिक के साथ दुर्घटना हो गई तो भी वह टस से मस नही हुआ ।
  • राजेश के पिता ने उसे बहुत समझाया की तुम दवाईया लेकर आ जाओ पर राजेश तो  टस से मस न हो रहा था ।
  • मेने तो बहुत प्रयास किये पर वह टस से मस न हो रहा था ।

टससेमसनहोनामुहावरे परकहानी

‌‌‌एक समय की बात है प्रसांत नाम का एक आदमी अपने गाव मे अपने माता पिता के साथ रहता था । प्रसांत के पास इतना धन नही था की वह अपना काम कर सके  इस कारण वह अपना व अपने माता पिता का पेट भरने के लिए दुसरे लोगो के पास काम करता था । उसका पिता बहुत ही ‌‌‌बुढ़ा हो गया था इस कारण वह काम  नही कर सकता था ।

अपने ‌‌‌पिता के बाद काम करने वाला उस घर मे केवल प्रसांत ही रह गया था । इस कारण वह आस पास ही काम करने के लिए चला जाया करता था । प्रसांत की एक बात थी की जब उसे कोई काम नही करना होता था तो कोई भी उसे कितना भी समझा दे पर वह उस काम को नही करता था । प्रसांत जिस गाव मे रहात था वह शहर से बहुत दुर ‌‌‌था ।

इस कारण उसके गाव मे ज्यादा काम नही होता था । वेसे तो गाव मे ज्यादातर खेती होती है और प्रसांत के गाव मे भी खेती कर कर लोग अपना पेट भरते थे । पर प्रसांत के पास खेत भी नही था । एक बार प्रसांत के पिता बहुत बिमार हो गए थे तो प्रसांत ने उनका इलाज कराने के लिए अपने खेत को बेच दिया और जो पैसे ‌‌‌मिले ‌‌‌उन पैसो से प्रसांत ने अपने पिता का इलाज ‌‌‌करवाया ।

इस तरह से प्रसांत के पास खेत भी नही था । प्रसांत दुसरे लोगो के खेतो मे खेती करने के लिए जाता था पर ‌‌‌उससे प्रसांत के घर के लोगो का पैट भी नही भरता था । कुछ समय के बाद मे प्रसांत के पिता की मृत्यू हो गई थी । मृत्यु हो जाने के ‌‌‌कारण उनका अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे लगते है वह भी प्रसांत के पास नही थे  ।

‌‌‌कुछ देर के बाद मे गाव के लोगो ने प्रसांत से कहा की जाओ जिस समान की जरुरत पडती है वह लेकर आ जाओ । प्रसांत ने कुछ भी जबा‌‌‌ब नही दिया और वही पर खडा रहा । तब लोगो ने कहा की तुम्हे क्या हुआ हम जो कह रहे है वह सुनाई दे ‌‌‌रह है की नही । तब गाव के लोगा ने ही उसके पिता का अंतिम  संस्कार कराने के लिए पैसे दिए ।

धिर धिरे समय बितता गया और जब दो महा बित गए तब गाव के लोगो ने प्रसांत से कहा की हमने जो पैसे तुम्हारे पिता के मरने पर लगाए थे वह हमे कब वापस दोगे । तब प्रसांत ने कहा की आप लोग कुछ दिनो के बाद मे ले ‌‌‌लेना मै पैसे कमाने के लिए शहर जा रहा हुं । तभी प्रसांत शहर की तरफ चला गया और वहा पर जाकर उसने काम करना ‌‌‌शुरु कर दिया था और वही पर एक मकान मे रहने लगा था ।

एक दिन प्रसांत जिस मकान मे रह रहा था उसके पास वाले मकान मे एक आदमी रहता था वह बिमार हो गया तो वह प्रसांत से दवाईया लाने ‌‌‌के कहने ‌‌‌लगा । पर प्रसांत ने उसकी एक भी नही सुनी तब वह आदमी कहने लगा की मै तुम्हे कब से मदद करने के लिए कह रहा हूं पर तुम तो टस से मस नही हो रहे हो ।

टस से मस न होना इस मुहावरे का अर्थ क्या है? - tas se mas na hona is muhaavare ka arth kya hai?

इसी तरह से एक बार प्रसांत अपने काम पर गया वहा पर काम कर रहा था की अचानक वहा पर एक आदमी घायल हो गया था तो प्रसांत को उसके ‌‌‌साथी कह रहे थे की इसकी मदद करो । उस समय भी प्रसांत टस मे मस नही रहा था । इसी तरह से जब भी प्रसांत को कोई काम करने के लिए कहता तो वह अपना काम छोडकर दुसरो की सुनता भी नही था ।

एक बार तो प्रसांत के बॉस को कोई चिज चाहिए थी तो वह प्रसांत से मगाने लगा था । उस समय काम कि छुट्टी हो गई थी तो प्रसांत ने उनकी एक भी नही सुनी और वहा ‌‌‌से चला गया इसी तरह से प्रसांत कभी भी दुसरो की मदद नही करता था । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

टससेमसनहोना मुहावरेपरनिबंध

साथियो आज के समय मे हर कोई तो ऐसा नही होता है परंतु कुछ लोग ऐसे होते है जो किसी भी बात की कोई परवाह नही करते है । वे लोग अपनी बात पर डटे रहते है । इस तरह के लोग इस दुनिया मे इतने ‌‌‌ज्यादा तो नही मिलते है पर मिलते जरुर है । पर हम याहा पर उन लोगो के बारे मे नही बताएगे । टस मे मस न होने वाले लोगो को अपने अलावा किसी और की कोई भी परवाह नही होती है ।

  • छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
  • चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उन लोगो को तो अपने काम से काम होता है । अगर उन लोगो के सामने कोई मर भी क्यो न रहा हो उस समय भी वह उन लोगो की मदद नही करता है । अगर उससे बार बार ‌‌‌विनती की जाए की तुम मेरा यह काम कर दो फिर भी वह उसक काम ‌‌‌को नही करता ‌‌‌है । ऐसे लोग ही टस मे मस न होने वाले कहते है ।

जैसे मान लो अगर किसी कर्मचारी के लग गई और उसका बॉस उसके सामने ही खडा है । वह कर्मचारी अपने बॉस से मदद करने के लिए कहाता है पर उसका बॉस उसकी एक भी नही सुनता है यानि वह टस मे मस नही हो रहा है । वह अपनी बात पर डटा रहता है की मुझे इसकी मदद नही करनी ‌‌‌ है ।

तो ऐसे लोगो के लिए ही कहा जाता है की वह तो टस मे मस ‌‌‌नही हो रहा है जिसका सिधा सा अर्थ है कुछ भी प्रभाव न पडना । इस तहर से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।

टस से मस न होने का अर्थ क्या है?

अपनी बात पर अड़े रहना; हठ छोड़ना; किसी भारी चीज़ का अपने स्थान से हिलना।

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