वार्षिक उत्सव का क्या मतलब है? - vaarshik utsav ka kya matalab hai?

हिन्दी शब्दकोश से वार्षिक उत्सव शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

वार्षिक उत्सव   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / अमूर्त / कार्य / सामाजिक कार्य

अर्थ : हर वर्ष मनाया जाने वाला उत्सव।

उदाहरण : आई

पर्यायवाची : वार्षिक समारोह, वार्षिकोत्सव

चौपाल

वार्षिक उत्सव का क्या मतलब है? - vaarshik utsav ka kya matalab hai?

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वार्षिक उत्सव (vaarshik utsav) ka meaning, vilom shabd, paryayvachi aur samanarthi shabd in English. वार्षिक उत्सव (vaarshik utsav) ka matlab kya hota hai? वार्षिक उत्सव का मतलब क्या होता है?

विद्यालय का वार्षिकोत्सव

विद्यालय का वार्षिकोत्सव

विद्यालय का वार्षिकोत्सव का अर्थ है- एक साल के अंत में होने वाला उत्सव। प्रत्येक विद्यालय का वार्षिक उत्सव होता है। इस अवसर पर विशेष समारोह किए जाते हैं और इस समारोह में विद्यालय के सभी सदस्य सामान्य या प्रमुख रूप से भाग लिया करते हैं। इसलिए इस उत्सव का विशेष महत्व होता है। हर विद्यालय में वार्षिकोत्सव की तिथि भिन्न हो सकती है। 

प्रत्येक विद्यालय में वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव के लिए विशेष प्रबन्ध और आयोजन किए जाते हैं। इसकी तैयारियाँ महीनों पूर्व ही होने लगती हैं। इसमें सभी अध्यापकछात्रकर्मचारी सक्रिय रूप से भाग लिया करते हैं। प्रधानाचार्य की भूमिका बहुत बड़ी होती है। वे इस कार्य को सम्पन्न कराने के लिए पुरजोर प्रयास किया करते हैं। न केवल विद्यालय की ही तैयारी करवानें में वे लगे रहते हैंअपितु इससे सम्बन्धित बाहर की भी तैयारियों में विशेष रूचि और भाव प्रकट करते हैं।

कार्यक्रम में नाटककवितावाद-विवाद और खेल कूद जैसे कई विषयों को शामिल किया जाता है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों की भी सहभागिता रहती है और सभी पूरे जोश के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं। 

वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम संचालक महोदय के सूचनाबद्ध सम्भाषण से आरम्भ होता है। इसके बाद विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक के संक्षिप्त सूचनाबद्ध और कार्यक्रम के महत्व तथा विद्यालय के विशेष महत्व को रेखांकित करने के सम्भाषण से कुछ देर तक कार्यक्रम चलता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनके आगमन के प्रति अपनी खुशी भी प्रकट की जाती है। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतियोगियों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। कार्यक्रम के अंत में मिष्ठान वितरण के साथ ही कार्यक्रम समाप्ति की भी घोषणा की जाती है। 

विद्या सबसे बड़ा धन है ।

विद्या सबसे बड़ा धन है । ************************ विद्या को सबसे बड़ा धन माना गया है। मानव को सभी जीव जन्तुओ में सर्वोत्तम माना गया है क्योंकि मानव ने अपने विद्या और बुद्धि के बल पर प्रकृति को अपने वश में कर रखा है। विद्या का ही परिणाम है कि हम अपने विवेक का प्रयोग कर आसानी से जीवन निर्वहन कर पा रहे हैं। संसार में इसी कारण मानव को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जब तब मानव विद्या से वंचित होता है , उसका जीवन पशु सदृश होता है। मानव जीवन में हम जन्म के साथ ही विभिन्न स्थितियों में विद्या ग्रहण करते हैं। प्रारम्भिक अवस्था में शिशु अपने माता-पिता से जीवन के संस्कार और बोलना सीखता है। इसके पश्चात उसे विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है और इसके उपरांत उच्चतर संस्थानों में वे प्रवेश लेते हैं। ये सारा प्रक्रम मानव में विद्या को समाहित करने के लिए किया जाता है। पहले अपने परिवार में और फिर शिक्षण संस्थानों में हम जीवन के बहुत सी बातें सीखते हैं। लिखना , पढ़ना और तकनीकी बातों का ज्ञान मनुष्य को चिंतनशील और प्रखर बनाता है। इस प्रकार मानव मस्तिष्क विद्या को ग्रहण कर परिस्थितियो

साँच बराबर तप नहीं, न झूठ बराबर पाप ?

साँच बराबर तप नहीं, न झूठ बराबर पाप ? *********************************** यह सूक्ति निर्गुण भक्ति मार्गी कवि कबीरदास जी ने कही है कि सच्चाई से बढ़कर कोई तपस्या नहीं है। इस सूक्ति पर गम्भीरतापूर्वक विचार करना आवश्यक है कि सच्चाई के समान या सच्चाई से बढ़कर कोई तपस्या नहीं है , तो कैसे और क्यों नही है ? सबसे पहले हमें सच्चाई का स्वरूप , अर्थ और प्रभाव को समझना होगा। सच्चाई का शाब्दिक अर्थ है- सत्य का स्वरूप या सत्यता। सत्य का स्वरूप क्या है और क्या हो सकता है , यह भी विचारणीय है। सच्चाई शब्द या सच शब्द का उद्भव संस्कृत के सत शब्द में प्रत्यय लगा देने से बना है। यह सत्य शब्द संस्कृत का शब्द अस्ति के अर्थ से हैं , जिसका अर्थ क्रिया से है। अस्ति क्रिया का अर्थ होता है। इस क्रियार्थ को एक विशिष्टि अर्थ प्रदान किया गया कि जो भूत , वर्तमान और भविष्य में भी रहे या बना रहे , वही सत्य है। सत्य का स्वरूप बहुत ही विस्तृत और महान होता है। सत्य के सच्चे स्वरूप का ज्ञान हमें तब हो सकता है , जब हम असत्य का ज्ञान प्राप्त कर लें। असत्य से हमें क्या हानि होती है और असत्य हमारे लिए कितना निर्मम और

वार्षिक उत्सव का मतलब क्या होता है?

वार्षिक उत्सव संज्ञा अर्थ : हर वर्ष मनाया जाने वाला उत्सव

विद्यालय में वार्षिक उत्सव क्यों मनाया जाता है?

वास्तव में प्रत्येक विद्यालय के वार्षिकोत्सव का उद्देश्य मनोरंजन ही नहीं बल्कि सभी छात्र-छात्राओं की रूचियों और प्रगति का लेखा-जोखा जानना होता है। इस आयोजन से सभी विद्यार्थियों को नए उत्साह और प्रेरणा की अनुभूति होती है।

वार्षिक उत्सव कैसे मनाया जाता है?

Varshik Utsav Essay In Hindi | विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध विद्यालयों में वर्षभर विभिन्न प्रतियोगिताएं चलती रहती हैं. इन प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कार प्रदान करने एवं छात्र छात्राओं में सामाजिकता के गुणों का विकास करने के उद्देश्य से विद्यालय में वार्षिक उत्सवों का आयोजन किया जाता हैं.

वार्षिक उत्सव को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

An anniversary is a date which is remembered or celebrated because a special event happened on that date in a previous year.