आकाश में सबसे ऊंचा बादल कौन है? - aakaash mein sabase ooncha baadal kaun hai?

इसे सुनेंरोकेंपक्षाभ बादल सबसे अधिक ऊँचाई पर लघु हिमकणों द्वारा निर्मित उच्च मेघ या बादल हैं जो प्रायः छितराये रूप में रेशम की तरह दिखते हैं। इनका निर्माण छोटे-छोटे हिमकणों द्वारा होता हैं इसलिए इनसे होकर जब सूर्य की किरणें गुजरती हैं तो रंग श्वेत हो जाता हैं, परन्तु शाम के समय यह विविध रंगों में दृष्टिगोचर होते हैं।

बादल कितने प्रकार के होते हैं और कौन कौन?

अनुक्रम

  • 1.1 उच्च बादल
  • 1.2 मध्यम ऊँचाई के बादल
  • 1.3 निम्न बादल
  • 1.4 ऊर्ध्वाधर रचना वाले स्तम्भाकार बादल

बादल के विभिन्न रूप क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकुछ बादल हैं जो उच्च तापमान पर और कुछ निचले स्तर पर बनते हैं। कम गठन तापमान, “मोटा” बादल होगा। कुछ प्रकार के बादल भी हैं जो देते हैं वर्षा और अन्य जो नहीं करते हैं। यदि तापमान बहुत कम है, जो बादल बनते हैं, वे बर्फ के क्रिस्टल से बने होते हैं।

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मेघ कितने प्रकार के होते हैं?

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  • उच्च मेघ (high clouds)
  • (A) पक्षाभ मेघ (Cirrus clouds)
  • (B) पक्षाभ-स्तरी मेघ (Cirrus clouds)
  • (C) पक्षाभ-कपासी मेघ (Cirrus clouds)
  • मध्य मेघ (Middle clouds)
  • (A) स्तरीमध्य मेघ (Alto-stratus clouds)
  • (B) कपासी मध्य मेघ (Alto-cumulus clouds)
  • निम्न मेघ (Low clouds)

बादलों में पानी कैसे आता है?

इसे सुनेंरोकेंसमुद्र, झील, तालाब और नदियों का पानी सूरज की गर्मी से वाष्प बनकर ऊपर उठता है। इस वाष्प से बादल बनते हैं। ये बादल जब ठंडी हवा से टकराते हैं तो इनमें रहने वाले वाष्प के कण पानी की बूँद बन जाते हैं। ठीक वैसे ही जैसे कमरे की हवा में रहने वाली वाष्प फ्रिज से निकाले गए ठंडे के कैन से टकरा कर पानी की बूँद बन जाती है।

बादल क्या है 4 प्रकार के बादल बताइए और व्याख्या कीजि ए?

इसे सुनेंरोकेंवायुमण्डल में मौज़ूद जलवाष्प के संघनन से बने जलकणों या हिमकणों की दृश्यमान राशि बादल कहलाती है। मौसम विज्ञान में बादल को उस जल अथवा अन्य रासायनिक तत्वों के मिश्रित द्रव्यमान के रूप में परिभाषित किया जाता है जो द्रव रूप में बूंदों अथवा ठोस रवों के रूप में किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड के वायुमण्डल में दृश्यमान हो।

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कौन सा बदल सबसे अधिक ऊंचाई पर बनती है?

इसे सुनेंरोकेंपक्षाभ स्तरी बादल सर्वाधिक ऊंचाई के बादल हैं। ये मुख्यतः 18,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर पाए जाते हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा बादल कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंसिरस बादल: सिरस के बादल उच्च ऊंचाई (8,000 – 12,000 मीटर) पर बनते हैं। वे पतले और अलग-अलग बादल होते हैं जिनमें पंख दिखाई देते हैं। वे हमेशा सफेद रंग के होते हैं।

बादल कितने प्रकार का होता है?

इसे सुनेंरोकेंविश्व मौसम विज्ञान संगठन के इंटरनेशनल क्लाउड एटलस के अनुसार, आसमान में 100 से अधिक प्रकार के बादल मौजूद हैं। हालांकि, उनके सामान्य आकार और आकाश में ऊंचाई के आधार पर बादलों को 10 मूल प्रकारों में बांटा जा सकता है।

बादल को कितने भागों में बांटा गया है?

इसे सुनेंरोकेंलेकिन तड़ित झंझा और बारिश के लिए उत्तरदायी कुछ बादल धरती से 15,000 मीटर ऊंचाई तक भी पहुंच जाते हैं। मौसम वैज्ञानिक बादलों को उनकी आकृति और ऊंचाई के अनुसार विभिन्न नामों से पहचानते हैं। बादलों को मुख्यतः तीन वर्गों पक्षाभ (सिरस), कपासी (कुमुलस) और स्तरी (स्ट्रेटस) बादलों में बांटा गया है।

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एक बादल में कितना पानी होता है?

इसे सुनेंरोकेंएक बादल कितनी बारिश कर सकता है वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एक वर्ग मील के क्षेत्र में गिरने वाली एक इंच बारिश 17.4 मिलियन गैलन पानी के बराबर होती है. इतना पानी लगभग 143 मिलियन पौंड वजन का होगा!

बादल का प्रतीकात्मक रूप क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. बादलो का मुख्यत: कार्य धरती को उसकी तपन से राहत दिलाना हैं, लेकिन ‘उत्साह’ कविता में कवी बदलो के विध्वंसकारी रूप का आगमन करते हुए यह चाहता है कि वह अपने प्रलयकारी रूप से इस समाज का विनाश करे ताकि इस समाज में फैली सभी बुराइयों व हीन भावनाओ का अंत हो जाये और हम एक ऐसे समाज की स्थापना करे जो इन सबके से मुक्त हो ।

बादलोंं के प्रकार – Types of clouds in hindi : वायुमंडल की संरचना में बादल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वायुमंडल में विभिन्न ऊंचाइयों पर जलवाष्प के संघनन के फलस्वरूप निर्मित जल तथा हिम कणों को मेघ अथवा बादल करते हैं।

बादल कोहरे का भी विशालतम रूप होते है। ये धरातल से काफी ऊंचाई पर विकसित होते हैं। उष्ण तथा आद्र वायु जब वायुमंडल में ऊपर की तरफ उठता है तो तेजी से ठंडा होता है। इस क्रिया को संघनन कहा जाता है। संघनन के उपरांत जलवाष्प जल कण या हिम कण के रूप में बदल जाता है। यही कण धरातल से बादल के रूप में दिखाई देते हैं।

आकाश में सबसे ऊंचा बादल कौन है? - aakaash mein sabase ooncha baadal kaun hai?
types of cloud

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बादलो के प्रकार : Types of clouds in Hindi

1. उच्च मेघ (high clouds)

(A) पक्षाभ मेघ (Cirrus clouds)

(B) पक्षाभ-स्तरी मेघ (Cirrus clouds)

(C) पक्षाभ-कपासी मेघ (Cirrus clouds)

2. मध्य मेघ (Middle clouds)

(A) स्तरीमध्य मेघ (Alto-stratus clouds)

(B) कपासी मध्य मेघ (Alto-cumulus clouds)

3. निम्न मेघ (Low clouds)

(A) स्तरी कपासी मेघ (Strato-cumulus clouds)

(B) स्तरी मेघ (Strato clouds)

(C) वर्षा-स्तरी मेघ (Cirrus clouds)

(D) कपासी मेघ (Cumulus clouds)

(E) कपासी-वर्षी मेघ (Cumulonimbus clouds)

बादलो के प्रकार : Types of clouds in Hindi

आकाश में प्राय: कई प्रकार के मेघ मिश्रित रूपों में पाए जाते हैं । इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय ऋतु विज्ञान परिषद के द्वारा बादलों को धरातल से ऊँचाई के आधार पर निम्न उपप्रकारों में विभक्त किया गया है, जो निम्नांकित हैं :-

1. उच्च मेघ (high clouds)

इन बादलों की धरातल से औसत उचाई 5 किलोमीटर से 13 किलोमीटर होती है। इनमे निम्न प्रकार के बादल आते है :

(A) पक्षाभ मेघ (Cirrus clouds)

पक्षाभ मेघ वायुमंडल में सबसे ऊँचाई पर पाये जाते है। इन बादलों की संरचना हिम के कणों से होती है । धरातल से दिन में ये मेघ पंख की तरह रेशों के समान दिखाइ देते हैं। जब ये आकाश में अस्तव्यस्त बिखरे रहते हैं तब इनसे स्वच्छ मौसम रहने की सूचना मिलती है । किन्तु जब ये क्रम से पक्षाभ स्तरी अथवा स्तरी बादलों के साथ दिखाई देते हैं, तब मौसम के खराब होने की संभावना जताई जाती है । चक्रवात के आने से पहले पक्षाभ मेघ दिखाई देते हैं ।

(B) पक्षाभ-स्तरी मेघ (Cirrus clouds)

सफेद चादर की तरह सम्पूर्ण आकाश में छाये रहने के कारण आकाश दूधिया रंग का दिखाई देता है । पक्षाभ सतरी बादलों से दिन में सूर्य तथा रात में चन्द्रमा के चारों तरफ प्रभा-मण्डल बन जाता है । ये मेघ चक्रवात की सूचना देते हैं।

(C) पक्षाभ-कपासी मेघ (Cirrus clouds)

ऐसे बादल पंक्तियों अथवा समूहों में पाए जाते हैं । ये
छोटी-छोटी गोलाकार राशियों के रूप में रहते हैं । इनसे छाया नही बनती हैं । इन्हें mackerel sky भी कहते है।

2. मध्य मेघ (Middle clouds)

इन बादलों की धरातल से औसत उचाई 2 किलोमीटर से 7 किलोमीटर होती है। इनमे निम्न प्रकार के बादल आते है :

(A) स्तरीमध्य मेघ (Alto-stratus clouds)

ये मेघ भूरे या नीले रंग के मोटी परत के रूप में पूरे आकाश में छा जाता है। ये देखने में धारीदार होते हैं । ये  प्रभामण्डल का निर्माण नही कर पाते है। इनसे आकाश आंशिक या पूर्णरूप से मेघ से ढक जाता है। इनसे लगातार वृष्टि होने की सम्भावना रहती है।

(B) कपासी मध्य मेघ (Alto-cumulus clouds)

ये मेघ भूरे या कुछ सफेद होते हैं। इनमे परतें पायी जाती है। ये लहरों के रूप में  बिखरे रहते है। ये मेघ छायादार होते
है। इनका विकास ऊपर की ओर होता है। संवहन- तरंगों या पर्वत के ढाल के सहारे ऊपर चढ़ने से वायु-धाराओं में कपासी मध्य मेघ का निर्माण हो जाता हैं । ऐसे मेघ को पताका मेघ भी कहते हैं।

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3. निम्न मेघ (Low clouds)

इन बादलों की धरातल से औसत उचाई 0 किलोमीटर से 2 किलोमीटर होती है। इनमे निम्न प्रकार के बादल आते है :

(A) स्तरी कपासी मेघ (Strato-cumulus clouds)

ये मेघ गोलाकार राशियों से निर्मित होते है। इनको बादलों की निचली भूरी परतों जे वर्ग में रखा जाता हैं। ये समूहों या लहरों के रूप में दिखाई देते हैं। इन बादलों की ऊँचाई औसतन 2500-3000 मीटर होती है।

(B) स्तरी मेघ (Strato clouds)

ये निम्न प्रकार के बादलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये आकाश को कोहरे की भाँति ढँक लेते हैं। कोहरे की निचली परतों के विसरण अथवा उत्थान के कारण इनका निर्माण होता है। इनका विकास नीचे से ऊपर की तरफ होता है। इनके बिखरने से आकाश नीला दिखाई देता है। इन खंडित बादलों को Fractostratus कहते है । इन बादलों का निर्माण प्रायः दो विपरीत स्वभाव वाली पवनों के मिलने से शीतोष्ण कटिबँधीय क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में होता है।

(C) वर्षा-स्तरी मेघ (Cirrus clouds)

ये मेघ निचले स्तर के मेघ होते है। ये भूरे तथा गहरे रंग के  अविच्छिन्न मेघ है।  इनसे जल तथा हिम वर्षा लगातार होती है। इनसे शीतोष्ण कटिवन्धीय चक्रवातों में उष्ण वाताग्र के साथ वर्षा-स्तरी मेघ बनते हैं ।

(D) कपासी मेघ (Cumulus clouds)

कपासी मेघ घने तथा विस्तृत रूप में फैले होते हैं। ये सम्पूर्ण आकाश में धुनी हुई रुई के समान प्रतीत होते हैं।ये ऊर्ध्वाधर विकास के कारण आकाश में गुम्बदाकार या फूलगोभी के रूप में दिखाई पड़ते हैं। इनका आधार काले रंग का क्षैतिज रूप में दूर तक फैला होता हैं। सूर्य के प्रकाश में ये चमकीले दिखाई पड़ते हैं। कपासी मेघ अत्यधिक घने आकार के होते हैं। इनसे मौसम के साफ रहने का आभास होता है।

(E) कपासी-वर्षी मेघ (Cumulonimbus clouds)

इन बादलों का रंग गहरा तथा आकृति ऊर्ध्वाधर होती है  इनके शीर्ष भाग पर्वत के समान गुम्बदाकार रूप में होते हैं। इनकी ऊँंचाई आकाश में औसतन 18 किलोमीटर तक होती है। इन बादलों से तेज बौछार के साथ वर्षा होती है। उपल-वृष्टि और तेज झंझावात इनके प्रमुख पहचान है। ये  मेघ देखने में वर्षा-स्तरी जैसे दिखाई पड़ते हैं। इन बादलों से भयंकर गर्जन तथा बिजली की चमक के साथ वर्षा होती है। वर्षा होने के बाद मौसम साफ तथा स्वच्छ हो जाता है।

आज की पोस्ट में हमने जाना की बादल कितने प्रकार के होते है या types of clouds in hindi. अगर आपको हमरी दी गई जानकारी types of cloud in hindi पसंद आई है तो आप हमें कमेन्ट कर के बता सकते है जिससे हम इस पारकर की और भी जानकारी आप को रोजाना दे सके और अगर आपको इसमें कोइ त्रुटी नजर आती है तो क्रप्या हमें जरुर बताये जिससे हम इसमें सुधार कर सके

सबसे ऊंचा बादल कौन सा होता है?

सिरस के बादल 8,000 - 12,000 मीटर की ऊँचाई पर बनते हैं। वे आकाश में सबसे ऊंचे बादल हैं।

बादल के कितने प्रकार है?

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के इंटरनेशनल क्लाउड एटलस के अनुसार, आसमान में 100 से अधिक प्रकार के बादल मौजूद हैं। हालांकि, उनके सामान्य आकार और आकाश में ऊंचाई के आधार पर बादलों को 10 मूल प्रकारों में बांटा जा सकता है

इनमें कौन सा बादल सबसे अधिक ऊंचाई पर बनती है?

पक्षाभ बादल सबसे अधिक ऊँचाई पर लघु हिमकणों द्वारा निर्मित उच्च मेघ या बादल हैं जो प्रायः छितराये रूप में रेशम की तरह दिखते हैं। इनका निर्माण छोटे-छोटे हिमकणों द्वारा होता हैं इसलिए इनसे होकर जब सूर्य की किरणें गुजरती हैं तो रंग श्वेत हो जाता हैं, परन्तु शाम के समय यह विविध रंगों में दृष्टिगोचर होते हैं।

बरसने वाले बादल को क्या कहते हैं?

भूमि के समीप स्थित बादलों को हम कोहरा कहते हैं। वर्षा लाने वाले बादलों के नाम के पीछे 'निम्बस' यानी 'वर्षा' शब्द लगाया जाता है।