गर्भधारण करते ही जहां एक दम्पती फूला नहीं समाता है वहीं उसका पूरा परिवार खुशियों से चहकने लगता है लेकिन कभी कभी शारीरिक समस्याओं के चलते कुछ महिलाएं अचानक गर्भपात का शिकार हो जाती हैं। अचानक हुए इस गर्भपात से महिला शारीरिक से ज्यादा मानसिक रूप से कमजोर हो जाती है। ऐसे में पुनरू गर्भधारण करने के लिए महिला को मानसिक रूप से उबरने में मदद की जानी चाहिए ताकि यह सदमा धीरे धीरे उसके जेहन से निकल जाए। Show
आखिर क्या है गर्भपातगर्भावस्था के 20वें सप्ताह से पहले गर्भ में भ्रूण की मृत्यु हो जाएए तो उसे गर्भपात कहते हैं। इसे स्वतरू गर्भपात भी कहा जाता है। एक महिला में गर्भपात उसकी प्रेग्नेंसी की अवस्था पर निर्भर करता है। ये कई तरह के होते हैं। हर गर्भपात के लक्षण अलग.अलग हो सकते हैं। प्रारंभिक गर्भावस्था में गर्भपात कई महिलाओं को हो सकता है। यह आम है। पांच में से एक गर्भवती महिला का गर्भावस्था के 20वें सप्ताह से पहले गर्भपात हो जाता है। गर्भपात के प्रकारमिस्ड गर्भपात – इसमें गर्भावस्था स्वयं समाप्त हो जाती है।
इस दौरान न कोई रक्तस्राव होता है और न ही किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में तो गर्भपात होने के बाद भी भ्रूण गर्भ में ही रहता है और इसका पता तब चलता है जब गर्भ में भ्रूण का विकास रुक जाता है। इसका पता अल्ट्रासाउंड से किया जाता है। गर्भपात के संकेत और लक्षणगर्भपात का सबसे
आम लक्षण है पेट में ऐंठन और योनि से रक्तस्राव होना। अगर गर्भावस्था के दौरान ऐसे कुछ लक्षण दिखाई देंए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। गर्भपात होने के कारणहार्मोनल असंतुलन। गर्भपात होने के विशेष कारणक्रोमोजोम असामान्यता रू गर्भपात का एक कारण क्रोमोजोम का असामान्य होना भी है। व्यक्ति के शरीर में मौजूद छोटी.छोटी संरचनाओं को क्रोमोजोम कहते हैं। ये संरचनाएं जीन्स को लाने और ले जाने का काम करती हैं। किसी.किसी मामले में जब पुरुष के शुक्राणु अंडों से मिलते हैंए तो अंडे या शुक्राणु में से किसी एक में त्रुटि आ जाती हैए जिससे भ्रूण में एक क्रोमोजोम का मेल असामान्य हो जाता हैए ऐसे में गर्भपात हो सकता है गर्भाशय असामान्यताएं और असमर्थ सर्विक्स रू जब महिला के गर्भाशय का आकार और गर्भाशय का विभाजन असामान्य होता हैए तो गर्भपात की स्थिति बन सकती हैए क्योंकि ऐसे में भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित नहीं हो पाता। इसमें गर्भाशय का अंदरुनी भाग मांसपेशियों अथवा फाइब्रर की दीवार से विभाजित होता है। इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर रू कभी.कभी इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर के कारण गर्भाशय में भ्रूण का प्रत्यारोपण नहीं हो पाताए इस वजह से भी गर्भपात हो सकता है। इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर में अस्थमाए एलर्जीए ऑटोइनफ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पीसीओएस ;पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोमद्ध रू जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या रहती हैए उनमें गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में प्रोजेस्ट्रोन व एस्ट्रोजन हार्मोंस का संतुलन बिगड़ जाता हैए जिस कारण गर्भधारण के लिए अंडे विकसित नहीं हो पाते हैं।। बार बार ख्रिपिटेड, गर्भपात की वजहजिन महिलाओं का गर्भपात बार.बार होता हैए उसके पीछे क्रोमोजोम असामान्य होना अहम कारण हो सकता है। यहां हम कुछ अन्य कारण बता रहे हैंए जिनकी वजह से बार.बार गर्भपात हो सकता हैए गर्भपात को रोकने के प्राकृतिक तरीकेफोलिक एसिड और प्रसव पूर्व विटामिन लें रू गर्भपात का खतरा टालने के लिए आपको गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड और अन्य विटामिन लेने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर रोजाना 400 से 800 एमजी फोलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं। गर्भपात का निदान और इलाजगर्भपात का सही समय पर निदान कर लिया जाएए तो संक्रमण जैसी समस्या से बचा जा सकता है। ऐसा न होने पर महिला को खतरा हो सकता है। गर्भपात पूरा हुआ या अधूरा कैसे पता करें?निदान अल्ट्रासाउंड से होता है। पूर्ण गर्भपात – पेट में तेज दर्द होना और भारी रक्तस्राव होना पूर्ण गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं। इसमें गर्भाशय से भ्रूण पूरी तरह से बाहर आ जाता है। अपरिहार्य गर्भपात – इसमें रक्तस्राव होता रहता है और गर्भाशय ग्रीवा खुल जाती हैए जिससे भ्रूण बाहर आ जाता है।
सुरक्षित गर्भपात क्या है?अधिनियम 1971 के अनुसार हमारे देश में कई परिस्थितियों में 20 सप्ताह तक का गर्भपात कराया जा सकता है । गर्भपात सभी सरकारी अस्पतालों में व मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में ही किया जा सकता है | यह अधिनियम सुरक्षित गर्भपात सेवा के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है जिससे असुरक्षित गर्भपात को कम किया जा सके।
गर्भपात के बाद कितने दिन तक पेट में दर्द होता है?अबॉर्शन हर महिला के लिए अलग होता है। कुछ महिलाओं को बहुत तेज पीरियड्स में होने वाली ऐंठन महसूस होती है और कुछ के लिए यह समय आसानी से गुजर जाता है और कोई प्रॉब्लम नहीं आती है। हो सकता है कि अबॉर्शन में कुछ समय के लिए दर्द हो और ज्यादातर महिलाएं इसके अगले दिन ही रोजमर्रा के काम कर सकती हैं।
गर्भपात के बाद आपके शरीर में क्या होता है?मतली / ब्लोटिंग: गर्भपात के बाद कुछ समय तक मतली, पेट फूलने, ब्रेस्ट टेंडरनेस जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं जो कि प्रेगनेंसी के दौरान भी महसूस होते हैं। लेकिन अगर वे 14-15 दिन से ज़्यादा समय तक महसूस होते हैं तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है या संभावना है कि आप अब भी प्रेगनेंट हों।
|