गवर्नर-जनरल और भारत के वायसराय
भूमिका:भारत पर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक इकाई के रूप में तब शुरू हुआ जब 31 दिसंबर, 1600 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने रानी एलिज़ाबेथ I (Queen Elizabeth I) से रॉयल चार्टर प्राप्त किया। लगभग तीन शताब्दियों की समयावधि के भीतर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक शक्ति से परिवर्तित होकर दुनिया की सबसे बड़ी राजनितिक शक्तियों में से एक हो गए। Show एक छोटा सा द्वीपीय देश होने के बावजूद ब्रिटेन दुनिया में सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक के रूप में स्थापित होने में सक्षम हो गया जिसके बारे में अक्सर कहा जाता है कि ‘वह साम्राज्य था जिसका सूर्य कभी अस्त नहीं होता था’। यह उपलब्धि ब्रिटेन ने अपने उपनिवेशों की मज़बूत एवं कुशल नौकरशाही की पृष्ठभूमि में हासिल की। भारत में उसने ब्रिटिश गवर्नर-जनरल और वायसराय के माध्यम से नियंत्रण स्थापित किया।
भारत का अंतिम गवर्नर जनरल और प्रथम वायसराय कौन था?लॉर्ड माउंटबेटन (1947-48) स्वतंत्र भारत के अंतिम वायसराय और पहले गवर्नर जनरल थे। Q.
भारत के अंतिम गवर्नर जनरल का नाम क्या था?राजगोपालाचारी ने 1948 से 1950 तक भारत के अंतिम गवर्नर जनरल का कार्यकाल संभला था। राजगोपालाचारी का जन्म तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के होसुर तालुक के थोरापल्ली गांव में हुआ था और उन्होंने बैंगलोर के सेंट्रल कॉलेज और मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ाई की।
रात का अंतिम गवर्नर जनरल कौन था?भारत का अंतिम गवर्नर जनरल लार्ड केनिंग था। 1857 की क्रांति के बाद गवर्नर जनरल के पद को समाप्त कर वायसराय के पद की शुरुआत हुई।
भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय कौन था?Solution : भारत का अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन था। लॉर्ड माउंटबेटन के शासनकाल में 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद द्वारा भारतीय स्वतंत्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया।
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