हमें अपने बुजुर्गों की सेवा क्यों करनी चाहिए? - hamen apane bujurgon kee seva kyon karanee chaahie?

इसे सुनेंरोकेंवरिष्ठ देखभाल की आवश्यकता कब होती है? वृद्धों की देखभाल तब आवश्यक हो जाती है जब वृद्ध लोग दैनिक जीवन की गतिविधियों जैसे खाना बनाना, सफाई करना, नहाना, दवाएँ लेना आदि को करने में असमर्थ होने लगते हैं और परिवार का कोई सदस्य उन्हें देखने के लिए उपलब्ध नहीं होता है।

परिवार में बुजुर्गों की क्या अहमियत है?

इसे सुनेंरोकेंजिस परिवार में बड़े बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता उस परिवार में सुख, संतुष्टि और स्वाभिमान नहीं आ सकता। हमारे बड़े बुज़ुर्ग हमारा स्वाभिमान हैं, हमारी धरोहर हैं। उन्हें सहेजने की जरूरत है। यदि हम परिवार में स्थायी सुख, शांति और समृध्दि चाहते हैं तो परिवार में बुजुर्गों का सम्मान करें।

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बुजुर्ग की मुख्य समस्या कौन है?

इसे सुनेंरोकेंअतः वृद्धावस्था में शरीर अशक्त हो जाना, क्षीण हो जाना बुजुर्ग की प्रमुख समस्या होती है। जो बुजुर्ग अपने युवा काल में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहते आए हैं, आवश्यकता अनुरूप व्यायाम, खानपान, एवं बीमारियों से बचाव करते रहे हैं, उनका बुढ़ापा अपेक्षाकृत सुखमय व्यतीत होता है।

वृद्धजन क्यों संवेदनशील होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंऔर बुजुर्गों की आर्थिक और स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करना और एक ऐसे सामाजिक परिवेश का निर्माण करना आवश्यक हो गया है, जो वृद्धजनों की भावनात्मक आवश्यकताओं के लिए अनुकूल और संवेदनशील हो। उपर्युक्त विवरण से आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि वृद्धावस्था में सिर्फ़ परेशानियाँ होती हैं। अनेक बुजुर्ग अच्छा सार्थक जीवन जीते हैं।

हमें अपने बड़े बुजुर्गों की सेवा क्यों करनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंझांसी। कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि जिस घर में माता पिता एवं बुजुर्गों की सेवा बच्चे करते हैं, वहां सदा ईश्वर की कृपा रहती है।

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अस्वस्थ बुजुर्गों की देखभाल को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंआर्थ्राइटस का अर्थ है किसी जोड़ में सूजन या दर्द। इस लेख में लक्षण एवं उपायों का उल्लेख है।

घर में बड़े बुजुर्गों का होना बहुत लाभदायक होता है कैसे?

इसे सुनेंरोकेंजिस घर में बड़े बुजुर्गों को मान दिया जाता है वह घर भरपूर और कुशल रहता है। बुजुर्गों के आशीर्वाद से हमारे काम सफल होते हैं और हम उन्नति करते हैं। वे हमारे घर की बुनियाद हैं। यदि बुनियाद सकुशल होगी तो ईमारत को बल और लाभ प्राप्त होगा।

परिवार में बुजुर्गों का क्या महत्व है संक्षेप में लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंबुजुर्ग शब्द दिमाग में आते ही उम्र व विचारों से परिपक्व व्यक्‍ति की छवि सामने आती है । बुजुर्ग अनुभवों का वह खजाना है जो हमें जीवन पथ के कठिन मोड़ पर उचित दिशा निर्देश करते हैं । परिवार के बुजुर्ग लोगों में नाना-नानी, दादा-दादी, माँ-बाप, सास-ससुर आदि आते हैं ।

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बुजुर्गों की सेवा कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंअगर आपके यहां कोई बुजुर्ग बीमार है और आपके पास समय नहीं, तो इस संस्था से संपर्क कीजिए। फिर इस संस्था का कोई स्वयंसेवी आकर उनकी सेवा-तीमारदारी करेगा। सीमा कहती हैं, ‘पर इसकी कीमत आपको चुकानी पड़ती है। इस सर्विस से जो पैसा आता है, उससे हम अपनी संस्था का खर्चा चलाते हैं और बेसहारा बुजुर्गों का इलाज कराते हैं।

संवेदनशील शब्द से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकें- 1. संवेदना से युक्त; भावुक; सहृदय 2. भावप्रधान; भावप्रवण 3. अनुभूतियुक्त।

भारत सरकार ने राष्ट्रीय वृद्धजन नीति को कब अपनाया?

इसे सुनेंरोकेंभारत सरकार ने 1999 में राष्ट्रीय वृद्धजन नीति को अपनाया और वर्ष 2000 को वृद्ध व्यक्तियों का राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया।

बुजुर्गों को लेखक ने धरोहर कहा है क्योंकि?

इसे सुनेंरोकेंजिस तरह मनुष्य धरोहर की सुरक्षा और रक्षा करता है, उसी तरह से वुजर्गों की रक्षा करनी चाहिए।

बुढ़ापा जीवन की एक अनिवार्य प्रक्रिया है। वृद्ध वैश्विक आबादी जनसांख्यिकीय संक्रमण का एक उप-उत्पाद है जिसमें मृत्यु दर और प्रजनन दर दोनों में गिरावट आती है। एक देश में बुजुर्गों की आबादी में अचानक उछाल समाज के सामने कई चुनौतियों का सामना करने के लिए बाध्य है। एजिंग कल्याण चिंता के दायरे से परे चला गया है, और इसे एक विकासात्मक चुनौती के रूप में देखा जाना चाहिए। भारत में 8.2% बुजुर्ग हैं (जो 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष हैं) और भारत में 9.0% बुजुर्ग महिला आबादी (भारत की जनगणना, 2011)। कुल मिलाकर, 2001 की जनगणना की तुलना में बुजुर्गों का प्रतिशत 8.6% है, जो कि 7.4% था। इसलिए भारत एक जनसांख्यिकीय संक्रमण का सामना कर रहा है, जिसका प्रभाव व्यक्ति, परिवार, समुदाय, समाज और बड़े स्तर पर होगा।

राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान पिछलें एक दशक से वृद्धों की देखभाल सहित समाज रक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्रिय रहा है। संस्थान का वृद्धों की देखभाल प्रभाग अनेक प्रोग्रामों /प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रमों की एक श्रंखला चलाता है जिसका लक्ष्य हैः
• वृद्ध व्यक्तियों की देखभाल एवं कल्याण के लिए प्रोफेश्नलों का एक कैडर विकसित करना
• वृद्धो की देखभाल (जेरियेटिक केयर) से संबंधित विविध आयामों पर एक व्यापक एवं वैज्ञानिक ज्ञान का भंडार उपलब्ध कराना
• वृद्ध व्यक्तियों के कल्याण हेतु परिवार एवं समुदाय की सेटिंग में हस्तक्षेप पर आधारित कुशल मानव शक्ति प्रदान करना
• प्रोग्रम डेवलपमेंट एवं मैनेजमेंट पर जोर देते हुए वृद्धों की देखभाल के प्रबंधन हेतु तकनीको/हस्तक्षेपों पर छात्रों को जोड़ना
• वृद्ध व्यक्तियों की देखभाल के लिए सपोर्ट सिस्टम तथा नेटवकिंग की पहचान करना तथा विकसित करना
• स्थानीय तथा राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सरकारी/गैर सरकारी सेक्टरों की सेवाओं के अभिसरण को उपलब्ध कराना
• संस्थान स्वयं के साथ साथ क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केन्द्र (आर.आर.टी.सी) तथा अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के साथ मिलकर कोर्सेज संचालित करता है। वर्तमान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय विभाग द्वारा वृद्धों की देखभाल के क्षेत्र में नामित आठ आर.आर.टी.सी हैं। आठ आरआरटीसी की सूची के लिए यहां क्लिक करें।

हमें बुजुर्गों की सेवा क्यों करनी चाहिए?

बुजुर्गों के लिए वृद्ध आश्रम सही स्थान नहीं है। मां-बाप एक पेड़ की तरह होते हैं जोकि हमें छांव देते हैं। जिन बुजुर्गों ने खुद कष्ट सह कर हमें आराम दिया, चलना सिखाया, पढ़ाया लिखाया, हमें समाज में रहने के काबिल बनाया तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उनके सुख-दुख पर ध्यान दें। उनके चरणों में ही हमारा स्वर्ग है।

बुजुर्ग लोगों की सेवा कैसे करें?

घर पर बुजुर्गों की देखभाल सेवा के लिए उन्हें कैसे तैयार करें.
बुजुर्गों के सभी नुस्खे और दवाएँ संभाल कर रखें क्योंकि देखभाल करने वाला इसे माँग सकता है।.
आपात स्थिति के मामले में परिवार के सदस्यों के संपर्क नंबर लिख कर दें।.
डॉक्टरों के नाम और संपर्क नंबर को नोट करें जो बुजुर्ग स्वास्थ्य सेवाओं की देख रेख कर रहे हैं।.

हमारे समाज में बुजुर्गों का क्या महत्व है?

जिस परिवार में बड़े बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता उस परिवार में सुख, संतुष्टि और स्वाभिमान नहीं आ सकता। हमारे बड़े बुज़ुर्ग हमारा स्वाभिमान हैं, हमारी धरोहर हैं। उन्हें सहेजने की जरूरत है। यदि हम परिवार में स्थायी सुख, शांति और समृध्दि चाहते हैं तो परिवार में बुजुर्गों का सम्मान करें।

आप अपने घर में बड़े बुजुर्गों की सहायता कैसे करते हैं?

Answer:.
मैं अपने बड़े-बुजुर्गो के साथ बैठकर उनके बचपन के बारे में जान सकते है।.
उनके साथ सुबह - सुबह घूमने जा सकते है।.
जब उनकी हालत खराब हो तो उनको ज्यादा प्यार और ध्यान दे सकते है।.
उनकी सुरक्षा का ध्यान भी रख सकते है।.
उनको कभी की अकेला न छोड़े।.
अगर उन्हें शरीर में दर्द है तो मालिश कर सकते है।.