बादलों के ऊपर है ये गांवUpdate: Friday, July 2, 2021 @ 1:32 PM Show
देश के कई राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है और बरसात शुरू हो गई है। कुछ राज्यों में अभी बारिश नहीं हुई है लेकिन जुलाई के पहले हफ्ते में बारिश की संभावना जताई गई है। भीषण गर्मी के बाद राहत की बारिश किसको अच्छी नहीं लगती। इलाका गर्म हो या ठंडा समय-समय पर बारिश तो होती रहती है, लेकिन क्या आप जानते हैं एक गांव ऐसा भी है जहां पर कभी बारिश होती ही नहीं है। ये कोई रेगिस्तान भी नहीं है, बल्कि यह एक गांव है जहां पर लोग रहते हैं। इस गांव का नाम अल-हुतैब (Al-Hutaib) है, जो यमन की राजधानी सना के पश्चिम में मनख के निदेशालय के हरज क्षेत्र में स्थित है। यहां अक्सर पर्यटक आते रहते हैं और शानदार नजारे का लुत्फ उठाते हैं। यहां पहाड़ों की चोटी पर भी इतने खूबसूरत घर बनाए हुए हैं, जिसे लोग देखते ही रह जाते हैं। अल-हुतैब गांव पृथ्वी की सतह से 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है,, इस गांव की सबसे खास बात ये है कि यहां कभी बारिश नहीं होती। इसकी वजह ये है कि ये गांव बादलों के ऊपर बसा हुआ है। बादल इस गांव के नीचे ही बनते हैं और बरस जाते हैं। यहां का नजारा बेहद खूबसूरत है। ग्रामीण और शहरी विशेषताओं के साथ प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला दोनों को जोड़ने वाला यह गांव अब ‘अल-बोहरा या अल-मुकरमा’ लोगों का गढ़ है। इन्हें यमनी समुदाय कहा जाता है। यदि आपने हवाई यात्रा की है या फिर कभी उत्तर भारत के पहाड़ों पर पर्यटन किया है तो आपने जरूर देखा होगा कि आप या तो बादलों के साथ होते हैं या बादलों के ऊपर। कितनी ऊंचाई पर होने के बाद भी आप पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में होते हैं। आपके हाथ से यदि मोबाइल छूट जाए तो वह सीधा जमीन पर आकर गिरेगा। बादलों में भी बर्फ होती है, पानी भरा होता है। सवाल यह है कि जब बादल जितनी ऊंचाई से मोबाइल जमीन पर गिर जाता है तो फिर बादल क्यों नहीं गिरते। वह हवा में तैरते क्यों रहते हैं। बादल दरअसल समुद्र, नदियों, तलाबों और धरती में उपस्थित जल के वाष्पीकरण के कारण बादलों के अंदर गर्म वायु भी भर जाती है। यह बताने की जरूरत नहीं कि गर्म वायु हमेशा ऊपर की तरफ जाती है। जब बादलों का वाष्पीकरण पूरा हो जाता है तो गर्म वायु के कारण वह ऊपर की तरफ जाने लगते हैं। ऊपर जाने पर इसका फैलाव होने पर जब यह ठण्डी हो जाती हैं, तो बादलों का रूप ले लेती हैं। बादलों के आकार-प्रकार पर गुरूत्वाकर्षण बल असर करता है। वायु में उपस्थित अतरिक्त वाष्प पानी की बूंदों को नहीं रोक पाती हैं। बादल में उपस्थित बर्फ के कारण पानी की बूंदे बनती रहती हैं और गुरुत्वाकर्षण बल से प्रभावित होने के कारण यह पानी की बूंदे बादलों की आकृति बदलती रहती है। आयतन अधिक होने के कारण बादलों का घनत्व कम होता है, इस कारण बादलों का भार वायु में कम रहता है, और वह तैरते रहते हैं। बारिश होने पर केवल पानी की बूंदे नीचे की तरफ जाती है बादल पहले थोड़ा सा नीचे आते हैं और फिर जब उसमें सिर्फ गर्म हवा रह जाती है तो ऊपर की तरफ उड़ जाते हैं। कुल मिलाकर बादल हवा में तैरते नहीं है बल्कि गर्म हवा के कारण ऊपर की तरफ उड़ते हैं। क्योंकि उनमें बर्फ भरी होती है जो हवा के संपर्क में आने के कारण पानी बनती है इसलिए वह पानी के बोझ से नीचे की तरफ आते हैं और पानी गिर जाने पर जब केवल गर्भावती है तो फिर ऊपर की तरफ उड़ने लगते हैं। यानी बादल हवा में तैरते नहीं है उड़ते हैं और गर्म हवा के कारण जमीन पर नहीं गिरते। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)
बादल कैसे बनते हैं और बारिश कैसे होती है? बादल का बनना प्रकृति की एक ख़ूबसूरत प्रक्रिया है. श्रृष्टि के आरंभ से ही बादल वर्षा के रूप में मनुष्यों एंव जीव-जंतुओं तक पानी पहुंचाते रहे हैं और इसी पानी के कारण पेड़-पौधे और जीव-जंतु जीवीत रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ये बादल कैसे बनते हैं? बादल कितने प्रकार के होते हैं? और बादलों में पानी कहाँ से आता है? अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े. क्योंकि आज के इस आर्टिकल में मैं आपके साथ बादल से जुड़ी जानकारियां शेयर करूंगा. साथ ही आप बादलों में बिजली कैसे चमकती है, बादल कैसे फटता है और बादल कैसे गरजता है? इत्यादि के बारे में भी जानेंगे. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बादल के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में. बादल क्या होते हैं? – What is Cloud in Sky in Hindiबादल वातावरण में स्थिर पानी की बूंदों या आइस क्रिस्टल के बने होते हैं जो आकार में काफी छोटे और हल्के होते हैं, ये हवा में ठहर सकते हैं. बादल आसमान में जलवाष्प के संघनन (गैस से लिक्विड बनने की प्रक्रिया) से बनते हैं. संघनन की वजह से ही हम जलवाष्प को देख सकते हैं. बादल कई तरह के होते हैं, जो पृथ्वी के मौसम और जलवायु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. बादल कैसे बनते हैं? – How Clouds are formed in Hindiबादल आसमान में मौजूद पानी से बनते हैं. यह पानी जमीन से वाष्पित होकर या अन्य क्षेत्र से आ सकता है. आसमान में हमेशा भाप की कुछ मात्रा मौजूद रहती है जो हमें दिखाई नहीं देती. बादल तब बनते हैं जब हवा का कोई क्षेत्र ठंडा होकर भाप को द्रव में बदल देता है. वो हवा जहाँ बादल बनते हैं, जलवाष्प को संघनित (गैस से द्रव में परिवर्तन) करने के लिए पर्याप्त ठंडी होनी चाहिए. पानी हवा में मौजूद डस्ट, बर्फ या समुद्री नमक, जिन्हें संघनन नाभिक (Condensation nuclei) कहा जाता है, के साथ संघनित होता है. बादल किस प्रकार का बनेगा यह बादल बनने वाले स्थान के तापमान, हवा और अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है. बादल के प्रकारप्रमुख तौर पर बादलों को दो कारकों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है; आकार और स्थान.
बारिश कैसे होती है?बादल कैसे बनते हैं यह तो आपने जान लिया. अब बात करते हैं बारिश कैसे होती है के बारे में. बादल ठंडे होने पर इसमें मौजूद भाप द्रव में बदल जाती है. इसे हम संघनन प्रक्रिया कहते हैं. लेकिन बारिश होने के लिए यह काफी नहीं है. पहले तरल बूंदे जमा होती हैं और फिर बड़ी बूंदों में बदलती हैं. जब ये बूंदे भारी हो जाती हैं तो बादल इन्हें होल्ड नहीं कर पाते हैं और ये बूंदे जमीन पर बारिश के रूप में गिरने लगती हैं. पानी के आसमान से नीचे गिरने की प्रक्रिया को वर्षण (precipitation) कहा जाता है. यह वर्षण अनेक रूप में हो सकता है, यह बारिश (rainfall), ओले गिरना, हिमपात इत्यादि के रूप में हो सकता है. जब पानी तरल के रूप में गिरने की बजाय बर्फ के टुकड़ों के रूप में गिरता है तो उसे ओले कहते हैं. जब पानी किसी ठोस के रूप में गिरता है तो उसे हिमपात कहते हैं. इसके अलावा सर्दियों के मौसम में पानी बिल्कुल छोटी-छोटी बूंदों के रूप में बरसता है जिसे हम ओस (dew) कहते हैं. बादल कैसे फटता है?एक जगह पर एक साथ अचानक बारिश होने को बादल फटना कहा जाता है. यह ठीक वैसे ही होता है जैसे किसी पानी से भरे गुब्बारे को फोड़ने पर पानी नीचे गिरता है. अगर किसी 10 km x 10 km साइज वाले स्थान पर 100 mm (10cm) प्रति घंटे या इससे अधिक रफ़्तार से बारिश होती है तो उसे बादल फटना कहा जाता है. अगर देखा जाए तो पुरे भारत में एक सामान्य वर्ष के दौरान 116 cm प्रति घंटे के हिसाब से बारिश होती है. यानि की भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पूरे वर्ष के दौरान औसतन यह वैल्यू दर्ज की जाती है. अगर किसी स्थान पर बादल फटता है तो वह साल में उस स्थान पर होने वाली बारिश का 10 से 12 प्रतिशत सिर्फ एक घंटे में बारिश कर देगा. बादल किसी भी स्थान पर फट सकता है लेकिन ज्यादातर ऐसी घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में ही देखने को मिलती हैं. बादल तब फटते हैं जब नम बादल अधिक गर्म हवा के उपरी प्रवाह से बारिश करने में असमर्थ होते हैं. बारिश की बूंदे नीचे गिरने की बजाय हवा के प्रवाह से ऊपर की तरफ बढ़ने लगती हैं. नई बूंदे बनती हैं और मौजूदा बूंदो का आकार बढ़ता जाता है. अब एक वक्त ऐसा आता है कि बारिश की बूंदे काफी भारी हो जाती हैं और बादल इन्हें रोककर रखने में असमर्थ हो जाता है, इसके बाद ये बूंदे काफी तेजी के साथ नीचे गिरना शुरू हो जाती हैं. अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर बादल पहाड़ी इलाकों में ही फटते हैं. ऐसा इसलिए क्यूंकि पहाड़ी इलाके ऊँचे होने की वजह से बादल को एक जगह रोक लेते हैं और गर्म हवा के प्रवाह को ऊपर उठने में मदद मिल जाती है, जिससे बादल फटने की घटनाएं शुरू हो जाती हैं. बिजली कैसे चमकती है?बादल के अंदर हलचल चलती रहती है. बारिश के बादल में बिजली स्थिर चार्ज के रूप में मौजूद रहती है और बादल के अंदर की हवा काफी अशांत होती है. बादल के निचले भाग में मौजूद पानी की बूंदे updraft (गर्म हवा का ऊपर उठना) के साथ ऊपर की तरफ उस ऊंचाई तक पहुंचती हैं जहाँ अत्यंत ठंडा वातावरण उन्हें जमा देता है. इस दौरान बादल में downdraft (ठंडी हवा का नीचे आना) बर्फ और ओलों को बादल के टॉप से नीचे धकेलता है. जहाँ नीचे जाती हुई बर्फ और ऊपर उठता हुआ पानी टकराते हैं और इलेक्ट्रॉन्स आपस में अलग होना शुरू हो जाते हैं. यह सब बादल के धनात्मक (Positive +) और ऋणात्मक (Negative –) आवेश को अलग कर देता है. जिससे बादल का उपरी भाग धनावेशित (positively charged) और नीचला भाग ऋणावेशित (negatively charged) हो जाता है. जब धनात्मक और ऋणात्मक आवेश काफी बड़े हो जाते हैं तब बादलों के अंदर इन दो आवेशों के बीच एक विशाल चिंगारी उत्पन्न होती है जिसे बिजली चमकना कहा जाता है. बिजली कैसे और क्यों गिरती है?जब बादल के निचले भाग पर ऋणात्मक आवेश अत्यंत बढ़ जाता है तब यह धरती पर मौजूद धनात्मक आवेश की तरफ जाना चाहता है, क्योंकि विरोधी आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं. ऐसे में ऋणात्मक आवेश का एक बहाव जिसे stepped leader कहा जाता है, धरती की तरफ बढ़ता है. धरती पर मौजूद धनात्मक आवेश इस stepped leader की तरफ आकर्षित होता है, इसलिए धनात्मक आवेश जमीन से ऊपर की तरफ बढ़ता है, इसके लिए यह किसी पेड़, लाइटनिंग कंडक्टर और यहाँ तक कि किसी इंसान का सहारा भी ले सकता है. जब stepped leader और धनात्मक आवेश मिलते हैं तो एक मजबूत इलेक्ट्रिक करंट पॉजिटिव चार्ज को बादलों में ले जाता है. इस इलेक्ट्रिक करंट को रिटर्न स्ट्रोक कहा जाता है. जिसे हम बिजली की एक तेज चमक के रूप में देखते हैं. बादल कैसे गरजता है?बिजली चमकने के बाद जो जोरदार आवाज सुनाई देती है उसे ही बादल का गरजना कहा जाता है. बिजली चमकने के साथ ही बिजली के आवेश और चुम्बकीय प्रभाव के कारण जल, बर्फ और हवा के कण आपस में टकराते हैं. इनके टकराने के साथ ही एक जोरदार ध्वनि उत्पन्न होती है. ये सभी ध्वनियाँ आपस में मिलकर बादलों की गर्जना का रूप ले लेती हैं. इसके साथ ही बिजली के बहुत गर्म होने के कारण उसके इर्द-गिर्द की हवा भी तेजी से गर्म होकर धमाके जैसी आवाज के साथ फैलती है. अगर बिजली हमारे कानो के आसपास कड़कती है तो हमे एक तेज टकराहट जैसी आवाज सुनाई देती है, लेकिन जब यही बिजली कहीं दूर कड़कती तो हमे बादलों की तेज और गहरी गर्जन सुनाई देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दूर हुई आवाज कई चीजों से टकराती हुई हम तक पहुंचती है और उस दौरान हम एक नहीं बल्कि एक ही आवाज की अलग-अलग कोणों से आई प्रतिध्वनी या गूंज (Echo) को सुनते हैं. और नजदीक आते ही यह आवाज तीखी और ऊँची हो जाती है. बादल का गर्जना और बिजली का चमकना दोनों एक ही साथ होते हैं लेकिन गर्जन की आवाज हमे देर से सुनाई देती है क्योंकि प्रकाश की गति, ध्वनि की गति से अधिक होती है. Conclusionमैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “बादल कैसे बनते हैं और बारिश कैसे होती है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है बादल से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरूर करें. https://hindivibe.com/ Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए. बादलों के ऊपर कौन है?बादल ऊपर ही क्यों रहता है? जवाब : जब हम पानी को किसी बर्तन में गर्म करते हैं तो उस के आस-पास हवा की धारा कुछ इस तरह बहती है। गर्म हवा का घनत्व ठंडी हवा से कम होता है। अत: गर्म हवा ऊपर की ओर उठती है और आस-पास की ठंडी हवा उसका स्थान लेती है।
आसमान में बादल क्यों गरजते हैं?बिजली चमकने के बाद ही बादल क्यों गरजते है? वास्तव में हवा में प्रवाहित विद्युत-धारा से बहुत अधिक गरमी पैदा होती है। हवा में गरमी आने से यह अत्याधिक तेजी से फैलती है और इसके लाखों करोड़ अणु आपस में टकराते हैं। इन अणुओं के आपस में टकराने से ही गरज की आवाज उत्पन्न होती है।
एक बादल में कितना पानी होता है?आम बादलों (बिना आंधी-तूफान वाले) में लाखों छोटी-छोटी बूंदे समाहित होती है। प्रति क्यूबिक मीटर में गणना करने पर इनका वजन 0.5 से लेकर एक ग्राम तक होता है। इसका मतलब यह हुआ कि टिपिकल बादल 1 किलोमीटर x1 किलोमीटर x 1 किलोमीटर आकार वाले बादलों में 500 मिलियन ग्राम या 551 टन (1.1 मिलियन पाउंड्स) पानी होता है।
बादल नीचे क्यों नहीं आते?बादल में उपस्थित बर्फ के कारण पानी की बूंदे बनती रहती हैं और गुरुत्वाकर्षण बल से प्रभावित होने के कारण यह पानी की बूंदे बादलों की आकृति बदलती रहती है। आयतन अधिक होने के कारण बादलों का घनत्व कम होता है, इस कारण बादलों का भार वायु में कम रहता है, और वह तैरते रहते हैं।
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