जीवविज्ञान भांति-भांति के जीवों का अध्ययन करता है। Show
जीवविज्ञान (Biology) प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है। यह विज्ञान जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है। [1] इस विज्ञान में हम जीवों की संरचना, कार्यों, विकास, उद्भव, पहचान, वितरण एवं उनके वर्गीकरण के बारे में पढ़ते हैं। आधुनिक जीव विज्ञान एक बहुत विस्तृत विज्ञान है, जिसकी कई शाखाएँ हैं। 'बायलोजी' (जीवविज्ञान) शब्द का प्रयोग सबसे पहले लैमार्क और ट्रविरेनस(Trivirenus)नाम के वैज्ञानिकों ने १८०१(18[2]01) ई० में किया। जिन वस्तुओं की उत्पत्ति किसी विशेष अकृत्रिम जातीय प्रक्रिया के फलस्वरूप होती है, 'जीव' कहलाती हैं। इनका एक परिमित जीवनचक्र होता है। हम सभी जीव हैं। जीवों में कुछ मौलिक प्रक्रियाऐं होती हैं: (1) पोषण : इसके अन्तर्गत सभी जीव विशेष पदार्थों के अधिग्रहण से अपने लिए यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त करतें हैं। (2) श्वसन : इसमें प्राणी महत्वपूर्ण गैसोँ का परिवहन करता है। (3) संवेदनशीलता : जीवोँ में वाह्य अनुक्रियाओँ के प्रति संवेदनशीलता पायी जाती है। (4) प्रजनन : यह जीवोँ में पाया जानें वाला अनोखा एँव अतिमहत्वपूर्ण प्रक्रिया है। प्रजनन से जीव अपने ही तरह की सन्तान उत्पन्न कर सकता है तथा जैविक अस्तित्व को पुष्टता प्रदान करता है। ड 5 ) प्रकाश संश्लेषण - समस्त हरे पौधे सूर्य के प्रकश की उपस्थिति में वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड व जमीन से खनिज लवण के सहायता अपना भोजन स्वंय बनाते है ।
आधुनिक जीवविज्ञान के आधार[संपादित करें]
इतिहास[संपादित करें]डीएनए की डबल-हेलिक्स के एक भाग का चलायमान दृष्य
Biology – जीव विज्ञान Archived 2021-08-01 at the Wayback Machine विज्ञान की वह शाखा, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक प्रकार के जीवन का अध्ययन किया जाता है, ‘जीव विज्ञान’ कहलाती है। इस | शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फ्रांसीसी वैज्ञानिक लैमार्क ( Lamarck ) तथा | जर्मन वैज्ञानिक ट्रैविरेनस (Treviranus) ने 1802 में किया था। ‘जीव विज्ञान’ शब्द ग्रीक के ‘Biology‘ शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। Biology ग्रीक भाषा के दो शब्दों Bios तथा Logos से बना है, | जिसमें Bios का अर्थ है- Life (जीवन) तथा Logos का अर्थ है| Study (अध्ययन )। इस प्रकार ‘जीव विज्ञान’ का अर्थ है- जीवन का अध्ययन (Study Of Life) अर्थात इस विषय के अन्तर्गत सभी सजीव | पदार्थों तथा जीवों के समस्त पहलुओं का क्रमबद्ध, गहन एवं सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है। पृथ्वी पर जीवन दो प्रकार का है- एक ‘जन्तु जीवन’ (Animal Life) तथा दूसरा ‘पादप जीवन’ (Plant Life)। इसी आधार पर जीव जगत को दो भागों में विभक्त किया जाता है- (I) जन्तु जगत (Animal Kingdom) तथा (Ii) ‘पादप | जगत (Plant Kingdom)| अंग्रेजी में जन्तु जगत के लिए Fauna | तथा पादप जगत के लिए Flora शब्द का भी प्रयोग किया जाता है। यद्यपि Fauna का प्रयोग किसी क्षेत्र विशेष या जीव वैज्ञानिक | काल विशेष के जन्तुओं के लिए तथा इसी प्रकार Flora शब्द का प्रयोग भी किसी क्षेत्र विशेष या काल विशेष (Geological Period) के पादपों के लिए किया जाता है। जीव विज्ञान का जनक अरस्तू को माना जाता है। – Father Of Biology[संपादित करें]जीव विज्ञान शब्द को 1802 ई. में लैमार्क और ट्रेविरेनस ने दिया। वनस्पति विज्ञान का जनक थियोफ्रेस्टस को माना जाता है। ‘जीव विज्ञान‘ का अध्ययन 2 भागों में विभक्त कर किया जाता है- (I) जन्तु विज्ञान ( Zoology )[संपादित करें](Ii) वनस्पति विज्ञान ( Botany )[संपादित करें]‘जन्तु विज्ञान‘ कहलाती है। जन्तु विज्ञान ग्रीक भाषा के Zoology शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। Zoology दो शब्दों Zoon तथा Logos से बना है, जिसमें Zoon का अर्थ है’जन्तु तथा Logos का अर्थ है अध्ययन । अर्थात् Zoology शब्द का अर्थ है- ‘जन्तु जगत का अध्ययन’। प्रख्यात दार्शनिक अरस्तू ( Aristotle ) प्रथम ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने जन्तु इतिहास (Historia Animalium) नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने जन्तुओं की रचना, स्वभाव, जनन आदि के बारे में वर्णन किया तथा जन्तुओं का वर्गीकरण भी किया। इसलिए अरस्तू को | ‘जन्तु विज्ञान का पिता‘ ( Father Of Zoology ) कहा जाता है। किन्तु स्वीडिश वैज्ञानिक- ‘कैरोलस लीनियस’ (Carolus Linnaeus) ने द्वि-नाम-पद्यति (Binomial Nomenclature) को जन्म दिया तथा अपनी पुस्तक- ‘सिस्टिमा नेचुरी’ (Systema Naturae) में जीव-जन्तुओं का आधुनिक वर्गीकरण किया। इसलिए इन्हें (लीनियस को), आधुनिक वर्गिका की पिता माना जाता है। वनस्पति विज्ञान ( Botany ) जीव की वह शाखा, जिसके अन्तर्गत पादपों की संरचना तथा उनकी विभिन्न जैविक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है, ‘वनस्पति विज्ञान’ कहलाती है। वनस्पति विज्ञान की ग्रीक भाषा के Botane शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है, जिसका अर्थ है- बूटी या पादप, चूंकि पादप जगत का वर्गीकरण उनके गुण, रूप और परिमाण (Size) के आधार पर सर्वप्रथम थियोफ्रेस्टस’ (Theophrastus) ने किया, इसलिए इन्हें ‘वनस्पति विज्ञान का जनक’ (Father Of Botany) माना जाता है। हम यहाँ जन्तु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान का क्रमशः अध्ययन करेंगे। शाखाएँ एवं जीवनवृति के विकल्प[संपादित करें]नीचे जीवविज्ञान की प्रमुख शाखाएँ और उनका संक्षिप्त वर्णन दिया गया है:[3][4][a]
जीवविज्ञान के वे विषय जो अभी तक अनसुलझे हैं[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
बायोलॉजी का आविष्कार कब हुआ था?जीव विज्ञान शब्द को 1802 ई. में लैमार्क और ट्रेविरेनस ने दिया। वनस्पति विज्ञान का जनक थियोफ्रेस्टस को माना जाता है।
विज्ञान के पिता का क्या नाम है?गैलीलियो को आधुनिक विज्ञान का जनक माना जाता है। स्टीफन हॉकिंग और अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि इतिहास में किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में गैलीलियो ने आधुनिक विज्ञान में और योगदान दिया। उन्हें आधुनिक भौतिकी, खगोल विज्ञान और अवलोकन विज्ञान के पिता भी माना जाता है।
जीव विज्ञान के जनक का क्या नाम है?जीव तथा जंतु विज्ञान के जनक अरस्तु को कहा जाता है जोकि सिकंदर महान के गुरु थे। अरस्तु ने जंतु विज्ञान को दो भागों में बांटा था जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान। जंतु विज्ञान के जनक कौन है? अरस्तू।
विज्ञान के खोजकर्ता कौन है?विज्ञान की खोज एक रहस्यमय खोज है और इसे कई सालों पहले खोज लिया गया था लेकिन 19वी शताब्दी में पहली बार वैज्ञानिक शब्द का प्रयोग विलियम ववेल द्वारा 1883 में किया गया। इससे पहले प्रकृति की जांच करने वाले लोगो को प्राकृतिक दार्शनिक के नाम से जाना जाता था।
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