एकाग्रता के लिए सबसे उत्तम योग कौन सा है? - ekaagrata ke lie sabase uttam yog kaun sa hai?

कॉम्पटीशन एग्जाम की तैयारी आसान नहीं होती है। 

खासतौर पर यूपीएससी, बैंकिंग, रेलवे या एसएससी जैसे एग्जाम की तैयारी करने वाले युवा पूरी एकाग्रता और समर्पण के साथ तैयारी करते हैं। लेकिन कोविड-19 और लॉकडाउन जैसी चीजों ने कॉम्पटीशन की तैयारी करने वाले युवाओं को झकझोर दिया है।

जो युवा एग्जाम की तैयारी में 14-18 घंटे तक पढ़ने के लिए तैयार रहते थे। अब वही अपना फोकस पढ़ाई पर नहीं लगा पा रहे हैं। इन दिनों बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां युवाओं ने पोस्ट कोविड डिप्रेशन के कारण पढ़ाई से अपने फोकस को गंवा दिया।

भारत के महान योग गुरुओं ने एकाग्रता को बढ़ाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। ये योगासन पूरी दुनिया और दुखी मानवता को योग विज्ञान के उपहार की तरह हैं। इन योगासनों के नियमित अभ्यास से 30 से 45 दिनों के भीतर ही परिणाम दिखाई देने लगते हैं।

इस आर्टिकल में मैं आपको एकाग्रता बढ़ाने वाले 5 आसान योगासनों के बारे में जानकारी दूंगा। इन योगासनों के बारे में जानकर और नियमित रूप से अभ्यास करके मन की शांति और खोई हुई एकाग्रता, दोनों को ही वापस पाने में मदद मिल सकती है।

Table of Contents

एकाग्रता के लिए सबसे उत्तम योग कौन सा है? - ekaagrata ke lie sabase uttam yog kaun sa hai?

  • एकाग्रता बढ़ाने में योग कैसे मदद करता है? (How Does Yoga Help To Improve Concentration?)
  • एकाग्रता के लिए योगासन (Yoga For Concentration)
  • पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana / Seated Forward Bend)
  • उष्ट्रासन (Ustrasana / Camel Pose)
  • गरुड़ासन (Garudasana / Eagle Pose)
  • वृक्षासन (Vrikshasana / Tree Pose)
  • ताड़ासन (Tadasana / Mountain Pose)

एकाग्रता बढ़ाने में योग कैसे मदद करता है? (How Does Yoga Help To Improve Concentration?)

एकाग्रता के लिए सबसे उत्तम योग कौन सा है? - ekaagrata ke lie sabase uttam yog kaun sa hai?
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योग के अभ्यास से दिमाग को शांति मिलती है और मन को भटकाने वाले विचार काफी हद तक दूर होते चले जाते हैं। 'योग सूत्र' जैसे महान ग्रंथ की रचना करने वाले महर्षि पतंजलि ने कहा था, ''योग चित्त वृत्ति निरोध''।

इसका अर्थ है कि, योग आपके मन और मस्तिष्क में आने वाले उतार-चढ़ाव को कम कर सकता है। ये दिमाग में लगातार घूमने वाले और अटक चुके विचारों को बाहर निकालता है और आपको बेहतर ढंग से एकाग्रता हासिल करने में भी मदद करता है।

भारत के तमाम प्राचीन योगी मानते थे कि, योग में दैवीय शक्तियां छिपी हुई हैं। योग के अभ्यास से ही योगी लंबे समय तक समाधि में लीन रहने के लिए खुद को सक्षम बना पाते थे। बाद में साइंस ने अपनी जांच में इन दावों को खरा पाया और मान्यता दी। 

हाल ही में, एलिनाइस यूनीवर्सिटी ने एक प्रयोग किया। प्रयोग में एक ग्रुप को रोज 20 मिनट तक योग का अभ्यास करने के लिए कहा। नतीजों ने रिसर्चर्स को चौंका दिया। नतीजों के अनुसार, योग करने वाले लोगों के दिमाग के फंक्शन में काफी हद तक सुधार आया था। प्रयोग में शामिल होने वाले लोग पहले से कहीं ज्यादा शांत और एकाग्र भी हो चुके थे। 

एकाग्रता के लिए योगासन (Yoga For Concentration)

1. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana / Seated Forward Bend)

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पश्चिमोत्तानासन या सीटेड फॉरवर्ड बेंड, आगे की ओर झुककर किया जाने वाला आसान योगासन है। इस आसन का फोकस पीठ की ओर अधिक होता है। आसन का अभ्यास खाली पेट और शौच जाने के बाद ही करें। 

अगर शाम को ये आसन कर रहे हैं तो भोजन करने के कम से कम 4 से 6 घंटे के बाद ही करें। पचा हुआ भोजन ऊर्जा छोड़ता है, जिसका उपयोग इन योगासन का अभ्यास करने के लिए किया जा सकता है। 

पश्चिमोत्तानासन मूल रूप से हठ योग की मुद्रा है। इसका अभ्यास एक बार में 30-60 सेकेंड तक किया जा सकता है। संभव है कि, शुरुआत में हाथों की पहुंच पैरों तक न हो सके। हाथ पैर तक न पहुंचने की स्थिति में तौलिया का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन आगे की तरफ झुकने का का प्रयास करते समय रीढ़ को यथासंभव सपाट रखना सुनिश्चित करें।

पश्चिमोत्तानासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं।
  2. दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। 
  3. गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें।
  4. दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों (Knees) पर रखें।
  5. सिर और धड़ (Trunk) को धीरे से आगे की ओर झुकाएं। 
  6. घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छुएं।
  7. गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें। 
  8. सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें।
  9. बांहों को झुकाएं और कोहनी (Elbow)से जमीन को छूने की कोशिश करें।
  10. श्वास को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें।
  11. कुछ सेकेंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं।
  12. सामान्य रूप से श्वास लें और इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।

कैसे काम करता है? 

पश्चिमोत्तानासन, तनाव को दूर करने वाला आसन है। ये क्रोध और टेंशन को दूर करके दिमाग को शांत और एकाग्र करता है। पश्चिमोत्तानासन दिमाग में रक्त संचार को बढ़ाकर कार्टिसोल के उत्पादन को कंट्रोल कर सकता है।

ये कब्ज की समस्या को दूर करके आंतों और गाल ब्लैडर के फंक्शन को स्टिम्युलेट करता है। यह पेट दर्द, सिरदर्द और बवासीर को ठीक करता है। यह आपकी कूल्हे की हड्डियों को मजबूत करता है और आपके कंधों को फैलाता है। यह आपकी रीढ़ की हड्डी और शरीर को सक्रिय करता है। ये मुद्रा आपकी भूख बढ़ाती है और मोटापा कम करती है।

2. उष्ट्रासन (Ustrasana / Camel Pose)

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उष्ट्रासन या कैमल पोज, पीछे की तरफ झुककर किया जाने वाला योगासन है। इस आसन में बैठा हुआ योगी दूर से देखने पर ऊंट की तरह दिखता है। उष्ट्रासन का अभ्यास सुबह खाली पेट और शौच जाने के बाद ही करना चाहिए। 

अगर यह संभव नहीं है, तो शाम को भी आसन को करना ठीक है, लेकिन सुनिश्चित करें कि अभ्यास से चार से छह घंटे पहले आप अपना भोजन करें। उष्ट्रासन, बेसिक लेवल की कठिनाई वाला विन्यास योग का आसन है। इसका अभ्यास कम से कम 30-60 सेकेंड के लिए करना चाहिए।

उष्ट्रासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। 
  2. हाथ अपने हिप्स पर रख लेंं।
  3. घुटने और कंधे एक ही लाइन में हों।
  4. पैरों के तलवे छत की तरफ रहेंगे।
  5. सांस खींचते हुए रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें।
  6. इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए।
  7. कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। 
  8. धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं। 
  9. गर्दन को ढीला छोड़ दें। गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें। 
  10. आसन को 30 से 60 सेकेंड तक बनाए रखें। 
  11. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें और पुरानी अवस्था में लौट आएं।

कैसे काम करता है?

उष्ट्रासन, आपकी पीठ और कंधों को मजबूत करता है और स्ट्रेच देता है। ये आपकी मुद्रा में सुधार करता है। यह पीठ दर्द से राहत देता है। ये श्वसन, पाचन और उत्सर्जन की क्रियाओं में सुधार करके लाइफ को बैलेंस करता है। 

यह आपके चक्रों को ठीक करने के साथ ही एकाग्रता और संतुलन स्थापित करता है। ये अंतःस्रावी ग्रंथियों को उत्तेजित करता है। ये मुद्रा आपके संपूर्ण स्वास्थ्य का ख्याल रखती है। ये आपकी नसों को सक्रिय करता है, और शरीर में वसा को कम करता है।

3. गरुड़ासन (Garudasana / Eagle Pose)

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गरुड़ासन या ईगल पोज, भगवान विष्णु के वाहन और पक्षियों के राजा गरुड़ के नाम पर समर्पित है। भारत की पौराणिक कथाओं में गरुड़ का एक विशिष्ट स्थान है, रामायण में गरुड़ भगवान राम और लक्ष्मण के बंधन काटते भी बताए जाते हैं। 

गरुड़ासन का अभ्यास सुबह खाली पेट ही किया जाना चाहिए। गरुड़ासन विन्यास योग का आसान या ​बेसिक लेवल की कठिनाई वाला योगासन है। गरुड़ासन का अभ्यास 10-30 सेकंड के लिए किया जा सकता है।

गरुड़ासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
  2. धीरे-धीरे दाएं घुटने को नीचे की तरफ झुकाएं। 
  3. बाएं पैर को दाएं पैर के चारों तरफ लपेटने की कोशिश करें। 
  4. पैरों की एड़ियां एक-दूसरे के ऊपर आ जाएंगी। 
  5. आपका बायां पैर दाहिनी पिंडली के निचले हिस्से को छूना चाहिए। 
  6. दोनों हाथों को कंधे की ऊंचाई तक उठाएं।
  7. दाएं हाथ को बाएं के चारों तरफ लपेट दें। 
  8. इस दौरान आपकी कुहनियां 90 डिग्री के कोण पर मुड़ी हुई रहेंगी। 
  9. बैलेंस बनाते हुए हिप्स को धीरे-धीरे नीचे की तरफ लाएं। 
  10. घुटने शरीर के बीच में ही रहें, उन्हें शरीर के दाएं-बाएं न झुकने दें। 
  11. 15-30 सेकेंड के लिए इसी स्थिति में रहें। 
  12. सांस गहरी और धीमी गति से लेते और छोड़ते रहें। 
  13. आंखें बंद करके तीसरी आंख पर फोकस करने की कोशिश करें। 
  14. निगेटिव ख्यालों को अपने मन से दूर फेंकने बात बार-बार मन में कहें। 
  15. धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं। 
  16. अब दूसरे पैर से भी इसी आसन का अभ्यास फिर से करें।

कैसे काम करता है?

गरुड़ासन आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और आपके शरीर को संतुलित करता है। यह आपके कूल्हों और पैरों को अधिक लचीला बनाता है और न्यूरोमस्कुलर बैलेंस को दोबारा स्थापित करता है। 

गरुड़ासन को करने के लिए पूरे शरीर का बैलेंस बनाना पड़ता है। यही बैलेंस को बनाने के लिए जिस एकाग्रता की जरूरत होती है वही ताकत आसन के बाद भी आपके काम आती है।

4. वृक्षासन (Vrikshasana / Tree Pose)

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वृक्षासन या ट्री पोज का ये नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि ये मुद्रा आपको एक पेड़ की याद दिलाती है। इस योगासन में स्वस्थ पेड़ की कृपा, स्थिरता और विनम्रता है, जिसे पाने के लिए आप इसका अभ्यास करते हैं। 

कई अन्य आसनों के विपरीत, वृक्षासन का अभ्यास करते समय आपको अपनी आंखें बंद करने की आवश्यकता नहीं है। योगासन करने के दौरान अपनी आंखें खुली रखें और संतुलन बनाए रखने के लिए आगे रखी किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करें। 

वृक्षासन का अभ्यास सुबह खाली पेट करें और इसे कम से कम एक मिनट तक करें। यह आसन हठ योग की शुरुआती स्तर की मुद्रा है।

वृक्षासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। 
  2. दोनों हाथ को जांघों के पास ले आएं। 
  3. धीरे-धीरे दाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे बायीं जांघ पर रखें। 
  4. बाएं पैर को इस दौरान मजबूती से जमीन पर जमाए रखें। 
  5. बाएं पैर को एकदम सीधा रखें और सांसों की गति को सामान्य करें।
  6. धीरे से सांस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं।
  7. दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर 'नमस्कार' की मुद्रा बनाएं। 
  8. दूर रखी किसी वस्तु पर नजर गड़ाए रखें और संतुलन बनाए रखें। 
  9. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। शरीर मजबूत के साथ ही लचीला भी रहेगा। 
  10. गहरी सांसें भीतर की ओर खींचते रहें।
  11. सांसें छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। 
  12. धीरे-धीरे हाथों को नीचे की तरफ लेकर आएं। 
  13. अब दायीं टांग को भी जमीन पर लगाएं। 
  14. वैसे ही खड़े हो जाएं जैसे आप आसन से पहले खड़े थे। 
  15. इसी प्रक्रिया को अब बाएं पैर के साथ भी दोहराएं।

कैसे काम करता है?

एकाग्रता और समय अवधि एक साथ चलते हैं। हालांकि इस मुद्रा को करते समय एक पैर पर खड़ा होना पड़ता है। लेकिन यह केवल इन दो महत्वपूर्ण कारकों के संयोजन में सुधार लाने में मदद ही करता है। 

इस संयोजन को आसन के बाद अभ्यास से स्थायी भी बनाया जा सकता है। ये संयोजन ही जीवन में संतुलन और स्थिरता लाने में मदद करता है। यह आत्मविश्वास और सम्मान का निर्माण करता है और जीवन के मुद्दों से कारगर तरीके से निपटने में मदद करता है। यह आपकी सहनशक्ति को बढ़ाता है और पूरे शरीर को फैलाता है। यह आपके तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और शरीर में शून्यता की स्थिति को दूर करता है।

5. ताड़ासन (Tadasana / Mountain Pose)

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ताड़ासन या माउंटेन पोज, थेरेपी के लिए किए जाने वाले सभी आसनों का फाउंडेशन पोज माना जाता है। योग गुरु भी ये मानते हैं कि, सभी योगासनों की विकास यात्रा में ताड़ासन ने उन्हें प्रभावित किया है।

ताड़ासन का अभ्यास दिन के दौरान कभी भी किया जा सकता है, लेकिन यदि आप अन्य आसनों के साथ इसका अभ्यास कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका पेट खाली है, या आपके अंतिम भोजन से दो से तीन घंटे का अंतर है। ताड़ासन एक बेसिक लेवल का हठ योग आसन है। एक बार में 10-20 सेकेंड के लिए इसका अभ्यास किया जा सकता है।

ताड़ासन करने की विधि :

  1. सीधे खड़े हो जाएं, और दोनों टांगों के बीच हल्की दूरी बना लें।
  2. जबकि दोनों हाथ भी शरीर से थोड़ी दूर बने रहें। 
  3. जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करें। कंधे ढीले छोड़ दें। 
  4. पीठ सीधी रहे। पैरों के पंजों के बल खड़े होने की कोशिश करें।
  5. पेट के निचले हिस्से पर बिल्कुल भी दबाव न दें। सामने की ओर देखें।
  6. धीरे से अपनी जांघों पर अंदर की तरफ दबाव बनाएं। 
  7. कमर ​पर खिंचाव देते हुए ऊपर उठने की कोशिश करें। 
  8. सांस भीतर लें और कंधे, भुजाओं और सीने को ऊपर की तरफ खिंचाव दें।
  9. शरीर का दबाव पैरों के पंजों पर ही रहेगा। 
  10. सिर से लेकर पैर तक शरीर में खिंचाव महसूस कीजिए।
  11. कुछ सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। 
  12. इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।

कैसे काम करता है? :

ताड़ासन, देर तक पढ़ने के लिए पोश्चर को बेहतर बनाता है। ये आपके पैरों को मजबूत बनाता है, श्वास को संतुलित करके जागरूकता बढ़ाता है। ये योगासन साइटिका की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। सपाट पैरों की समस्या में भी ये काफी मदद करता है। 

ताड़ासन आपके पेट और नितंबों की मांसपेशियों को हेल्दी बनाता है। ये आपकी रीढ़ के लचीलेपन को मजबूत और बढ़ाता है। मुद्रा आपके शरीर में तनाव और दर्द से राहत दिलाती है। यह सुस्ती को दूर करता है और आपको तरोताजा करता है। इस योगासन का यही गुण एकाग्रता को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है।

कौन से आसन से एकाग्रता बढ़ती है?

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वृक्षासन (Vrikshasana / Tree Pose) ... .
ताड़ासन (Tadasana / Mountain Pose).

मन की एकाग्रता बढ़ाने के लिए क्या करें?

सही माहौल का चुनाव काम करने के लिए माहौल का अनुकूल होना बेहद जरूरी है। ... .
प्लानिंग करें किसी भी चीज की प्लानिंग करके चलना हमारे लिए ही फायदेमंद होता है। ... .
व्यायाम करें एकाग्र मन के लिए सबसे बेहतर उपाय व्यायाम और मेडिटेशन माना जाता है। ... .
योग करें ... .
अच्छी नींद लें ... .
अनुशासित रहें.

कौन सा योग करने से दिमाग तेज होता है?

पूरा पढ़ेंपद्मासन- पद्मासन या कमल मुद्रा, मांसपेशियों के तनाव को कम करने के साथ आपके मन को शांत करने का सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। यह योगासन आपके दिमाग को तेज बनाने के साथ मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करती है। पूरा पढ़ेंहलासन योग (Halasana) स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले योग में हलासन का भी नाम शामिल है।

मन को एकाग्र करने के लिए कौन सा आसन किया जाता है?

मन मस्तिष्क को एकाग्र बनाने के लिए आपको शिथिलासन योग आसन करना चाहिए।