Written By Narayan Tuesday, January 18, 2022 Add Comment Show
सवाल: अपराजिता पाठ के अनुसार डॉक्टर चंद्रा को अपराजिता क्यों कहा गया है? अपराजित पाठ मैं डॉक्टर चंद्रा को अपराजित इसलिए कहा जाता है, क्योंकि डॉक्टर चंद्रा के साथ पक्षपात से पीड़ित होने के बावजूद भी उन्होंने इस आपदा को अपने जीवन की एक चुनौती की तरह लिया। उन्होंने अपने जीवन में पराजय को कभी भी माना नहीं एवं वह संघर्ष करते रहे और उनके संघर्ष के परिणाम से ही उन्होंने जीत हासिल की। Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अपराजिताRBSE Class 8 Hindi Chapter 13 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नपाठ से प्रश्न 1. प्रश्न 2. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लिखेंबहुविकल्पी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. भाषा की बात प्रश्न 1.
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प्रश्न 18. प्रश्न 19. (क) केवल एक हाथ खोकर ही उसने हथियार डाल दिए। इधर चंद्रा, जिसका निचला धड़ है निष्प्राण मांसपिंड मात्र, सदा उत्फुल्ल है, चेहरे पर विषाद की एक रेखा भी नहीं, बुद्धिदीप्त, आँखों में एक अदम्य उत्साह, प्रतिपल प्रतिक्षण भरपूर जीने की उत्कट जिजीविषा और फिर कैसी-कैसी महत्त्वाकांक्षाएँ। प्रश्न (ख) एक वर्ष तक कष्टसाध्य उपचार चला और एक दिन स्वयं ही इसके ऊपरी धड़ में गति आ गई, हाथ हिलने लगे, नन्हीं उँगलियाँ मुझे बुलाने लगीं। निर्जीव धड़ को = मैंने सहारा देकर बैठना सिखा दिया। पाँच वर्ष की हुई, तो मैं ही इसका स्कूल बनी। मेधावी पुत्री की विलक्षण बुद्धि ने फिर मुझे चमत्कृत कर दिया। प्रश्न. अपराजिता पाठ-सार अपराजिता’ कहानी की लेखिका शिवानी हैं। यह पाठ ऐसी युवती की कहानी है जो पोलियो होने से अपंग हो गई, उसका निचला शरीर एकदम निर्जीव हो गया। फिर भी उसने जीवन में हार नहीं मानी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। अदम्य साहस रखने से उसे अपराजिता कहा गया है। कठिन शब्दार्थ-अपराजिता = जो कभी पराजित नहीं हुई हो। विधाता = संसार को बनाने वाला, ईश्वर। विलक्षण = अनोखा। अन्तर्यामी = हृदय की बात जानने वाला। अकस्मात् = अचानक। विच्छिन्न = अलग। अभिशप्त = शाप से ग्रस्त। उत्फुल्ल = प्रसन्नतापूर्वक। आवागमन = आना-जाना। नियति = भाग्य, विधाता। देवांगना = देव-नारी, देवी। निष्प्राण = प्राणों से रहित, निर्जीव। जिजीविषा = जीने की इच्छा। बायोडेटा = जन्म एवं शिक्षा आदि का विवरण। प्रतिभा = विशिष्ट बुद्धि। अस्तित्व = विद्यमान होना। सहिष्णु = सहनशील। पीएच.डी. = एक उपाधि का नाम, डॉक्टर ऑफ फिलासोफी। अवरुद्ध = रुका हुआ। पक्षाघात = लकवा रोग। सर्वांग = सारा शरीर। उपचार = इलाज। परिक्रमा = चारों ओर घूमना। लैदर = चमड़ा। आभामण्डित = चमक से सुन्दर। पाश्चात्य = पश्चिमी देशों का। जननी = माता। चक्र = पहिया, गोलाकार चीज। पुष्पवेणी = फूलों की माला या गुच्छा। RBSE Solution for Class 8 Hindiडॉ चंद्रा ने अपराजिता क्यों कहा गया है?➲ अपराजिता पाठ के अनुसार डॉक्टर चंद्रा को अपराजिता इसलिए कहा गया है, क्योंकि डॉक्टर चंद्रा ने पक्षाघात से पीड़ित होने के बावजूद भी अपने जीवन को एक चुनौती की तरह लिया और उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की। वह जीवन में संघर्ष करती रही और उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा।
अपराजिता पाठ द्वारा लेखिका ने क्या संदेश देने का प्रयास किया है?चन्द्रा से अपंग होने पर भी साहस रखने, अपने शरीर के अक्षम होने पर भी मानसिक सन्तुलन रखकर प्रतिभा का उपयोग करने, जीवन से निराश ने होकर पूरी तरह स्वावलम्बी बनने की प्रेरणा लेनी चाहिए। अपनी बुरी नियति पर आँसू न बहाने और बुद्धि के बल पर सारे काम करके जिजीविषा रखने की प्रेरणा भी उससे मिलती है।
अपराजिता महिला का नाम क्या था?उत्तर– अपराजिता संस्मरण की लेखिका गौरा पंत 'शिवानी' है वह हिंदी की लोकप्रिय कथा - लेखिका है। उत्तर– डॉ. चंद्रा की माताजी का नाम श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम है ।
डॉ० चंद्रा को देखकर लेखिका को किसका स्मरण हो आता था?डॉक्टक चंद्रा को देखकर लेखिका के मन श्रद्धा के भाव उमड़ पड़े।
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