जैसलमेर का दुर्ग कौन सी पहाड़ी पर है? - jaisalamer ka durg kaun see pahaadee par hai?

इसे सुनेंरोकेंजैसलमेर के किले का निर्माण 1156 में किया गया था और यह राजस्‍थान का दूसरा सबसे पुराना राज्‍य है। ढाई सौ फीट ऊंचा और सेंट स्‍टोन के विशाल खण्‍डों से निर्मित 30 फीट ऊंची दीवार वाले इस किले में 99 प्राचीर हैं, जिनमें से 92 का निर्माण 1633 और 1647 के बीच कराया गया था।

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जैसलमेर किला का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजैसलमेर किला, जैसलमेर यह ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्ण किले’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। इसे 1156 ई0 में एक भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा त्रिकुरा पहाड़ी के शीर्ष पर निर्मित किया गया था।

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सोनारगढ़ दुर्ग का निर्माण कब हुआ?

इसे सुनेंरोकें1155 ई. सोनारगढ़ दुर्ग को सोनारगढ भी कहते हैं सोनारगढ़ दुर्ग का निर्माण 1155 ई. में रावल जैसल भाटी ने करवाया था ! जैसल के पुत्र और उत्तराधिकारी शालिवाहन द्वितीय के द्वारा जैसलमेर दुर्ग का सम्पूर्ण निर्माण पूर्ण करवाया गया !

जैसलमेर की स्थापना कब और किसने की?

इसे सुनेंरोकेंजैसलमेर की स्थापना लगभग 840 वर्ष पूर्व भाटी राजपूत रावल जैसल ने सन् 1156 में की। जैसलमेर पूर्व में वल्ल मण्डल के नाम से जाना जाता था और इसकी राजधानी लौद्रवा थी तथा वहाँ पवार राजा राज्य करते थे।

जैसलमेर के वर्तमान राजा कौन है?

इसे सुनेंरोकेंRajasthan: राजा रजवाड़ों का काल स्वर्णनगरी जैसलमेर में शुक्रवार को फिर जीवंत हो उठा, यहां जैसलमेर के 44वे महारावल के रूप में चैतन्य राज सिंह को गद्दी पर बैठाया गया। समूचा जैसाण इसका गवाह बना।

जैसलमेर दुर्ग कौन सी पहाड़ी पर स्थित है?

इसे सुनेंरोकेंयह किला कम ऊंचाई की विस्तारित पहाड़ी त्रिकुटा श्रेणी पर स्थित है जो आमतौर पर शहर से लगभग 30 मीटर की ऊंचाई पर है। इस दुर्ग की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां दुर्ग के चारों ओर 99 गढ़ बने हुए हैं।

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जैसलमेर के किले का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसी उपन्यास के बाद इस किले का को सोनार किला या स्वर्ण किला के नाम से भी जाना जाने लगा था।

दुनिया का सबसे बड़ा किला कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंहम जिस किले की बात कर रहे हैं वो है रानीकोट फोर्ट, जिसे ‘सिंध की दीवार’ भी कहा जाता है. 32 कि. मी के दायरे में फैला हुआ है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा किला माना जाता है. यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल है.

अबुल फजल ने जैसलमेर दुर्ग के बारे में क्या कहा था?

इसे सुनेंरोकेंघोड़ा कीजे काठ का, पिण्ड (पग) कीजे पाषाण। बख्तर कीजे लोह का, तब पहुंचे जैसाण। यह कहावत जैसलमेर दुर्ग के लिए कही गई है। अबुल फजल ने जैसलमेर दुर्ग के लिए यह कथन कहा है की जैसलमेर दुर्ग तक पहुंचने के लिए पत्थर की टांगे होनी चाहिए।

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जैसलमेर दुर्ग के बारे में अबुल फजल ने क्या कहा?

इसे सुनेंरोकेंजैसलमेर का किला अपने ढ़ाई साको के लिए प्रसिद्ध हैं। अबुल फजल ने कहा था – पत्थर की टांगे ही आपको जैसलमेर के किले तक पहुंचा सकती है।

जैसलमेर के राजा कौन है?

जैसलमेर के अंतिम शासक कौन थे?

इसे सुनेंरोकें30 मार्च, 1949 ई. को जैसलमेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया। उस समय यहाँ के अंतिम शासक महारावल श्री गिरधर सिंह जी थे।

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जैसलमेर का किला दुनियाँ के सबसे बड़े दुर्गों में गिना जाता है। राजस्थान के जैसलमेर का किला राजपूत विरासत की गौरव का प्रतीक है। यह किला 1156 में जैसलमेर पर शासन करने वाले राजपूत राजाओं में बनवाया था।

जैसलमेर का किला विश्व प्रसिद्ध संस्था उनेस्को द्वारा धरोहर स्थल के रूप में शामिल है। पीले बलुआ पत्थर से निर्मित यह विशाल किला को स्वर्ण किला अथवा सोनार किला के नाम से जाना जाता है।

किले में कुछ मंदिर और हवेलियां दर्शनीय हैं। इन हवेलियों में पटवाओं की हवेली, सलाम सिंह की हवेली और नथमल की हवेली आदि प्रसिद्ध है। थार मरुस्थल के मध्य स्थित यह भव्य किला जैसलमेर शहर की पहचान है।

दूर से इस किले को देखने से ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो रेत के समुद्र में विशाल जहाज खड़ा हो। थार रेगिस्तान का यह फोर्ट, लिविंग फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।

जैसलमेर का किला राज्य का दूसरा सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट कहलाता है। स्वर्ण के रंग के दिखने के कारण ही इस किले से प्रभावित होकर सत्यजीत रे सोनार नामक फिल्म बनायी थी।

जैसलमेर के इस किले को प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक देखने आते हैं। इस किले की खासियत है की किले के अंदर पूरा गाँव वसा है साथ ही परिसर में मंदिरों, दुकानों और हॉटेल बने हुए हैं।

जैसलमेर किले के बारें में संक्षेप में : – About Jaisalmer Fort History in Hindi

जैसलमेर किले के उपनाम– सोनार किला या स्वर्ण किलाकिले की स्थापना– 1156 मेंकिले का निर्माणकर्ता– भाटी राजपूत शासक राव जैसल

जैसलमेर फोर्ट का इतिहास – History of Jaisalmer Fort in Hind

इस किला को राजपूत राजाओं ने बारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में त्रिकुटा पहाड़ी पर बनवाया था। कहते हैं इस किले का निर्माण 1156 में भाटी राजपूत शासक राव जैसल द्वारा हुआ था।

जैसलमेर का दुर्ग कौन सी पहाड़ी पर है? - jaisalamer ka durg kaun see pahaadee par hai?

उन्होंने इस शहर को बसाया था इसी कारण इस एक स्थान का नाम जैसलमेर और किले का नाम जैसलमेर का किला पड़ा। कलांतर में जाकर इस किले पर राजपूत राजाओं से लेकर अला-उद-दीन खिलजी और मुगलों का शासन रहा।

1762 ईस्वी के बाद यह किला शासक महरवाल मूलराज के कब्जे में आ गया। कहते हैं की मध्ययुग में सिल्क मार्ग के साथ जैसलमेर का किला एक महत्वपूर्ण व्यापार और व्यवसायिक पड़ाव का काम करता था l

किले की बनावट और संरचना – The architecture of the fort in Hindi

जैसलमेर फोर्ट की वास्तुकला देखने योग्य है। राजस्थान के जैसलमेर का यह प्रसिद्ध किला जमीन से करीव 250 फिट ऊँची एक पहाड़ी पर स्थति है। राजस्थान के रेगीस्तानी शहर जैसलमेर का यह किला करीब 16,062 वर्ग मील के विस्तृत क्षेत्र में फैला है।

जैसलमेर किले का निर्माण इस्लामी और राजपूताना शैली का शानदार मिश्रण प्रस्तुत करता है। यह किला 99 बुर्ज से सुसज्जित है, इस कारण जैसलमेर दुर्ग को राजस्थान में सर्वाधिक बुर्जों वाला दुर्ग माना जाता है।

जैसलमेर दुर्ग की एक और खास बात है की इसके निर्माण में कहीं पर भी चूने का प्रयोग नहीं हुआ है। बल्कि इसके निर्माण में चुने की जगह जिप्सम का प्रयोग हुआ है। जैसलमेर के इस विशाल किले में प्रवेश के लिए चार द्वार बने हैं। इन चार द्वार के नाम हैं।

  • गणेश पोल
  • हवा पोल
  • रंग पोल
  • जवाहर पोल

किले का अंदर सुंदर हवेली और मंदिर देखने को मिलते हैं। किले के सुंदर मेहराब, उत्कृष्ट नक्काशीदार खिड़कियां, बालकनी दर्शक को अचंभित करती है। बलुआ पत्थर से निर्मित इन हवेलियों के दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी पर्यटक को खूब आकर्षित करती है।

इस किले के हवेली के कुछ हिस्सों को संग्रहालयों में बदल दिया गया है। जहाँ राजा महाराज के चित्र, कपड़े, शस्त्र और आभूषण को देखा जा सकता है।

जैसलमेर दुर्ग के दर्शनीय स्थल – Jaisalmer fort India

किले का मुख्य आकर्षण किले परिसर में स्थित “महारावल पैलेस’ है। यहाँ संगमरमर के बने राज सिंहासन देखने योग्य है। महारावल पैलेस के ठीक सामने “ताज़िया टॉवर” नामक पाँच मंजिला इमारत स्थित है।

इसके अलावा शाही निवास के रूप में उपयोग किए जाने वाले “जवाहर पैलेस‘ की शानदार डिजाइन और वास्तुकला आकर्षक है।

यह सोनार किला क्यों कहलाता है?

यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल जैसलमेर का यह भव्य किला पीले बलुआ पत्थर से निर्मित है। यहां सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणें जब किले पर पड़ती है। तब पूरा किले की शोभा में मानों चार चांद लग जाता है।

पीले पत्थर से निर्मित यह किला सूरज की रोशनी के कारण सुनहरे रंग में रंग जाता है। इसकी सुनहरी खूबसूरती के कारण ही इस किले को सोनार किला या स्वर्ण किला कहा जाता है।

प्रख्यात फिल्म निर्माता सत्यजीत रे जैसलमेर के किले की सुंदरता अत्यंत ही प्रभावित थे। उन्होंने इस किले से प्रेरणा पाकर सोनार केला नामक कहानी की रचना की।

उनके इस प्रसिद्ध उपन्यास, सोनार केला पर आधारित 1974 में में एक फिल्म बनी। कहते हैं की तभी से जैसलमेर का किला सोनार किला या स्वर्ण किला के नाम प्रसिद्ध हो गया।

जैसलमेर किले के बारे में रोचक जानकारी – Interesting facts about Jaisalmer fort in Hindi

जैसलमेर किला दुनिया के सबसे बड़ा रेगिस्तानी क्षेत्र का किला है। इस किले को ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्ण किले’ के नाम से भी जाना जाता है।

खूबसूरत जैसलमेर का किला को विश्व प्रसिद्ध संस्था यूनेस्को द्वारा 2013 में विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया।  

जैसलमेर के किले का निर्माण 1156 ई में जैसल नामक एक भाटी राजपूत शासक ने किया। त्रिकुरा पहाड़ी पर स्थित यह किला गौरवशाली इतिहास का साक्षी है।

जैसलमेर का दुर्ग कौन सी पहाड़ी पर है? - jaisalamer ka durg kaun see pahaadee par hai?

जैसेलमेर किले के निर्माण में पीले रंग के बलुआ पत्थरो का इस्तेमाल हुआ है। जिस पर सूरज की रोशनी पड़ने से और भी खिल जाता है। 

इस किले पर सूरज की रौशनी पड़ने से रंग सुनहरे हो जाता है। इस कारण से जैसेलमेर के किला को सोनार किला या गोल्डन फोर्ट कहा जाता है। 

जैसेलमेर का किला राजस्थान में स्थित दूसरा सबसे पुराना किला है। वास्तुकला की दृष्टि से बेहद खास यह किला करीब तीस फुट ऊंची दीवार से घिरी है।

99 बुर्जों वाला इस विशाल किले में अखाई पोल, हवा पोल, सूरज पोल और गणेश पोल नामक चार प्रवेश द्वार हैं। जिसमें अखाई पोल सबसे प्रसिद्ध है।

किले की सुंदरता, हवेलियां, राज भवन, दुर्ग, जलाशयों आदि पर्यटकों को अपनी तरफ अन्यास ही आकर्षित करती है।

राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली में निर्मित किले पर सूर्यास्त के समय सूरज की रोशनी पड़ने से अद्भुत सुंदर दिखाई पड़ता है।

करीब 1500 फुट लंबाई और 750 फुट चौड़ाई लिए यह खूबसूरत किला जैसलमेर शहर के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थल है। जैसलमेर का किला सबसे बड़ा रेगिस्तान में रहने वाला किला अर्थात ​Largest desert living forts in Hindi कहलाता है।

जैसलमेर का किला राजस्थान राज्य का एक मात्र किला है, जिस किले परिसर में लोग निवास करते हैं। इस किले परिसर में दुकानें और होटल भी मौजूद हैं।

जैसलमेर फोर्ट कैसे पहुंचें – How to Reach Jaisalmer Fort in Hindi

राजस्थान का इतिहासिक शहर जैसलमेर राज्य के दक्षिण-पश्चिमी भाग में थार मरुस्थल के मध्य स्थित है। भारत का यह शहर देश के कोने कोने से जुड़ा हुआ है।

हवाई मार्ग से – जैसलमेर में एयरपोर्ट नहीं है। यहाँ कोई वाणिज्यिक हवाई अड्डा नहीं होने के कारण आपको निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में उतरना पड़ेगा। वहाँ से सड़क मार्ग से जैसलमेर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

रेलमार्ग द्वारा-  अगर आप जैसलमेर ट्रेन से जाना चाहते हैं तो जैसलेमर की यात्रा और भी रोमांचक हो सकती है। देश के विभिन्न शहरों से जोधपुर के ट्रेन मिल जाती है वहाँ से आप जैसलमेर के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।

जैसलमेर किला भ्रमण का समय – Best Time To Visit Jaisalmer Fort In Hindi

यह किला सुबह 09:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक तक खुला रहता है। जैसा की आप जानते हैं की जैसलमेर का किला थार मरुस्थल के चिलचिलाती रेतीले मैदानों के मध्य स्थित है।

अगर आप जैसलमेर किला देखना का मन बना रहे हैं तो आप गर्मियों के महीनों में यहाँ भ्रमण करने से बचें। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च के माना जाता है।

जैसलमेर किले के निकट घूमने लायक जगह – Famous Tourist Places near Jaisalmer Fort In Hindi

  • व्यास छत्री जैसलमेर
  • सलीम सिंह की हवेली
  • कुलधरा गाँव जैसलमेर
  • तनोट माता मंदिर
  • जैन मंदिर जैसलमेर
  • सैम सैंड ड्यून्स (Sam Sand Dunes)
  • पटवों की हवेली
  • डेजर्ट नेशनल पार्क जैसलमेर
  • सलीम सिंह कि हवेली
  • जैसलमेर वार म्यूजियम
  • लोंगेवाला वार मेमोरियल जैसलमेर
  • नथमल की हवेली
  • लक्ष्मीनाथ मंदिर जैसलमेर
  • बड़ा बाग़ जैसलमेर
  • गडीसर झील जैसलमेर
  • पंच मंजिला ताज़िया टॉवर

इन्हें भी पढ़ें :

मेहरानगढ़ किला जोधपुर का इतिहास और जानकारी

जैसलमेर का किला किसने बनवाया?

जैसलमेर का किला का निर्माण भाटी राजा जैसल रावल ने किया था।

जैसलमेर दुर्ग का क्या नाम था?

जैसलमेर दुर्ग का नाम सोनरगढ़ था।

जैसलमेर का किला कौन सी पहाड़ी पर बना है?

जैसलमेर का किला त्रिकुटा पहाड़ी पर बना है?

संबंधित लेख

जैसलमेर किला विकिपीडिया (jaisalmer wiki) इन हिंदी

जैसलमेर फोर्ट वेब स्टोरी – Jaisalmer Fort Webstory in Hindi

जैसलमेर का दुर्ग कौन सी पहाड़ी पर है? - jaisalamer ka durg kaun see pahaadee par hai?

Amit

मैं अमित कुमार, “Hindi info world” वेबसाइट के सह-संस्थापक और लेखक हूँ। मैं एक स्नातकोत्तर हूँ. मुझे बहुमूल्य जानकारी लिखना और साझा करना पसंद है। आपका हमारी वेबसाइट https://nikhilbharat.com पर स्वागत है।

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जैसलमेर का किला कौन सी पहाड़ी पर स्थित है?

यह किला कम ऊंचाई की विस्तारित पहाड़ी त्रिकुटा श्रेणी पर स्थित है जो आमतौर पर शहर से लगभग 30 मीटर की ऊंचाई पर है। इस दुर्ग की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां दुर्ग के चारों ओर 99 गढ़ बने हुए हैं।

जैसलमेर में कौन सा दुर्ग स्थित है?

सोनारगढ़ या सोनगढ़ (सोनार का किला)- जैसलमेर दुर्ग का सोनार का किला या सोनारगढ़ के नाम से भी जाना जाता है।

राजस्थान का कौनसा किला सोनार का किला कहलाता है?

जैसलमेर किले को जैसलमेर की शान के रूप में माना जाता है और यह शहर के केन्द्र में स्थित है। यह 'सोनार किला' या 'स्वर्ण किले' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है।

जैसलमेर में कौन सा किला प्रसिद्ध है?

यहाँ का सोनार किला राजस्थान के श्रेष्ठ धान्वन दुर्गों में माना जाता हैं। जैसलमेर के किले का निर्माण 1156 में किया गया था और यह राजस्‍थान का दूसरा सबसे पुराना राज्‍य है।