ज्यादातर लोगों को मीठी चीज़ें पसंद होती हैं। चाय, कॉफी, मिठाई, चॉकलेट, आइसक्रीम किसी न किसी रूप में चीनी का सेवन करते रहते हैं ये जानते हुए भी कि शुगर सेहत के लिए कितना अनहेल्दी होता है फिर भी। एक्सपर्ट की मानें तो महिलाओं को दिनभर में 6 टीस्पून, वहीं पुरुषों को 9 टीस्पून चीनी तक खाने की सलाह दी जाती है। तो ऐसे में बार-बार होने वाली शुगर क्रेविंग को कैसे शांत किया जाए, ये जानना जरूरी है। Show
धीरे-धीरे छोड़े मीठा 1. एकदम स चीनी को छोड़ने के बजाय अपनी डाइट रूटीन में चीनी के ऑप्शंस को चुनें। अगर आप दिन भर की चाय-कॉफी में 3 टीस्पून चीनी का सेवन करते हैं, तो धीरे-धीरे इसे 1 टीस्पून तक लाएं। 2. उन खाद्य पदार्थों के प्री-शुगर्ड ब्रैड्स को स्विच करें, जिनमें एडेड शुगर लिखा हो। उसमें आपको चीनी को मिलाने की जरूरत। नहीं होती। इस तरह आपका चीनी का उपभोग करने पर अधिक नियंत्रण होगा और इससे यह स्पष्ट होगा कि आप चीनी का कितना सेवन कर रहे हैं। दुकानों से लिए गए मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से पूरी तरह बचें। Weight Loss Tips: पेट की चर्बी को तेजी से घटाने के लिए रोजाना इन नियमों का पालन करें यह भी पढ़ें3. प्रोटीन का सेवन उन लोगों के द्वारा बताई गई एक और ट्रिक है, जो चीनी की आदत को छोड़ने के लिए कारगर है। प्रोटीन आपको लंबे समय तक तृप्त (लंबे समय तक भूख ना लगाना) करने के लिए जाना जाता है, जिससे आपको अचानक भूख लगने की संभावना कम हो जाती है जो आसानी से मिठाई, कैंडी या चॉकलेट द्वारा पूरी की जाती है। 4. शुगर खाने की क्रेविंग हो रही है तो चीकू, अंगूर, आम, केला जैसे फ्रूट्स को डाइट का हिस्सा बनाएं। किशमिश, छुआरे भी इसमें शामिल किए जा सकते हैं। जो मीठे भी होते हैं और कहीं से अनहेल्दी भी नहीं। Honey For Diabetes: नई रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा, ब्लड शुगर के स्तर में सुधार कर सकता है शहद! यह भी पढ़ेंशुगर रश क्या है? शुगर रश एक मिथ है। अगर आपको मीठा खाने की तीव्र इच्छा हो रही है और आपकी एनर्जी लो हो रही है तो इसे शुगर रश कहेंगे। एनर्जी लो हो रही है तो कुछ मीठा खाएं, पर वह भी हेल्दी होना चाहिए, जैसे फल या नट्स से इस कमी को पूरा करें। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? अधिक मीठा खाने का मन करता है जिनका वो खाते भी ज्यादा है. इस कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों को न्योता देते हैं. हाई ब्लड प्रैशर, शुगर का खतरा भी बढ़ता है. अगर आपका भी मीठा खाने का मन होना का शिकार हैं, तो डायट क्लिनिक की चीफ डायटिशियन शीला सेहरावत के डाइट टिप्स अपना सकते हैं.मीठा खाने का मन आमतौर पर सामान्य है, लेकिन महिलाओं में यह होता है। माना जाता है कि जो लोग नमक अधिक खाते हैं उनमें ही मीठा खाने की अधिक इच्छा होती है। या फिर जिनमें पानी की कमी होती है उनमें भी मीठा खाने का मन होना पाया जाता है. हकीकत तो यह है कि करीब 97 प्रतिशत महिलाएं और 68 प्रतिशत पुरूषों में मीठा खाने का मन बार-बार होता है. जिनका बार बार मीठा खाने का मन होता है उनके लिए खुद को ऐसा करने से रोकना मुश्किल होता है. शादी, ब्याह और त्योहारों की बात करें तो मीठा हमारे जीवन का हिस्सा हैं. लेकिन अधिकतर लोग जो मीठे के इच्छुक होते हैं, मीठे के नुकसान से अनजान भी होते हैं. मीठा खाने का मन होना डायबिटीज का लक्षण भी हो सकता है. अगर आप समय रहते मीठा खाने का मन जो करता है उसे कंट्रोल कर लेते हैं. तो कई बीमारियों से बच जाते हैं. अधिक मीठा खाने का मन करता है जिनका वो खाते भी ज्यादा है. इस कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों को न्योता देते हैं. हाई ब्लड प्रैशर, शुगर का खतरा भी बढ़ता है. अगर आपका भी मीठा खाने का मन होना का शिकार हैं, तो डायट क्लिनिक की चीफ डायटिशियन शीला सेहरावत के डाइट टिप्स अपना सकते हैं. फलअधिकतर लोग चीनी की तलब महसूस करते हैं औेर वे मीठे खाद्य पदार्थों की तरफ भागते हैं. आपको भी यदि ऐसा ही लगता है तो फलों का सेवन आपको जरूरत का मीठा दे सकते हैं और आपकी मीठे की इच्छा पर लगाम लगा सकता है. फलों में मिठास होने के साथ साथ बहुत से विटामिन और फाइबर होते हैं. फलों में आम, अंगूर, संतरा, केला, अनार, चीकू आदि को शामिल किया जा सकता है. अनार, अंगूर, केला जैसे फलों को दही में डालकर भी खाया जा सकता है. डार्क चॉकलेटमीठे के शौकीन अधिकतर लोग चॉकलेट का सेवन करते हैं. लेकिन यदि आप खुद को चॉकलेट के लिए तरसता पाते हैं तो आप डार्क चॉकलेट चुनकर एक स्वस्थ विकल्प बना सकते हैं. इसमें भी चीनी व वसा होती है लेकिन कोको की मात्रा अधिक होने के कारण इसे स्वास्थ्यवर्धक माना गया है. दहीदही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसमें प्रोटीन औेर कैल्शियम दोनों पाए जाते हैं. यह आपकी भूख को नियंत्रित करने में तो मददगार होता है ही साथ में आपकी मीठा खाने की इच्छा यानी कि शुगर क्रेविंग को भी नियंत्रित कर सकता है. दही एक स्वास्थ्यप्रद विकल्प है, जिसे अनार, अंगूर जैसे फल मिलाकर भी खाया जा सकता है. शकरकंदशकरकंद बहुत पौष्टिक होता है और साथ ही मीठा भी. इसमें अधिकतर कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, लेकिन फाइबर, विटामिन और पोटाशियम भी पाया जाता है. हाई ब्लड प्रैशर और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी इसका सेवन लाभदायक है. इसे दालचीनी और काली मिर्च के साथ भुना जाए तो यह औेर भी स्वादिष्ट बन जाता है. बादाम खाने से सिर्फ फायदा ही नहीं होता, जानें 4 आश्चर्यजनक साइड इफेक्ट्स। मांस व मछलीअपनी डाइट में मांस और मछली जैसे प्रोटीन के स्त्रोतों को शामिल करने से शुगर क्रेविंग को रोकने में मदद मिल सकती है. यदि आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आपको ऐसे भोजन से लाभ होगा और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में मिलेंगे. यदि आप बहुत सारी चीनी का सेवन कर रहे हैं तो आपको अपने भोजन में मांस, मछली जैसे प्रोटीन के स्त्रोतों को शामिल कर सकते हैं. अंडेप्रोटीन डाइट में अंडे को भी शामिल किया जा सकता है. यह हमारी भूख और मीठा खाने की इच्छा को रोकने में मदद कर सकता है. भूख लगती है तो मीठा खाने की इच्छा होती है, ऐसे में अंडे जैसे प्रोटीन युक्त पदार्थ को नाश्ते में खाया जाए तो यह भूख कम करने में मदद करता है और दिनभर हमें मीठा खाने की इच्छा नहीं होती. साबुत अनाजसाबुत अनाज उच्च फाइबर युक्त होते हैं और विटामिन बी, मैग्नीशियम, लोहा, फास्फोरस, मैंगनीज आदि पोषक तत्व होते हैं। अगर आप पर्याप्त भोजन कर रहे हैं औेर आपके आहार में साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं तो आपको मीठा खाने की इच्छा को कम करने और शुगर से बचाव में मदद मिल सकती है सब्जियांजब आपको मीठे की तीव्र इच्छा होती है तो ऐसे में सब्जियां खाना संतोषजनक नहीं हो सकता। लेकिन यदि आप सब्जियों को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करते हैं तो यह आपकी मीठा खाने की इच्छा को कम कर सकती हैं। सब्जियों में फाइबर अधिक होता है तो कैलोरी कम। इनमें बहुत से लाभकारी पोषक तत्व होते हैं। अधिक सब्जियों का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा काम कर सकता है। मीठा खाने की ज्यादा इच्छा क्यों होती है?शरीर जब स्ट्रेस में होता है तब कोर्टिसोल और एड्रेनालिन हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं। ये दोनों हमारी बॉडी में असंतुलन पैदा करते हैं जिससे ब्लड प्रेशर और इंसुलिन का स्तर बढ़ाता है। यही नहीं इससे हमें मीठा खाने की भी क्रेविंग होने लगती है।
बहुत ज्यादा मीठा खाने से क्या हो सकता है?बढ़ जाता है डायबिटीज का खतरा
विशेषज्ञ कहते हैं कि मीठा अधिक खाने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है। डायबिटीज के मरीजों को तो डॉक्टर वैसे ही मीठा नहीं खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि अगर उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाए तो खतरनाक हो सकता है।
खाना खाने के बाद मीठा खाने का मन क्यों करता है?मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो पाचन प्रक्रिया को कुछ धीमा कर देता है पर खाना खाने के बाद मीठा खाने से पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है । इसलिए मीठा खाने की इच्छा होती है । आयुर्वेद के अनुसार खाने के बाद मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है जिससे पेट में जलन या एसिडिटी नहीं होती है।
मीठा खाने से घबराहट क्यों होती है?दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जब आप चीनी खाते हैं तो मतलब आप अपनी मोटापे वाली कोशिकाओं को खाना खिलाते हैं। कम मात्रा में हो तो चीनी सेरोटोनिन नाम के हार्मोंस को बढ़ाती है। यह आपके मिजाज को खुशनुमा बनाता है, लेकिन ज्यादा चीनी का इस्तेमाल आपको डिप्रेशन में डालता है और एंग्जायटी यानी घबराहट होती है।
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