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पत्र लेखन (letter Writing in Hindi)पत्र लेखन या letter writing क्या है? (What is Letter Writing in Hindi?)Patra lekhan kya hai? पत्र अर्थात ऐसी लिखित सामग्री जो एक व्यक्ति, पक्ष या संगठन की तरफ से दूसरे व्यक्ति, पक्ष, या संगठन को भेजा जाये। पत्र लिखना हम इसलिए चुनते हैं क्योंकि यह सबसे विश्वसनीय माध्यम है। पत्र एक ऐसा लिखित माध्यम है जिसमे हम अपने विचारों, समस्याओं आदि को दूसरे पक्ष के सामने रखते हैं। दोस्तों जैसा की हम सब जानते हैं की दुनिया डिजिटल हो चुकी है। ऐसे में पत्र का चलन भले ही कम हो गया हो मगर इसका महत्त्व अभी बरकरार है। आज भी लोग पत्र लिखते हैं क्योंकि यह सबसे विश्वसनीय माध्यम है। आज के समय में पत्र ऑनलाइन माध्यम के साथ ही साथ हार्ड कॉपी द्वारा भी भेजे जाते हैं।
आज हम आपसे पत्र से जुडी कुछ जानकारियां साझा करने जा रहे हैं। How to write a letter in Hindi format? पत्र का प्रारूप या ढांचा(Format of Letter Writing in Hindi)पत्र का प्रारूप तथा औपचारिकताएं ही अच्छे पत्र का आधा भाग हैं। पत्र अगर सही ढंग से लिखा जाए और सही format से लिखा जाए तो ही पत्र का महत्त्व है। (Letter in Hindi Format)
पत्र के प्रकार (Types of Letter in Hindi)पत्र को दो प्रकार/categories में विभाजित किया गया है।
1. अनौपचारिक पत्र | Anaupcharik Patra (Informal Letter)
अनौपचारिक पत्र (Anaupcharik Patra) क्या होते हैं? (What are Informal Letters?)(Letter writing in hindi Informal | Anaupcharik Patra Lekhan) ऐसे पत्र जिसमें हम अनौपचारिक भाषा का प्रयोग करते हुए, किसी अनौपचारिक कार्य हेतु पत्र लिखते हैं ऐसे पत्रों को अनौपचारिक पत्र कहा जाता है। इन पत्रों का प्रयोग हम रिश्तेदारों, परिवारजनों, मित्रो या फिर परचितों आदि को लिखने के लिए करते हैं। अनौपचारिक पत्र हम कुशल-क्षेम, बधाई, सन्देश, सुख दुःख बांटने के अलावा, जानकारी के उद्देश्य से लिखते हैं। इन पत्रों में औपचारिक भाषा का प्रयोग होता है लेकिन कम प्रयोग होता है। इन पत्रों में अपनापन झलकता है। इन पत्रों में भावनाओं का भण्डार होता है इस लिए इन पत्रों को लोग सहेज कर रखना पसंद करते हैं ताकि दोबारा पढ़ें तो यादें ताज़ा हो जाएँ। औपचारिक पत्र (Aupcharik Patra) क्या होते हैं? (What are Formal Letters?)(Aupcharik Patra Lekhan) ऐसे पत्र जिसमें हम औपचारिक भाषा का प्रयोग करते हुए, किसी औपचारिक कार्य हेतु पत्र लिखते हैं, ऐसे पत्रों को औपचारिक पत्र कहते हैं। इन पत्रों का प्रयोग हम कार्यालयों, संस्थाओं, पत्रकारों, प्रेषकों, दुकानदारों, लाइब्रेरी आदि को लिखने के लिए करते हैं। इन पत्रों में औपचारिकता झलकती है और इसमें औपचारिकता का विशेष ध्यान देना होता है। इन पत्रों में आप घुमा-फिर के बात नहीं कर सकते, इनकी भाषा सीधी और सपाट होती है। यह पत्र कम शब्दों में लिखे जाते हैं और इन पत्रों में व्यक्तिगत स्पर्श की आवस्यकता नहीं पड़ती है। याद रहे इन पत्रों में आपको कम शब्दों में अपनी बात रखनी होती है। l औपचारिक (Aupcharik) और अनौपचारिक (Anaupcharik) पत्र लिखने का प्रारूप (Format of Letter Writing Formal and Informal in Hindi)इन बातों का रखें ध्यान:
पत्र पाने और लिखने वाले का नाम व पता लिफ़ाफ़े पर इस प्रकार लिखा जाता है। अनुराग कश्यप कमरा क्रमांक 15 महेश छात्रावास एसेंट पब्लिक स्कूल घाटमपुर, कानपूर नगर पिन कोड: 209206 कुछ बेसिक उदाहरण अनौपचारिक पत्र (Anaupcharik Patra) के उदाहरण (Examples of Informal Letters)Letter for Friend in Hindi- मित्र को पत्रआपके मित्र धीरू शुक्ल को उनके पिता जी ने छात्रावास भेज दिया है। आशु सचान के नाम से उसे पत्र लिखें जिसमें किसी एक प्रतियोगिता की सूचना दी गयी हो। साथ में पत्र का ज़वाब भी लिखें (letter in Hindi to a friend) 227/4 गोमतीपुरा अपार्टमेंट गोविन्द नगर,कानपुर-208025 दिनांक: 10 जुलाई, 2020 प्रिय मित्र धीरू शुक्ल, नमस्कार। हमलोग यहाँ सकुशल हैं तथा आशा करते हैं तुम भी सवस्थ और सकुशल होगे। तम्हारा पत्र कई दिनों से नहीं मिला। तुमसे फोन पर बात करना तो सपनों की बात लगती है। शशांक तुम्हारे पिता जी ने तम्हे छात्रावास क्या भेजा, लगता है वनवास भेज दिया। खैर, उन्होंने तुम्हारे भविष्य को ध्यान में रख कर निर्णय लिया होगा। यहाँ हम सब मित्र तो क्या गुरु जी भी तुम्हें याद करते हैं। विशेषकर तुम्हारी चुलबुली शरारतें कैसे भूली जा सकती हैं। शशांक तमने छात्रावास के कड़े अनुशाशन में बहुत कुछ सीखा होगा। शायद तुम्हें पता हो की एक प्रसिद्द समाचारपत्र ने ‘कितनी आज़ादी, कितना अनुशाशन’ के विषय पर छात्रों के विचार आमंत्रित किये हैं। प्रथम, द्वितीय, और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को पुरुस्कृत भी किया जायेगा। मुझे लगता है की तुम्हें इसमें अवश्य भाग लेना चाहिए। तुम्हें आज़ादी और अनुशाशन पर भाषण देना पसंद भी है और तम्हारे लेखन कला के तो सभी कायल हैं। तुम्हारे विचारों से सभी को नए ढंग से सोंचने समझने का मौका भी मिलेगा। और सुनाओ नया क्या चल रहा है? नए मित्रों से कैसी बनती है? मैं तो बस तम्हारी छुट्टियों का इंतज़ार कर रहा हूँ। शेष कुशल। पत्र के ज़वाब की प्रतीक्षा में, तुम्हारा मित्र आशु सचान दोस्तों, चलिए अब पढ़ते हैं धीरू शुक्ल ने इस पत्र का ज़वाब क्या दिया? 117, द्वितीय तल हीरू अपार्टमेंट राजेंद्र नगर बकेवर (फतेहपुर ) दिनांक: 20 जुलाई, 2020 प्रिय मित्र आशु सचान, नमस्कार तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ, पत्र पढ़कर खुसी हुई, यहां पर भी सब सकुशल है। मुझे भी तुम सब की याद आती है, पिछले कई दिनों से फ़ोन लगाने को सोच रहा था मगर व्यस्थता के चलते समय न मिल सका, दो दिनों पहले जब तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ तो बहुत अच्छा लगा। मैं अपने मित्रों और गुरु जी को बहुत याद करता हूँ, गुरु जी को मेरा प्रणाम कहना। यहां छात्रावास के कड़े अनुशाशन से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है, साथ ही साथ यह भी सीखने को मिला की सारे काम समयानुसार करने चाहिए। तुमने ‘कितनी आज़ादी, कितना अनुशाशन’ के विषय से सम्बंधित प्रतियोगिता की जानकारी देकर मुझ पर उपकार किया है। इससे पहले मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी। मैं जरूर इस प्रतियोगिता में भाग लूँगा। यहां पर मैंने कई नए दोस्त भी बनाएं है जो मेरी हरसंभव मदद करते हैं, एक माह बाद रक्षाबंधन के अवकाश में मैं वहां आ रहा हूँ, हम दोनों खूब बाते करेंगे। शेष कुशल तुम्हारा मित्र धीरू शुक्ल आपकी बड़ी बहन सुनीता ने आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में दसवां स्थान प्राप्त किया है। तैयारी से लेकर चयन तक की विस्तार से जानकारी देते हुए अपने नाना जी को पत्र लिखें।28-जी, तृतीय तल रोहित अपार्टमेंट्स कुञ्ज बिहार मथुरा दिनांक: 20 जुलाई 2020 आदरणीय नाना जी, सादर चरण स्पर्श हमलोग यहाँ कुशल से हैं। आशा है, आपलोग भी सकुशल होंगे। आपकी प्रातः काल की सैर और गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का कार्य कैसा चल रहा है? आपके इस काम से कई लोगों को लाभ प्राप्त हो रहा है और कई लोग प्रेरित भी हो रहे हैं। नाना जी, आप जानते ही हैं की सुनीता दीदी का चयन आई.आई.टी. में हो गया है। सुनीता दीदी ने प्रथम तो नहीं दसवा स्थान प्राप्त किया है। फ़ोन पर आपको खुसखबरी दे चुके हैं तथा आशीर्वाद भी प्राप्त हो चुका है। मेरे स्कूल में भी दीदी की खूब चर्चा हो रही है। सुनकर मुझे ऐसा लगता है, मानो मैंने ही सफलता प्राप्त कर ली हो। नाना जी, दीदी इसकी तैयारी में पिछले दो सालों से जुटी थीं। कड़ी मेहनत और नियमित पढाई ही उनकी सफलता का राज़ है। मैंने कभी भी उन्हें परेशान या फिर तनाव में नहीं देखा। समय नियोजन यथा आत्मविश्वास ने उन्हें हसने खेलने का समय भी दिया। आपलोगों का भी आशीर्वाद सदैव ही उनपर बना रहा। नाना जी मुझे दीदी से बड़ी प्रेरणा मिली है। अब मैं मोटी-मोटी किताबों से नहीं घबराऊँगा। आप मथुरा कब आएंगे? हम लोग अगले महीने आपके पास आएंगे। मम्मी-पापा आपको खूब याद करते हैं। बाकी सब ठीक है। पत्र का उत्तर समय निकालकर अवश्य दीजियेगा। आपका प्यारा नाती रोहित दशहरा अवकाश में आने का आग्रह करते हुए बुआ जी को पत्र।474/2-बी, बहू बाजार कोलकाता दिनांक: 10 सितम्बर 2020 मेरी प्यारी बुआ जी, सादर नमस्ते। ईश्वर की कृपा से हम यहां पर कुशलपूर्वक हैं और ईश्वर से आपकी कुशलता की कामना करते हैं। फूफा जी तथा विकास भैया कैसे हैं? मम्मी पापा आपको कितना याद करते हैं, आपको पता ही होगा। बुआ हम सब चाहते हैं की इस बार दुर्गापूजा में आपलोग भी यहाँ आ जाएँ ! विकास भैया के साथ दशहरे का मेला घूमने में बहुत मज़ा आएगा। मुझे विश्वास है की आप हमें मना नहीं करेंगी। मैं आपकी हाँ का इंतज़ार कर रही हूँ। बाकी सब यहां पर ठीक है। आपकी भतीजी शुमिता अपनी सखी के बड़े भाई को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखें।303, अयाची अपार्टमेंट्स सेक्टर 45, गुड़गांव हरियाणा दिनांक: 8 जुलाई 2020 आदरणीय वरुण भैया, नमस्ते। भैया, आप कैसे हैं? आपकी पढाई ज़ोर-शोर से शुरू हो चुकी होगी। छुट्टियां कब निकल गयीं, पता ही नहीं चला। भैया, यह पत्र मैंने आपको धन्यवाद देने के लिए लिखा है। आपके बारे में मैंने अपनी सहेली वैभवी से काफी कुछ सुन रखा है। आपके बारे में जितना सुना था उससे ज़्यादा जाना। आप कैसे समस्या समझ जाते हैं और कैसे उनका समाधान निकाल लेते हैं? भैया आप तो जानते हैं की मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान हूँ और इस कारण लाड़-प्यार में जिद्दी भी हो गयी थी। मिल-बाँट रहना खाना सीखा नहीं था। आपके माध्यम से मैंने काफी कुछ सीखा है। समय समय पर मैं आपको तंग तो करती रहूंगी, आखिर आप वैभवी की तरह मेरे भी भाई हैं। आशा है, आपका स्नेह और मार्गदर्शन मिलता रहेगा। आपकी छोटी बहन विद्या दादा-दादी को अपने जन्मदिन के अवसर पर आने का आग्रह करते हुए पत्र लिखें।3038, इंदिरा नगर लखनऊ(उत्तर प्रदेश) दिनांक: 20 जनवरी 2020 आदरणीय दादा-दादी, सादर चरणस्पर्श आप लोग कैसे हैं? हम सब यहां पर ठीक हैं। आप लोगों का योग-शिविर कैसा चल रहा है? दादी यह पत्र मैंने आपको अपने जन्मदिन पर बुलाने के लिए लिखा है। आपलोगों को आना ही पड़ेगा। इस बार मैं अपना जन्मदिन सब लोगों के साथ ही मनाना चाहता हूँ। मेरे सभी मित्र दादा जी से किस्से कहानियां सुनना चाहते हैं तथा आपके हांथों का मज़ेदार खाना भी खाना चाहते हैं। दादा जी, मुझे उम्मीद है की आपलोग अपने व्यस्य कार्यक्रम में से समय निकालकर, एक दो दिन को ही सही, जरूर आएंगे। मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूँ। आपकी प्रतीक्षा में आपका प्यारा पोता वैभव तुम्हारे मित्र के पिता ने नया मकान ख़रीदा है। गृहप्रवेश के अवसर में आप भी निमंत्रित थे, पर जा नहीं सके। पत्र द्वारा शुभकामनाएँ दीजिए।25, राशि अपार्टमेंट्स द्वारका, सेक्टर 7 नई दिल्ली दिनांक: 1 मार्च,2020 प्रिय हर्ष, नमस्कार। आशा है की तुम स्वस्थ एवं प्रशन्न होंगे। तुम्हारा भेजा गृहप्रवेश का निमंत्रण मिला। बहुत ख़ुशी हुई की तुम्हारे पिता जी ने नया मकान लिया है। हर्ष, तुम तो जानते ही हो की मेरी परीक्षा 2 मार्च यानी कल से प्रारम्भ होने जा रही हैं। परीक्षा के कारण गृहप्रवेश में आने के लिए माता-पिता से अनुमति नहीं मिल सकी। मैं आने में भले ही असमर्थ हूँ परन्तु मैं अपनी शुभकामनायें भेज रहा हूँ। मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करो। परीक्षा के बाद मैं स्वयं आऊंगा और तम्हारा घर देखूंगा आकर। और सब बढ़िया है। तुम्हारा दोस्त आशु सचान छात्रावास में रहने वाली अपनी बहन को समय का महत्त्व समझाते हुए पत्र लिखो।सी-20, रामप्रस्थ कॉलोनी गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) दिनांक: 10 अगस्त, 2008 प्रिय योगिता, स्नेह। तुम्हारी प्रथम स्तर की परीक्षा हो चुकी है तथा परिणाम आ चुका है। प्रथम सत्र में तुम्हारा परिणाम बहुत अधिक संतोषजनक नहीं है। क्या तुम मन लगाकर नहीं पढ़ पा रही हो? योगिता, तुम तो जानती ही हो की माता-पिता को तुमसे कितनी आशाएँ हैं। तुम्हारी प्रतिभा को पहचानकर ही पिता जी ने तुम्हें घर से इतनी दूर भेजा है। घर की याद आना स्वाभाविक है, पर तुम्हें अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देना होगा। घर से दूर तुम अपना समय-नियोजन इस प्रकार करो की पढाई लिखाई में भरपूर समय दो। नए माहौल में थोड़ा समय तो लगता ही है, पर परेशान और निराश होने की भी कोई आवश्यकता नहीं हैं। मुझे पूरा विशवास है की मेरी बहन अगली परीक्षा में प्रथम आकर दिखाएगी। माँ-पिता जी तुम्हें अपना आशीर्वाद लिखवा रहे हैं। पत्र उत्तर देना। तुम्हारा भाई हितेंद्र अपनी माता जी की बीमारी की सूचना देते हुए अपनी चाची जी को पत्र लिखो1027, सैक्टर 12 आर.के.पुरम, नई दिल्ली दिनांक: 10 दिसम्बर 2020 आदरणीय चची जी, सादर नमस्ते। आशा है, आप सब सकुशल होंगे। चाची जी, मैं यह पत्र आपको माता जी के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूँ। माता जी पिछले पांच-छह दिनों से बीमार हैं, उन्हें तेज़ बुखार है। पिता जी भी कार्यालय के काम से अत्यधिक व्यस्त हैं। मैं अकेली दिन भर माता जी की सेवा अच्छी तरह से नहीं कर पाती। आपसे प्रार्थना है की यदि आप यहां आजायें तो बहुत ही अच्छा होगा। चाचा जी को मेरा प्रणाम तथा प्रतीक को मेरा शुभाशीष। आपके आने की प्रतीक्षा में। आपकी प्रिय भतीजी नयना आप छात्रावास में रहते हैं, छात्रावास से पिता जी को पत्र लिखें। (letter to father in hindi)कमरा संख्या 10 आदर्श छात्रावास बरेली(उत्तर प्रदेश) दिनांक: 12 जनवरी, 2020 पूजनीय पिता जी, सादर चरण स्पर्श। मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ, आशा है की घर में भी सब शकुशल होंगे। पिता जी मेरी पढाई अच्छी चल रही है। परीक्षाएं नज़दीक ही हैं। आपका आशीर्वाद हो तो मैं प्रथम स्थान ही प्राप्त करूंगा। पिता जी, मुझे एक कलाई-घड़ी की आवश्यकता है। कलाई घडी से मुझे परीक्षा में समय को ध्यान में रखने में सहजता होगी, तथा अच्छा भी लगेगा। मेरी कई दिनों से घडी खरीदने की इच्छा है। यदि आपको असुविधा न हो तो कृपया 300 रूपये भेज दीजिये। शेष कुशल है। माता जी को मेरा प्रणाम। चुन्नी को मेरा प्यार। आपका पुत्र विक्रम औपचारिक पत्र (Aupcharik Patra) के उदाहरण (Examples of Formal Letters)(letter in Hindi to the principal) प्रशनचार्य को चार दिन के अवकाश के लिए आवेदन पत्र लिखें। (letter to principal in Hindi)सेवा में, प्रधानाचार्य महोदय सूर्यभान स्कूल नई दिल्ली विषय: चार दिनों के अवकाश हेतु। महोदय, मैं कक्षा-9 ‘बी’ का छात्रा हूँ। मेरी रुचि शास्त्रीय नृत्य में है तथा मैं इसका प्रशिक्षण भी ली रही हूँ। विद्यालय में मैंने कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं। नृत्य अकादमी, दिल्ली आगामी सप्ताह में 22 नवम्बर से 25 नवम्बर तक चार दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर रही है। मैं भी इस कार्यशाला में भाग लेना चाहती हूँ। आपसे निवेदन है की मुझे अनुमति पत्र और चार दिनों का अवकाश प्रदान करें। धन्यवाद। आपकी आज्ञाकारिणी छात्रा विदुषी कक्षा-8 ‘बी’ दिनांक: 20 नवंबर, 2008 कक्षा अध्यापिका को अपने सहपाठी के विषय में पत्र लिखें।सेवा में, कक्षा अध्यापिका नेशनल विक्टर स्कूल स्टेशन रोड, ग्वालियर विषय: अपने सहपाठी के बारे में। महोदया, मैं कक्षा 8 ‘सी’ का छात्र हूँ। कक्षा में बैठने के तय व्यवस्था के अनुसार मैं और अरमान साथ-साथ बैठते हैं। इन दिनों अरमान का मन पढाई में कम और शरारतों में अधिक रहता है। वह मुझे भी नहीं पढ़ने देता। कई बार उसकी शरारतों के कारण मुझे दूसरे अध्यापकों से सजा तक मिल चुकी है।. मेरा आपसे अनुरोध है की कुछ दिनों के लिए आप मुझे किसी अन्य सहपाठी के साथ बैठा दें। साथ ही अरमान को इस प्रकार समझाने की चेष्टा करें ताकि उसे यह न लगे की किसी ने उसकी शिकायत की है। आपका आभारी रहूंगा। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी शिष्य अर्जुन कुमार,कक्षा -8 ‘सी’ दिनांक: 10 जुलाई 2020 विद्यालय के लेखा अधिकारी को अतिरिक्त शुल्क के सम्बन्ध में पत्र लिखें।सेवा में, लेखा अधिकारी महोदय चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल बिंदकी, (फतेहपुर) महोदय, मैं कक्षा-8 ‘डी’ का छात्र हूँ। द्वितीय सत्र की शुल्क रसीद में मेरा प्रथम स्तर का शुल्क बकाया दिखाया गया है। मैं प्रथम स्तर का शुल्क भर चूका हूँ तथा प्रमाण के तौर पर भुगतान की रसीद भी साथ लगा रहा हूँ। आपसे अनुरोध है की किसी कारणवश हुई भूल को ठीक कर, मुझे दूसरी शुल्क रसीद प्रदान करें, ताकि मैं शीघ्र से शीघ्र भुगतान कर विलम्ब शुल्क के दंड से बच सकूं। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी छात्र सौमित्र चैटर्जी कक्षा-8 ‘डी’ दिनांक: 15 अगस्त, 2008 विद्यालय में आयोजित होने वाले गीत सम्मलेन में गीतकार को आमंत्रित कर उनकी स्वीकृति लीजिये।प्रेषक असीम तुली तन्मय विद्यालय, जयपुर दिनांक: 12 दिसम्बर 2008 सेवा में, श्री आलोक कुमार जौहरी बाजार, जयपुर (राजस्थान) महोदय, निवेदन है की हम अपने विद्यालय में हिंदी गीत सम्मलेन का आयोजन करने जा रहे है। यह आयोजन विद्यालय के सभागार में दिनांक 20 दिसंबर, 2020 को प्रातः 9 बजे से 2 बजे तक होगा। इस सम्मलेन में हम आपको गीतकार तथा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर रहे हैं। आपकी स्वीकृति हमारे लिए हर्ष की बात होगी। कृपया अपनी स्वीकृति प्रदान करें। विद्यालय की गाडी द्वारा आपकी आने जाने की व्यवस्था रहेगी। धन्यवाद। विनीत असीम तुली ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में भाग लेने के सम्बन्ध में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक को पत्र लिखें।प्रेषक नील कपूर 2756, करोल बाग़, नई दिल्ली दिनांक: 10 मई 2020 सेवा में, निदेशक महोदय राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली महोदय, रविवार, 07 मई 2008 के दैनिक समाचारपत्र ‘दैनिक जागरण’ में आपकी संस्था की ओर से ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के सन्दर्भ में सूचना तथा विज्ञापन प्रसारित किया गया है। मैं कार्यशाला में भाग लेने का इच्छुक हूँ तथा सभी शर्तों को पूरा करता हूँ। इस पत्र के साथ कार्यशाला के शुल्क का ड्राफ्ट भी संलग्न है। आपसे निवेदन है की यथासंभव मुझे करोल बाग़ केंद्र आवंटित करें। मैं आपका आभारी रहूंगा। धन्यवाद। प्रार्थी नील कपूर पुष्तकें मंगवाने के लिए पुष्तक बिक्री विभाग, एन.सी.ई.आर.टी को पत्र लिखें।प्रेषक प्रियं पाराशर, माणिक चौक, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) दिनांक: 11 मई, 2020 सेवा में, प्रबंधक महोदय बिक्री विभाग, एन.सी.ई.आर.टी. अरविंदो मार्ग, नई दिल्ली महोदय, नया स्तर आरम्भ हो चुका है। हमारे शहर में आपके प्रकाशन की कुछ पुष्तकें आसानी से उपलब्ध नहीं है। कृपया कक्षा आठ की पुस्तक ऊपर लिखे पते पर भेजें। हम आपके आभारी रहेंगे। इस पुष्तक की कीमत वी.पी.पी. शुल्क सहित ड्राफ्ट द्वारा भेजी जा रही है। धन्यवाद। भवदीय प्रियम पराशर बिजली की अत्यधिक कटौती के विषय में सम्पादक को शिकायती पत्र लिखो। (letter to editor in hindi)प्रेषक श्याम सुन्दर जौहरी बाजार, जयपुर (राजस्थान) दिनांक: 17 जून 2020 सेवा में, संपादक महोदय दैनिक भास्कर, जयपुर महोदय, आपके समाचारपत्र में साप्ताहिक स्तम्भ ‘हमारी शिकायत’ के अंतर्गत मैं अपनी समस्या बिजली विभाग के सामने रखना चाहता हूँ। कृपया इसे प्रकाशित करें। हम जौहरी बाजार के निवासी बिजली कटौती से त्रस्त हो चुके हैं। यहां बिजली आने का समय मात्र 3-4 घंटे है। लगता है, बिजली विभाग में फ़ोन करने पर घंटी की आवाज ही सुनाई देती है। हम चाहते हैं की हमारे इलाके में बिजली की आपूर्ति शीघ्र से शीघ्र पूरी करें। धन्यवाद। भवदीय श्याम सुन्दर कंपनी से रिजाइन करने हेतु आवेदन पत्र लिखें। (Resignation Letter in Hindi for Company)सेवा में, संचालन विभाग हिंदी रिपोर्टर्स प्राइवेट लिमिटेड विषय: कंपनी त्यागने हेतु। महोदय, मैं आशु सचान आपकी कंपनी में अस्सिस्टेंट लेखक के तौर पर काम करता हूँ, हाल ही में मैंने UPSC की प्रीलिम्स की परीक्षा पास कर ली है और आगे के पेपर की तैयारी में व्यस्त हूँ। इस वक़्त मुझे पूरा ध्यान इन्हीं परीक्षाओं पर लगाना है, इस कारणवश मैं इस कंपनी में दुर्भाग्यवश और समय नहीं दे सकता। मुझे उम्मीद है की आप समझ सकते हैं। मेरा हमेशा से ही सपना रहा है की मैं सिविल सर्विस में अपना योगदान दे लोगों की भलाई के लिए काम करूं। अतः आपसे निवेदन है की मेरा यह त्यागपत्र स्वीकार करें। आपकी महान दया होगी। धन्यवाद। आशु सचान अस्सिस्टेंट लेखक एम्प्लॉई आईडी: 334 दिनांक: 26 जुलाई 2020 स्कूल अध्यापक के पद से त्यागपत्र लिखें। (Resignation Letter in Hindi Format)सेवा में, श्रीमान प्रधानाचार्य एसेंट पब्लिक स्कूल घाटमपुर, कानपुर नगर विषय: अध्यापक पद का त्यागपत्र महोदय, सविनय निवेदन है की मैं आशु सचान आपके विद्यालय में हिंदी का अध्यापक हूँ। इस वक़्त मेरा परिवार फतेहपुर सहर में है। परिवार के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय व्यतीत करते हुए मैं काम भी करना चाहता था, इसी कारणवश मैंने वहां के स्कूल चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में हिंदी अध्यापक के रूप में आवेदन भी किया था। वहां के प्रधानाध्यापक ने मेरी योग्यता को देखते हुए मेरा आवेदनपत्र स्वीकार लिया है। मुझे अगले सोमवार से उस स्कूल से जुड़ना होगा। अतः आपसे सविनय निवेदन है की मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें। आपकी महान दया होगी। धन्यवाद आशु सचान हिंदी अध्यापक दिनांक: 26 जुलाई 2020 Letter in Hindi For Bank बैंक मैनेजर को खाता बंद करवाने हेतु आवेदन पत्र लिखें।सेवन में, बैंक मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा गोविंदनगर कानपुर महोदय, सविनय निवेदन है की मैं अंकित द्विवेदी आपकी बैंक का एक उपभोक्ता हूँ, मैं अब अपना खता इस शाखा में किन्हीं कारणवश आगे नहीं चला सकता हूँ। अतः आपसे सविनय निवेदन है की मेरा खता हफ्ते भर के अंदर बंद कर दें। आपकी महान दया होगी। धन्यवाद अंकित द्विवेदी खाता संख्या: 5567656786 दिनांक: 26 जुलाई 2020 बैंक मैनेजर को एटीएम कार्ड खो जाने पर सूचित करते हुए नया एटीएम कार्ड बनवाने की मांग करें।सेवा में, बैंक मैनेजर बैंक ऑफ़ बड़ौदा घाटमपुर, कानपूर नगर विषय: एटीएम खो जाने पर। महोदय, सविनय निवेदन है की मैं आपकी बैंक का एक उपभोक्ता हूँ। हाल ही में मेरा एटीएम कार्ड खो गया था, जिसके चलते मैंने उस एटीएम कार्ड को बंद करवाने का फैसला लिया है। कृपया कर के मेरे पुराने एटीएम को बंद कर दें और मेरे लिए एक नया एटीएम कार्ड जारी करने की कृपा करें। इस पत्र के साथ मैं अपने बैंक से जुड़े प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी लगा रहा हूँ। धन्यवाद एक जिम्मेदार उपभोक्ता आशु सचान खता संख्या: 454567456 दोस्तों अगर आपको किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही हो पत्र लिखने में तो कृपया कर हमें अवश्य कमेंट पर बताएं हम आपकी हरसंभव सहायता करेंगे। हिंदी में लेटर लिखने की पूरी जानकारी pdf में प्राप्त करें(Letter Writing in Hindi PDF) औपचारिक पत्र लेखन कैसे लिखते है?औपचारिक पत्र का फॉर्मेट. 'सेवा में' लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।. विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।. संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।. अनौपचारिक पत्र कैसे लिखेंगे?अनौपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें. भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए।. पत्र लेखक तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए।. पत्र में लिखी बात संक्षिप्त होनी चाहिए।. पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।. भाषा और वर्तनी (ग्रामर)-शुद्ध तथा लेख-स्वच्छ होना चाहिए।. औपचारिक अनौपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?पत्र लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?. पत्र सरल और सुबोध भाषा में होना चाहिए।. पत्र की भाषा दुर्बोध नहीं होनी चाहिए।. पत्र का आकार संक्षिप्त होना चाहिए।. पत्र में अलंकारों, मुहावरों व लोकोक्तियों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।. पते और तिथि के कुछ नीचे बाईं ओर सम्बोधन (प्रिय, महोदय, श्रीमान) लिखते हैं।. औपचारिक पत्र लिखने से पहले क्या लिखते हैं?औपचारिक-पत्र के अंग
पहला अनुच्छेद – अपनी समस्या के बारे में लिखें। दूसरा अनुच्छेद – आप उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं, उसे लिखें तथा धन्यवाद के साथ समाप्त करें। (5) हस्ताक्षर व नाम- भवदीय/भवदीया के नीचे अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें। (6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड।
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