Last Updated: December 13, 2021 13:17 IST Show
श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना, जिसकी परिकल्पना पीएम मोदी ने की थी उसे आज वाराणसी में एक विशेष कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाई जाएगी।Kashi Vishwanath Corridor: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना, जिसकी कल्पना व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी ने की थी उसे आज काशी में एक विशेष कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाई जाएगी। महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाने के लिए काशी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट से जोड़ने वाले एक सुगम मार्ग बनाते हुए, तीर्थयात्रियों और भक्तों को विविध सुविधाएं प्रदान करने के लिए परियोजना क्षेत्र का विस्तार 23 नए भवनों के साथ 5 लाख वर्ग फुट में किया गया है। प्रतिष्ठित दशाश्वमेध घाट के पास स्थित गलियारे को स्थानीय प्रशासन और वास्तुकार बिमल पटेल के नेतृत्व वाली डिजाइन फर्म के बीच रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। लोगों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इसके वास्तुशिल्प डिजाइन और विशेष संरक्षण सहित कई प्रमुख पहलू इस परियोजना को सबसे अलग बनाते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के शीर्ष 10 पहलू यहां दिए गए हैं:
यह भी पढ़ें- Kashi Vishwanath Corridor: आज पीएम मोदी करेंगे काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन, यहां देखिए तय कार्यक्रम काशी विश्वनाथ मंदिर: भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है काशी, यहां आने पर जन्म-जन्मांतर के चक्र से मिलती है मुक्तिगंगा किनारे बसे काशी को भगवान शिव की नगरी और भोलेनाथ को काशी का महाराजा कहा जाता है। यहां का काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है। गंगा किनारे बसे काशी को भगवान शिव की नगरी और भोलेनाथ को काशी का महाराजा कहा जाता है। यहां का काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शनों के लिए हर रोज लाखों भक्त आते हैं, लेकिन सोमवार का दिन विशेष होता है। यहां की गंगा आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं बाबा विश्वनाथ मंदिर के बारे में कुछ प्रमुख बातें- 1. बाबा विश्वनाथ के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध यह शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहा जाता है कि गंगा किनारे स्थापित इस मंदिर की स्थापना 1490 में हुई थी। 2. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव गंगा के किनारे इस नगरी में निवास करते हैं। उनके त्रिशूल की नोक पर काशी बसी है। भगवान शिव काशी के पालक और संरक्षक है, जो यहां के लोगों की रक्षा करते हैं। 3. काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर एक सोने का छत्र लगा हुआ है। ऐसा मान्यता है कि इस छत्र के दर्शन से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 4. बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के बारे में एक और बात कही जाती है कि जब पृथ्वी का निर्माण हुआ तो सूर्य की पहली किरण काशी पर ही पड़ी थी। 5. काशी नगरी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ के दरबार में उपस्थिति मात्र से ही भक्त को जन्म-जन्मांतर के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। 6. सावन के माह में बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। उस दौरान अभिषेक से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हालांकि, सोमवार के दिन भी यहां भारी संख्या में भक्त काशी के राजा महादेव के दर्शनों के लिए विशेष तौर पर आते हैं। 7. इस मंदिर को आक्रमणकारियों ने कई बार निशाना बनाया। मुगल सम्राट अकबर ने प्राचीन मंदिर को दोबारा बनवाने का आदेश दिया था, जिसे बाद में औरंगजेब ने तोड़वा डाला। वहां पर उसने मस्जिद का निर्माण कराया, जो ज्ञानवापी मस्जिद के नाम से जाना जाता है। 8. बताया जाता है कि लोगों को जब पता चला कि औरंगजेब इस मंदिर को तोड़ना चाहता है तो भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग को एक कुएं में छिपा दिया गया। वह कुआं आज भी मंदिर और मस्जिद के बीच में स्थित है। 9. उसके बाद इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने बाबा विश्वनाथ के इस प्राचीन मंदिर का पुनर्रुद्धार कराया। मृत्यु, समय और काल से परे भगवान शिव फिर से यहां पूजे जाने लगे। एक बार फिर देवों के देव महादेव के दर्शनों के लिए भक्त उमड़ने लगे। लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप Edited By: kartikey.tiwari काशी विश्वनाथ की विशेषता क्या है?काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है, और बारह ज्योतिर्लिंगस में से एक है, जो शिवमेटल के सबसे पवित्र हैं।
काशी विश्वनाथ का क्या महत्व है?* 'काशी विश्वनाथ' के दर्शन से होता है सांसारिक भयों का नाश
हिन्दू धर्म में सर्वाधिक महत्व के इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं हैं। माना जाता है कि भगवान शिव ने इस 'ज्योतिर्लिंग' को स्वयं के निवास से प्रकाशपूर्ण किया है। पृथ्वी पर जितने भी भगवान शिव के स्थान हैं, वे सभी वाराणसी में भी उन्हीं के सान्निध्य में मौजूद हैं।
काशी का रहस्य क्या है?पुराणों के अनुसार पहले यह भगवान विष्णु की पुरी थी, जहां श्रीहरि के आनंदाश्रु गिरे थे, वहां बिंदु सरोवर बन गया और प्रभु यहां 'बिंधुमाधव' के नाम से प्रतिष्ठित हुए। महादेव को काशी इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने इस पावन पुरी को विष्णुजी से अपने नित्य आवास के लिए मांग लिया। तब से काशी उनका निवास स्थान बन गई।
काशी विश्वनाथ की कहानी क्या है?काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण
कहा जाता है कि इस मंदिर का दोबारा निर्माण 11 वीं सदी में राजा हरीशचन्द्र ने करवाया था। 1194 ईसवी में मुहम्मद गौरी ने इसे ध्वस्त कर दिया था। परंतु मंदिर का पुन निर्माण करवाया गया लेकिन 1447 ईसवी में इसे एक बार फिर जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने तुड़वा दिया।
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