रैबिट के घर का नाम क्या है? - raibit ke ghar ka naam kya hai?

Rabbit Vastu Tips: जीवन में सुख और समृद्धि पाने के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वास्तु में कई ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिसे आपके घर में खुशियां आती हैं. यूं तो लोग घर पर कुत्ता, बिल्ली आदि पालते हैं. लेकिन वास्तु के मुताबिक, घर में खरगोश पालना काफी शुभ माना जाता है. खरगोश (Rabbit) देखने में काफी सुंदर होते हैं. इन्हें पालने से घर में आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं. ऐसे में आज हम आपको घर में खरगोश पालने के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं.

– अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास है तो घर में खरगोश पालना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आने लगती है. सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए आप अपने घर में खरगोश पालें.

– अगर आपके घर में कोई भी बच्चा बीमार पड़ गया है तो या फिर उसको बार-बार नजर लग जाती है तो ऐसे में आपको अपने घर में खरगोश पालना चाहिए. खरगोश पालने से बच्चों का मन बहुत ही प्रसन्न रहता है.

– अगर कुंडली में किसी प्रकार का कोई दोष है तो घर में काला खरगोश पालना काफी शुभ माना जाता है. काले रंग का खरगोश पालने से राहु ग्रह का प्रभाव भी काम नहीं करता है साथ ही ईश्वरीय कृपा भी आपको प्राप्त होती है.

– खरगोश किसी भी खतरे को पहले ही भाप लेते हैं. ऐसे में आपके घर में अचानक कोई खरगोश बीमार पड़ जाए या फिर वो अचानक मर जाए तो हमें यह समझना चाहिए कि हमारे घर में कोई संकट आने वाला था. खरगोश आपके ऊपर आने कष्टों को अपने ऊपर ले लेते हैं.

– घर में खरगोश पालने से तनाव भी कम होता है. खरगोश सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होते हैं. इन्हें देखने मात्र से ही तनाव दूर हो जाता है.

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ख़रगोश खरहारूपी गण के खरहादृष्ट कुल के, खरहा और पिका के साथ, छोटे स्तनधारी हैं। खनखरहा शशबिल में यूरोपीय ख़रगोश और उसके वंशज, पालतू ख़रगोश की दुनिया की ३०५ नस्ले शामिल हैं।[1] सिल्वीखरहा में तेरह वन्य ख़रगोश शामिल हैं, जिनमें से सात कपासपुच्छ के प्रकार हैं। अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर परिचय में आया हुआ यूरोपीय ख़रगोश, दुनिया भर में एक जंगली शिकार प्राणी के रूप में और पशुधन और पालतू जानवर के पालतू रूप में परिचित है। पारिस्थितिकी और संस्कृतियों पर इसके व्यापक प्रभाव के साथ, खरगोश (या बनी) दुनिया के कई क्षेत्रों में, दैनिक जीवन का एक हिस्सा है- भोजन, कपड़ों और साथी के रूप में, और कलात्मक प्रेरणा के स्रोत के रूप में।

वह लेपोरिडी परिवार का एक छोटा स्तनपायी है, जो विश्व के अनेक स्थानों में पाया जाता है। विश्व में खरगोश की आठ प्रजातियाँ पायी जाती हैं। खरगोश जंगलों, घास के मैदानों, मरुस्थलों तथा पानी वाले इलाकों में समूह में रहते हैं। अंगोरा ऊन खरगोश से प्राप्त होता है।

ख़रगोश अपने दिमाग़ में हर जगह का नक़्शा बनाता है और उसको कोई चीज़ इधर से उधर होना पसंद नहीं होता है।

१९१२ तक खरगोशों और खरहाओं को कृन्तक (rodent) गण में वर्गीकृत किया हुआ था। बाद में, उन्हें एक नए गण, खरहारूपी में डाला गया, जिसमें भी खरहा और पिका शामिल हैं। ख़रगोश के कुछ वंश और जातियाँ निम्न हैं।

खरगोश तथा खरहा में अन्तर[संपादित करें]

खरगोश ज़मीन के नीचे बिलों में रहते हैं जबकि खरहे ज़मीन पर घास का घोंसला बनाते हैं। खरगोश के बच्चों की जन्म के समय आँखें नहीं खुली होती हैं तथा शरीर पर बाल नहीं होते हैं, जबकि खरहे के बच्चे जन्म से ही देख सकते हैं और उनके शरीर में प्रायः बाल भी होते हैं। खरहे प्राय़ः खरगोश से आकार में बड़े होते हैं, उनके कान भी बड़े होते हैं तथा उनके खाल में काले निशान होते हैं। खरहे अमूमन झुण्ड में रहना पसन्द नहीं करते हैं। खरहे को पालतू नहीं बनाया जा सका है जबकि खरगोश लोगों के घरों में पालतू जानवर के रूप में पाये जा सकते हैं।

खरगोश को उत्परिवर्ती एलियंस से विकसित है +२,००,००,००० साल पहले, जब शनि ग्रह से लोगों को हमारे ग्रह पर आक्रमण किया है और कई स्तनधारियों की चोट लगी है। इस समय के दौरान, बच्चे प्रागैतिहासिक घोड़ों की मृत्यु हो गई और कुछ उत्परिवर्तित, विदेशी की तरह एक मूर्खतापूर्ण घोड़े (cerritulus Equus) बुलाया रूप बन गया है, तो अपने बच्चों को सभी के लिए खरगोश 3,500,000 के बारे में साल पहले शुरू किया गया।

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खरगोश के घर का नाम क्या होता है?

खरगोश (Rabbit) – खरगोश का निवास स्थान “मांद (Burrow)” होती है। यह एक छोटी मांद है जो खरगोश खोदकर बनाता है।

खरगोश कौन से भगवान की सवारी है?

खरगोश को बनना था भगवान शंकर का वाहन || Hindu Mythological Story lok katha खरगोश और भगवान शिव - YouTube.

खरगोश की उम्र कितनी है?

यूरोपीय खरगोश: 9 वर्षखरगोश / जीवनकालnull

खरगोश कितने घंटे सोते हैं?

8.4 घंटेखरगोश / दैनिक नींदnull