हर उम्र के लोगों को मछली खाने से मिलते हैं ये पोषक तत्वमछली न केवल हर आयु वर्ग के लोगों को संतुलित आहार उपलब्ध कराती है बल्कि यह तेज दिमाग, तीक्ष्ण दृष्टि और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम में भी महत्वपूर्ण साबित होती है। कई तरह की मछलियों में... Show
Pratima Jaiswalएजेंसी,नई दिल्ली Sun, 26 Sep 2021 03:29 PM मछली न केवल हर आयु वर्ग के लोगों को संतुलित आहार उपलब्ध कराती है बल्कि यह तेज दिमाग, तीक्ष्ण दृष्टि और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम में भी महत्वपूर्ण साबित होती है। कई तरह की मछलियों में ओमेगा 3 और गुणवत्तायुक्त प्रोटीन मिलता है, जो तेज दिमाग , दृष्टि दोष और हृदय रोग जैसी खतरनाक बीमारियों की रोकथाम में अदृश्य रूप से जोरदार मदद करता है। देश में पाई जाने वाली मछलियों में प्राकृतिक रुप से पाए जाने वाले पोषक तत्वों को लेकर हुए अनुसंधान का हिस्सा रहे इनलैंड फिशरीज
के सहायक महानिदेशक बी पी मोहंती ने बताया कि विदेशों में खाने के कई विकल्प होने के बावजूद लोग मछली खाना पसंद करते हैं। ऐसा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और कई अन्य कारणों से होता है। डॉक्टर मोहंती ने बताया कि मछलियों में 13.14 से 22 प्रतिशत तक गुणवत्तायुक्त प्रोटीन मिलता है। इसमें 25..3० तरह के सूक्ष्म तत्व पाए जाते हैं जो आसानी से पच जाते हैं तथा जिससे हमें ऊर्जा और रोगप्रतिरोधक क्षमता मिलती है जबकि अन्य माध्यमों से मिलने वाली प्रोटीन आसानी से नहीं पचती हैं। यह भी पढ़ें : Foods to control thyroid : जी हां, आप अपनी डाइट में जरूरी बदलाव कर कंट्रोल कर सकती हैं थायराइड असंतुलन स्वस्थ रहने के लिए नियमित मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करना जरूरी होता है। इसके लिए कई फलों और सब्जियों का सेवन मददगार हो सकता है। इसके अलावा, मांसाहारी खाद्य पदार्थों के सेवन से भी शरीर को पोषण प्रदान किया जा सकता है। इसके लिए मछली का उपयोग करना बेहतर हो सकता है। यह शरीर को कई लाभ पहुंचाने के साथ ही कई बीमारियों से बचने में भी मदद कर सकती है। साथ ही यह कई समस्याओं के उपचार को प्रभावी बनाने में भी सहायक हो सकती है। स्टाइलक्रेज के हमारे इस लेख में हम मछली खाने के फायदे और मछली के नुकसान के बारे में वैज्ञानिक शोध के आधार पर जानकारी दे रहे हैं। मछली के फायदे से जुड़ी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। नीचे है पूरी जानकारी चलिए, इस लेख के पहले भाग में मछली के फायदे के बारे में जानते हैं। विषय सूची
कई शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए मछली का सेवन किया जा सकता है। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि मछली किसी भी बीमारी का सटीक उपचार नहीं है। इसका सेवन व्यक्ति को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाव में सहायक हो सकता है। अब आगे पढ़ें फिश खाने के फायदे – 1. हृदय के लिएमछली का उपयोग हृदय को स्वस्थ बनाए रखने का काम कर सकता है। दरअसल, मछली ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत होती है, जो हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और स्ट्रोक से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट), दिल का अनियमित धड़कन, धमनियों में प्लाक का जमना और रक्तचाप को कम कर इनसे होने वाले हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है (1)। 2. मस्तिष्क क्षमता बढ़ाने के लिएमछली खाने के लाभ मस्तिष्क क्षमता को बढ़ाने का काम भी कर सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो माइल्ड कॉग्निटिव इम्पैर्मेंट (दिमागी क्षमता का कमजोर होना) के जोखिम को करने में मदद कर सकते हैं। इससे मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है (2)। 3. अवसाद से छुटकाराडिप्रेशन यानी अवसाद की स्थिति से राहत पाने के लिए भी मछली के फायदे हो सकते हैं। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन के जोखिम को कम करने के साथ ही गुस्से को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (3)। आहार में मछली को शामिल कर ओमेगा-3 की पूर्ति की जा सकती है। 4. बच्चों में अस्थमा से राहतमच्छी खाने के फायदे बच्चों में अस्थमा से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इस संबंध में पब्लिश एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो मछली में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड बच्चों में अस्थमा के लक्षणों (जैसे सांस लेने में तकलीफ) में सुधार कर सकता है और इसके जोखिम को भी कम कर सकता है (4)। ऐसे में अस्थमा से आराम पाने के लिए मछली का सेवन अच्छा हो सकता है। 5. नींद में सुधारमछली का सेवन बेहतर नींद दिलाने का काम कर सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, मछली में विटामिन-डी की अच्छी मात्रा होती हैं, जो अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, विटामिन-डी नींद की गुणवत्ता में सुधार का काम भी कर सकता है, जिससे अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है (5)। ऐसे में कहा जा सकता है कि अच्छी नींद पाना भी फिश खाने के फायदे में शामिल है। जारी रखें पढ़ना 6. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिएशरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए भी मछली का उपयोग अच्छा हो सकता है। दरअसल, मछली में अच्छी मात्रा में विटामिन-डी होता है, जो सेलुलर ग्रोथ (कोशिकाओं की संख्या का विकास) को नियंत्रित कर प्रतिरक्षा प्रणाली के मॉड्यूलेशन को प्रभावित कर सकता है। वहीं, इसमें सेलेनियम भी पाया जाता है, जिससे कि सेलेनियम की कमी से होने वाली इम्यून सिस्टम की कमजोरी से बचा जा सकता है (3)। 7. आंखों के लिएमछली खाने के लाभ आंखों के लिए भी देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो आंखों को फायदा पहुंचा सकता है। यह ऐज रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन (एक नेत्र रोग, जो दृष्टि हानि का कारण बन सकता है) और ड्राई आई डिजीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है (6)। 8. रक्तचाप के लिएबढ़ते रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित करने के लिए मछली का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो बढ़ते रक्तचाप को कम कर सकता है (7)। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि रक्तचाप को नियंत्रित करने में मछली का सेवन किया जा सकता है। 9. त्वचा के लिएमछली का सेवन त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, मछली में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिनमें से एक विटामिन-डी भी है। विटामिन-डी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करने का काम कर सकता है। इससे स्किन एजिंग से बचाव हो सकता है (8)। वहीं, ओमेगा 3 फैटी एसिड त्वचा की सूजन को कम करने के साथ ही मुंहासे की समस्या से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (9)। 10. बालों के लिएफिश खाने के फायदे बालों से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, फिश प्रोटीन बालों के विकास को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। इससे बाल लंबे हो सकते हैं (10)। फिलहाल, मछली खाने के फायदे बालों पर और किस तरह दिख सकते हैं, इसपर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। स्क्रॉल करें इस लेख के अगले भाग में हम मछली के पौष्टिक तत्वों के बारे में बताने जा रहे हैं। मछली के पौष्टिक तत्व – Fish Nutritional Value in Hindiमछली में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए टेबल की मदद ले सकते हैं (11)।
नीचे भी पढ़ें आइए, अब जानते हैं मछली का उपयोग कैसे-कैसे किया जा सकता है? मछली का उपयोग – How to Use Fish in Hindiमछली का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, जिनमें से कुछ आम और प्रचलित तरीके हम नीचे बता रहे हैं। कैसे खाएं :
कब खाएं :
कितना खाएं : द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के मुताबिक, हफ्ते में दो बार 100 ग्राम तक मछली का सेवन कर सकते हैं (1)। हालांकि, सभी का स्वास्थ्य और आहार क्षमता एक जैसी नहीं होती है, इसलिए मछली के सेवन की सही मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं। नीचे और जानकारी है चलिए अब जान लेते हैं कि मछली के नुकसान किस प्रकार सामने आ सकते हैं? मछली के नुकसान – Side Effects of Fish in Hindiजिस तरह मछली खाने के फायदे हो सकते हैं, उसी तरह मछली के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इन नुकसान के बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
मांसाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए मछली का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, किसी गंभीर समस्या से पीड़ित व्यक्ति को मछली के सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इससे मछली के सेवन से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई सभी जानकारी पाठक के लिए मददगार साबित होगी। इस तरह के अन्य खाद्य पदार्थों से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट पर पब्लिश दूसरे लेख को भी पढ़ सकते हैं। अब हम मछली के सेवन से संबंधित कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या रोज मछली खाना अच्छा है? किसी भी चीज का अधिक सेवन नुकसान का कारण बन सकता है। ऐसे में, हफ्ते में दो बार मछली का सेवन किया जा सकता है। क्या मछली त्वचा के लिए अच्छी है? जी हां, मछली का सेवन त्वचा के लिए अच्छा हो सकता है। यह सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचा सकती है (8)। मछलियां लोगों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं? मछलियां लोगों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें ओमेगा-3 और विटामिन-डी जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। क्या मछली का सेवन चिकन से भी अच्छा है? यह बताना थोड़ा मुश्किल है कि मछली और चिकन में से कौन अच्छा है। दरअसल, आहार में दोनों की ही अपनी अलग भूमिका है। इसलिए, व्यक्ति अपनी पसंद और जरूरत के हिसाब से इसका सेवन करते हैं। मछली ताजी है, इसका पता कैसे चलेगा? मछली की गंध से इसके ताजे होने का पता लगाया जा सकता है। अगर मछली को मरे हुए बहुत देर हो गई है, तो उसकी गंध में परिवर्तन आ जाता है। कौन-सी मछली का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए ज्यादा अच्छा हो सकता है? टूना मछली और सैल्मन मछली को ज्यादा लाभकारी माना जाता है। फैटी मछली किसे कहते हैं? फैटी फिश में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है। इस मछली में टूना, सैल्मन व ट्राउट को शामिल किया जा सकता है (15)। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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मछली में मुख्य पोषक तत्व कौन सा होता है?मछली एक कम वसा वाला उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन है। मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड और विटामिन जैसे डी और बी 2 (राइबोफ्लेविन) से भरी होती है। इसके अलावा कैल्शियम और फास्फोरस से समृद्ध है और खनिजों का एक बड़ा स्रोत है, जैसे कि लोहा, जस्ता, आयोडीन, मैग्नीशियम और पोटेशियम आदि। आपके सेहत के लिए लाभदायक होता है।
मछली में सबसे अधिक कौन सा पोषक तत्व पाया जाता है?मछली में लो फैट होता है और बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन. ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाने के कारण भी मछली स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है. मछली में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं इसलिए मछली का सेवन शरीर की कई जरूरतों को पूरा करता है.
मछली में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है?मछली प्रोटीन लाइसिन और थ्रेओनीन में समृद्ध है, जो अनाज में पाए जाने वाले प्रोटीन के साथ एक आहार पूरक है। छोटी मछलियां, यदि हड्डियों के साथ खाई जाती हैं, तो कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। आंख और मस्तिष्क के विकास के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड आवश्यक हैं। खारे पानी की मछली आयोडीन, फास्फोरस और कैल्शियम से भरपूर होती है।
मछली में कौन कौन से विटामिन पाया जाता है?मछली में ओमेगा-3,फैटी एसिड व विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ में इसमें प्रोटीन और विटामिन भी होते हैं। इसलिए यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।
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