घर की छत पर त्रिशूल लगाने से क्या होता है? - ghar kee chhat par trishool lagaane se kya hota hai?

घर की छत पर त्रिशूल लगाने से क्या होता है? - ghar kee chhat par trishool lagaane se kya hota hai?

हम घर बनवाते वक्त हमेशा यही कोशिश करते है कि हमारा घर वास्तु के हिसाब से बने। वास्तु में जहां सरोई, मंदिर और बाथरूम किया जाना चाहिए। उसे वही बनवाए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि घर किराए का हो या फिर कोई और परेशानी। जिसकी वजह से हम अपने घर का वास्तु ठीक नहीं कर पाते। लेकिन फिर भी हमें अपने घर का वास्तुदोष हटाना होता है। इसलिए आज हम आपको बताते है कि ऐसी स्थिति में आपको क्या उपाय करने चाहिए। जिससे आप तोड़- फोड़ किए बिना वास्तु को ठीक कर सकते है। इन उपाय में आप महज कुछ सामान से अपने घर को वास्तु ठीक कर सकते हो और एक खुशहार जिदंगी जी सकते हो। आइए जानते हैं दोष और उनके उपाय

मुख्य द्वारा उत्तर-पश्चिम कोण में
अगर आपके घर का मेन डोर यानी की मुख्य दरवाजा उत्तर-पश्चिम दिशा में है तो दरवाजे के दोनों ओर ऊं, स्वाडस्तिक, एवं त्रिशूल लगाएं। साथ ही दरवाजे के बाहर पिरामिड लगाएं।

उत्तर-पूर्व में रसोई घर है तो
अगर आपके घर में रसोई की दिशा उत्तर पूर्व है तो उसे भी आप ठीक कर सकते है। इसके लिए रसोई घर के बाहर या ऊपर की दिशा में दीवार पर 18 गुणा 18 का समतल दर्पण (शीशा) लगाएं। इसके अलावा उत्तर-पूर्व कोण में पिरामिड भी रख सकते हैं।

टॉयलट उत्तर-पूर्व में होना तो
उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट होना काफी खराब माना जाता है इसका कारण ये है क्योंकि इस दिशा में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए ऐसी स्थिति को ठीक करने के लिए टॉयलट में कटोरी में भरकर समुद्री नमक रखें। लेकिन इसे हर 15 से 20 दिन में बदलना भी होगा। पुराने नमक को पानी में बहा दें। टॉयलट के बाहर उत्तारी या पूर्वीदीवार में से जो भी बड़ी हो उस पर समतल दर्पण लगाएं।

उत्तर-पूर्व भाग टूटा या फिर कटा हुआ हो
अगर आपके घर की बनावट ऐसी है जिसकी वजह से घर में उत्तर-पूर्व भाग कटा हुआ या फिर किसी वजह से टूट गया है तो दीवार पर बड़ा सा दर्पण लगा सकते हैं।

दक्षिण-पूर्व या दक्षिण पश्चिम में प्रवेश द्वार
अगर आपके घर में प्रवेश द्वार दक्षिण-पश्चिम या फिर दक्षिण-पूर्व दिशा में हो तो दरवाजे के दोनों ओर ऊं, स्वाषस्तिक और पिरामिड लगाएं। 5 से 7 छड़ी वाला विंड चाइम भी लगा सकते हैं।

घर में पेड़ हो इस दिशा में
यदि आपके घर के परिसर में कोई पेड़ नैर्ऋत्यक कोण या फिर आग्नेदय कोण की दिशा में है तो इसे दोष कहा जाएगा। इसे दूर करने के लिए उसके तल में सांयकाल रोजाना एक आटे का दीपक या फिर अगरबत्ती जरूर जलाएं। ये भी पढ़ें:-अगर आपके घर में होता है कलह;तो इन वास्तुदोष का हमेशा रखे ध्यान

भोपालPublished: Jul 24, 2019 11:43:22 am

shiv trishul (त्रिशुल) in sawan maas - Establish in the house here Shiva's Trishul will be maintained, happiness and prosperity: जानें घर में कहां और कैसे स्थापित करें शिवजी का त्रिशुल।

घर की छत पर त्रिशूल लगाने से क्या होता है? - ghar kee chhat par trishool lagaane se kya hota hai?

सावन मास में शिवजी की पूजा पाठ तो विधि-विधान से की ही जाती है। लेकिन सावन माह में शिव पूजा के साथ ही अगर भक्त अपने घर में शिवजी की सबसे प्रिय त्रिशुल ( shiv trishul ) को घर के इस स्थान में स्थापित किया जाएं तो व्यक्ति के घर परिवार में सुख-शांति, सकारात्मकता का वातावरण के सदैव समृद्धि बनी रहती है। जानें घर में कहां और कैसे स्थापित करें शिवजी का त्रिशुल।

क्या घर की छत पर त्रिशूल लगाना चाहिए?...


घर की छत पर त्रिशूल लगाने से क्या होता है? - ghar kee chhat par trishool lagaane se kya hota hai?

3 जवाब

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छत पर त्रिशूल लगाने से क्या होता है?

बहुत से लोग अपने घरों की छत पर भी त्रिशूल लगाते हैं। ऐसा करने से घर-परिवार में न केवल सुख-शांति बनी रहती हैं बल्कि नकारात्मक शक्तियां भी प्रवेश नहीं करतीं। साथ ही भगवान शिव की भी सदैव कृपा बनी रहती है। इसके अलावा वह घर को आकाशीय बिजली से भी बचाता है।

क्या त्रिशूल को घर में रखना अच्छा है?

सावन मास में शिवजी की पूजा पाठ तो विधि-विधान से की ही जाती है। लेकिन सावन माह में शिव पूजा के साथ ही अगर भक्त अपने घर में शिवजी की सबसे प्रिय त्रिशुल ( shiv trishul ) को घर के इस स्थान में स्थापित किया जाएं तो व्यक्ति के घर परिवार में सुख-शांति, सकारात्मकता का वातावरण के सदैव समृद्धि बनी रहती है।

घर में त्रिशूल कैसे लगाएं?

आपके घर का वास्तुदोष दूर करें बिना तोड़-फोड़ के, यहां लगाएं....
मुख्‍य द्वारा उत्तर-पश्चिम कोण में होने पर करें यह उपाय ... .
उत्तर-पूर्व में रसोई घर है तो ... .
टॉयलट उत्तर-पूर्व में होना दोषपूर्ण ... .
उत्तर-पूर्व भाग टूटा या फिर कटा हुआ हो ... .
दक्षिण-पूर्व या दक्षिण पश्चिम में प्रवेश द्वार ... .
घर में पेड़ हो इस दिशा में.

त्रिशूल का क्या महत्व है?

भगवान शिव के त्रिशूल के बारें में कहा जाता है कि यह त्रिदेवों का सूचक है यानि ब्रम्हा,विष्णु,महेश इसे रचना,पालक और विनाश के रूप में देखा जाता है। इसे भूत,वर्तमान और भविष्य के साथ धऱती,स्वर्ग तथा पाताल का भी सूचक माना जाता हैं। यह दैहिक, दैविक एवं भौतिक ये तीन दुःख, त्रिताप के रूप मे जाना जाता है।