कविता की मुख्य विशेषता क्या होती है? - kavita kee mukhy visheshata kya hotee hai?

प्रिय पाठक! स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे कि कविता किसे कहते हैं साथ ही हम इसके कविता के महत्वपूर्ण घटक और भी पढेंगे, तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं कि, कविता किसे कहते हैं –

कविता किसे कहते हैं

काव्य, कविता या पद्य, साहित्य कि वह विधा है जिसमे मनोभावों को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। अर्थात काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छंदों कि श्रृंखलाओं में विधिवत बाँधी जाती हैं, कविता कहलाती हैं।

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। कभी-कभी झकझोर देती है। कविता के मूल में संवेदना है, राग तत्त्व है। यह संवेदना, सम्पूर्ण सृष्टि से जुड़ने और उसे अपना बना लेने का बोध है। यह वही संवेदना है जिसने रत्नाकर डाकू को महर्षि वाल्मीकि बना दिया था।

कविता के तत्त्व

कविता कि संरचना में बहुत सारे तत्व होते हैं। कवि की कल्पना, वैयक्तिक सोंच, परिवेश, परिस्थितियाँ, भाषा छंद, बिंब, रस आदि एक साथ मिलकर सुन्दर काव्य का निर्माण करते हैं। कवि की प्रतिभा इन सब तत्वों के आधार पर ऐसी सबल अभिव्यक्ति करती है कि वह रचना अमर हो जाती है। कवि के मन की गंभीर अनुभूति कविता का रूप धारण कर लेती है।

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जयशंकर प्रसाद की ये पंक्तियाँ कवि कि पीड़ा को दर्शाती है-

जो घनीभूत पीड़ा सी
मस्तक में स्मृति-सी छाई
दुर्दिन में आंसू बनकर
वह आज बरसने आई

कविता की मुख्य विशेषता क्या होती है? - kavita kee mukhy visheshata kya hotee hai?
कविता किसे कहते हैं

कविता के लेखन में शब्दों का महत्त्व

कविता का कलेवर शब्दों से बनता है। सार्थक शब्दावली कविता की जान होती है। शब्द में शक्ति होती है। यदि इसका उचित प्रयोग किया जाये तो शब्दावली काव्य में चमत्कार उत्पन्न कर देती है। अंग्रेजी कवि डब्ल्यू. एच. ऑर्डेन ने भी कहा कि Play with the words अर्थात शब्दों से खेलना सीखो।

शब्दों से खेलने का तात्पर्य, शब्दों के भीतर सदियों से छिपे अर्थ की परतों को खोलना, शब्दों के मेल-जोल बढ़ाने से है। कवि अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से ही आकार देता है। शब्दों का चयन, उनका गठन और भावानुसार लयात्मक अनुशासन सबल काव्य रचना में विशेष महत्त्व रखते हैं।

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कविता में छंद का महत्त्व

छंद कविता का अनिवार्य तत्त्व है। यह कविता का शरीर है। कविता में आंतरिक लय के लिए छंद की समझ ज़रूरी है। कविता छंदयुक्त और छंदमुक्त दोनों प्रकार से लिखी जाती है।

काव्य में छंद का महत्त्व:

  1. कविता में छंद के प्रयोग से पाठक या श्रोता के हृदय में सौंदर्य बोध की गहरी अनुभूति होती है।
  2. छंद में यति गति के सम्यक निर्वाह से पाठक को सुविधा होती है।
  3. छंदबद्ध कविता को सुगमता से कंठस्थ किया जा सकता है।
  4. छंद से कविता में सरसता, गेयता के कारण अभिरुचि बढ़ जाती है।
  5. मानवीय भावनाओं को झंकृत कर उसके नाद सौंदर्य में वृद्धि करता है।

कविता में बिंब का महत्त्व

बिंब कविता की दुनिया का महत्त्वपूर्ण उपकरण है। हमारे पास दुनिया को जानने का एकमात्र सुलभ साधन इन्द्रियाँ ही हैं। बाहरी संवेदना मन के स्तर पर बिंब के रूप में बदल जाती है। जब कुछ विशेष शब्दों को सुनकर अनायास मन के भीतर कुछ चित्र उभर आते हैं तो ये स्मृति चित्र ही शब्दों के सहारे कविता का बिंब निर्मित करते हैं। विता में बिंबों का विशिष्ट महत्त्व है। जयशंकर प्रसाद प्रकृति का मानवीकरण करते हुए बिंब प्रस्तुत करते हुए उषा का चित्र खींच देते हैं-

बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, ताराघट उषा नागरी।

कविता में चित्रों या बिंबों का प्रभाव अधिक पड़ता है। कवि ने यहाँ उषाकालीन बेला को पनघट पर जल भरती हुई स्त्री के रूप में चित्रित किया है। अतः कविता की रचना करते समय दृश्य और बिंब की संभावना तलाश करनी चाहिए। ये बिंब सभी को आकर्षित करते हैं। बिंब हमारी ज्ञानेन्द्रियों को केंद्र में रखकर निर्मित होते हैं, जैसे-चाक्षुष, घ्राण, आस्वाद्य, स्पर्श्य और श्रव्य

कविता की मुख्य विशेषता क्या होती है? - kavita kee mukhy visheshata kya hotee hai?
कविता किसे कहते हैं

कविता लेखन में ध्यान देने योग्य बातें-

काव्य लेखन करते समय ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं-

  1. कविता भाषा में होती है, इसलिए भाषा का पूर्ण ज्ञान आवश्यक है। भाषा प्रचलित एवं सहज हो व संरचना ऐसी हो जो पाठकों को नई लगे।
  2. कविता में संकेत चिह्नों का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। अतः संकेतों का पूर्ण ज्ञान अनिवार्य है।
  3. वाक्य गठन की कुछ विशेष प्रणालियाँ हैं, जिन्हें शैली कहा जाता है। अतः लेखन शैलियों का ज्ञान होना आवश्यक है।
  4. कविता में पारंपरिक और मुक्त दोनों छंदों में काव्य रचना की जाती है।
  5. कविता का स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता रहता है। कवि को समय विशेष में प्रचलित प्रवृत्तियों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  6. शब्दों के सुव्यस्थित प्रयोग से काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, इसलिए कवि कम-से-कम शब्दों में अधिक बातें कहने की कला में दक्ष होना चाहिए।

कविता के महत्त्वपूर्ण घटक

कविता के कुछ महत्त्वपूर्ण घटक होते है जिनके बिना कविता संभव नहीं होती। ये घटक निम्नलिखित हैं-

  1. भाषा
  2. शैली
  3. बिंब
  4. छन्द
  5. अलंकार

भाषा-भाषा कविता का महत्त्वपूर्ण घटक है, क्योंकि भाषा के माध्यम से ही कवि अपनी संवेदनाओं और भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करता है। भाषा के बाते में विस्तार से पढ़े-

शैली (लिपि) –शैली के द्वारा कवि अपनी संवेदनाओं को कविता के रूप में अभिव्यक्त करता है। लिपि के बारे में विस्तार से पढ़ें-

बिंब-बिंब का शाब्दिक अर्थ है-शब्दचित्र। इन शब्द चित्रों के माध्यम से ही कवि अपनी कल्पना को साकार रूप प्रदान करता है। बिंब के बिना कविता की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह कविता का मूल आधार है।

छंद- छंद ही कविता को कविता का रूप प्रदान करते हैं। इनके द्वारा ही कविता पद्य की श्रेणी में आते हैं। छंद के बारे में विस्तार से पढ़ें-

अलंकार- ये कविता को सौन्दर्य प्रदान करते हैं। कवि अपनी कविता को इनके द्वारा ही सजाता है। अलंकार के बारे में विस्तार से पढ़ें-

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Conclusion: इस आर्टिकल में आपने पढ़ा की कविता किसे कहते हैं? साथ ही आपने कविता के महत्वपूर्ण घटक और काव्य लेखन में ध्यान देने योग्य बातें भी पढ़ीं। हमे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी आवश्य समझ आयी होगा। अगर अभी भी समझने में कोई समस्या आ रही हो तो कमेंट बॉक्स में पूछें अथवा विडियो देखें।

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कविता का मुख्य विशेषता क्या है?

संछेप या कम शब्दों में नई कविता की विशेषताएं - नूतन शिल्प विधान या भाव बोध एवं नई प्रभाव सामर्थ्य का इस काव्य में प्राधान्य है। 2. यह कविता साधारण मानव की एक क्षण की अनुभूतियों को सशक्त करने की अभिव्यक्ति देती है। 3.

कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?

कविता शिक्षण का मुख्य उद्देश्य उसमें निहित रसानुभूति या सौन्दर्यानुभूति कराना होता है। कविता हृदय की वस्तु तथा अनुभूति की अभिव्यक्ति है। सौन्दर्यानुभूति करने के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी पहले कविता का अर्थ समझे तत्पश्चात ही वह काव्य द्वारा परमानन्द की प्राप्ति कर सकता है।

कविता का महत्व क्या है?

कविता का महत्व कविता मनुष्य को भावात्मकता से जोड़ती है। मनुष्य को मनुष्य बने रहने की प्रेरणा देती है। जब-जब मानव जाति अपने कर्तव्य से विचलित होते रही हैं तब-तब कवियों की कविताएं उन्हें प्रेरणा देने का कार्य करती आई हैं।

कविता क्या है कविता का सार?

कविता ही मनुष्य के हृदय को स्वार्थ-संबंधों के संकुचित मंडल से ऊपर उठाकर लोक-सामान्य भाव-भूमि पर ले जाती है, जहाँ जगत् की नाना गतियों के मार्मिक स्वरूप का साक्षात्कार और शुद्ध अनुभूतियों का संचार होता है, इस भूमि पर पहुँचे हुए मनुष्य को कुछ काल के लिए अपना पता नहीं रहता। वह अपनी सत्ता को लोक-सत्ता में लीन किए रहता है।